फ़िक्र तो तेरी आज भी करते है…
बस जिक्र करने का हक नही रहा…
*******
इक़ दर्द छुपा हो सीने में तो मुस्कान अधूरी लगती है,
जाने क्यों बिन तेरे,मुझuको हर शाम अधूरी लगती है…
*******
छीन लेता है हर चीज मुझसे ए खुदा, क्या तू भी इतना गरीब है…!!!
******
मै खाने पे आऊंगा मगर पिऊंगा नहीं साकी,
ये शराब मेरा गम मिटाने की औकात नही रखती…
******
“लोग केहते है की मेरे दोस्त कम है लेकीन, वोह नहिं जानते की मेरे दोस्तोमे कीतना “दम”हैं “……!
******
क्या ख़ाक तरक़्क़ी की आज की दुनिया ने…
मरीज़-ए-इश्क़ तो आज भी लाइलाज बैठे हैं!!!
******
काश वो दिन लौट आये जब नींद बड़ी बेफिक्र आती थी,
आँखें खुलती थी रोज नयी दुनिया नजर आती थीं।
*******
जब इंसान अपने अलावा कुछ और बनने की कोशिश करे तो;
वो या ज़ालिम बन जाता है या फिर मज़लूम।
*******
दिखेगा तुजे भी खुदा सिर्फ इतना कहा मान, ठिकाने बदलना छोड! नजारे बदल..
*******
ये जो मेरे क़ब्र पे रोते है…….
अभी उठ जाऊँ ..तो जीने ना दे…..
*******
सीख ली जिसने अदा गम में मुस्कुराने की, उसे क्या मिटायेंगी गर्दिशे जमाने की…..
*******
कर जाते हैं शरारत क्योंकि थोड़े शैतान हैं हम;कर देते हैं ग़लती क्योंकि इंसान हैं हम;
ना लगाना हमारी बातों को क़भी दिल से; आपको तो पता है ना कितने नादान हैं हम!!!!!
*******
मुहब्बत में अपने को हमेशा बादशाह समझा हमने,
एहसास तो तब हुआ जब वफ़ा मांगी फकीरों की तरह…
*******
जिंदगी में कुछ फैसले हम खुद लेते हैं, और कुछ हमारी तकदीर।
बस अंतर तो सिर्फ इतना है कि तकदीर के फैसले हमें पसंद नहीं आते
और हमारे फैसले तकदीर पसंद नहीं करती…
********
कमी खल रही है, तेरी बड़ी जोर से.. तुम चले आओ कीसी भी और से ।
*******
जिंदगी शायद इसी का नाम है, दूरियां मजबूरियां तन्हाइयां ।।
*******
किसी ख्वाब की इतनी औकात नहीं, जिसे हम देखे और वो पूरा ना हो…..
******
जब चलना नहीं आता तो गिरने नहीं देते थे लोग….
जब से संभाला खुद को कदम कदम पर गिराने की सोचते है लोग….
*******
कमाल करता है ऐ दिल तू भी… उसे फुरसत नहीं और तुझे चैन नहीं…
*******
इतना दर्द तो मोत भी नहीं देती है
जितना तेरी ख़ामोशी ने दिया है…
*******
बड़ी मुश्किल से सुलाया है ख़ुद को मैंने,
अपनी आंखों को तेरे ख़्वाब क़ा लालच देकर….
*******
इसी बात ने उसे शक में डाल दिया हो शायद,
इतनी मोहब्बत, उफ्फ…कोई मतलबी हीं होगा !!!!
********
सुलग रहे है कब से मेरे, दिल में ये अरमान, रोक ले अपनी बहो में तू, आज मेरे तूफ़ान |
*******
दिवानो को और भी, दीवाना ना बनाओ,
सुना है तुम्हारी जुबा से, के हमसे प्यार है तुमको …
*******
बरसो बाद भी तेरी जिद की आदत ना बदली,
काश हम मोहब्बत नहीं तेरी आदत होते ….!
*******
फ़िक्र-ए-रोज़गार ने फासले बड़ा दिए वरना…..
सब यार एक साथ थे, अभी कल ही की तो बात है…
*******
मुझे तेरे ये कच्चे रिश्ते जरा भी पसंद नहीं आते या तो लोहे की तरह जोड़ दे या फिर धागे की तरह तोड़ दे ..
*******
अपने हसीन होठों को किसी परदे में छुपा लिया करो,
हम गुस्ताख लोग हैं.. नजरों से चूम लिया करते हैं !!!!
*******
सारा दिन गुजर जाता है खुद को समेटने में,
फिर रातको उसकी यादों की हवा चलती है और हम फिर बिखर जाते है…
*******
इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है…. इश्क मेरी रुह तो दोस्ती मेरा ईमान है…
इश्क पर तो फिदा कर दुं अपनी पुरी जिंदगी…. पर दोस्ती पर मेरा इश्क भी कुर्बान है..
*******
भरोसा “खुदा” पर है, तो जो लिखा है तकदीर में,वो ही पाओगे।
मगर, भरोसा अगर “खुद” पर है, तो खुदा वही लिखेगा, जो आप चाहोगे …
********
गिलास में पड़ी, शराब के दो घूंटो में ही थी ज़िन्दगी और हम ज़िन्दगी को कहाँ कहाँ ढूंढते रहे…
********
कोई सिलवट.. कोई शिकन.. ना रहे बाकी.. हुनर ऐसा दे मुझ को मौला.. कोई अपना.. कभी गैर ना हो पाए..!!
*******
जिन्दगी तेरी भी, अजब परिभाषा है ।
सँवर गई तो जन्नत, नहीं तो सिर्फ तमाशा है ।
*******
“क्यों डरें जिंदगी में क्या होगा, हर वक्त क्यों सोचे कि बुरा होगा,
बढते रहें मंजिलों की ओर हम… कुछ भी न मिला तो क्या? तजुर्बा तो नया होगा.! ”
*******
“हर गम ने ,हर सितम ने ,नया होसला दिया,
मुझको मिटाने वालो ने , मुझको बना दिया”……
*******
संघर्षो में यदि कटता है तो कट जाए सारा जीवन..
कदम-कदम पर समझौता मेरे बस की बात नहीं..!!
*******
साहिब इज्जत हो तो इश्क़ जरा सोच कर करना ।।
ये इश्क अक्सर मुकाम ए जिल्लत पे ले जाता है ।।
*******
हस कर कबूल क्या कर ली हर सजा हमने …
दस्तुर बना लिया दुनिया ने भी…. इल्जाम लगाने का ……!!!
*******
मैं अपनी ज़िन्दगी में हर किसी को इतनी एहमियत सिर्फ इसलिए देता हूँ….
कि जो ‘अच्छे’ होंगे वो हमेशा साथ देंगे और जो ‘बुरे’ होंगे वो हमेशा सबक़ देंगे …!!
*******
हम आज भी अपने हुनर मे दम रखते है ,
होश उड़ जाते है लोगो के,जब हम महफील में कदम रखते है।।
*******
रंग दुनिया ने दिखाया है निराला, देखूँ, है अँधेरे में उजाला,
तो उजाला देखूँ आइना रख दे मेरे हाथ में,आख़िर मैं भी,
कैसा लगता है तेरा चाहने वाला देखूँ
******
पानी फेर दो इन पन्नों पर, ताकि धुल जाए स्याही सारी,,
ज़िन्दगी फिर से लिखने का मन होता है कभी-कभी..
*******
कितनी जल्दी ज़िन्दगी गुज़र जाती है, प्यास भुझ्ती नहीं बरसात चली जाती है,
तेरी याद कुछ इस तरह आती है, नींद आती नहीं मगर रात गुज़र जाती है ….
*******
” कैसे लढु मुकदमा, खुद से उसकी यादो का ??..
ये दिल भी वकील उसका, ये जान भी गवाह उसकी!!!”
*******
अभी तो साथ चलना है,समंदर की मुसाफत में…
किनारे पर ही देखेंगे,किनारा कौन करता है..!!
*******
नींद तो ठीक ठाक आई पर जैसे ही आँख खुली फिर वही ज़िन्दगी याद आई।
*******
क्या कह गई है उनकी नजर, कुछ पूछिए,
क्या हुआ दिल पे असर, कुछ न पूछिए |
*******
दुआ कौन सी थी ज़हन मे याद नही! बस इतना याद है,
दो हथेलियाँ जुड़ी थी! एक मेरी थी, एक तुम्हारी थी!
*******
हजार जवाबों से अच्छी है खामोशी,
ना जाने कितने सवालों की आबरू रखती है !
*******
मुलाकात जरुरी हैं, अगर रिश्ते निभाने हो,
वरना लगा कर भूल जाने से पौधे भी सूख जाते हैं….
*******
वो हमको पत्थर और खुद को, फूल कह कर मुस्कुराया करते हैं…
उन्हें क्या पता कि पत्थर तो पत्थर ही रहते हैं, पर फूल ही मुरझा जाया करते हैं …
******
मिल सके आसानी से, उसकी ख्वाहिश किसे है?
जिद्द तो उसकी है, जो मुकद्दर में लिखा ही नही है !!
*******
“हमारे आंसूं पोंछ कर वो मुस्कुराते हैं, उनकी इस अदा से वो दिल को चुराते हैं,
हाथ उनका छू जाये हमारे चेहरे को, इसी उम्मीद में हम खुद को रुलाते हैं।”
*******
कोई कह दे गमों से अब तो बाँध लो सामान अब अपना…
बहुत दिनों से रुका मेहमान, किसी को अच्छा नहीं लगता…
*******
दुश्मन भी दुआ देते हैं मेरी फितरत ऐसी है l
दोस्त भी दगा देते हैं मेरी किस्मत ऐसी है ll
*******
मोहब्बत बुरी है… बुरी है मोहब्बत,
कहे जा रहे है… किये जा रहे है…
*******
सिखा दिया ‘तुने’ मुझे… अपनों पर भी ‘शक’ करना…
मेरी ‘फितरत’ में तो था… गैरों पर भी ‘भरोसा’ करना….
*******
हो जो मुमकिन……… तो अपना बना लो तुम,
मेरी तन्हाई गवाह है…. मेरा अपना कोई नहीं….
*******
“माना की मरने वालों को …….भुला देतें है सभी,
मुझ जिंदा को भूलकर तूने…. कहावतें बदल दी”…..
******
तुझसे नही, तेरे वक़्त से नाराज़ हुँ मै,,
यही हे…जो तुझे मेरे िलये नहीं िमलता..
*******
शरीफ इतना था कि कभी कमीज़ के बटन नही खोला…
मगर इस बेदर्द गर्मी ने सलमान खान बना दिया…
*******
मेरी शायरी का शौक रखने वालों, मुझे कभी आदत न बना लेना….
मैं वोह एक लहर हूँ…. जो ठहर जाने की चाहत नहीं रखता…!
*******
ये दबदबा, ये हुकूमत, ये नशा, ये दौलतें…
सब किरायेदार हैं घर बदलते रहते हैं !!
*******
फिर क्यों इतने मायूस हो उसकी बेवफाई पर तुम खुद ही तो कहते थे कि वो सबसे जुदा है। …
*******
मुद्दतों बाद जब उनसे बात हुई तो बातों बातों में मैंने कहा..
“कुछ झूठ ही बोल दो” और वो हँस के बोले तुम्हारी याद बहुत आती है
*******
” हमें पता था की उसकी मोहब्बत के जाम में जहर है ,
पर उसका पिलाने का अदाज़ ही इतना प्यारा था की हम ठुकरा न सके…”
*******
क्या अजीब सबूत माँगा है उसने मेरी मोहब्बत का……
मुझे भूल जाओ तो मानू की तुम्हे मुझसे मोहब्बत है……..!!!!!!
*******
लोग अक्सर शोर में, नींद ना आने की शिकायत करते हैं….
एक मैं हूँ….मुझे तेरी खामोशी सोने नही देती..!!!
*******
मैं तो गजल सुना के अकेला खड़ा रहा,
सब अपने अपने चाहने वालों में खो गए …
******
यूँ तो तेरे होठों से लगी वो बस बारिश की एक बूँद थी,
फिर जाने क्यों मेरी आँखों के लिए वो कायनात हो गयी…
*******
कोई क्या जानेगा कभी अपना भी जमाना था सारा शहर कभी अपना भी दीवाना था लोग तो करते है सिर्फ दोस्तों से दोस्ती अपना तो दुश्मनों से भी याराना था …..
*******
हँसना तो बड़ी “शह” है…..रोने भी नही देते….
लम्हे “तेरी यादो” के…. कुछ ऐसे भी आते हैं…!!
*******
मिली थी जिनदगी ,किसी के काम आने के लिए पर वक्त बित रहा है , कागज के तुकडे कमाने के लिए !
*******
और भी बनती लकीरेँ.. दर्द की शायद कई,
शुक्र है तेरा खुदा, जो हाथ छोटा सा दिया…!!
*******
लगा कर फूल होटों से उसने कहा चुपके से,
अगर कोई पास न होता तो तुम फूल की जगह होते।
*******
ये इश्क़ मोहब्बत की रिवायत भी अजीब है…
पाया नहीं है जिसको, उसे
खोना भी नहीं चाहते !!!
*******
तुम्हे याद कर लूँ तो मिल जाती है हर दर्द से निजात,,
लोग यूं ही हल्ला मचाते हैं की दवाइयाँ महँगी हैं..️
*******
हर फूल को रात की रानी नही कहते,
हर किसी से दिल की कहानी नही कहते.
मेरी आँखों की नमी से समझ लेना,
हर बात को हम जुबानी नही कहते.
*******
इस से बढकर तुमको और कितना करीब लाँऊ मैं …
कि तुमको दिल में रखकर भी मेरा दिल नहीं लगता ……!!
*******
तु मिले या न मिले ये मेरे मुकद्दर की बात है..
”सुकुन” बहुत मिलता है तुझे अपना सोचकर….
*******
बहक जाने देँ मुझे मेरे यार की मोहब्बत में,
ये वो नशा है जो ..मेरे सर से कभी उतरता नहीं …
*******
यह भी अच्छा है की हम किसी को अच्छे नहीं लगते…
चलो कोई रोयेगा तो नहीं हमारे मरने के
बाद..!!…
*******
आओ…
ताल्लुकात को कुछ और नाम दें,
ये दोस्ती का नाम तो बदनाम हो गया..!!
*******
मेरी दीवानगी ग़लत ‘असर’ कर गयी शायद,,
छुपकर जिसे देखता था, उसे ‘खबर’ लग गयी शायद,,
अब वो सामने भी आती है तो ‘नज़रे’ झुक जाती है खुद-ब-खुद,,
इन मासूम ‘नज़रों’ को किसी की ‘नज़र’ लग गयी शायद…!!!
*******
नाकाम थीं मेरी सब कोशिशें उस को मनाने की,
पता नहीं कहां से सीखी जालिम ने अदाएं रूठ जाने की।
*******
मुनव्वर राना :
जितना हँसा था उससे ज़्यादा उदास हूँ
आँखों को इन्तज़ार ने सावन बना दिया…
*******
कहते हैं कि बिना मेहनत किए
कुछ पा नहीं सकते
न जाने गम पाने के लिए
कौन सी मेहनत कर ली मैंने ..
*******
लोगों मै और,
हम मे बस इतना फर्क है.
की लौग दिलको दर्द देते है,
और हम दर्द देने वाले को दिल देते है .!!
*******
मुनव्वर राना :
दामन को आँसुओं से शराबोर कर दिया
उसने मेरे इरादे को कमज़ोर कर दिया.
*******
ये जो हालात है…एक रोज सुधर जायेगे,
पर कई लोग मेरे दिल से उतर जायेगे….
*******
नज़रंदाज़ करो तो नासूर हो जाते हैं
हर ज़ख्म का मरहम, वक़्त नहीं होता …………।।
*******
दिल टूटा है तो अपनी ही गलती से…
उस ने कब कहा था की तू मुहब्बत कर……!!!!!
*******
मैं हुआ बर्बाद अपने शौक से,
आप पर तो मुफ्त का इल्जाम है।
*******
अब तो आँखों से भी जलन होती हैं मुझे……….
खुली हो तो तलाश तेरी, बंद हो तो ख्वाब तेरे………
*******
वो मुझसे पूछती है, ख्वाब किस किस के देखते हो,
बेखबर जानती ही नही, यादें उसकी सोने कहाँ देती हैं।
*******
“जानता हुँ मगर फिर भी पूछना चाहता हुँ..
तुम आइना देख के बताना….
मेरी पसंद कैसी है .????
*******
बड़ी गुस्ताख है तेरी यादें, इन्हें तमीज सिखा दो..
दस्तक भी नहीं देती, और दिल में उतर आती हैं…
*******
अब मैं कोई भी बहाना नहीं सुनने वाला,
तुम मेरा प्यार ….मुझे प्यार से वापस कर दो …
*******
“माना की मरने वालों को भुला देतें है सभी,
मुझे जिंदा भूलकर उसने कहावतें बदल दी” …..
*******
न तो अनपढ़ रहा…
और न ही क़ाबिल हुआ मैं,
ख़ामखा ऐ इश्क
तेरे स्कूल में दाख़िल हुआ मैं…
*******
एक तेरे बगैर ही ना गुज़रेगी ये ज़िंदगी….!
बता मैं क्या करूँ सारे ज़माने की मोहब्बत ले कर….!!
*******
जमाने की नजर में, अकड़ के चलना सीख ले ऐ दोस्त…
मौम जैसा दिल ले के फिरोगे तो, लोग जलाते रहेंगे..!
*******
मेरी यादो की शुरुआत ही तुम से होती है।
तूम ये न कहा करो की मुझे दुआओ में याद रखना…
*******
अब खुद से मिलने
को दिल चाहता है…
बहुत बुरा हूँ मैँ
ये लोगोँ से सुना है.!!
*******
मंजिलें क्या है रास्ता क्या है..?
हौसला हो तो फासला क्या है..!!
*******
“माँ ” के लिए क्या लिखू ?
“माँ ” ने खुद मुझे लिखा है ..
*******
आँखे खुली जब मेरी तो
जाग उठीँ हसरतेँ सारी..
उसको भी खो दिया मैँने..
जिसे पाया था ख़्वाब मेँ.!!
*******
तुम्हारे बाद , मैं जिस का हो गया..
पगली, उसी का नाम तन्हाई हैं..!
*******
ज़िन्दगी तो हमारी भी शानादार
थी …
मगर मोहब्बत ने बिच में शरारत कर
दी..
*******
यादों की दो दुनिया हैं
इक जो तुम भूल गयीं,
इक जो मुझे याद है…
*******
उसकी याद आई हैं साँसों ज़रा धीरे चलो,
धड़कनो से भी इबादत में खलल पड़ता है…
*******
शायरी वो नही लिखते हैं जो शराब से नशा करते हैं.
शायरी तो वो लिखते हैं जो यादों से नशा करते हैं…
*******
मरते होगे लाखो तुझ पर….
हम तो तेरे साथ मरना चाहते है..
*******
तुम आरजू तो करो मोहब्बत की..
हम इतने भी गरीब नहीँ
के मोहब्बत भी ना दे सके…
*******
जो कभी टूट के बिखरो तो बताना हमको…
हम तुम्हेँ रेत के जर्रो से भी चुन लेँगे.!!
*******
लिमिट से अनलिमिटेड हो रहा हूँ,
आजकल पल पल डिलिट हो रहा हूँ..
*******
जरूरी नही पगली तुम मुझसे बात करो…..
हम तो तुम्हे ऑनलाईन देखकर ही खुश हो लेते है ।।
*******
“मैं शब्द, तुम अर्थ
तुम बिन मैं व्यर्थ”
*******
शीशे में डूब कर पीते रहे उस ‘जाम’ को…
कोशिशें तो बहुत की मगर, भुला न पाए एक ‘नाम’ को !!
*******
तेरा मेरा प्यार तो फ्लोप हो गया,
लेकिन
तेरी यादो में लिखे मेरे सारे स्टेटस सुपरहिट हो गये .
*******
आज तफसील नहीं ….
बस इतना सुनो …….
मैं तनहा हूँ …………
और वजह तुम हो…
*******
लोग कहते हैं.. ‘दुआ क़ुबूल होने का भी वक़्त होता है’;
हैरान हूँ मैं ‘किस वक़्त मैंने तुझे
नहीं माँगा’!!
*******
मैं मार भी जाऊ तो उनके दिल पर
कुछ असर नहीं होगा
:
:
एहसास तो उन्हें होता है जो
सीने में दिल रखते हैं…
*******
एक वक्त था जब बातें खत्म नहीं हुआ करती थी,
आज सब खत्म हो गया पर बात नहीं होती ..
*******
मुझे छोड़कर वो खुश हैं…
तो शिकायत कैसी,
अब मैं उन्हें खुश भी न देखूं,
तो मोहब्बत कैसी ?
*******
मुझे मंजूर थे वक़्त के सब सितम मगर ,,
तुमसे मिलकर बिछड़ जाना ये सजा ज़रा ज्यादा हो गयी…!!!
*******
हमने भी कभी चाहा था एक ऐसे शख्स को;
जो आइने से भी नाज़ुक था मगर था पत्थर का।
*******
मैं हर रात सारी ख्वाहिशों को खुद से पहले सुला देता हूँ……
मगर ये हर सुबह मुझसे पहले जाग जाती हैं!
*******
मेरी जिंदगी का खेल शतरंज से भी मज़ेदार निकला,
मैं हारा भी तो अपनी हीं “रानी” से..!!
*******
वह मुझसे मेरी पसंद के बारे में पूछती है…
कितनी पागल है वह जो अपने
बारे में पूछती है…!!
*******
तुम्हारी याद की बंदगी लग गयी वरना,
मेरे वजूद की उड़ जाती धज्जिया कितनी !
*******
न चाहकर भी मेरे लब पर ये फ़रियाद आ जाती है….!!
ऐ चाँद सामने न आ….!! किसी की याद आ जाती है….!!
*******
बस इतनी-सी उम्र का तलबदार है ’मजबूर’..
न मरुं तेरे पहले, न जीऊं तेरे बाद..
*******
मुझ मालूम हैं खुश तो बहुत हो तुम इस जुदाई से,
आप अपना खयाल रखना की कही तुम्हे तुम्ही जैसा ना मिल जाये …..!!
*******
लोग समझते हॅ, मैं तुम्हारे जिसम पर मरता हूँ ,अगर तुम भी यही समझते हों तो सुनो ,जब जिसम खो दो तब लोट आना…
*******
खाली ग्लास से “चीयर्स” और तेरी आखों से नीकले हुए “टीयर्स” …
मुझे बीलकुल अच्छे नही लगते…
*******
तुम्हारा हमसफ़र होना मेरी तमन्ना है…..!!
मगर दस्तूर-ए-दुनिया है, जिसे चाहो वो नहीं मिलता….!!
*******
-Chetan Thakrar
#9558767835