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Monthly Archives: માર્ચ 2014

राधा कृष्ण


स्वर्ग में विचरण करते हुए
अचानक एक दुसरे के सामने आ गए

विचलित से कृष्ण ,प्रसन्नचित सी राधा…

कृष्ण सकपकाए, राधा मुस्काई
इससे पहले कृष्ण कुछ कहते राधा बोल उठी

कैसे हो द्वारकाधीश ?

जो राधा उन्हें कान्हा कान्हा कह के बुलाती थी
उसके मुख से द्वारकाधीश का संबोधन
कृष्ण को भीतर तक घायल कर गया
फिर भी किसी तरह अपने आप को संभाल लिया

और बोले राधा से ………
मै तो तुम्हारे लिए आज भी कान्हा हूँ
तुम तो द्वारकाधीश मत कहो!

आओ बैठते है ….
कुछ मै अपनी कहता हूँ कुछ तुम अपनी कहो

सच कहूँ राधा जब जब भी तुम्हारी याद आती थी
इन आँखों से आँसुओं की बुँदे निकल आती थी

बोली राधा ,मेरे साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ
ना तुम्हारी याद आई ना कोई आंसू बहा
क्यूंकि हम तुम्हे कभी भूले ही कहाँ थे
जो तुम याद आते

इन आँखों में सदा तुम रहते थे
कहीं आँसुओं के साथ निकल ना जाओ
इसलिए रोते भी नहीं थे

प्रेम के अलग होने पर तुमने क्या खोया
इसका इक आइना दिखाऊं आपको ?

कुछ कडवे सच ,प्रश्न सुन पाओ तो सुनाऊ?

कभी सोचा इस तरक्की में तुम कितने पिछड़ गए
यमुना के मीठे पानी से जिंदगी शुरू की
और समुन्द्र के खारे पानी तक पहुच गए ?

एक ऊँगली पर चलने वाले सुदर्शन चक्रपर
भरोसा कर लिया और
दसों उँगलियों पर चलने वाळी
बांसुरी को भूल गए ?

कान्हा जब तुम प्रेम से जुड़े थे तो ….
जो ऊँगली गोवर्धन पर्वत उठाकर लोगों को विनाश से बचाती थी
प्रेम से अलग होने पर वही ऊँगली
क्या क्या रंग दिखाने लगी
सुदर्शन चक्र उठाकर विनाश के काम आने लगी

कान्हा और द्वारकाधीश में
क्या फर्क होता है बताऊँ
कान्हा होते तो तुम सुदामा के घर जाते
सुदामा तुम्हारे घर नहीं आता

युद्ध में और प्रेम में यही तो फर्क होता है
युद्ध में आप मिटाकर जीतते हैं
और प्रेम में आप मिटकर जीतते हैं
कान्हा प्रेम में डूबा हुआ आदमी
दुखी तो रह सकता है
पर किसी को दुःख नहीं देता

आप तो कई कलाओं के स्वामी हो
स्वप्न दूर द्रष्टा हो
गीता जैसे ग्रन्थ के दाता हो

पर आपने क्या निर्णय किया
अपनी पूरी सेना कौरवों को सौंप दी?
और अपने आपको पांडवों के साथ कर लिया
सेना तो आपकी प्रजा थी
राजा तो पालाक होता है
उसका रक्षक होता है

आप जैसा महा ज्ञानी
उस रथ को चला रहा था जिस पर बैठा अर्जुन
आपकी प्रजा को ही मार रहा था
आपनी प्रजा को मरते देख
आपमें करूणा नहीं जगी

क्यूंकि आप प्रेम से शून्य हो चुके थे

आज भी धरती पर जाकर देखो
अपनी द्वारकाधीश वाळी छवि को
ढूंढते रह जाओगे हर घर हर मंदिर में
मेरे साथ ही खड़े नजर आओगे

आज भी मै मानती हूँ
लोग गीता के ज्ञान की बात करते हैं
उनके महत्व की बात करते है

मगर धरती के लोग
युद्ध वाले द्वारकाधीश पर नहीं
प्रेम वाले कान्हा पर भरोसा करते हैं
गीता में मेरा दूर दूर तक नाम भी नहीं है
पर आज भी लोग उसके समापन पर

” राधे राधे” करते है

 

ટૅગ્સ:

વિચિત્ર મનુષ્ય …. !


જ્યારે પૈસો ન હોય ત્યારે ઘેર બેઠાં શાકભાજી ખાય;
જ્યારે પૈસો હોય, ત્યારે સરસ રેસ્ટોરેન્ટ્માં જઈને એ જ શાકભાજી ખાય.

જ્યારે પૈસો ન હોય, ત્યારે બાઈસિકલ ચલાવે;
જ્યારે પૈસો હોય, ત્યારે તેવી જ બાઈસિકલ જીમમાં જઈને ચલાવે.

જ્યારે પૈસો ન હોય, ત્યારે રોજી કમાવા પગે ચાલે;
જ્યારે પૈસો હોય, ત્યારે ચરબી બાળવા પગે ચાલે.

વિચિત્ર મનુષ્ય ! પોતાની જાતને છેતરવામાં ક્યારેય પાછો પડતો નથી !

જ્યારે પૈસો ન હોય, ત્યારે લગ્ન કરવા ઈચ્છે;
જ્યારે પૈસો હોય, ત્યારે છૂટાછેડા લેવા ઈચ્છે.

જ્યારે પૈસો ન હોય, ત્યારે પત્નીને સેક્રેટરી બનાવે;
જ્યારે પૈસો હોય, ત્યારે સેક્રેટરીને પત્ની બનાવે.

જ્યારે પૈસો ન હોય, ત્યારે પૈસાવાળાની જેમ વર્તે;
જ્યારે પૈસો હોય, ત્યારે ગરીબ હોવાનો દેખાવ કરે.

વિચિત્ર મનુષ્ય ! ક્યારેય સાદું સત્ય નહીં બોલે !
કહેશે કે શેરબજાર ખરાબ છે, પણ તોય સટ્ટો ચાલુ રાખે.

કહેશે કે પૈસો અનિષ્ટ છે, પણ ધનપ્રાપ્તિમાં રચ્યો રહે,
કહેશે કે ઊચ્ચ પદવીમાં એક્લતા છે, પણ તેની અપેક્ષા છોડે નહીં.

કહેશે કે જુગાર અને દારુ ખરાબ છે, પણ તેમાં અટવાયલો રહે.

વિચિત્ર મનુષ્ય ! જે કહે તે માને નહીં અને જે માનતો હોય તે કહે નહીં..!!

 

Shayri part 9


सोचा था घर बना कर बैठुंगा सुकून से…
पर घर की ज़रूरतों ने मुसाफ़िर बना डाला !!

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भले जुबान अलग पर जज्बात तो एक है,
उसे खुदा कहूँ या भगवान बात तो एक है…

*********

एक घड़ी ख़रीदकर हाथ मे क्या बाँध ली,,
वक़्त पीछे ही पड़ गया मेरे..!!

********

वादोँ से बंधी जंजीर थी जो तोड दी मैँने,
अब से जल्दी सोया करेँगेँ मोहब्बत छोड दी मैँने !!

*******

हम ने पूछा आज मीठे में क्या है ?
उसने ऊँगली उठाई और होंठों पे रख दी..

*******

पढ़नेवाले की कमी है …..
वरना …..
गिरते आँसू भी एक किताब है…………

********

नसीब अच्छे ना हो तो खूबसूरती का कोई फायदा नही ।
दीलो के शहेनशाह अकसर फकीर होते है।

*********

दर्द ज़ाहिर कभी करने नहीं देता मुझको
अश्क आंखों में भी भरने नहीं देता मुझको
जानता हूँ , कि मैं अब टूट चुका हूँ लेकिन
वो तो इक शख्स बिखरने नहीं देता मुझको !

********

काला न कहो मेरे महबूब को;
काला न कहो मेरे महबूब को;
खुदा तो तिल ही बना रहा था;
पर प्याला ही लुढ़क गया.

*********

“दिली तमन्ना है कि मैं भी अपनी पलकों पे बैठाऊँ तुझको,
बस तू अपना वजन कम करले, तो मेरा काम आसान हो जाए”

********

भर आई मेरी आँखे जब उसका नाम आया..इश्क नाकाम सही फिर भी बहुत काम आया..हमने महोब्बत में ऐसी भी गुज़ारी रातें..
जब तक आँसु ना बहे दिल को ना आराम आया..

********

रिश्वत भी नहीं लेती कम्बख्त जान छोड़ने की….!

ये तेरी याद मुझे बहुत ईमानदार लगती है….!!

*******

वक्त पे न पहचाने कोई ये अलग बात,

वैसे तो शहर में अपनी पहचान बहुत हैं।।।

********

परिंदों सी उड़ान भरी थी तुझ को पाने को।
तेरा आसमां देख चक्कर खा गए।

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क्यूँ उदास बेठे हो इस तरहा अंधेरे मैं,,
दुःख कम नहीं होते रौशनी बुझाने से.

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ना मस्ज़िद को जानते हैं,
ना शिवालों को जानते है!
जो भूखे पेट होते हैं,
निवालों को जानते है!

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मोहब्बत भी होती है तो ज़रुरत के पेश-ए-नज़र…॥
अब एक नज़र मेँ लुट जाने का ज़माना नहीँ रहा…॥

********

जिन्दगी आज कल गुजर रही है इम्तिहानो के दौर से…..
एक जख्म भरता नही दूसरा आने की जिद करता है…

********

भरम है .. तो भरम ही रहने दो …. जानता हूं मोहोब्बत नहीं है …
पर जो भी है … कुछ देर तो रहने दो …

********

तू जो चाहे तो मैं ज़िन्दगी हिचकियों में गुज़ार
दूँ….!
बस मुझे याद करने का…… तू वादा कर दे ….

********

ये तेरा घर ये मेरा घर किसी को देखना हो गर…
तो पहले आ के माँग ले, मेरी नज़र तेरी नज़र…

********

एक अजीब सवाल किया उसने मुझ से
“मुझ पे मरते हो तो जिंदा क्यूँ हो ?

*********

तू छोड़ दे कोशिशें…..इन्सानों को पहचानने की…!
यहाँ जरुरतों के हिसाब से …. सब नकाब बदलते हैं…!

*********

बताओ ना..!! कैसे तुम्हे भुलाउं ?.
तुम तो वाकिफ़ हो इस हुनर से..

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हीरे की काबिलियत रखते हो तो, अँधेरे में चमका करो…!
रौशनी में तो कांच भी चमका करते है ….!!!

********

आपकी दोस्ती हमारे सुरों का साज है, आप जैसे दोस्त पर हमें नाज़ है,
चाहे कुछ भी हो जाये जिंदगी में, दोस्ती कल भी वैसी ही रहेगी, जैसी आज है.

********

नसीब अच्छे ना हो तो खूबसूरती का कोई फायदा नही ।
दीलो के शहेनशाह अकसर फकीर होते है।

********

फिर कहीं से दर्द के सिक्के मिलेंगे​:​
ये हथेली आज फिर खुजला रही है​।

*********

हौसला मुज में नहीं उसको भूलाने का,
काम सदियों का लम्हों में कहाँ होता है ?

********

चैन से रहने का हमको मशवरा मत दीजिये…
अब मजा देने लगी हैं जिदगी की मुश्किलें…!!!

********

सबके कर्ज़े चुका दूं मरने से पहले ऐसी मेरी नीयत है ….

मौत से पहले तू भी बता दे ज़िन्दगी तेरी क्या क़ीमत है !!!!!

********

न कहा करो हर बार की हम छोड़ देंगे तुमको,

न हम इतने आम हैं, न ये तेरे बस की बात है…!!

*********

एक तेरी ख़ामोशी जला देती है इस पागल दिल को;
बाकी तो सब बातें अच्छी हैं तेरी तस्वीर में।

********

सीढ़ियाँ उनके लिए बनी हैं,
जिन्हें छत पर जाना है |
लेकिन जिनकी नज़र ,आसमान पर हो,
उन्हें तो रास्ता ख़ुद बनाना है |

*******

उम्र ने तलाशी ली, तो जेबों से लम्हे बरामद हुए…..
कुछ ग़म के, कुछ नम थे, कुछ टूटे, कुछ सही सलामत थे……

*******

हम तो आँखों में संवरते हैं, वहीँ संवरेंगे,
हम नहीं जानते आईने कहाँ रखें हैं …

********

खुदा से भी पहले तेरा नाम लिया है मैंने;
क्या पता तुझे कितना याद किया है मैंने;
काश सुन सके तू धड़कन मेरी;
हर सांस को तेरे नाम से जिया है मैंने.

********

ये ज़िन्दगी सवाल थी..
जवाब माँगने लगे

फरिश्ते आ के ख़्वाब मेँ ..
हिसाब माँगने लगे

********

मुफ्त में नहीं आता,यह शायरी का हुनर….

इसके बदले ज़िन्दगी हमसे,
हमारी खुशियों का सौदा करती है…!!

********

जो पीने-पीलाने की बात करते है,
कह दो ऊनसे कभी हम भी पीया करते थे,,

जीतने मे यह लोग बहक जाते है,,
ऊतनी तो हम ग्लास मे ही छोड दीया करते थे…

********

मेरी आवारगी में कुछ कसूर तुम्हारा भी है….
ऐ.. दोस्त
जब तुम्हारी याद आती है तो घर अच्छा नही लगता..

*******

चूमना पड़ता है ” फांसी का फंदा ” ….
चरखा चलाने से कभी ” इंकलाब ” नहीं मिलता

********

इशारा तो मदद का कर रहा था डूबने वाला

मगर यारा-ऐ-साहिल ने सलाम-ऐ-अलविदा समझा

********

सिर्फ तूने ही कभी मुझको अपना न
समझा…….
जमाना तो आज भी मुझे तेरा दीवाना कहता है…….

*********

एक बार देखा था उसने मेरी तरफ मुस्कुराते हुए,

बस! इतनी सी हकीकत है, बाकी सब कहानिया है…

*********

बहेकने के लिए तेरा एक खयाल काफी है
हाथो मे हो फ़िर से कोई जाम ज़रूरी तो नही..

*********

नहीं भूलती दो चीज़ें चाहे जितना भुलाओ……….
“एक घाव”…….
“एक लगाव”…

********

“कौन कौन आता है चौखट पर तेरी ….
एक बार अपनी मौत की अफवाह उड़ा के
तो देख…!”

*********

मुश्किलें जरुर हैं, मगर ठहरा नही हूँ मैं,
मंज़िल से जरा कह दो, अभी पहुंचा नही हूँ मैं.

********

ईलाज न ढुँढ तु ईश्क का वो होगा ही नही
ईलाज मर्ज का होता है ईबादत का नही..!

********

“नसीबों के खेल भी अजीब होते हैं,
प्यार में आंसू ही नसीब होते हैं,
कौन होना चाहता हे अपनों से जुदा,
पर अक्सर बिछड़ते हैं वो जो करीब होते हैं.. ”

********

वो शख़्स जो झुक के तुमसे मिला होगा …
य़कीऩन उसका क़द तुमसे बड़ा होगा …!

********

क्या बात करे यार ईस दुनीया की..

जो सामने है ऊसे बुरा केहते है,

और जीसे कभी देखा नही ऊसे “खुदा“ केहते है..

*********

वो जो हमारे लिए ख़ास होते हैं;
जिनके लिए दिल में एहसास होते हैं;
चाहे वक़्त कितना भी दूर कर दे उन्हें;
पर दूर रहकर भी वो दिल के पास होते हैं

********

वो भी जिन्दा है,मैं भी जिन्दा हूँ…
क़त्ल सिर्फ इश्क़ का हुआ है ….!!!!!

*********

“जब होता है तुम्हारा दीदार, दिल धड़कता है बार-बार,
आदत से मजबूर हो तुम,ना जाने कब माँग लो उधार”

********

“मुझ को मुझ में जगह नहीं मिलती..
तू है मौजूद इस क़दर मुझ में..”

********

बदलती चीज़ें हमेशा अच्छी लगती हैं,

लेकिन

बदलते हुए अपने कभी अच्छे नहीं लगते।

********

ख्वाहिशों को जेब में रखकर निकला कीजिये, जनाब;
खर्चा बहुत होता है, मंजिलों को पाने में!

*********

एक नफरत ही हैं जिसे दुनिया चंद लम्हों में जान लेती हैं…
वरना चाहत का यकीन दिलाने में तो जिन्दगी बीत जाती हैं ।

********

नशा हम किया करते है इलज़ाम शराब को दिया करते है…

कसूर शराब का नहीं उनका है जिनका चहेरा हम जाम मै तलाश किया करते है…

********

अगर इन आंसूओं की कुछ किमत होती,

तो कल रात वाला तकिया अरबों में बिकता ….

*********

इश्क़ में ग़ैरत-ए-जज़्बात ने रोने न दिया
वर्ना क्या बात थी किस बात ने रोने न दिया

आप कहते थे के रोने से न बदलेंगे नसीब
उम्र भर आपकी इस बात ने रोने न दिया

********

यूँ नज़रें वो नीचे किए चले जा रहें हैं, पास आशिक़ खड़े यूँ परेशाँ हुए जा रहें हैं ॥

कोई कहता है ज़ालिम अपनी नज़र तो उठा, हम तेरे रूख का दीदार करने को मरे जा रहें हैं ॥

********

मैं खुद पहल करूँ या उधर से हो इब्तिदा;

बरसों गुज़र गए हैं यही सोचते हुए।

**********

उसे गजब का शौंक है हरियाली का,
रोज आकर जख्मों को हरा कर जाती है…!!!!

**********

“हमारे आंसूं पोंछ कर वो मुस्कुराते हैं,
उनकी इस अदा से वो दिल को चुराते हैं,
हाथ उनका छू जाये हमारे चेहरे को,
इसी उम्मीद में हम खुद को रुलाते हैं।”

********

ए खुदा रखना मेरे दुष्मनो को भी मेहफूज ..!
वरना मेरी तेरे पास आने की दुवा कौन करेगा ..!!

*******

कितने अनमोल होते है, ये यादों के रिश्ते भी ,
कोई याद ना भी करे, तो चाहत फिर भी रहती है !!!

*********

एक तन्हा मै हु एक तन्हा मेरा दिल है,
चारो तरफ रोंनके है खुशियों का शोर है।
रोज नया दिन है रोज रात पुरानी है ,
तन्हाई की और मेरी अलग प्रेम कहानी है

*********

कौन कहता है की खूबसूरती… उम्र की मोहताज है ….. हमने आज भी पुराने पन्नो पर, नए अफसाने लिखे देखे है

********

कोशिश बहुत की, राज़-ए-मुहब्बत बयाँ न हो..
मुमकिन कहाँ था, आग लगे और धुआँ न हो..!!

*********

ज़िन्दगी ग़मों का एक परिंदा है खुशिया आज कल चुनिन्दा है

कभी याद कर लिया करो इस नाचीज़ को यारो यह शख्स बुरा ही सही मगर अभी जिन्दा है

*********

“खुदा से कोई बात अंजान नहीं होती,
इन्सान की बंदगी बेईमान नहीं होती.

कही तो माँगा होगा हमने भी एक प्यारा सा दोस्त, वर्ना यूंही हमारी आपसे पहचान न होती..”

********

कहेते है इश्क ऐक गुनाह है
जिसकी शरुआत दो बेगुनाहो से होती है.

*******

“खोने की दहशत और पाने की चाहत न होती,
तो ना ख़ुदा होता कोई और न इबादत होती .”

********

मुजरा देखने गए मेरे दोस्त साथ हमे भी ले गए वो,
सब उसका हुस्न देखते रहे और मैं उसकी मजबूरी”..

*******

“मंदिरो मे हिंदू देखे..
मस्जिदो में मुसलमान..
शाम को जब मयखाने गया..
तब जाकर दिखे इन्सान..”

********

तोहमतें तो लगती रहीं रोज़ नई नई…..हम पर….

मगर जो सब से हसीन इलज़ाम था वो …….तेरा नाम था..!!!!!

*******

मैं अपनी मौज़ में डूबा हुआ जज़ीरा हूँ
उतर गया है समंदर बुलन्द पा के मुझे

*******

अजीब लोग बसते है तेरे शहेर मे जालीम
मरम्त कांच की करते है पथ्थर के औझार से !!!!!

********

गम ना कर ज़िंदगी बहुत बड़ी है,
चाहत की महफ़िल तेरे लिए सजी है,
बस एक बार मुस्कुरा कर तो देख,
तक़दीर खुद तुझसे मिलने बाहर खड़ी है….

********

तुमने क्या सौचा कि तुम्हारे सिवा कोई नही मुझे चाहने वाला,

पगली छोङ कर तो देख, मौत तैयार खङी है मुझे अपने सीने लगाने के लीऐ…

********

हँस कर कुबूल क्या कर ली हर सजा हमने…
दस्तूर बना लिया दुनिया ने भी.. इल्जाम लगाने का..!!

*********

तेरी बेरुखी को भी रुतबा दिया हमने ,
तेरे प्यार का हर क़र्ज़ अदा किया हमने ,
मत सोच के हम भूल गए है तुझे ,
आज भी खुदा से पहले याद किया है तुझे

*******

” अहेसान तो तेरा भी है एक मुझ पर ज़ालीम
इन नजरों से ना तु नीकला
न मुझे नीकलने दीया.”

********

दोस्तों से बिछड़ कर यह हकीकत खुली…
बेशक,
कमीने थे पर रौनक उन्ही से थी!!

********

मै तब भी अकेला नहीं था,
नहीं आज भी हु,
तब यारो का काफिला था,
आज यादो का कांरवा है ….

********

पास आकर सभी दूर चले जाते हैं, हम अकेले थे अकेले ही रह जाते हैं,

दिल का दर्द किसे दिखाएं, मरहम लगाने वाले ही जख्म दे जाते हैं |

********

हमसे पूछो क्या होता है पलपल बिताना,
बहुत मुश्किल होता है दिल को समजाना,

यार ज़िंदगी तो बीत जाएगी,
बस मुश्किल होता है कुछ लोगो को भूल पाना

********

तमन्ना दिल की एक हसरत है, पूरी हो जाए तो इनसान खुशकिस्मत है।

न पूरी हो, तो गम न करना, क्योकि अधूरी रहना तो, तमन्नाओ की फितरत है…..

*******

ैमेरी आँखों से जो झाँक रहा है
वह दर्द मेरा नहीं, तुम्हारा ही है

ये आँखें तो बस आइना है, नज़र
आता है जो अक्स, तुम्हारा ही ह

********

ख़त्म हो भी तो कैसे, ये मंजिलो की आरजू …
ये रास्ते है के रुकते नहीं, और इक हम के झुकते नही

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वो दोस्ती हो मुहब्बत हो चाहे सोना हो

कसौटियों पे परखना ज़रूर पड़ता है

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दिल टूट गया है फिर भी कसक सीने में बाकी है
नशे मैं मदहोश हैं तो क्या पैमाने मैं जाम अब भी बाकी है.

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हथेलियों पर मेहँदी का “ज़ोर” ना डालिये,

दब के मर जाएँगी मेरे “नाम” कि लकीरें…!!!!

********

लिखने ही लगा था, की खुश हूँ तेरे बगैर….

आँसू, कलम उठाने से पहले ही गिर गए….

********

बड़ी सादगी से उसने कह दिया, रात को सो भी लिया कर….
रातो को जागने से मोहब्बत लौट नहीं आती ….

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ना जाने क्यु कोसते है लोग बदसुरती को..!

बरबाद करने वाले तो हसीन चहेरे होते है..!!

*********

क़ब्र की मिट्टी हाथ में लिए सोच रहा हूँ;

लोग मरते हैं तो ग़ुरूर कहाँ जाता है।

********

दावे मोहब्बत के मुझे नहीं आते यारो ..
एक जान है जब दिल चाहे मांग लेना ..

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ना करूं तुझको याद तो खुदकी साँसों में उलझ जाता हूँ मैं

समझ नहीं आता की ज़िन्दगी साँसों से हे या तेरी यादों से..

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समेट कर परेशानियाँ सारे जहान की ..
कुछ ना बन सका तो मेरा दिल बना दिया ……….

********

फिर ग़लतफैमियो में डाल दिया..
जाते हुए मुस्कुराना ज़रूरी था..??

********

तेरी वफ़ा के तकाजे बदल गये वरना,
मुझे तो आज भी तुझसे अजीज कोई नहीं…!!!

*********

लाख चाहूँ के तुझे याद ना करूँ मगर,
इरादा अपनी जगह
बेबसी अपनी जगह |

********

“यूँ तो बहुत से हैं रास्तें, मुझ तक पहुंचने के,

राह-ऐ-मोहब्बत से आना, फासला कम पड़ेगा…”

********

जिस नगर भी जाएँ.. किस्से है कम्बख्त दिल के..

कोई देके रो रहा है.. तो कोई लेके रो रहा है..

*********

तमन्ना दिल की एक हसरत है, पूरी हो जाए तो इनसान खुशकिस्मत है।

न पूरी हो, तो गम न करना, क्योकि अधूरी रहना तो, तमन्नाओ की फितरत है…..

*******

जिनके आँगन में अमीरी का पेड लगता है,
उनका हर ऐब ज़माने को हुनर लगता है।

********

हमसे कायम ये भरम है वरना,
चाँद धरती पे उतरता कब है…

********

मुझमें ऐब बहुत होंगे मगर एक खूबी भी है…….
मैं किसी से ताल्लुक मतलब के लिए नहीं रखता…

********

सुना था कभी किसी से , ये खुदा की दुनिया है मोहोब्बत से चलती हैं,
करीब से जाना तो समझे , ये स्वार्थ की दुनिया हैं बस जरुरत से चलती हैं !!

********

हैं सब के दुःख एक से, मगर होसलें हैं जुदा-जुदा…
कोई टूट कर बिखर गया.. . कोई मुस्कुरा कर चल दिया..

********

रात मैंने अपने दिल से तेरा रिश्ता पूछा
कमबख्त कहता है जितना मै उसका हूँ उतना तो तेरा भी नही….

********

ये राहें ले जायेंगी मंज़िल तक,
हौसला रख ए मुसाफ़िर ..
कभी सुना है क्या ..???
अंधेरे ने सवेरा होने ना दिया ..!!

********

किसी शायर ने मौत को क्या खूब कहा है :-
ज़िन्दगी में दो मिनट कोई मेरे पास न बैठा ,
आज सब मेरे पास बैठें जा रहे थे ,
कोई तोहफा न मिला आज तक मुझे और
आज फूल ही फूल दिए जा रहे थे
तरस गए हम किसी के एक हाथ के लिए ,
और आज कंधे पे कंधे दिए जा रहे थे .
दो कदम साथ न चलने को तैयार था कोई ,
और आज काफिला बन साथ चले जा रहे थे ,
आज पता चला मुझे की “मौत ” कितनी हसीन होती है
कमबख्त …..हम तो यूहीं जिंदगी जीये जा रहे थे ..

********

चाहे वफ़ा में ठोकरे खाते रहो,
फिर भी रस्मे वादे निभाते रहो.
यही तो इश्क का दस्तूर है यारो,
की जख्म खाते रहो और बस मुस्कुराते रहो.

********

मेरे लफ़्ज़ों से न कर मेरे क़िरदार का फ़ैसला।।
तेरा वज़ूद मिट जायेगा मेरी हकीक़त ढूंढ़ते ढूंढ़ते।।

*******

बेआबरू होके महेफिल से निकल गये हम ,
किसी और की आबरू की खातिर…..

*********

कौन गुज़ारता है यहाँ जिंदगी,
वह तो खुद-ब-खुद गुज़रती रहती हैं…….

*********

मेरी चाहतों की खता थी जो तुझे प्यार के काबिल समझा मैंने,
वरना इस गुलिस्तान में कमी न थी फूलों और बहारों की।

*********

क्यू बार बार ताकते हो शीशे को ,
नज़र लगाओगे क्या मेरी इकलौती मुहब्बत को…!!!

********

“वादे “तो उसने कीये लेकीन
उसके इरादे “नेक” नही थे ॥

********

मुझे दुआएं दिल से मिली हैं,
कभी खरीदने को जेब में हाथ नहीं डाला…।

********

जिंदगी हमारी यूं सितम हो गई
खुशी ना जानें कहां दफन हो गई,

********

अब अपने ज़ख़्म दिखाऊँ किसे और किसे नहीं …!

बेगाने समझते नहीं और अपनोको दिखते नहीं…..,!!

********

उसने बड़े अदब से सवाल किया…कहाँ है घर आप का…?
और हमने भी कह दिया के हम घर में नहीं….लोगों के दिल में राज करते हैं….

********

तू बेशक अपनी महफिल मे मुझे बदनाम करती हैं ।

मेरी खामोशी मेरी जुबान का काम करती है ।

*********

इसी बात से लगा लेना मेरी शोहरत
का अन्दाजा वो मुझे सलाम करते है जिन्हे तु सलाम करती हैं ।

*********

हमेशा देर से समझता हुँ ज़िंदगी के दावँ पैच ।

फिर क़िस्मत जीत जाती है,मेरे समझदार होने
तक ।।

*********

अगर प्यार में पैसे की अहमियत
नहीं होती तो हर कहानी में
लड़की के ख्वाबों में कोई राजकुमार
ही क्यों होता है ???
कभी सुना है कि “मेरे सपनों का मोची,
बारात ले कर आएगा”…. ???

********

आराम से कट रही थी तो अच्छी थी,
जिंदगी तू कहाँ इन आँखों की, बातों में आ गयी..!!!

********

जितनी भीड़ ,
बढ़ रही ज़माने में
लोग उतनें ही,
अकेले होते जा रहे हे……..

********

करेगा जमाना भी हमारी कदर एक दिन,
देख लेना..
बस जरा वफ़ा की बुरी आदत छुट जाने दो…..!

********

अगर जींदगी मे कुछ पाना हो तो
तरीके बदलो.. ईरादे नही

********

मुझको धुंड लेता है रोज किसी बहानोंसे
दर्द हो गया है वाक़िफ़ मेरे ठीकानोंसे .

*********

मरने वाले तो खैर बेबस हैं,
जीने वाले कमाल करते हैं।

********

किताबों के पन्नों को पलटते
वक्त अक्सर मैं सोचता हूँ…

यूँ ही कितनी आसानी से पलट जाते है कुछ लोग…

*********

“अगर प्यार है तो शक़ कैसा …
अगर नहीं है तो हक़ कैसा ..?”

***********

हाथ में खंजर ही नहीं आंखोमे पानी भी चाहिए ,
ऐ खुदा मुझे दुश्मन भी खानदानी चाहिए .

********

जिंदगी हमारी यूं सितम हो गई
खुशी ना जानें कहां दफन हो गई,

*********

ऊपर वाला भी आशिक है साला अपना ,
किसी और का होनें नहीं देता मुझे …..

********

झुकाया तुने, झुके हम – बराबरी ना रही
ये तो बंदगी हुई मेरे दोस्त, आशकी ना रही ।

**********

बहुत मह्सूस होता है…!
तेरा मह्सूस ना करना.!!

********

टूट कर भी कम्बख्त धड़कता रहता है ,
मैने इस दुनिया मैं दिल सा कोई वफादार नहीं देखा। ……

*******

मैंने आंसू को समझाया, भरी महफ़िल में ना आया करो,
आंसू बोला, तुमको भरी महफ़िल में तन्हा पाते है,
इसीलिए तो चुपके से चले आते है…

********

मेरी आँखों में महोब्बत की चमक आज भी है
हालाकी उस को मेरे प्यार पर शक आज भी है

********

नाव में बेठ के धोये थे उस ने हाथ कभी
पुरे तालाब में मेहँदी की महक आज भी है

*******

“ना हँसते ख़ुद-ब-ख़ुद तो…कब के मर जाते……
ज़िन्दगी तूने तो कभी,मुस्कुराने की वज़ह नहीं दी”

*******

पढ़नेवाले की कमी है …..
वरना …..
गिरते आँसू भी एक किताब है……

*******

दौलत के तराजू में तोलों तो फ़कीर हैं हम…दरियादिली में हम जैसा नवाब कोई नहीं……

********

हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव चली।
कुछ यादें मेरे संग पांव पांव चली।

********

सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ।
वो जिंदगी ही क्या जो छाँव छाँव चली।।….

********

“संग ए मरमर से तराशा खुदा ने तेरे बदन को,

बाकी जो पत्थर बचा उससे तेरा दिल बना दिया ”

*******

यही अंदाज है मेरा समंदर फतह करने का,
मेरी कागज की कश्ती में कई जूगनु भी होते है…..

*********

रोता देखकर वो ये कह के चल दिए कि,

रोता तो हर कोई है क्या हम सब के हो जाएँ..???

*******

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ટૅગ્સ:

जो मजा पाकिस्तान की हार में हैं ………


जो मजा पाकिस्तान की हार मैं हैं ……….
ना इश्क ना , प्यार में हैं …………
ना मोटर में ना कार में हैं ……..
ना दिल में ना दिलदार में हैं …….
जो मजा पाकिस्तान की हार में हैं ……….
ना घर में ना बाजार में हैं ……….
ना सात समंदर पार में हैं ……….
जो मजा पाकिस्तान की हार में हैं ……….
ना आम हैं , ना अनार में हैं ………
ना चटनी , ना अचार में हैं ………
ना हिचकी ना, डकार में हैं ………
जो मजा पाकिस्तान की हार में हैं ……….
ना ” टेप” ना ” वी सी आर” में हैं,,,,,,,,,
ना सुर में ना ताल में हैं ,,,,,,,,,,,,
ना पायल की झंकार में हैं ,,,,,,,,,,,,
जो मजा पाकिस्तान की हार में हैं ……

 
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Posted by on માર્ચ 22, 2014 માં SELF / स्वयं

 

ટૅગ્સ:

Shayri part 8


” Bina libaas ke aaye they is jahaan mein,

Bas ek kafan ki khatir itna safar karna pada ”

*******

Itni shiddat se yaad aye ho,

Jaise phir yaad hi nahin aana..!!

********

Me tumhe kabhi taklif nahi de sakta, lekin tumhare bina jinda rahane ki taklif nahi sahunga me… ye bhi tay he

********

Tadap rahe hai hum tere ek alfaaz ke liye,

Khuda ka waasta todd de apni khamoshi hame zinda rakhne ke liye…!!

*********

Ab aadat si ho gayi hai is shor bhari zindagi ki,

Takliff to hame yeh jaan leva khamoshi deti hai..!!

********

Na koi gazal na koi nagma na koi geet na koi shayari,

Khol gayi gehre raaz jaana teri yeh khamoshi…!!!

********

Ki mahobat to siyaasat ka chalan chhod diya…

Ham agar pyaar na karte to huqumat karte…

*********

Kitani zalim hoti hai ye pal do pal ki pahechan…

Na chahte hue b dil ko kisi ka intzar rehta hai…

********

Kisi din bitha k puchhinge teri ankhon se………,

kis ne sikhaya hai inhaien har dil mein utar jana….!!!!

*********

Kuch Toh Kam Hote Ye Lamhey Musibato’n Ke…

Ek Din To Mere Hote Do Din Ki Zindagi Me. . !!

*********

Khushbu ke jajeero se, sitaaro ki hado tak
Is sahar me sab kuchh hei, bas teri kami hei..

*********

” Uski NAzron Ka
Khumaar………!!

Ufff……………….!!

Yaqeen Karo,,,!!!

DiL Na Daitay To
Jaan Chali Jati..

*********

Har Kisi Ko Apna Banate Rahe Phir Bhi Koi Mera Na Bana…..

Aane Wale Ko Dil Ka Rasta Diya, Jane Wale Ko Khuda Ka Wasta Diya…

*********

Mat kar apne Dard ko shyari mein bayan… !

Log aur toot jaate hain har Lafz ko apna jaan kar…!!

*********

Pani Se Pyaas Na Bujhi to Maikhane Ki taraf Chal Nikla…

Socha Shikayat Karun Teri Khudha Se, Par Khudha bhi Tera Ashiq Nikla…

********

Tum na mano par haqeeqat hai,
Ishq, insaan ki zaroorat hai…

*********

Dhul haalaat ko har baar chataai hei meine,

Me muqaddar to nahi rakhta, zigar rakhta hu…

*********

“Kisi Ne Kya Khoob Kaha” Hai
“Alfaaz To Bahut Hain
Mohabbat Bayan Karne Ke Liye..

Par Jo Khamoshi Nahi Samjh
Sakte, Wo Alfaaz Kya Samjhenge..!!

********

Mohabbat aur Maut dono ki pasand bhi nirali hai,

ek ko Dil chahiye aur dusre ko Dhadkan..

********

Apni Roshni Ki Bulandi Pe Kabhi Na Itrana Ghalib

Chiraag Sabke Bujhte Hai Hawa Kisi Ki Nahi Hoti…

********

Khwab Sach HO To Manzil Mil Jaati Hai,
Yaad Aksar Tasvir me Dhal Jati Hai,

Kisi k Liye Kuch Mango To Dilse Mango Qki
1 Dua Se taqdir Badal Jati hai……
Great lines,

********

Log kehte h ki kisi ek k jane se hamari zindagi ruk nahi jati,

Par wo ye nahi jante ki lakho k mil jane k baad bhi us ek ki kami puri nahi ho pati….

*********

Talash Kar Raha Hai Woh Hamse Juda Hone Ka Tariqaa,

Sochta Hun Duniya Chor Kar Kyun Na Uski Mushkil Asaaan Kar Doon..

*********

Yuhi aankhon se ansu bahte nahi,
Kisi aur ko hum apna kahte nahi,

Ek tum hi ho jo ruk se gaye ho zindagi mein,
Varna rukne ke liye hum kisi ko kahte nahi…

*********

Doob kar suraj ne mujhe aur bhi tanha kar diya

mera saaya bhi alag ho gya, mere apno ki tarah…

*******

“Kaash ke wo mere hote..,

Kaash yeh alfaz unke hote……!!

********

Wo jara si baat pe barso ke yaarane gaye,

Lo chalo achchha huva kuchh log pehchane gaye..

********

Log Apna Banake Chhodd Dete Hai,
Barso Ka Rishta Ek Pal Me Tod Dete Hai…

Humse Toh Ek Phool Bhi Na Toda Jata,
Log Toh Dil Na Jaane Kaise Tod Dete Hai!!!!

********

Aaj Maine Talaash Kiya Unn ko Apnae Aap Main…

Woh Mujhay Har Jagha Mile Ek Taqdeer K Siwa…!!!

*******

Apni marzi se bhi chalne de 2-4 kadam aye zindagi….

Tere kehne pe toh barso chal liye….

********

Inhi Baton Se Aksar Bichhad Jaya Karte Hain Log…

Use Kehna Itni Man’maniya Achchhi Nahi Hotin..

********

Nastar hei mere hatho me, kaandhe pe maykada…

Lo… me dard-e-jigar ka ilaaj le kar aa gaya….

********

Itefaaq samjo ya fir dardnaak haqiqat…

Aankh jab bhi nam hui, vazah tum hi the…

********

Shikhna hoga chiraago ki hifaajat karna….

Aandhio ke to iraade nahi badal sakte ham…

*********

Bina matlab ke to dilaase bhi nahi milte yaha….

Log dil me bhi dimaag liye firte hei is dour me…

**********

Tum haqeeqat pasand ho saayad,

Kabhi khwaab mei bhi nahi aate..!!

*********

Ek hei dono, aash ho ya ummid….

Ek tadapaaye aur ek bahlaaye…

********

He pyaar ki basti me darindo ki huqumat…

Shuli pe chada dete hei ilzaam se pahle…

********

Teri surat ko jab se dekha hei..

meri aankho pe log marte hei..

*********

Din, Mahinay, Salon Ka Hisaab Nahi Aata Mujhe..!!

Hamesha Se Hamesha Tak Saath Tumhara Chahiye…

*********

Tere Siwa Bhi Kai Rang Khus Nazar They Magar,,,

Jo Tujh Ko Dekh Chuka Ho Uski Aukaat Hi Kya aur Kuch Dekhe..

*********

Dil ka kya hei, dil ne kitne manzar dekhe hei,

Aankhe paagal ho jaati hei, ek khayaal se pahle…

********

Ham samajte hei mahobat ke takaaje lekin

Keise us dar pe koi swaali ban ke jaaye…

********

Na rone ki sajaa hei na rulaane ki sajaa hei…

Ye dard to mahobat nibhaane ki sajaa hei..

**********

Itni si baat thi jo samandar ko khal gai…
kaagaz ki naav keise bhanvar se nikal gai…

********

Mei ladkhadaata raha hu tuje dekh dekh kar….
Tune to saamane mere ek jaam rakh diya..!

********

Kin “Lafzon” Mein Bayaan Karun Mein Apne “Dardo” Ko… !!

“Sun ne” Walay Bohat Hain Par “Samajhnae” Wala Koi Nahi…!!

********

Uski Chahat Ne Is Kadar Rula Diya,
Hum Khamosh Rahe Usne Kamzor Bana Diya,

Uski Yaad Me Zuk Gaye Hum Warna,
Hum To Wo The Jisne Zamana Zuka Diya….

********

Koi milta hai to ab apna pata poochta hu..

Me teri khoj me tujhse bhi pare ja nikla….

********

Chadhi khumaari faaguni, hawa hui almast
har surat lagne lagi, pario si almast…

*********

Ek rang chadha jo kabhi utra hi nahi…

Rang wo dastur ka, rang wo dastur sa..

*********

Jab rango ki mulaaqaat ho….

tab.. bas, teri meri hi baat hi ho…

*********

Dekh ke in nigaaho ko, aarzu e sharaab hoti hei,

Dekha na karo tum eise, meri niyat kharaab hoti hei…

*********

Ye vahem mera ki muje behosh saraab karti hei…

Teri ankhe hi kafi he mujhe behosh karne k liye…

********

Ye vahem mera ki muje behosh saraab karti hei..

Hosh tha hi kab muje, tujse ishq hone ke baad…!!!!

********

Teri yaad se to aachhi meri sharaab hei jaana

kambhakht, rulaane ke baad sulaa to deti hei..

********

Kaun kehta he k sharab barbaad karti he…!!!

Zara apni aankhe bhi chhupa k rakh liya kar…

********

Itna bahot hei, unse nigaah milti rahe…

Ab muje sharaab mat do yaaro , me nashe me hu…

********

Yaha libaas ki kimmat hei, aadami ki nahi..

Muje gilaash bada de, sharaab kam kar de….

*******

Log jo sar-e-aam muje badnaam karte hei…

Akshar wo andheri galiyo me mila karte hei….

********

Aaj shaaki, saraab rahne do,,,
Apni aankho me pyaar rehne do,

Tum sanwaaro apni zulfo ko,
Meri haalat kharaab rahne do…

*********

Zamane ka sahara to bas ek dikhava hai;

Hakeekat ye hai ke mere Khuda ne mujhe girne nahin diya….

********

Hamne uthate dekhe hei zamin par girte taare bhi…

Par nazaro se girne walo ko kabhi fir uthate nahi dekha..

********

Koi to ab neend se keh de hum se sulah kar le..

Wo dur chala gaya he, jisk liye hum jaga karte the…

********

Chahte Hain Hum Un Ko Khud Se
Ziyada,

Is Chahat Ki Bhi Wo Waja Poochhti Hain,,,,,!!!

*********

Hai insaan tujhe garv hai na tere dosto par,

Ek din wo hi teri maut par aakar kahenge ab kitni der hai jalane mein…

********

Mere Geet Sune Duniyane Magar
Mera Dard Koi Na Jaan Saka,

Ek Tera Sahara Tha Dilko,
Tu Bhi Na Mujhe Pehchan Saka..

********

Hame unse koi shikayat nahi,
Shayad meri takdeer mein hi chahat nahi….

Meri kismat ko likh kar to upar wala bhi mukar gaya,
Poocha to bola ye meri likhawat hi nahi….

*********

Mandir mein jaap karta hun, masjid mein adaab karta hun,

Kahin khud ko khuda na samazh baithun, issliyae sharab peekar paap karta hun…

********

Na Ameer Hoon Na Ghareeb

Na Mein Badshah Na Mein
Wazeer Hun,

Tera Ishq Hai Meri Saltanat

Mein Ussi Saltanat Ka Faqeer
Hoon..!!

********

Har waqt meri khoj mein rehti hai teri yaad ..

Tu ne mere wajood ki tanhai bhi chheen li.

********

Kis Qadar Anjaan hain yeh Silsila-e-ISHQ waale ..!

Mohabbat Qaayam rehti hai,
Magar INSAAN toot jaate hai…

********

“Kis kadar masoom tha lehza unka…
dhire se jaan kar bejaan kar gaye!”

********

Tere Alawa Maine Dil Ka, Darwaja Khola Hi Nahi…!

Warna Bohat Chand Aaye, Iss Ghar Ko Sajane Ke Liye.!

********

Mere hatho me baki hei rang thoda…
Aaj bhi use talaash hei tere gaalo ki….

*********

Meri gazalo ko talaas thi kisi vaaris ki…

Kal raat dil ne tere naam ki sifaaris ki…

********

Zaroori to nahi jo khushi de usi se mohabbat ho,.

Pyar to aksar dil todne walon se bhi ho jata hai…

********

Main Lafz Soch Soch Kar Thak Sa Gaya…,

Wo Phool De Ke Baat Ka Izhaar Kar Gayi…

*********

Teri yaadein bhi hain mere bachpan ke khilone jaisi,

Tanha hota hu to inhe le kar baith jati hu….!!

*********

Kis Tarah AayeGa Qaraar Mujhe…!!

Us Ne Dekha Hai Baar Baar Mujhe…

********

Wafa ki talaash tou aksar bewafaon ko hoti hay…!!

Hum ne to dunya hi chhod di kisi ki wafa kay liye…

********

YA ALLAH

Mujh Ko Aisa Bana De K Tujhe Pasand Aajaon….

*******

Maa K Liye Sab Ko Chhod Dena,
Lekin Sab K Liye Maa Ko Mat Chhodna.

Kyo K Jb Maa Roti Hai To Farishto Ko Bhi Rona Aa jata Hai.

********

Log holi k din Rang lagate hai.. or baaki k din Rang badalte hai..

********

Kuchh yu badal rahe hei ham waqt ke saath
Ki aayina bhi chounk jaate hei ham ko dekhkar

********

Mat tol meri wafa apni dillagi se..!!

Dekh kar meri chahat ko akshar tarazu tut jaate hai..!!

**********

Mujhe jeene ki koi aas de jao tum
Ya phir meri zindagi hi ban jao tum..!

*********

Wo paas beithe to aati hei dilruba khushbu..
Wo apne hontho pe khilte gulaab rakhte hei..

********

Aandhiya gamo ki chalegi to sanwar jaunga
Mei to dariya hu, samandar me utar jaunga…

*********

Furasate dhundhte hei chalo, kuchh palo ki,
kuchh tumhaare liye.. kuchh hamaare liye..

**********

Tumhara Naam Lene Se Mujhe Sab Jaan Jaate Hai..

Main Wo Khoyi Hui Cheez Hoon Jiska Pata Tum Ho..!

********

Jahan rishte hawaon ki tarah behne ke aadi hon.

Wahan apne to hote hain par apna pan nahi hota..

*********

Phir Us Ke Baad Jab Chaho Jahan Chaho Jana Chaho Chale Jana.

Meri , Sansein , Bikharne Tak To Meri Reh Jao ….

*********

Dard bhi deta hei, dawaa bhi deta hei..
Muje wo dosti karne ki sajaa bhi deta hei…

********

Juthe waade, juthi qasme aur ye fareb…
tum siyaasat me hote to kamaal karte….

********

Mere Rooth jany se..!! Ab un Ko Koi Farq Nai padta..!!

BE’Chain Kar Deti Thi..!! Kabi jin Ko Khamoshi meri..!!

*********

Mat Chheen Apna Naam Mere Lab Se Is Tarah
Is Be Naam Zindagi Mein Tera Naam Hi To Hai..

*********

Lanat hai tumhare husn par ae hasino…

Hame nashe k liye shraab bhi peeni padti hai ..

********

Ye Mohabbat Bhi Ek Nasha hai Sharaab Jaisa,

Karein To Mar Jaayein Chhorein To Kidhar Jaayein…!!!!

********

Unke bina chaand bhi eise nazar aata hei…

Koi zakham ho jeise aashmaan ke sine mei..

*********

Bhul jaau to jee nahi sakta
Yaad aao to dam nikalta hei..

*********

Saza do, sila do, bana do, mita do..
Magar wo koi faisalaa to suna do..!

********

Bewafa Hoke Jab Chal Hi Diye The Chhod Ke …

Kyon Mil Jaate Ho Kabhi Is Mod Pe, Kabhi Us Mod Pe …???

*********

Koi tuj sa nahi hai

Tu sab se haseen hai..

***********

Bahut Yaad Krta Hai Koi Hmain Dil Se…..,

Na Jane Dil Se Ye weham Kyun Nahi Jata…!!!!!

**********

Tumne to kaha thaa k har shaam tumare saath gujarenge….

Tum badal gaye ya tumhare saher me shaam hi nahi hoti..!!!

**********

Uthne de jo uthta hei dhuaa dil ki gali se,
wo basti kaha hei jaha koharaam nahi uthta..

*********

Ki baal bikhra ke kisi turbat (kabr)pe koi mehzabin roti hai..

To aksar ye khayaal aata hai maut kitni hasee hoti hai..!!!

*********

Koi ek pal ho to… nazare chura le hum

Ye tumhari yaad to.. saanso ki tarah aati he.

********

Sar is liye uncha hei ki kad uska bada hei…

Kad is liye uncha hei ki laasho pe khada hei….

*********

Teri yaad bhi kisi muflish ki punji jaisi hei…

Jise ham sath rakhte hei, jise roj ginte hei…

*********

Wo tab-bhi tha,ab-bhi hai,yunhi rahega….
ye ROOHANI mohhobat hai,Taa’alim nhi k mukkammal ho jaye….

***********

Taqdeer Ka Hi Khel Hai Sab….. ,
Par ,
Khwahishe samajti Hi Nahi……!!

*********

Sazaa Ban Jaati hai Guzre huwe waqt ki Yaadein….!!

Na jaane Kyu Matlab ke Liye Meherbaan Hote Hai Log…..!

********

Q Na Saza Milti Humain… Muhabbat Me……!!!!

Aakhir Hum Ne B To Bohat… Dil Tode Teri Khatir.

********

Mohabbat aisa dariya hai…
barish ruk bHi jaye…
to pani kam Nhi hota…

**********

Chamka Na Karo Jugnu Ki Tarha Raat Ko…
Le jaon Ga Mutthi Main Kisi Roz Chupa Kar…

**********

Tum pe kuch aitbar tha warna

Koi dil yun udhar deta hai bhala.!!

********

Waqt ko gujrte waqt nahi lagta,
waqt milne par bhi waqt nahi milta,

Ham to waqt nikalkar aapko yaad karte hai,
Aapko to waqt nikalne ke liye bhi waqt nahi milta…

********

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Shayri part 7


“उनसे कहना की क़िस्मत पे ईतना नाज ना करे ,
हमने बारिश मैं भी जलते हुए मकान देखें हैं…… !!!!!

********

ले दे के अपने पास फ़कत एक नजर तो है,

कयुं देखे जिंदगी को किसी की नजर से हम..

*********

वक़्त नूर को बेनूर बना देता है, छोटे से जख्म को नासूर बना देता है,

कौन चाहता है अपनों से दूर रहना पर वक़्त सबको मजबूर बना देता है.

*********

डर मुझे भी लगा फांसला देख कर,
पर मैं बढ़ता गया रास्ता देख कर.

खुद ब खुद मेरे नज़दीक आती गई,
मेरी मंज़िल मेरा हौंसला देख कर…..!!

*********

“जिसे पूजा था हमने वो खुदा तो न बन सका,

हम ईबादत करते करते फकीर हो गए…!!!

*********

वो एक रात जला……. तो उसे चिराग कह दिया !!!

हम बरसो से जल रहे है ! कोई तो खिताब दो .!!!

********

जलते हुए दिल को और मत जलाना,
रोती हुई आँखों को और मत रुलाना,

आपकी जुदाई में हम पहले से मर चुके है,
मरे हुए इंसान को और मत मारना.

********

जरा सी चोट से शीशे की तरह टूट गया ,

दिल तो कमबख्त मेरा मुझसे भी बुजदिल निकला ………

********

मुझसा ही आलसी मेरा खुदा है !

ना मै कुछ मांगता हूँ, ना वो कुछ देता है !! ”

********

ऐ बुरे वक़्त ””’
जरा तेज चल ।।।
देख उस मोड़ को ””’
वहा से तू बदलने वाला हे।

********

रिश्तोँ की हकीकत कोई क्या समझेगा
दिलोँ की जरूरत को कोई क्या समझेगा
मेरे दोस्त की मुस्कुराहट ही तो मेरी जिंदगी है
इस मुस्कुराहट की कीमत कोई क्या समझेगा.

********

“मेरे बारे मे कोइ राय मत बनाना गालिब.

मेरा वक्त भी बदलेगा.. तेरी राय भी.”…!!!

********

सोचते है, अब हम भी सीख ले यारों बेरुखी करना,,,,,,
सबको मोहब्बत देते-देते, हमने अपनी कदर खो दी है,,,,,,!

********

सीख ली जिसने अदा गम में मुस्कुराने की,
उसे क्या मिटायेंगी गर्दिशे जमाने की…..

********

शायद कोई तराश कर किस्मत संवार दे !

यही सोच कर मैं उम्र भर पत्थर बना रहा !!

********

किसी के ऐब को तू बेनकाब ना कर,
खुदा हिसाब करेगा तू खुद हिसाब ना कर,

बुरी नज़र से ना देख मुझ को देखने वाले,
मैं लाख बुरा सही तू अपनी नज़र खराब ना कर…..

********

ये भी अच्छा हुआ कि,
कुदरत ने रंगीन नही रखे ये आँसू .
वरना जिसके दामन में गिरते,
वो भी … बदनाम हो जाता …

********

आज लाखो रुपये बेकार है
वो एक रुपये के सामने
जो माँ स्कूल जाते वक्त देती थी.

********

आंसुओसे पलके भीगा लेता हूँ याद तेरी आती है तो रो लेता हूँ
सोचा की भुलादु तुझे मगर, हर बार फ़ैसला बदल देता हूँ!

********

मैं मर भी जाऊ, तो उसे ख़बर भी ना होने देना ….
मशरूफ़ सा शख्स है, कही उसका वक़्त बर्बाद ना हो जाये …

********

एक ही शख्स था मेरे मतलब का दोस्तों
वो शख्स भी मतलबी निकला……!!!”

********

झुठ बोलकर तो मैं भी दरिया पार कर जाता,
मगर डूबो दिया मुझे सच बोलने की आदत ने…”

*********

तुझे हर बात पे मेरी जरूरत पड़ती ,
काश मैं भी कोई झूठ होता ………”

********

उठाना खुद ही पडता है थका टूटा बदन अपना
कि जब तक सांस चलती है कोई कंधा नहीं देता

********

ऐ मेरा जनाज़ा उठाने वालो, देखना कोई बेवफा पास न हो.
अगर हो तो उस से कहना, आज तो खुशी का मौका है, उदास न हो.

********

अंधेरे मे रास्ता बनाना मुश्किल होता है,
तूफान मे दीपक जलना मुश्किल होता है,

दोस्ती करना गुनाह नही,
इसे आखिरी सांस तक निभाना मुश्किल होता है.

*******

पत्थर की दुनिया जज्बात नहीं समझती ;
दिल में क्या है वो बात नहीं समझती ;

तन्हा तो चाँद भी सितारों के बीच में है ;
पर चाँद का दर्द वो रात नहीं समझती।

********

“दोस्तों की कमी को पहचानते हैं हम,
दुनिया के गमो को भी जानते हैं हम,

आप जैसे दोस्तों का सहारा है,
तभी तो आज भी हँसकर जीना जानते हैं हम.”

********

जिंदगी एक आइना है, यहाँ पर हर कुछ छुपाना पड़ता है|

दिल में हो लाख गम फिर भी महफ़िल में मुस्कुराना पड़ता है |

********

राज ना आयेगा मुजपर अब कोई भी सितम तेरा,
ईतना बिखर गया हू कि दरिंदगी भी तेरी शमँसार हो जाये.

*********

जिंदगी आ बैठ, ज़रा बात तो सुन,
मुहब्बत कर बैठा हूँ, कोई मशवरा तो दे।

********

तुम मुझे कभी दिल, कभी आंखों से पुकारो,
ये होठों का तकल्लुफ़ तो ज़मानें के लिये है…!!!

*******

मेरी सब कोशिशें नाकाम थी उनको मनाने कि,
कहाँ सीखीं है ज़ालिम ने अदाएं रूठ जाने कि..

**********

चीखें भी यहाँ गौर से सुनता नहीं कोई;
अरे,
किस शहर में तुम शेर सुनाने चले आये!…….

*******

यूँ ही वो दे रहा है क़त्ल कि धमकियाँ..,
हम कौन सा ज़िंदा हैं जो मर जाएंगे..

*********

“वो छोटी छोटी उड़ानों पे गुरुर नहीं करता
जो परिंदा अपने लिये आसमान ढूँढ़ता है !!”

**********

तेरे ही अक्स को तेरा दुश्मन बना दिया

आईने ने मज़ाक़ में सौतन बना दिया….

*********

कम नहीं मेरी जिंदगी के लिए, चैन मिल जाये दो घडी के लिए,

ऐ दिलदार कौन है तेरा क्यों तड़पता है यू किसी के लिए.

********

ये इश्क भी एक अजीब एहसास होता है…
अल्ज़फों से ज्यादा निगाहोसे बया होता है…

हर पल बस उसके गम और खुशी की फ़िक्र होती है…
इसी एहसास से तो हमको जीने का गुमान होता है…

********

उगता हुआ सूरज दुआ दे आपको
खिलता हुआ फूल खुशबू दे आपको

हम तो कुछ भी देने के बाबिल नहीं,
देनेवाला हज़ार खुशिया दे आपको!

********

कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है ,
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है

मैं तुझसे दूर कैसा हूँ , तू मुझसे दूर कैसी है
ये तेरा दिल समझता है, या मेरा दिल समझता है

********

आँखों से आँखों का मेल जब होता है,
दिल में एक चाहत सी जाग उठती है,

रात को सपनो में उसका चेहरा होता है,
ज़िन्दगी भी खूबसूरत अफसाना लगती ह

*******

सादगी किसी श्रृंगार से कम नहीं होती ,
चिंगारी किसी अंगार से कम नहीं होती!

ये तो अपनी अपनी सोच का फर्क है बरना ,
दोस्ती किसी प्यार से कम नहीं होती.

********

उसकी यादों को किसी कोने में छुपा नहीं सकता,
उसके चेहरे की मुस्कान कभी भुला नहीं सकता,

मेरा बस चलता तो उसकी हर याद को भूल जाता,
लेकिन इस टूटे दिल को मैं समझा नहीं सकता

********

लोग कहते हैं की इतनी दोस्ती मत करो
के दोस्त दिल पर सवार हो जाए

में कहता हूँ दोस्ती इतनी करो के
दुश्मन को भी तुम से प्यार हो जाए….

********

सच्चाई को अपनाना आसान नहीं
दुनिया भर से झगड़ा करना पड़ता है

जब सारे के सारे ही बेपर्दा हों
ऐसे में खु़द पर्दा करना पड़ता है

********

किसी को इश्क़ की अच्छाई ने मार डाला,
किसी को इश्क़ की गहराई ने मार डाला,

करके इश्क़ कोई ना बच सका,
जो बच गया उससे तन्हाई ने मार डाला

********

तू चाँद और मैं सितारा होता,
आसमान में एक आशियाना हमारा होता,

लोग तुम्हे दूर से देखते,
नज़दीक़ से देखने का हक़ बस हमारा होता..

*******

और क्या चीज़ कुर्बान करू आप पर,

दील जिगर आपका जींदगी आपकी.

*******

ैनदी जब किनारा छोड़ देती है
राह की चट्टान तक तोड़ देती है

बात छोटी सी अगर चुभ जाते है दिल में
ज़िन्दगी के रास्तों को मोड़ देती है

********

अपनी सांसों में महकता पाया है तुझे, हर खवाब मे बुलाया है तुझे,

क्यू न करे याद तुझ को, जब खुदा ने हमारे लिए बनाया है तुझे.

********

हम वो नहीं जो दिल तोड़ देंगे,
थाम कर हाथ साथ छोड़ देंगे,

हम दोस्ती करते हैं पानी और मछली की तरह,
जुदा करना चाहे कोई तो हम दम तोड़ देंगे …

********

तूने देखा है कभी एक नज़र शाम के बाद
कितने चुपचाप से लगते हैं शज़र शाम के बाद

तू है सूरज तुझे मालूम कहाँ रात का दुख
तू किसी रोज़ मेरे घर में उतर शाम के बाद

********

मौसम को मौसम की बहारों ने लूटा,
हमे कश्ती ने नहीं किनारों ने लूटा,

आप तो डर गये मेरी एक ही कसम से,
आपकी कसम देकर हमें तो हज़ारों ने लूटा….

*******

नीम का पेड़ था बरसात थी और झूला था

गाँव में गुज़रा ज़माना भी ग़ज़ल जैसा था

********

दुनिया तेरी रौनक़ से मैं अब ऊब रहा हूँ
तू चाँद मुझे कहती थी मैं डूब रहा हूँ

********

चुपके चुपके पहले वो ज़िन्दगी में आते हैं,
मीठी मीठी बातों से दिल में उतर जाते है,

बच के रहना इन हुसन वालों से यारो,
इन की आग में कई आशिक जल जाते हैं

********

मुझे नींद की इजाज़त भी उसकी यादों से लेनी पड़ती है,
जो खुद तो सो जाता है, मुझे करवटों में छोड़ कर!

*******

लाख हों हम में प्यार की बातें
ये लड़ाई हमेशा चलती है.

उसके इक दोस्त से मैं जलता हूँ
मेरी इक दोस्त से वो जलती है

********

मैँ कैसा हूँ’ ये कोई नहीँ जानता,

मै कैसा नहीँ हूँ’

ये तो शहर का हर शख्स बता सकता है…

********

ज़िन्दगी में इक मुकाम आया तो था
भूले से सही तेरा सलाम आया तो था

न जानें तुझे खबर है, है की नहीं
मेरे अफ़साने में तेरा नाम आया तो था

********

“जाने कब-कब किस-किस ने कैसे-कैसे तरसाया मुझे,

तन्हाईयों की बात न पूछो महफ़िलों ने भी बहुत रुलाया मुझे”

********

मुस्कराते रहो तो दुनिया आप के कदमों मे होगी

वरना आसुओ को तो आखे भी जगह नही देती

*******

घर के बाहर भले ही दिमाग ले जाओ.. क्योंकि दुनियाँ एक ‘बाजार’ है,
.
.
लेकिन घर के अंदर सिर्फ दिल ले जाओ…क्योंकि वहाँ एक ‘परिवार’ है !!!!

*******

में पिए रहु या न पिए रहु,लड़खड़ाकर ही चलता हु ,
क्योकि तेरी गली कि हवा ही मुझे शराब लगती हे

*******

बड़ी तब्दीलियां लाया हूँ अपने आप में लेकिन,
बस तुमको याद करने की वो आदत अब भी है।।

********

कुछ ऐब का होना भी ठीक ही है मालिक….

सुना है आप अच्छे लोगो को जल्दी बुला लेते हो….

********

हमसे ना कट सकेगा अंधेरो का ये सफर…
अब शाम हो रही हे मेरा हाथ थाम लो…. !!!

********

“कोई तेरे साथ नहीं है तो गम ना कर,
खुद से बढ़कर कोई दुनिया में हमसफ़र नहीं होता !!”

********

तेरी वफाओं का समन्दर किसी और के लिए होगा,
हम तो तेरे साहिल से रोज प्यासे ही गुजर जाते हैं !!

********

नजर में बदलाव है उनकी, हमने देखा है आजकल !

एक अदना सा आदमी भी , आँख दिखा जाता है !!

********

पूछता हे जब कोई की। दुनिया मै मोहब्बत है कहा ।।
मुस्कुरा देता हु मै ओर याद आ जाती है माँ

********

कोई आँखों में बात कर लेता है,
कोई आँखों आँखों में मुलाकात कर लेता है.

मुश्किल होता है जवाब देना…
जब कोई खामोश रह करभी सवाल कर लेता है!

********

हमें तो प्यार के दो लफ्ज ही नसीब नहीं,
और बदनाम ऐसे जैसे इश्क के बादशाह थे हम..

********

तुझे तो मोहब्बत भी तेरी ऒकात से ज्यादा की थी …..

अब तो बात नफरत की है , सोच तेरा क्या होगा…. .

*********

वो कहने लगी, नकाब में भी पहचान लेते हो हजारों के बीच ?

में ने मुस्करा के कहा, तेरी आँखों से ही शुरू हुआ था “इश्क”, हज़ारों के बीच.”

*******

शौक से तोड़ो दिल मेरा मैं क्यों परवाह करूँ…..!

तुम ही रहते हो इसमें अपना ही घर उजाड़ोगे….!

*******

ये मुकरने का अंदाज़ मुझे भी सीखा दो

वादे नीभा-नीभा के थक गया हूँ मैं…

*********

न जाने क्या कशिश है …
उनकी मदहोश आँखों में

नज़र अंदाज़ जितना करो
नज़र उन्हीं पे ही पड़ती है …

********

तन्हाई के लम्हे अब तेरी यादों का पता पूछते हैं…
तुझे भूलने की बात करूँ तो… ये तेरी खता पूछते हैं…!!

********

आज उसे एहसास मेरी मोहब्बत का हुआ
शहर में जब चर्चा….मेरी शोहरत का हुआ,

नाम नहीं लेती…..मुझे अब जान कहती है
देखो कितना असर उसपर दौलत का हुआ…

********

घेर लेने को मुझे जब भी बलाएँ आ गईं
ढाल बन कर सामने माँ की दुआएँ आ गईं

*******

अजब मुकाम पे ठहरा हुआ है काफिला जिंदगी का,
सुकून ढूंढने चले थे, नींद ही गंवा बैठे”…..!!!

********

हमें भुलाकर सोना तो तेरी आदत ही बन गई है, अय सनम;
किसी दिन हम सो गए तो तुझे नींद से नफ़रत हो जायेगी।

********

क्यों पहनती हो चूड़ी, क्यों पहनती हो कंगना,
सजने का ही शोक है तो फिर बना लो न सजना |

********

पहले हाथ से लिखा प्रेम पत्र देते थे,
अब touchscreen फ़ोन पर टाइप करके भेज देते हैं…..

इश्क़ में ये दुनिया फिर से अँगूठा-छाप
हो गयी”

********

जिंदगी हमारी यूं सितम हो गई
खुशी ना जानें कहां दफन हो गई

*********

लिखी खुदा ने मुहब्बत सबकी तकदीर में
हमारी बारी आई तो स्याही खत्म हो गई

********

ये ना पूछ कितनी शिकायतें हैं तुझसे ऐ ज़िन्दगी,
सिर्फ इतना बता की तेरा कोई और सितम बाक़ी तो नहीं.

********

कभी हक़ीक़त में भी बढ़ाया करो ताल्लुक़ हमसे….
अब ख़्वाबों की मुलाक़ातों से तसल्ली नहीं होती….”

********

“उम्र भर चलते रहे …मगर कंधो पे आये कब्र तक,
बस कुछ कदम के वास्ते गैरों का अहसान हो गया……!!

********

ग़ज़ल लिखी हमने उनके होंठों को चूम कर,
वो ज़िद्द कर के बोले… ‘फिर से सुनाओ’…..!!”

********

मोहब्बत भी उस मोड़ पे पहुँच चुकी है,
कि अब उसको प्यार से भी मेसेज करो,
तो वो पूछती है कितनी पी है?………

**********

बुलंद हो होंसला तो मुठी में हर मुकाम हे,ll
मुश्किले और मुसीबते तो ज़िंदगी में आम हे,ll

ज़िंदा हो तो ताकत रखो बाज़ुओ में लहरो के खिलाफ तैरने कि ,
क्योकि लहरो के साथ बहना तो लाशो का काम हे.

********

जो लोग दिल के अच्छे होते है,..
दिमाग वाले अक्सर उनका जम कर फायदा उठाते है ।।

********

एक बार और देख के आज़ाद कर दे मुझे,
में आज भी तेरी पहली नज़र के कैद में हूँ…!!

********

शुक्रिया मोहब्बत तुने मुझे गम दिया,
वरना शिकायत थी ज़िन्दगी ने जो भी दिया कम दिया…!!

********

रुखसत हुए तेरी गली से हम आज कुछ इस कदर……..
लोगो के मुह पे राम नाम था….
और मेरे दिल में बस तेरा नाम था….

********

तेरे चेहरे पर अश्कों की लकीर बन गयी ,
जो न सोचा था तू वो तक़दीर बन गयी !!.

********

हमने तो फिराई थी रेतो पर उंगलिया ,
मुड़ कर देखा तो तुम्हारी “तस्वीर “बन गयी .!!

********

“बिकता है गम इश्क के बाज़ार में,
लाखों दर्द छुपे होते हैं एक छोटे से इंकार में,

हो जाओ अगर ज़माने से दुखी,
तो स्वागत है हमारी दोस्तीके दरबार में.”

********

क्या रखा है अपनी ज़िँदगी के इस अफ़साने मेँ..

कुछ गुज़र गई अपना बनाने मेँ, कुछ गुज़र गई अपनो को मनाने मेँ..

********

वो इस चाह में रहते है के हम उनको उनसे मांगे,

और हम इस गुरुर में रहते है के हम
अपनी ही चीज़ क्यूँ मांगे…………..

********

उधार के उजाले से चमकने वाले चाँद कि आँखों में चुभता हूँ
जुगनू हूँ थोडा लेकिन खुद का उजाला लेके घूमता हूँ

********

दुश्मन के सितम का खौफ नहीं हमको,
हम तो दोस्तों के रूठ जाने से डरते हैं…

********

“सुना है सब कुछ मिल जाता है ‘दुआ’ से , मिलते हो खुद ? या माँगु तुम्हें ‘खुदा’ से …..!!

********

एक फूल अजीब था,
कभी हमारे भी बहुत करीब था,
जब हम चाहने लगे उसे,
तो पता चला वो किसी दूसरे का नसीब था ।

********

उठाये जो हाथ उन्हें मांगने के लिए,
किस्मत ने कहा, अपनी औकात में रहो।

********

मुझे परिन्दा न समझो यारो ,
मै वो नही जो तूफ़ा में आशियाँ बदल ल

********

अफवाह थी कि मेरी तबियत खराब है,
लोगों ने पूछ पूछ कर बीमार कर दिया…

********

मेने तक़दीर पे यक़ीन करना छोड़ दिया है ___! जब इंसान बदल सकते है तो ये तकदीर क्यो नही __?

********

लोग पूछते हैं की तुम क्यूँ अपनी मोहब्बत का इज़हार नहीं करते,
हमने कहा जो लब्जों में बयां हो जाये
सिर्फ उतना हम किसी से प्यार नहीं करते…!!!

********

मज़हब, दौलत, ज़ात, घराना, सरहद, ग़ैरत, खुद्दारी,
एक मुहब्बत की चादर को, कितने चूहे कुतर गए…

********

जिसको गलत तस्वीर दिखाई, उसको ही बस खुश रख पाया..

जिसके सामने आईना रक्खा, हर शख्स वो मुझसे रूठ गया.

********

लोगों ने पूछा कि कौन है वोह
जो तेरी ये उदास हालत कर गया ??

मैंने मुस्कुरा के कहा उसका नाम
हर किसी के लबों पर अच्छा नहीं लगता …!

********

आंखे कितनी भी छोटी क्यु ना हो,

ताकत तो उसमे सारे आसमान देखने कि होती हॆ…

********

सुनी थी सिर्फ हमने ग़ज़लों में जुदाई की बातें ;
अब खुद पे बीती तो हक़ीक़त का अंदाज़ा हुआ !!

*******

टुकड़े पड़े थे राह में किसी हसीना की तस्वीर के…
लगता है कोई दीवाना आज समझदार हो गया है…!!!!

********

आपकी यादें भी हैं, मेरे बचपन के खिलौनो जैसी ..
तन्हा होते हैं तो इन्हें ले कर बैठ जाते हैं…!

********

किन लफ्ज़ो में बयां करूँ अपने दर्द को सुनने वाले तो बहुत है समझने वाला कोई नहीं

********

सफ़र के इतिहास कि बात न करो ऐ दोस्त बस मुझे अगला कदम रखने के लिए जमीन दो

*********

कौन कहता है मुझे ठेस का एहसास नहीं,
जिंदगी एक उदासी है जो तुम पास नहीं,

मांग कर मैं न पियूं तो यह मेरी खुद्दारी है,
इसका मतलब यह तो नहीं है कि मुझे प्यास नहीं.

*********

न मेरा एक होगा , न तेरा लाख होगा,
तारिफ तेरी ,न मेरा मजाक होगा,

गुरुर न कर शाह-ए-शरीर का,
मेरा भी खाक होगा , तेरा भी खाक होगा

*********

मुहब्बत आजमानी है, तो बस इतना ही काफी है जरा सा रूठ कर देखो, मनाने कोन आता है

*********

“ये वक़्त बेवक़्त मेरे ख्यालों
में आने की आदत छोड़ दो तुम,

कसूर तुम्हारा होता है और
लोग मुझे आवारा समझते हैं”

********

ज़िन्दगी सस्ती है

जीने के ढंग महँगे हैं

********

एक छुपी हुई पहचान रखता हूँ,
बाहर शांत हूँ, अंदर तूफान रखता हूँ,

रख के तराजू में अपने दोस्त की खुशियाँ,
दूसरे पलड़े में मैं अपनी जान रखता हूँ।

********

हर मुलाक़ात पर वक़्त का तकाज़ा हुआ ;
हर याद पे दिल का दर्द ताज़ा हुआ .!

*******

जिंदगी में हद से ज्यादा ख़ुशी और हद से ज्यादा गम का कभी किसी से इज़हार मत करना।

क्योंकि, ये दुनिया बड़ी ज़ालिम है।
हद से ज्यादा ख़ुशी पर ‘नज़र’ और हद से ज्यादा गम पर ‘नमक’ लगाती है।

********

खुदा पर भरोसे का हुनर सिख ले ऐ दोस्त सहारे जितने भी सच्चे हो साथ छोड़ ही जाते है

********

सूरज नहीं डूबा ज़रा सी शाम होने दो”
मैं खुद लौट जाउंगा मुझे नाकाम होने दो”

मुझे बदनाम करने का बहाना ढूँढ़ते हो क्यों
मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले नाम होने
दो..

********

जब तक ना लगे बेवफाई की ठोकर
हर कीसी को अपनी पसंद पे नाझ होता है।

*******

घृणा के घाव से जो लहू टपकता है उससे नफरत
ही पलती है
प्यार के घाव से जो दर्द मिलता है उससे भी राहत मिलती है .

********

हकीकत को हादसे का नाम लेकर खुद को तो संभाल लिया हमने

पर दिल को ख्वाबो से निजात देना इतना भी आसन नहीं है जहामे …

**********

ज़िंदा हो तो ताकत रखो बाज़ुओ में लहरो से लड़ने की,
क्योकि लहरो के साथ बहना तो लाशो का काम है .

**********

गुज़र जायेगी ज़िन्दगी उसके बगैर भी,

वो हसरत-ए-ज़िन्दगी है ….
शर्त-ए-ज़िन्दगी तो नहीं……!!

**********

याददाश्त की दवा बताने में सारी दुनिया लगी है !!!…
तुमसे बन सके तो तुम हमें भूलने की दवा बता दो…!!!

*********

कुछ तो शराफ़त सीख ले, ए इश्क़, शराब से..;

बोतल पे लिखा तो है,मैं जान लेवा हूँ..!!

********

“उनसे क़ह दे कोई जाकर कि हमारी सजा कुछ कम कर दे,
हम पैशे से मुजरिम नहीं हैं बस गलती से इश्क हुआ है।…”

*********

चिराग कोई जलाओ की हो वजूद का एहसास,

इन अँधेरों में मेरा साया भी छोड़ गया मुझको !!!

********

उसके नर्म हाथों से फिसल जाती है चीज़ें अक्सर ….,

मेरा दिल भी लगा है उनके हाथो , खुदा खैर करे …

*********

आरज़ू होनी चाहिए किसी को याद करने की…

लम्हें तो अपने आप ही मिल जाते हैं….

**********

मेरी इबादतों को ऐसे कर कबूल ऐ मेरे खुदा,
के सजदे में मैं झुकूं तो मुझसे जुड़े हर रिश्ते की जिंदगी संवर जाए..!!

********

अब तुझे न सोचू तो, जिस्म टूटने-सा लगता है..

एक वक़्त गुजरा है तेरे नाम का नशा करते~करते !

********

“ना छेड किस्सा-ए-उल्फत, बडी लम्बी कहानी है,
मैं ज़माने से नहीं हारा, किसी की बात मानी है,,,,,,।।

********

रोज तारीख बदलती है,
रोज दिन बदलते हैं…
रोज अपनी उमर भी बदलती है…
रोज समय भी बदलता है…
हमारे नजरिये भी वक्त के साथ बदलते हैं…
बस एक ही चीज है जो नहीं बदलती…
और वो हैं हम खुद और बस ईसी वजह से
हमें लगता है कि अब जमाना बदल गया है!!

********

“शाम खाली है जाम खाली है,ज़िन्दगी यूँ गुज़रने वाली है,
सब लूट लिया तुमने जानेजाँ मेरा,मैने तन्हाई मगर बचा ली है”

********

आग सूरज मैँ होती हैँ जलना जमीन को पडता हैँ,
मोहब्बत निगाहेँ करती हैँ तडपना दिल को पडता हैँ.

********

शायरी इक शरारत भरी शाम है,
हर सुख़न इक छलकता हुआ जाम है,

जब ये प्याले ग़ज़ल के पिए तो लगा मयक़दा तो बिना बात बदनाम है….

********

दोस्ती उन से करो जो निभाना जानते हो,
नफ़रत उन से करो जो भूलना जानते हो,
ग़ुस्सा उन से करो जो मानना जानता हो,
प्यार उनसे करो जो दिल लुटाना जानता हो.

*********

गुलाब की खुशबू भी फीकी लगती है,
कौन सी खूशबू मुझमें बसा गई हो तुम,

जिंदगी है क्या तेरी चाहत के सिवा,
ये कैसा ख्वाब आंखों में दिखा गई हो तुम.

**********

जाम पे जाम पीने से क्या फायदा दोस्तों,
रात को पी हुयी शराब सुबह उतर जाएगी,

अरे पीना है तो दो बूंद बेवफा के पी के देख, सारी उमर नशे में गुज़र जाएगी…..

*********

हुसन पे जब मस्ती छाती है, शायरी पर बहार आती है,
पी के मेहबूब की बदन की शराब, जिन्दगी झूम-झूम जाती है.

*********

दिल की किताब में गुलाब उनका था,
रात की नींद में ख्वाब उनका था,

कितना प्यार करते हो जब हमने पूछा,
मर जायंगे तुम्हारे बिना ये जबाब उनका था.

*********

आंखे है उनकी या है शराब का मेहखना,
देख कर जिनको हो गया हूँ मै दीवाना,

होठ है उनके या है कोई रसीला जाम,
जिनके एहसास की तम्मना मे बीती है मेरी हर शाम.

********

लबो पे आज उनका नाम आ गया,
प्यासे के हाथ में जैसे जाम आ गया,

डोले कदम तो गिरा उनकी बाहों में जाकर,
आज हमारा पीना ही हमारे काम आ गया.

*********

कभी रो के मुस्कुराए , कभी मुस्कुरा के रोए,
जब भी तेरी याद आई तुझे भुला के रोए,

एक तेरा ही तो नाम था जिसे हज़ार बार लिखा,
जितना लिख के खुश हुए उस से ज़यादा मिटा के रोए..

*********

सदियों बाद उस अजनबी से मुलाक़ात हुई, आँखों ही आँखों में चाहत की हर बात हुई,

जाते हुए उसने देखा मुझे चाहत भरी निगाहों से, मेरी भी आँखों से आंसुओं की बरसात हुई.

*******

देख के हमको वो सर झुकाते हैं,
बुला कर महफ़िल में नजरें चुराते हैं,

नफरत हैं तो कह देते हमसे,
गैरों से मिलकर क्यों दिल जलाते हैं..

********

तरक्की की फसल, हम भी काट लेते..!
थोड़े से तलवे, अगर हम भी चाट लेते..!!

*********

किसी साहिल पे जाऊं एक ही आवाज़ आती ह,ै
तुझे रुकना जहाँ है वो किनारा और है कोई!

*********

नींद को आज भी शिकवा है मेरी आँखों से।
मैंने आने न दिया उसको तेरी याद से पहले।

********

जो खानदानी रईस हैं वो, रखते हैं मिजाज़ नर्म अपना..
तुम्हारा लहजा बता रहा है तुम्हारी दौलत नई नई है…

********

शुक्रिया मोहब्बत तुने मुझे गम दिया,
वरना शिकायत थी ज़िन्दगी ने जो भी दिया कम दिया…!!

*********

जब हुई थी मोहब्बत तो लगा किसी अच्छे काम का है सिला।
खबर न थी के गुनाहों कि सजा ऐसे भी मिलती है।

********

क्या खूब मेरे क़त्ल का तरीका तूने इजाद किया..
मर जाऊं हिचकियों से, इस कदर तूने याद किया…..!!

********

कल रात मैंने अपने सारे ग़म कमरे की दीवारों पे लिख डाले ,

बस हम सोते रहे और दीवारें रोती रहीं …

*********

रहे सलामत जिंदगी उनकी, जो मेरी खुशी की फरियाद करते है.

ऐ खुदा उनकी जिंदगी खुशियों से भरदे, जो मुझे याद करने में अपना एक पल बर्बाद करते है…..!!

********

सिर्फ खुशबू रही ,गुलाब नहीं |

तेरी यादों का भी जवाब नहीं ||

********

“संग ए मरमर से तराशा खुदा ने तेरे बदन को,

बाकी जो पत्थर बचा उससे तेरा दिल बना दिया .

********

क्या हुआ अगर जिंदगी में हम तन्हा है ???
लेकिन इतनी अहमियत तो दोस्तो में बना ही ली है कि…मेला लग जायेगा उस दिन शमशान में,
जिस दिन मैँ चला जाँऊगा आसमान में !!

********

मोहब्बत की राहों में सिर्फ गम ही गम नहीं है,
हर प्यारकरनेवाले की आँखे नम नहीं है,

प्यार तो सिर्फ नाम से बदनाम है,
वरना प्यार में मिलनेवाली खुशिया भी कुछ कम नहीं है

*******

जब भी देखा मेरे कीरदार पे धब्बा कोई
देर तक बैठ के तन्हाई में रोया कोई

**********

नज़रों को नज़रों की कमी नही होती,
फूलों को बहारों की कमी नही होती,

फीर क्यू हमे याद करोंगे आप, आप तो आसमान हो और आसमान को सीतारों की कमी नही होती.

********

नब्ज़ मेरी देखी और… बीमार लिख दिया,
रोग मेरा उसने… दोस्तों का प्यार लिख दिया,

क़र्ज़दार रहेंगे उम्र भर हम उस हकीम के,
जिसने दवा में दोस्तों का साथ लिख दिया !!!

********

जिसे मौका मिलता है पीता जरुर है,
दोस्त,
जाने क्या मिठास है गरीब के खून में ..!!

********

ले रहे थे मोहब्बत के बाज़ार में इश्क की चादर…
लोगो ने आवाज़ दी कफन भी ले लो…

********

कितने मसरूफ़ हैं हम जिंदगी की कशमकश में…
इबादत भी जल्दी में करते हैं फिर से गुनाह करने के लिए…

********

इश्क करने चला है तो कुछ अदब भी सीख लेना, ए दोस्त

इसमें हँसते साथ है पर रोना अकेले ही पड़ता है.

********

जब आपका नाम ज़ुबान पर आता है, पता नही दील क्यों मुस्कुराता है,

तसल्ली होती है हमारे दील को,की चलो कोई तो है अपना, जो हर वक़्त याद आता है.

********

बैठ जाता हूं मिट्टी पे अक्सर…
क्योंकि मुझे अपनी औकात अच्छी लगती है….

********

थक गया हूँ मै, खुद को साबित करते करते, दोस्तों..
मेरे तरीके गलत हो सकते हैं, लेकिन इरादे नहीं…!!!

********

दिल के सागर मे लहरे उठाया ना करो,
ख्वाब बनकर नींद चुराया ना करो,

बहुत चोट लगती है मेरे दिल को,
तुम ख्वाबो में आ कर यू तडपाया ना करो….

*********

कैसे मुमकिन था किसी दाक्तर से इलाज करना

अरे दोस्त…. इश्क का रोग था…

मम्मी के चप्पल से ही आराम आया….

********

समुन्दर से कह दो, अपनी लहरों को समेट के रखे,
ज़िन्दगी में तूफान लाने के लिए, घरवाली ही काफी है….!!

********

तलाश है इक ऐसे शक्स की , जो आँखो मे उस वक्त दर्द देख ले,
जब दुनियाँ हमसे कहती है, क्या यार तुम हमेशा हँसते ही रहते हो..

*********

मज़बूरियाँ थी उनकी…और जुदा हम हुए
तब भी कहते है वो….कि बेवफ़ा हम हुए…..

********

छोड़ दो किसी से वफ़ा की आस,
ए दोस्त
जो रुला सकता है, वो भुला भी सकता है.!

*******

मुझे रिश्तो की लम्बी कतारो से मतलब नही,
ए – दोस्त
कोई दिल से हो मेरा तो बस इक शक्स ही काफी है….

********

तेरे डिब्बे की वो दो रोटियाँ…कहीं बिकती नहीं..

माँ, महंगे होटलों में आज भी.. भूख मिटती नहीं….

********

ये भी एक तमाशा है बाज़ार-ए-उलफत मेँ गालिब…॥
दिल किसी का होता है और बस किसी का चलता है…॥

********

तुम दूर हो मगर यह एहसास होता है,
कोई है जो हर पल दिल के पास होता है,

याद तो सबकी आती है,
मगर तुम्हारी याद का अंदाज़ बहुत ख़ास होता है

********

तेरे हुस्न को परदे की ज़रुरत ही क्या है,,
कौन होश में रहता है तुझे देखने के बाद…

*******

जिन्दगी की उलझनों ने; कम कर दी हमारी शरारते;

और लोग समझते हैं कि; हम समझदार हो गये…..!!

********

इतना जलाने के बाद भी, वो ज़ालिम धुआं ढूंढते हे ,
“निकलते हे आंसू कहाँ से इतने”?,पूछकर, कुआं ढूंढते हे…

*********

गम इस कदर मिला कि घबराकर पी गए हम,
खुशी थोड़ी सी मिली, उसे खुश होकर पी गए हम,

यूं तो ना थे हम पीने के आदी, शराब को तन्हा देखा, तो तरस खाकर पी गए हम..

*******

जाने कभी गुलाब लगती हे जाने कभी शबाब लगती हे
तेरी आखें ही हमें बहारों का ख्बाब लगती हैं..

मैं पिए रहुं या न पिए रहुं, लड़खड़ाकर ही चलता हु..
क्योकि तेरी गली कि हवा ही मुझे शराब लगती हैं….

********

तू मुझे ओर मैं तुझे इल्ज़ाम देते हैं मगर,
अपने अंदर झाँकता तू भी नही, मैं भी नही… !!

********

ख़ुशी मेरी तलाश में दिन रात यूँ ही भटकती रही….
कभी उसे मेरा घर ना मिला कभी उसे हम घर ना मिले….!!

********

क्यूँ शर्मिंदा करते हो रोज, हाल हमारा पूँछ कर ,
हाल हमारा वही है जो तुमने बना रखा है…

*******

सोचा था की ख़ुदा के सिवा मुझे कोई बर्बाद कर नही सकता…

फिर उनकी मोहब्बत ने मेरे सारे वहम तोड़ दिए…….

********

खुदा का शुक्र है कि उसने ख्वाब बना दिये वर्ना

तुझसे मिलने कि तमन्ना कभी पूरी नहीं होती

********

मयखाने बंद कर दे चाहे
लाख दुनिया वाले ,,,

लेकिन!!!!!

शहर में कम नही है,
निगाहों से पिलाने वाले !!!…

*******

यही सोच के रुक जाता हूँ मैं आते-आते,
फरेब बहुत है यहाँ चाहने वालों की महफ़िल में।

********

सब कुछ मिला सुकून की दौलत ना मिली,
एक तुझको भूल जाने की मोहलत ना मिली,

करने को बहुत काम थे अपने लिए,
मगर हमको तेरे ख्याल से फुर्सत ना मिली..

********

ख़याल आया तो आपका आया,
आँखे बंद की तो ख्वाब आपका आया,

सोचा कि याद क रलूँ खुदा को पल दो पल,
पर होंठ खुले तो नाम आपका आया.

********

कभी वादे भी तोड़ लिया करो तुम,

जरा रूठने का तज़ुर्बा हासिल हो जाए..

********

तुम से बिछड के फर्क बस इतना हुआ..
तेरा गया कुछ नहीँ
और मेरा रहा कुछ नहीँ..

*********

हमारी तडप तो कुछ भी नहीं है हुजुर..
सुना है कि आपके दिदार के लिए तो आइना भी तरसता है…

********

आये हो जो आँखों में कुछ देर ठहर जाओ,
एक उम्र गुजरती है एक ख्वाब सजाने में !!!

********

वो जो कहता___तुम न मिले तो मर जाएंगे हम…
वो आज भी जिन्दा है,,,ये बात किसी और से कहने के लिए…

********

सुना हे, वोह जब मायुश होते हे, हमे बहोत याद करते हे

अये खुदा, अब तुहि बता, उसकी खुशी की दुआ करु या मायुशि कि!!!

********

रंगो की बात न करो दोस्तो….!
मैने लोगो को रंग बदलते देखा है !!..

*******

किसी ने आँख भी खोली तो सोने की नगरी में,

किसी को घर बनाने में ज़माने बीत जाते हैं।

********

जमाने के लिए आज होली है …..

मुझे तो तेरी यादे रोज रंग देती है..!!

********

जिंदगी जब किसी दो राह पर आती हैं
एक अजीब सी कशमकश में पड जाती हैं

चुनते हैं हम किसी एक राह को
पर दुसरी राह जिंदगी भर याद आती हैं

*********

पहले मैं होशियार था, इसलिए दुनिया बदलने चला था।
आज मैं समझदार हूँ, इसलिए खुद को बदल रहा हूँ

********

युं खामखा न करो रंगों को मुजपे बरबाद दोस्तो…
हम तो पहले से ही रंगे हुऐ है इश्कमें…..

*******

थक सा गया हूँ , खुद को सही साबित करते करते ,
खुदा गलत हो सकता है , मगर मेरी मुहब्बत नहीं ………..

*********

यादों में तुम, ख्वाबों में तुम
आँखों में तुम, दिल में तुम
याद करें भी तो कैसे करें दोस्त तुझको
जिसे भुला ना पायें वो ही शक्स हो तुम…..

*******

खुदा ने कहा दोस्ती न कर, दोस्तो की भीड मेँ तू खो जाएगा

मैने कहा

कभी जमीन पर आकर मेरे दोस्तो से तो मिल, तू भी उपर जाना भूल जाएगा.

*******

हंसने के बाद क्यों रुलाती है दुनियां,
जाने के बाद क्यों भुला देती है ये दुनियां,

जिंदगी में क्या कोई कसर बाकी थी,
जो मरने के बाद भी जला देती है ये दुनियां.

********

खूबियाँ इतनी तो नही हम मे, कि तुम्हे कभी याद आएँगे,
पर इतना तो ऐतबार है हमे खुद पर, आप हमे कभी भूल नही पाएँगे..

*******

हर् स्कूल में लिखा होता है,असूल तोडना मना है …..!!
हर बाग में लिखा होता है ,फूल तोडना मना है ..!!
हर खेल मैं लिखा होता है ,रूल तोडना मना है ..!!
.
.
काश ..!!
.
.
मोहब्बत और दोस्ती मैं भी लिखा होता की ..,
किसी का दिल तोडना मना है ..!

********

वो बार बार पूछती है कि क्या है मौहब्बत ??

अब क्या बताऊं उसे कि उसका पूछना और मेरा न बता पाना ही मौहब्बत है !

*********

क़यामत टूट पड़ती है ज़रा से होंठ हिलने पर,

जाने क्या हस्र होगा जब वो खुलकर मुस्कुरायेंगे!!!!!

********

हथियार तो सिर्फ शौक के लिए रखा करते है,

वरना किसी के मन में खौंफ पेदा करने के लिए तो बस नाम ही काफी हे.

*******

आंखे भी संभाल कर बंद करना ऐ दोस्तो,

पलको के बीच भी, सपने तुट जाया करते है…!

********

दो लब्ज लीखने का सलीका ना था,

उसके प्यार ने मुजे शायर बना दीया…!

********

कैसे करूं मुकदमा उस पर उसकी बेवफाई का…

कमबख्त ये दिल भी उसी का वकील निकला…!!

*********

ये जुदाई मुझे प्यारी है..की इसमे एहसास तुम्हारा है

ये वक्त अकेले रह कर भी..तेरे संग गुज़ारा है !

********

जब लगा था तीर तब इतना दर्द न हुआ..

ज़ख्म का एहसास तब हुआ जब कमान देखी अपनों के हाथ में…!!

********

जिंदगी कटेगी चैन से, कोई मुरिद ना रखें,
हा, अपने आंसुओ का कोई चस्मदीद ना रखें…

********

मै झुकता हूँ हमेशा आँसमा बन के …

जानता हूँ कि ज़मीन को उठने की आदत नही…….

********

हमें अंधेरों ने इस कदर घेरा कि
उजालों की पहचान ही खो गयी,
तक़दीर ने हमें इस कदर मारा कि
अपनों की पहचान ही खो गयी,
कोशिशों का हमनें कभी दामन न छोड़ा
पर लगता है हमारी किस्मत ही सो गयी..

*********

घड़ा सर पर रख कर पानी बड़ी दूर से लाती है,
माँ की होली तो रोज होती है,वो रोज भीग जाती है।

********

सूरज ढला तो कद से ऊँचे हो गए साये……

सूरज ढला तो कद से ऊँचे हो गए साये……

कभी इन्ही परछाईयो को पैरों से रौंदते हम गए….

*******

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ટૅગ્સ:

હેપ્પી હોળી


જીવનયાત્રા માં આવતા અનેક ઉત્સવો જે સમયાંતરે આપણા જીવનમાં અનેક રંગોના રૂપક દ્વારા ઘણું બધું શીખવે છે,અહી કયો રંગ શાનું પ્રતિક છે કે શું શીખવે છે તે મારે કહેવું નથી, પણ કોઈ પણ રંગ તેના અનન્ય અને આગવા અસ્તિત્વથી  એટલું તો ચોક્કસ શીખવે છે કે જો રંગોળી બનાવવી હોય તો બધા જ રંગો હોય તો મેઘધનુશી મનભાવક રંગોળી બને ,તેમાં આપણને ગમતા એક માત્ર કે એક- બે રંગથી રંગોળી બને તે બધાજ રંગોથી બનેલ રંગોળી જેવી મનભાવક નથી હોતી…!, તેમ  જ આપણા જીવનનું છે જીવનમાં સુખ-દુ:ખ, સફળતા- નિષ્ફળતા  અને પળે પળે પડકારો  ને સંઘર્ષ જેવા બહુવિધ રંગોથી જ ખરી “જીવન રંગોળી” રચાય છે  નહિ કે માત્ર સુખ,સંપતિ કે સલામતી જેવા એકલદોકલ રંગોની રંગોળીથી…!! આમ, જીવનને સાચી રીતે માણવા બધા જ અને બધી જ પ્રકારના રંગો જરૂરી છે..આવો, રંગોના આ રંગીન પર્વને આવા કૈંક નોખા ને અનોખા મર્મથી ઉજવીએ… “હોળી મુબારક”….

 
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Posted by on માર્ચ 16, 2014 માં SELF / स्वयं

 

ટૅગ્સ:

Shayri part 6


Us Ne Kaha K Khawab Mein Aane Ka Waqt Do…!!

Main Ne Kaha K Neend Ka Mausam Guzar Gaya…!!

********

Bhool Jaaun To Jee Nahin Sakta….!!

Yaad Aatay Ho To Dam Nikalta Hai…!!

********

Agar Meri Hasti Bhi Mit Jaaye Toh Zara Gum Nahi,

Bus Do Pal Aankh Mein Saja Lo Kaajal Ki Tarah…

*******

Mohabbat Zindgi Ke Faislon Se Lad Nahi Sakti…

Kisi Ko Khona Padta He Or Kisi Ka
Hona Padta he,,,!

********

Tumhari Aarzoo Ki Hai’ Kabhi Maanga Hai Jo Rab Se…!!

Mere Honton Per Rahte Ho’ Meri Jaan Tum Dua Ban Ke…!!

*********

Sunsaan rahon per..mujhe dekh muh fer liya unhone

shukr hai…!! Mere chehre ki pehchan abhi baki hai….

********

Mukhtasar si baat hai ki tere bina,

Zindagi ki, samajh nahi aati…..

*********

Agar mohabbat ki hadh nahin koi,

Dard ka hisaab kyun rakhoon ?????

**********

MaloOm Bhi Hai K Aisaa Mumkin
He Nahi…!!!

Phir Bhi Hasrat Rehti Hai K Tum Yaad Kro Ge…!!!!!

********

Doobi hain meri ungliyaan khud apne lahu mei ,

Yeh kaanch ke tukdon ko uthaney ki sazaa hai..

*********

Tum agar khwab ho…

To nind hume bhi bahut gaheri aati he…

*********

Aik naatak hai zindagi jis mein..

Aah ki jaaye, Waah ki jaaye…

********

Khawahishon ka kafila bhi ajeeb hi hai,

Aksar wahin se guzarta hai jahan rasta na ho…

********

Wo kehta tha tere jism ka saya hoon me..

Shayad isi liye andheron me sath chhor gaya.!

********

Wo mera sab kuch hi hai bas mukddar nahi,,

Kash……..

Wo mera kuch bhi nahi hota sirf mukddar hota”’!

*********

Kafee aansu baha diye hai is chaar din ki mohabat mein…

Sajde mein bahate to aaj gunahoan se paak hote ….

*********

Mat haso tum jab Kisi ko dard me tadpta dekho…

Kon jane ke mohabbat ke agle shikar tum hi ban jao…

*********

Usne ek din kaha tha, ki zindagi bhar saaath nibhayenge….

Maine yeh bhi nahi pucha ke mohobat ke sath, ya yaadon ke sath……

********

Laon Ga Kahan Se Main Judai Ka Hosla,,,

Kyun Iss Qadar Qareeb Mere Aa Gaye Ho Tum….?

*******

Wahan tak saath chalte hain jahan tak saath mumkin ho,

jahan halat badlenge wahan tum bhi badal jana…

********

Tere Bina Kaise Meri Guzarengi Ye Raatein, Tanhai Ka Gam Kaise Sahengi Ye Raatein, Bohat Lambi Hai Ye Ghadiyan Intezaar Ki, Karwat Badal-Badal Kar Katengi Ye Raatein.

**********

Nigah Utha K Wo Dekhe’n Kbhi Jo Meri Taraf..

Wo Hi Ek Nigah Meri Kainaat Hoti Hai…

*********

Ye Meri Majburiyo ko Meri Badkismati Mat Samajhna,
.
.
Qki Hum Un Rahon Par Se bhi Guzre he Jahan Kismat To Dur Saaya bhi Sath Ni deta…!!

*********

Har baat samjhane ke liye nahi hoti,
Zindagi aksar kuch paane ke liye
nahi hoti,

Yaad aksar aati hai aapki,
Par har yaad jatane ke liye nahi
hoti…………

*********

Tere rone se unke dil par kuch asar na hoga,

Haseen log aksar be-dard huwa karte hain….

********

Khuda Ne Mujhse Kaha, Ishq Na Kar Tu Deewana Ho Jayega,

Maine Kaha Aey Khuda, Tu un Se To Mil, Tujhe Bhi Ishq Ho Jayega.

********

Meri Tanhai ka mujhe gila nahi, Kya hua jab koi mujhe mila nahi, Phir bhi dua karenge aapke liye, Aap ko wo sab mile jo hame mila nahi.

********

Khuda Ne Mujhse Kaha:
“Tu Chahe Lakh Sajde Kar”…
Na wo Teri Thi Na Hai Aur Na Hi
Hogi. .
.
.
Humne Bhi Dil Se Kaha:
“Aye Khuda..
Wo Meri Ho Chahe Na Ho…
..
Mujhe To Usi Se Ishq Tha..
Usi Se Ishq Hai.
Aur
Usi Se Ishq Rahega…

********

Na sawaal banke mila karo,
Na jawaab banke mila karo,
Meri zindagi mera khwaab hai,
Mujhe khwaab banke mila karo…

*********

Mithi si yaade dekar chale gaye, dil hamara sath lekar chale gaye,
sari mehfil dekhti reh gayi vo mast aankho se pilakar chale gaye…

*********

Log aksar kehte hai Humse ki…..

“Ab Aap Badal Gae Ho”

Hum bhi Has Pade ye Sochkar ki…..

“Toote Hue Patto Ke Rang Aksar
Badal Hi Jaya Karta Hai….

********

Uske Dilme Thodi Si Jagah Maangi Thi..

Musaafiro Ki Tarah.. Usne Tanhaaiyo Ka Ek Shaher Mere Naam Kar Diya……

********

Itna Betaab Na Ho, Mujhse Bichaadne Ke Liye ,

Zaraa Thair Ja.

Tujhe Sirf Ankho Se Hi Nahi Dil se Bhi Juda Karna Hai…

*********

Mali gayu hatu ema Ek Prem nu tipu…

Etle me jindagi ni badhiii kadvaahat pee lidhii….

*********

Ho Joh Mumkin Toh Apna Bana Lo Tum..

Meri Tanhai Gawah Hai Mera Apna koi Nahi.

*********

Hum Toh Aagaaze Mohabbat Main Hi Loot Gaye,

Aur Log Kehte Hai Ki Anjaam Bura Hota Hai…..

**********

Yeh Hi Sochkar Un Ki Har Baat Ko Sach Mana Hai,

Ke Itne Khoobsurat Lab Jhoot Kaise Bolenge..

*********

Badi Ajeeb Hai Nadaan DiL Ki Khwahish Ya Rab…!!

Amal Kuch Nahi Aur DiL Talabgar Hai Jannat Ka…!!

*********

Lehaze Ishq Na Hota To Tujh Se Ranjishien Hoti..!!

Shikayat Sirf Itni Ha, K Tu Samjha Nahi Mujhy..!!

*********

Kisi ki bhi Zindagi waisi nahi chalti jaise Sapne wo dekhta hai…

Fir bhi ye Sapne hi Zindagi ka Sara Safar tay krwa dete hai..!

*********

Tere saath na hone ka gham nahin mujhe….

bas darr hain ke….kahin ab akelepan se hi pyar na ho jaaye…

*********

Wafai kya cheez hai tab samajh aayi Jab kisse bewafa se dil laga baithe…

*******

Ye Naa Puch Main Sharabi Q Huaa.?? Buss Yun Samjh Le,

!!..Ghamon Ke Bojh Se, Nashe Ki Bottle Sasti Lgi….!!

********

Socha tha chain se soyenge kabar me ……..!

Par yaha bhi teri yaad satati hai ………!

*********

Palken to zamane se band hai ………!

Lekin aankhe aaj bhi tere sapne sajati hai….

*******

Kisi khoobsurat ladki ki aankh mai nahi jakhte..

Wo barbaad ker deti hai…..

********

Bas ek shaks mere dil ki zid hai ….

Na uss jaisa chahiy na koi orr chahiye….

********

Lagta Hai Iss Baras Mohabbat Ho Hi Jaye Gi,

Mainee Khawab Main Khud Ko Martay Dekha Hai….

**********

Ujaale apni yaadon ke hamare saath rehne do..

Na jaane zindagi ki kis gali mein shaam ho jaaye.

********

Wo dard hi kya jo mit jaye ,

wo pyar hi kya jo mil ke bichad jaye…..

*********

Chalo Baant Lete Hein Kuch
Is Tarah Se Duniya Saari . . .

Chalo Sab Kuch Tum Rakh Lo,
Ek Bus Tum Hamaare . .

*********

‘Rishte’ or ‘Raaste’ ke beech ek ajeeb rishta hota hai..

Kabhi Rishton se raaste mil jate hai,,
Aur
Kabhi raasto me Rishte ban jate hai..

*********

Teri Aahat hai, Muskurahat hai..Kuch aur nhi ye chahat hai

Naino se Naino ko tak ke fir tumhe Najre churane ki Adat hai.

********

Palko Mai Aansu Aur Dil mai Dard Soya hai

Hasne Walo ko kya Pata Rone wala kis kadar Roya hai…

*********

Ye To Bas Wohi Jan Sakta hai Meri Tanhai Ka Alam

jisne Zindgi mai kisi ko Pane se Pehle khoya hai

*******

Aakhir girte huye Aansu ne mujhse bol hi diya
ki
Nikal diya na mujhe uske liye jiske liye tu KUCH BHI NHi…..

********

Mat raho dur hum se Itna ki apne faisle par afsos ho jaye..

Kal ko kya pata aise ho mulaqat humari..Ki Aap roye lipat kar humse, Aur hum khamosh ho jaye..

********

Jashn e zindagi mein haste sabhi hai lekin..

jigar chahiye tanhaiyo me muskurane ka…

********

Diye jate ho Jo ye dhamki gaya to fir na aaunga …………………….

kahan se aaoge pehle meri chahat se jakar dikhao to……….

********

Hum is kabil to nahi ke koi humein apna samjhega,

Lekin itna to yaqeen hai koi royega boho0at hume kho dene ke baad.

*********

Jis ke liye sab kuch luta diya humne,
wo kehte hai unko bhula diya humne,

*********

Gaye the hum unke aansu pochne,

ilzam de diya ki unko rula diya humne..!!

**********

Akhir do gaz zameen mil hi gayi mujhe..

Marne ke baad mai bhi zamindar ho gaya…

*******

Jaadu mere liye sirf ek lafz tha

jab tak tumhe dekha nahi tha…

********

Aankhein Hi Bayan Karti Hain Dil Mein Chupe Raaz

Phir Kyun Tumhen Yaqeen Meri In Anko pe Nahi he!!!!

********

Chote Se Dil Mein Kis Kis Ko Jagah Dun Yaa Rab…..

Gham Rahe Fariyaad Rahe
Ya Uski Yaad Rahe…..

*********

Riwaaz to yahi hain duniya ka..mil jaana aur bichhad jaana..

Tumse yeh kaisa rishta hain..na milte ho na bichhadte ho.??

********

Khaali Nahi Raha Kabhi Aankhon Ka Ye Makaan…..

Sab Ashq Beh Gaye To Udaasi Thehar Gayi….

********

Us Fiza Mein Bhi Jalta Raha
Mein Kisi Ke Liye…..

Jaha Charaag Bhi Taraste They Roshni Ke Liye….

*********

Rakh de mere Hontho pe apne Honth kuch iss tarah…

Yaa teri pyaas bujh jae yaa meri saans ruk jaye…

********

Sabanami hontho ki garmi de na paayegi sukun..

Pet ke bhugol me uljhe huye insaan ko…

*******

Har Eik K Naam Par Ye Nahi Rukti ,,,,, ,

Dhadknein Boht Ba Aasool Hoti Hein,,,,

********

Mai To Chirag Hu Tere Aashiyane Ka ….
Kabhi Na Kabhi To Bujh Jaunga …. !!

Aaj Shikayat Hai Tujhe Mere Ujaale Se ….
Kal Andhere Mein Bahot Yaad Aaunga…

********

Uss Ke Na Hone Se Kuch bhi Nahi Badla Bas Pehle Jahan Dil Hota Tha, Ab Wahan Dard Hota hai..

*********

Qayamat hai yun tera ban sanwar ke aana….

Humari toh chhodo aaine pe kya guzarti hogi…

**********

Hum paas rahen ya door,
Par dil se dil ko mila sakte hain,

Na khat na lafz ke mohtaz hai hum,
Ek hichki se apke dil ko hila sakte hain hum…

********

Mohabbat nahi hoti gehri saath umar guzarne se,

Dilon ke ehsaas mein ek pal hi kafi hai umar jeene ke liye….!!!

*********

Mat karo pyar kisi se phoolon ki taraha, Phool to pal mae Murjha jaate hai,

Pyar karo to karo Kaaton ki taraha, Jo Chubhne ke baad bi Yaad Aate hain !!

********

Pyar karna koi gunah nhi hota
pyar se pyara koi jzba nhi hota
Pyar ka rista isliye 6upana padta he
Kyuki sacchha pyar logo se bardasht nhi hota..

********

Me gaalib aur faraaz nahi jo baya karu lafzo me
kaha alfaaz ka vazan aur kaha mere yaar ka husn…

********

Ham na samaje, teri nazaro ka takaaza kya hei

Kabhi paradaa, kabhi jalvaa, ye tamaasa kya hei….!

*********

Log kehte hai ke woh zinda hai,
Lekin kya saans lena zindagi hai..?

*********

Mahobat me meri, suqun bhi suqun kya hei,
yaar ki yaado se puchho, mera zunun kya hei… !!!

********

Mahobat ki gulaami se muje aazaad kiya..

Apni yaado ki zanzeero girftaar kar ke….

********

Mil gai hame tarkib jeene ki

De di usane vazah peene ki..

********

Pyase jab bhi paani paani karte hei,

Dariya waale aana-kaani karte hei..

*********

Tuje chaahne ka mera andaaz bhi tune diya,

tere gam me pine ka maahoul bhi tune kiya…

********

Mei sach kahunga, fir bhi haar jaaunga
Wo jhuth bolega aur laajawaab kar dega

********

Taras gaye apke deedar ko,
phir bhi dil aap hi ko yaad karta hai,

humse khusnaseeb to apke ghar ka aaina hai,
jo har roz apke husn ka deedar karta hai…

********

Meri khaamosi ka koi mol nahi….

teri zidd ki kimmat jyaada hai…

*******

Aaya tha sakhs mere dard ko baant ne…

Rukhsat hue to wo apane gam de gaya…

********

Phir Janay Hum Milein Na Milein, Zara Ruko…

Main Dil K Aainay Mein Ye Manzar Samait Loon. .

*********

Jo pura na ho saka wo kissa hu mei…

chhuta hua hi sahi, tera hissa hu mei…

********

Itne zaalim na bano, kuch to murawat seekho

Marte hain tum par to kya, Maar hi daaloge ?

********

Waqt bura ho to. Kuch kam nahi aata,,,

Fir kya naseeb. kya kismat. Or kya haath ki lakeerein…!!!!

********

Zakham kharid laaya hu mei baazar-e-dard se…

Dil zid kar raha hei, muje mahobat hi chahiye…

*******

Jab se bana diya tuje maine apana khuda,

Jannat ka pata log mujse puchh ne lage.

********

Lagi hei pyaas, chalo ret nichodi jaaye

apne hisse me samandar nahi aane wala…

*********

Ek tanhaayi dusari dhadkan

shayari meri tisari saheli hei..

*********

Ae khuda.. tu roj mere gunaah gina karta hei…

muje aane de, teri naainsaafiyo ka hisaab karunga..

********

Chhodo, bhikharne dete hei zindagi ko…

aakhir.. sametne ki bhi hadd hoti hei..!

********

Wo muskurana tera aur mera sare gum bhul jana.

Bahot yaad aata hei shararat bhara wo afsana tera.

********

Ek chehra aaj mere samne se gujar gaya,

Lagta hei aaj to chand din me hi nikal gaya !!!

********

Mahobat kya hei, chalo do lafzo me batate hei

tera mazboor kar dena, mera mazboor ho jaana..

********

Bahot ajeeb hei tere baad ki ye barsaate…

Ham akshar bandh kamro me bhig jaate hei…

*******

Kitaabo ki tarah bahot alfaaz hei muj me

Aur kitaabo ki tarah hi khamos rahta hu mei

*******

Teri aadat se itni aadat ho gayi hei,

E khuda lagta hei muje mahobbat ho gayi hei .

********

Wo juthe wade hazar karte hei,

Par hum yakeen bar bar karte hei.

********

E jindagi ab tu hi ruth ja mujse,

Ye ruthe hue log mujse manaye nahi jate.

*********

Ya khuda “dil” to tudva diya tumne ishq ke chakkar me

kam se kam “leaver” to sambhaalna daaru pine ke liye..!!!

*********

Bada ajeeb hei ye tera ishq bhi jaana..

me hath jodta hu, ye peir pad jata hei…

*********

Khud Me Hum Kuch Is Tarah Kho Jate Hai, Sonchte Hai Aapko To Aapke Hi Ho Jaate Hai,

Nind Nahi Aati Raton Me Par,
Aapko Khwab Me Dekhne Ke Liye So Jate Hai.

*********

Reh na paoge bhula kar dekh lo,
Yakin na aaye to aajma kar dekh lo,

Har jagah mehsus hogi meri kami,
Apni mehfil ko kitna bhi saja kar dekh lo…

*********

Teri Aarzoo Mera Khwab Hai,

Jiska Raasta Bahut Kharab Hai,

*******

Mere Zakhm Ka Andaza Na Lga,

DiL Ka Har Panna Dard Ki Kitab Hai.!!

*********

Luta hei bahot tumne, ab ye na maang mujse..

Tu jaam vapas de ya me botal muh se lagaau…

*********

Je nazar ma hu nathi e ankho mathi bas..

Ek vaar anshu bani vahi java ichchu chu………

********

Savar pade 6 tane yad kari ne,

Pankhio tara nam no kalbalaat kare 6..

*********

Aansu na hote to aankh itni haseen na hoti,
Dard na hota to khushiyo kya hoti,

Puri karte khuda yuhi sab muraade,
To ibadat ki kabhi zarurat na hoti.

*********

Jab dil ke darwaaze par ek khoobsurat dost ne dastak di,

Tab dil ne kaha Kaash kuch saal pehle mile hote….

********

Mout Pe Bhi Mujhe Yakeen Hai,
Tum Per Bhi Aitabar Hai

Dekhna Hai Pehle Kon Aata Hai
..
Humein Dono Ka Intizar Hai.

*******

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Shayri part 5


रास्ते कहाँ ख़त्म होते हैं जीन्दगी के सफ़र में,

मंजील तो वहीँ है जहां ख्वाहिशे थम जाए !

********

कितना कुछ जानता होगा वो सख्श मेरे बारे में;

मेरे मुस्कुराने पर भी जिसने पूछ लिया कि तुम
उदास क्यूँ हो ?

********

जी भरके रोते है तो करार मिलता है,
इस जहां मे कहां सबको प्यार मिलता है,

जिंदगी गुजर जाती है इम्तिहानो के दौर से,
एक जख्म भरता है तो दूसरा तैयार मिलता है

********

हिम्मत इतनी तो नहीं मुझमे के तुझे दुनिया से छीन लूँ ,

लेकिन मेरे दिल से कोई तुझे निकाले,
इतना हक तो मैंने खुद को भी नहीं दिया..

********

तनहाई ले जाती है जहाँ तक याद तुम्हारी,
वहीँ से शुरू होती है जिंदगी हमारी,
नहीं सोचा था हम चाहेंगे तुम्हें इस कदर,
पर अब तो बन गए हो तुम किसमत हमारी.

********

चूम कर कफ़न में लिपटें मेरे चेहरे को, उसने
तड़प के कहा….
.
.
नए कपड़े क्या पहन लिए, हमें देखते
भी नहीं’…

********

जाते जाते उसने पलटकर इतना ही कहा मुझसे

मेरी बेवफाई से ही मर जाओगे या मार के जाऊँ”

********

जुल्फों को फैला कर जब कोई महबूबा किसी आशिक की कब्र पर रोती है …

तब महसूस होता है कि मौत भी कितनी हसीं होती हे….

********

तेरी मुहब्बत भी किराये के घर की तरह
थी…..

कितना भी सजाया पर मेरी नहीं हुई….

*********

यहाँ हजारों शायर है जो तख़्त बदलने निकले है,

कुछ मेरे जैसे पागल है जो वक़्त बदलने निकले है,…..

********

एक हमारआँखे है जो सब कुछ बयां कर जाती है…

और एक कम्बखत आपकी हसी है जो बहोत कुछ छुपा लेती है…

********

नर्म लफ़्ज़ों से भी लग जाती है चोटें अक्सर,
रिश्ते निभाना बड़ा नाज़ुक सा हुनर होता है…….
मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं,
पर सुना है सादगी मे लोग जीने नहीं देते।

********

नाकाम मोहब्बतें भी बड़े काम की होती हैं
दिल मिले ना मिले नाम मिल जाता है..!

********

“तारीख हज़ार साल में बस इतनी सी बदली है,…
तब दौर पत्थर का था अब लोग पत्थर के हैं”….

*******

उनके लिए जब हमने भटकना छोड़ दिया,
याद में उनकी जब तड़पना छोड़ दिया,
वो रोये बहुत आकर तब हमारे पास,
जब हमारे दिल ने धडकना छोड़ दिया.

********

वो दिल ही क्या जो वफ़ा ना करे,
तुझे भूल कर जिएं कभी खुदा ना करे,
रहेगी तेरी दोस्ती मेरी जिंदगी बन कर,
वो बात और है, अगर जिंदगी वफ़ा ना करे.

*******

” कितनी झुठी होती है, मोहब्बत की कस्मेँ….।”

देखो तुम भी जिन्दा हो, मैँ भी जिन्दा हूँ….॥

*******

अमीर होता तो बाज़ार से खरीद लाता नकली…
गरीब हूँ इसलीये दील असली दे रहा हु….

********

मेरा कारनामा-ए-जिंदगी, मेरी हसरतों के सिवा कुछ नहीं,

ये किया नहीं,वो हुआ नहीं,ये मिला नहीं,वो रहा नहीं.

*******

वो शायद मतलब से मिलते हैं,
मुझे तो मिलने से मतलब है.!

*******

“अपनों को याद करना प्यार हैं,
गैरों का साथ देना संस्कार हैं,
दुश्मनो को माफ करना उपकार हैं,
और आप जैसे दोस्तों को परेसान करना जन्मसिद्ध अधिकार हैं.”

********

हवा के साथ उड़ गया घर इस परिंदे का,
कैसे बना था घोसला वो तूफान क्या जाने !

*******

तुमने कहा था आँख भर के देख लिया करो मुझे,
मगर अब आँख भर आती है तुम नजर नही आते हो।

********

उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा ???

दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है !!!

*******

चंद लम्हे जो मुलाक़ात के मिलते हैं कभी,

वो भी अक्सर अदब आदाब में खो जाते हैं..

*******

हाथ ज़ख़्मी हुए तो कुछ अपनी ही खता थी…..

लकीरों को मिटाना चाहा किसी को पाने की खातिर….!!

*******

वो इस तरह मुस्कुरा रहे थे , जैसे कोई गम छुपा रहे थे !!

बारिश में भीग के आये थे मिलने , शायद वो आंसु छुपा रहे थे !

*******

आज उसकी एक बात ने मुझे मेरी गलती की यूँ सजा दी…

छोड़ कर जाते हुए कह गई,
जब दर्द बर्दाश्त नहीं होता तो मुझ से मोहब्बत क्यूँ की….!!!!

उसके साथ जीने का इक मौका दे दे, ऐ खुदा..

तेरे साथ तो हम मरने के बाद भी रह लेंगे..

********

उठाये जो हाथ उन्हें मांगने के लिए,
किस्मत ने कहा, अपनी औकात में रहो।

*******

जब से बाजी, वफा की हारे हैं.
दोस्तों, हम भी गम के मारे हैं.
तुम हमारे सिवा,सभी के हो,
हम किसी के नहीं,तुम्हारे हैं.

*******

तुम शराफ़त को बाज़ार में क्यूँ ले आए हो…
दोस्त
ये सिक्का तो बरसों से नहीं चलता…!!

*******

मेरे बारे में अपनी सोच को थोड़ा बदलकर देख,
मुझसे भी बुरे हैं लोग तू घर से निकलकर देख…!

*******

हर रिश्ते में विश्वास रहने दो;
जुबान पर हर वक़्त मिठास रहने दो;

यही तो अंदाज़ है जिंदगी जीने का;
न खुद रहो उदास, न दूसरों को रहने दो।

*******

तेरी यादों की कोई सरहद होती तो अच्छा था

खबर तो रहती….सफर तय कितना करना है

*******

बुरे वक़्त में भी.एक अच्छाई होती है…

जैसे ही ये आता है.फ़ालतू के दोस्त विदा हो जाते हैं…!!!

********

जुबां खुली पर कुछ कह न पाए , आँखों से चाहत जता रहे थे !

सुबह की चाहत लिए नज़र में , रात नज़र में बिता रहे थे !!

********

मुझे दफनाने से पहले मेरा दिल निकाल कर उसे दे देना…

मैं नही चाहता के वो खेलना छोङ दे…!!

********

असल में वही जीवन की चाल समझता है …
जो सफ़र में धूल को गुलाल समझता है ..!

********

किसी ने ग़ालिब से कहा
सुना है जो शराब पीते हैं उनकी दुआ कुबूल नहीं होती ….

ग़ालिब बोले: “जिन्हें शराब मिल जाए उन्हें किसी दुआ की ज़रूरत नहीं होती”

*********

अब् तो हमारी हर् खुशी है तु

यानी सम्झो की जींदगी है तु.

********

उनको कहना कि आकर ये दिल भी ले जाये
अब ये मेरी सुनता ही नहीं फिर इसका करूँ क्या

********

गुज़रते लम्हों में सदिया तलाश करता हूँ,
ये मेरी प्यास है नदिया तलाश करता हूँ.

यहाँ तो लोग गिनाते है खुबिया अपनी,
में अपने आप में खामिया तलाश करता हूँ….!!

********

जो भी आता है एक नयी चोट दे के चला जाता है ए दोस्त,….

मै मज़बूत बहोत हु लेकिन कोई पत्थर तो नहीं,….

*********

आरज़ू होनी चाहिए किसी को याद करने की……!!
लम्हें तो अपने आप ही मिल जाते हैं….!!”

********

जिन्दगी जख्मो से भरी है ,वक़्त को मरहम बनाना सिख लें ,

हारना तो है मोतके सामने ,फ़िलहाल जिन्दगी से जीना सिख लें …

********

कुछ इस तरह से वफ़ा की मिसाल देता हूँ
सवाल करता है कोई तो टाल देता हूँ
उसी से खाता हूँ अक्सर फरेब मंजिल का
मैं जिसके पाँव से काँटा निकाल देता हु …

********

लगता है मेरा खुदा मेहरबान है मुझ पर …

मेरी दुनिया में तेरी मौजूदगी यूँ ही तो नहीं है …

*********

वो अपनी ज़िंदगी में हुआ मशरूफ इतना;

वो किस-किस को भूल गया उसे यह भी याद नहीं।

**********

याद आयेगी हमारी तो बीते कल को पलट लेना..

यूँ ही किसी पन्ने में मुस्कुराते हुए मिल जायेंगे ..!!

********

सिर्फ चेहरा ही नहीं शख्सियत भी पहचानो ,

जिसमें दिखता हो वही आईना नहीं होता !

********

मेरी हिम्मत को परखने की गुस्ताखी न हो,

पहले भी कई तूफानों का रुख मोड़ चुका हु .

********

कभी तुम भी हमसे बात कर लिया करो,
मिलने की फरियाद कर लिया करो,
एक हम है जो हर बार शुरुआत करते है,
कभी तुम भी हमसे पहले याद कर लिया करो…

********

पथ्थर समझ के हमें मत ठुकराओ ,
कल हम मंदिर में भी हो सकते हैं ।

********

“युं तो गलत नही होते अंदाज चहेरों के…
लेकिन लोग…
वैसे भी नहीं होते जैसे नजर आते है..!!”

*******

बन्दगी से भी अछ्छा एक काम कर लीया,

मा के चश्मे को रुमाल से साफ कर लीया….

********

दिल में है जो बात किसी भी तरह कह डालिए

ज़िन्दगी ही ना बीत जाए कहीं बताने मे ….

********

जिस्म का दिल से अगर वास्ता नहीं होता !
क़सम खुदा की कोई हादसा नहीं होता !

********

वे लोग जायें कहाँ बोलिये खड़े हैं जो ,
उस हद के बाद जहाँ रास्ता नहीं होता !

*********

जो सरूर है तेरी आँखों में ,वो बात कहां मयखाने मे

तू मिल जाए तों बस ,क्या रखा है ज़माने में ?

********

जुबां पे झूंट जब आया उसे मैंने दबा दिया,

कहा फिर भी नहीं की तू मुझे छोड़ चुकी हे तु

********

झुकी हुई नज़रों से इज़हार कर गया कोई..

हमें खुद से बे-खबर कर गया कोई..

********

युँ तो होंठों से कहा कुछ भी नहीं..

आँखों से लफ्ज़ बयां कर गया कोई..

*******

मैंने मुल्कों की तरह, लोगों के दिल जीते हैं
ये हुकूमत किसी, तलवार की मोहताज नही….

*******

रोज़ रोते हुए कहती है ये ज़िंदगी मुझसे
सिर्फ एक शख्स कि खातिर मुझे बर्बाद मत कर ….

********

ए दिल अब तो होश मैं आ…..
यहाँ तुझे कोई अपना कहता ही नहीं….
और तू है की खामख्वा किसी का बनने पे तुला है…..

*********

किसी को मिल गया मौका, बुलन्दियों को छूने का,
मेरा नाकाम होना भी किसी के काम तो आया।

********

तु हजार बार भी रूठे तो मना लुगाँ तझे,
मगर देख, मुहब्बत में शामिल कोई दुसरा न हो।।

********

एक मुद्दत से मेरी माँ सोयी नही है ….

मैने एक बार कहा था मुझे डर लगता है….

*******

मौम के पास कभी आग को लाकर देखूँ,

सोचता हूँ के तुझे हाथ लगा कर देखूँ……

********

दिल का मंदिर बड़ा वीरान नज़र आता है,
सोचता हूँ तेरी तस्वीर लगा कर देखूँ….

********

चाँद उतरा था हमारे आँगन में,
ये सितारों को गवाँरा ना हुआ,
हम भी सितारों से क्या गिला करें,
जब चाँद ही हमारा ना हुआ…!!!

********

भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
बात कहके तो कोई भी समझलेता है,
पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है..

********

मेरी ख्वाहिश है कि मै फिर से फ़रिश्ता हो जाऊं
माँ से इस तरह लिपटू कि बच्चा हो जाऊ….

********

कभी मिल सको तो इन पंछियो की तरह बेवजह मिलना ए दोस्त

वजह से मिलने वाले तो न जाने हर रोज़ कितने मिलते है …..!!

********

मैं खुल के हँस रहा हूँ फकीर होते हुए
वो मुस्कुरा भी ना पाया अमीर होते हुए…

********

भूल जाना उसे मुश्किल तो नहीं है लेकिन
काम आसान भी हमसे कहाँ होते हैं!

*******

गुज़र गया वो वक़्त जब तेरी हसरत
थी मुझको,

अब तू खुदा भी बन जाए तो भी तेरा सजदा ना करूँ…

******

गिला शिकवा ही कर डालो कि कुछ वक्त कट जाए..!!

लबों पे आपके ये खामोशी अच्छी नहीं लगती..!!

********

समझौतों की भीड़-भाड़ में सबसे रिश्ता टूट गया
इतने घुटने टेके हमने आख़िर घुटना टूट गया…

********

आँखों में ना हमको ढूंढो सनम; दिल में हम बस जाएंगे;

तमन्ना है अगर मिलने की तो; बंद आँखों में भी हम नज़र आएंगे!

********

जिंदगी देने वाले , मरता छोड़ गये, अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये,

जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की, वो जो साथ चलने वाले, रास्ता मोड़ गये”

********

आरज़ू होनी चाहिए किसी को याद करने की,

लम्हें तो अपने आप ही मिल जाते हैं।

**********

हालात की दलील देकर उन्होनें साथ छोङ़ा , तो हम आहत नहीं हुए ….,
सोचा हमसे ना सही , चलो किसी से तो वफ़ा निभाई उन्होने…

********

“ऐसा नही है कि मुझमे कोई ‘ऐब’ नही है..

पर सच कहता हूँ मुझमें ‘फरेब’ नहीं है ..!”

********

“ज़िन्दगी ने आज कह दिया है मुझे,
किसी और से प्यार है,

मेरी मौत से पूछो,
अब उसे किस बात का इंतज़ार है.”

********

“दोस्ती तो एक झोका हैं हवा का, दोस्ती तो एक नाम हैं वफ़ा का…,

औरो के लिए चाहे कुछ भी हो,
हमारे लिए तो दोस्ती हसीन तोफा हैं खुदा का.”

********

घर से तो निकले थे हम ख़ुशी की ही तलाश में,

किस्मत ने ताउम्र का हमैं मुसाफिर बना दिया।

*******-**

उन्हें नफरत हुयी सारे जहाँ से ,

अब नयी दुनिया लाये कहाँ से…!

********

आँखों में ना हमको ढूंढो सनम; दिल में हम बस जाएंगे;

तमन्ना है अगर मिलने की तो; बंद आँखों में भी हम नज़र आएंगे!

********

जब भी बारिश की आस करते हैं
कहर- की -आग- बरस- जाती है
जब– भी- तेरा- दीदार- न- पाए
आँख -खुलते- ही- तरस जाती है…

******

तू मेरे जनाज़े को कन्धा मत देना
,
कही ज़िन्दा ना हो जाऊँ फिर तेरा सहारा देख कर …

*******

दीं सदायें जिंदगी ने मैं ही सुन पाया नहीं,

ख्वाब आँखों में बहुत थे कोई बुन पाया नहीं।

********

दिल भी एक जिद पर अड़ा है किसी बच्चे की तरह,

या तो सब कुछ ही चाहिए या कुछ भी नही…..

********

वो अपने मेहंदी वाले हाथ मुझे दिखा कर रोई,
अब मैं हुँ किसी और की, ये मुझे बता कर रोई,

पहले कहती थी कि नहीं जी सकती तेरे बिन,
आज फिर से वो बात दोहरा कर रोई…

कैसे कर लुँ उसकी महोब्बत पे शक यारो…!!
वो भरी महफिल में मुझे गले लगा कर रोई…

*******

जिस दिन अपना एक्का चलेगा ना उस दिन
बादशाह
तो क्या उसका बाप भी अपना गुलाम होगा

********

“दोस्त ने दोस्त को, दोस्त के लिए रुला दिया,क्या हुआ जो किसी केलिए उसने हूमें भुला दिया,हम तो वैसे भी अकेले थेअच्छा हुआ जो उसने हमे एहसास तो दिला दिया.

********

मौत का आलम देख कर तो ज़मीन भी दो गज़ जगह दे देती है…

फिर यह इंसान क्या चीज़ है जो ज़िन्दा रहने पर भी दिल में जगह नहीं देता…

********

अगर है दम तो चल डुबा दे मुजको,

समंदर नाकाम रहा, अब तेरी आँखो की बारी..

********

शायद ख़ुशी का दौर भी आ जाये एक दिन….

गम भी तो मिल गए थे तमन्ना किये बगैर… !

********

“दोस्तों की कमी को पहचानते हैं हम,
दुनिया के गमो को भी जानते हैं हम,

आप जैसे दोस्तों का सहारा है,
तभी तो आज भी हँसकर जीना जानते हैं हम.”

*******

जब से पता चला है, की मरने का नाम है ‘जींदगी’;

तब से, कफ़न बांधे कातील को ढूढ़ते हैं!”

*******

तुम जैसा मुझे… कोण? कब???
कहा?? और कैसे??? मिलेगा ??
सोचो…
बताओ…
वरना मेरे हो जाओ ………………………!!”

*********

रात सारी तड़पते रहेंगे हम अब ,

आज फिर ख़त तेरे पढ़ लिए शाम को”

********

अपने कदम के निशान मेरे रास्तो से हटा दो

कही ये न हो कि मैं चलते चलते तेरे पास आ जाउ….

*********

कभी हक़ीक़त में भी बढ़ाया करो ताल्लुक़
हमसे,

अब ख़्वाबों की मुलाक़ातों से तसल्ली नहीं होती..!!

*********

जिंदगी भर के इम्तिहान के बाद …..
वो शख्स
नतीजे में किसी और का निकला ..

*********

मोहब्बत उसे भी बहुत है मुझस

जिंदगी सारी इस वहम ने ले ली…

*********

“बादशाह तो में कहीं का भी बन सकता हूँ
पर तेरे दिल की नगरी में हुकूमत करने
का मज़ा ही कुछ अलग है………”

********

दुआ करते है आपको किसी बात का गम ना हो…
आपकी आँखे किसी बात पर कभी नम ना हो…
हर रोज मिले आपको एक नया दोस्त…
पर…
किसी मेँ हमारी जगह लेने का दम ना हो…

*********

तुम क्या हो मेरे कुछ हो या कुछ भी नहीं मगर..

मेरी ज़िन्दगी की काश में एक काश तुम भी हो…

********

नये कमरों में ये चीज़ें पुरानी कौन रखता है
परिंदों के लिए शहरों में पानी कौन रखता है

*******

नफरतों को जलाओ मोहोब्बत की रौशनी होगी..

वरना- इंसान जब भी जले हैं ख़ाक ही हुए है..!

********

पहली मुलाकात थी और हम दोनों ही बेबस थे,
वो अपनी जुल्फें न संभाल पाए और हम खुद को…

********

नहीं चाहिए कुछ भी तेरी इश्क़ कि दूकान से,

हर चीज में मिलावट है बेवफाई कि..!!!!

********

काश तुम मौत होती तो…………. ….
एक दिन मेरी जरूर होती …………… ….‼

********

झूठ बोलने का रियाज़ करता हूँ , सुबह और शाम मैं … !

सच बोलने की अदा ने हमसे , कई अजीज़ ‘यार’ छीन लिये ….!!!!

********

आप रूठा ना करो यू हमसे, मेरे दिल की धड़कन बढ़ जाती है,

दिल तो आपके नाम कर चुका हु, जान बस बाकि है, वो भी निकल जाती है |

**********

खुशबू बनकर गुलों से उड़ा करते हैं, धुआं बनकर पर्वतों से उड़ा करते हैं,

ये कैंचियाँ खाक हमें उड़ने से रोकेगी, हम परों से नहीं हौसलों से उड़ा करते हैं.

*********

बुला कर तुम ने महफ़िल में हमें ग़ैरों से उठवाया

हमीं ख़ुद उठ गए होते इशारा कर दिया होता…

*********

तूने हसीन से हसीन चेहरो को उदास किया है….
ए इश्क ….

तू अगर इन्सान होता तो तेरा पहला कातिल मै होता ।

*********

दोड़ती भागती दुनिया का यही तौफा है,

खूब लुटाते रहे अपनापन फिर भी लोग खफ़ा है

*********

ना आना लेकर उसे मेरे जनाजे में, मेरी मोहब्बत की तौहीन होगी,

मैं चार लोगो के कंधे पर हूंगा, और मेरी जान पैदल होगी.

********

मुझसे जब भी मिलो तो नज़रें उठा के मिला करो,

मुझे पसंद है अपने आप को तेरी आँखों में देखना …..”

**********

“वो जो हमसे नफरत करते हैं,
हम तो आज भी सिर्फ उन पर मरते हैं,

नफरत है तो क्या हुआ यारो,
कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे करते हैं।”

********

“शौक तो माँ-बाप के पैसो से पूरे होते हैं..,

अपने पैसो से तो बस ज़रूरतें ही पूरी हो पाती हैं.

*********

हमारे चले जाने के बाद, ये समुंदर भी पूछेगा तुमसे,

कहा चला गया वो शख्स जो तन्हाई मे आ कर,
बस तुम्हारा ही नाम लिखा करता था…

*********

ना हम रहे दील लगाने के क़ाबील,
ना दील रहा गम उठाने के क़ाबिल,

लगा उसकी यादों सेे जो ज़ख़्म दिल पर,
ना छोड़ा उस ने मुस्कुराने के क़ाबील.

*********

जाते वक़त उसने बड़े गुरुर से कहा था –
तुझ जेसे लाखो मिलेगे.

मैंने मुस्कराकर पूछा : मुझ जेसे कि तलाश ही क्यों ?

*********

टूटे हुए गिलास में जाम नहीं आता, इश्क के मरीजों को आराम नहीं आता,

दिल तोड़ने से पहले सोचा तो होता, टुटा हुआ दिल किसी के काम नहीं आता ….

********

हमें ए दिल कहीं ले चल … बड़ा तेरा करम होगा

हमारे दम से है हर गम …न होंगे हम और ना गम होगा

*********

बुलबुल बैठा पेड पर मैने सोचा तोता है।
यारा तेरे प्यार मे दिल ये मेरा रोता है।

********

कच्ची दीवार हूँ ठोकर ना लगाना मुझको
अपनी नज़रों में बसा कर ना गिराना मुझको
वादा उतना ही करो जितना नीभा सकते हो
ख़्वाब पूरा जो न हो वो न दीखाना मुझको

********

उस शख्स को पाना इतना मुश्किल भी नही मेरे दोस्त..

मगर जब तक दूरी न हो मुहब्बत का मजा नही आता..

********

इतनी पीता हू की मदहोश रहता हू.
सब कुछ समझता हू पर खामोश रहता हू

जो लोग करते ह मुझे गिराने की कोशिश
मे अक्सर उन्ही के साथ रहता हू|

*********

कभी ये लगता है अब ख़त्म हो गया सब कुछ

कभी ये लगता है अब तक तो कुछ हुआ भी नहीं

*********

अपने हसीन होंठों को किसी परदे में छुपा लिया करो

हम गुस्ताख लोग हैं नज़रों से चूम लिया करते हैं

********

सुबह का हर पल ज़िंदगी दे आपको
दिन का हर लम्हा खुशी दे आपको
जहा गम की हवा छू कर भी न गुज़रे
खुदा वो जन्नत से ज़मीन दे आपको

********

कुछ लोग मेरी शायरी से सीते हैं अपने जख्म,

कुछ लोगों को मैं चुभता हूँ सुई की नोक के जैसे ।

*********

एहसान नहीं है जिन्दगी तेरा मुझ पर ,
मैंने हर सांस की यहाँ कीमत दी है।।

*********

अपनो को दूर होते देखा ,
सपनो को चूर होते देखा !

अरे लोग कहते हैँ की फूल कभी रोते नही ,
हमने फूलोँ को भी तन्हाइयोँ मे रोते देखा !

*********

सिर्फ एहसास होता है चाहत मे, इकरार नहीं होता.
दिल से दिल मिलते हैं मोह्हबत में इंकार नहीं होता.

ये कब समझोगे मेरे दोस्तों, दिल को लफजों की जरूरत नहीं होती.
ख़ामोशी सबकुछ कह देती है प्यार में इज़हार नहीं होता

*********

तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है…
जिसका रास्ता बहुत खराब है…

मेरे ज़ख़्म का अंदाज़ा ना लगा…
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है…

*********

काटो के बदले फूल क्या दोगे…
आँसू के बदले खुशी क्या दोगे…

हम चाहते है आप से उमर भर की दोस्ती…
हमारे इस शायरी का जवाब क्या दोगे?

*********

ग़ज़ल लिखी हमने उनके होंठों को चूम कर,

वो ज़िद्द कर के बोले… ‘फिर से सुनाओ’…..!!”

*********

वो फिर से लौट आये थे मेरी जिंदगी में’ अपने मतलब के लिय

और हम सोचते रहे की हमारी दुआ में दम था !

*********

रात क्या ढली कि सितारे चले गये, गैरों से क्या कहें हम जब अपने ही चले गये,

जीत तो सकते थे हम भी इश्क की बाज़ी, पर तुम्हे जितने के लिए हम हारते चले गये….

*********

तेरा उलज़ा हुआ दामन मेरी अंजुमन तो नहीं,
जो मेरे दिल में है शायद तेरी धड़कन तो नहीं,

यू यकायक मुजे बरसाद की क्यों याद आई,
जो घटा है तेरी आँखों में वो सावन तो नहीं.

*********

इक उम्र गुज़ार दी हमने,रिश्तों का मतलब समझने में,,

लोग मसरूफ हैं…..
मतलब के रिश्ते बनाने में.!!!!

*********

भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,

बात कहके तो कोई भी समझलेता है, पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है..

*********

ना मुलाक़ात याद रखना, ना पता याद रखना,
बस इतनी सी आरज़ू है, मेरा नाम याद रखना..

*********

हमारे बाद अब महफ़िल में अफ़साने बयां होंगे
बहारे हमको ढूँढेंगी ना जाने हम कहाँ होंगे
ना हम होंगे ना तुम होंगे और ना ये दिल होगा फिर भी
हज़ारो मंज़िले होंगी हज़ारो कारँवा होंगे

********

काश वो नगमे सुनाए ना होते
आज उनको सुनकर ये आँसू आए ना होते

अगर इस तरह भूल जाना ही था
तो इतनी गहराई से दिल्मे समाए ना होते….

**********

मे तोड़ लेता अगर तू गुलाब होती
मे जवाब बनता अगर तू सबाल होती

सब जानते है मैं नशा नही करता,
मगर में भी पी लेता अगर तू शराब होती!

*********

ज़ख़्म जब मेरे सीने के भर जाएँगे;
आँसू भी मोती बनकर बिखर जाएँगे;
ये मत पूछना किस किस ने
धोखा दिया;
वरना कुछ अपनो के चेहरे उतर जाएँगे।

**********

आपने अपनी आंखो में नूर छुपा रखा है, होश वालों को दीवाना बना रखा है,

नाज कैसे ना करूं आपकी दोस्ती पर, मुझ जैसे नाचीज को ‘खास’ बना रखा है |

**********

यहाँ हर किसी को, दरारों में झाकने की आदत है,

दरवाजे खोल दो, कोई पूछने भी नहीं आएगा…!!

*********

किसी शायर ने कहा ज़िंदगी एक लंबा सफ़र है,
किसी आशिक़ ने कहा ज़िंदगी एक मुश्किल पहेली है,

अरे दोस्तो ज़िंदगी का अर्थ तो सिर्फ़ वो बता सकता है,
जिसकी शादी के बाद भी कोई अफैर है!!!

*********

उतरे जो ज़िन्दगी तेरी गहराइयों में।
महफ़िल में रह के भी रहे तनहाइयों मे

इसे दीवानगी नहीं तो और क्या कहें।
प्यार ढुढतेँ रहे परछाईयों मेँ।

***********

प्यार बारिश का नाम नहीं जो बरसे और थम जाये
प्यार सूरज नहीं जो चमके और डूब जाये

प्यार तो नाम है साँसों का जो चले तो ज़िन्दगी और रुके तो मौत बन जाये….

*********

ज़िंदगी की हर एक उड़ान बाकी है
हर मोड़ पर एक इम्तिहान बाकी है

अभी तो सिर्फ़ आप ही परेशान है मुझसे
अभी तो पूरा हिन्दुस्तान बाकी है…

*********

हमने दिल जो वापीस मांगा तो सिर जुका के…
बोले
वो तो टुंट गया युहि खेलते खेलते…….

********

नदी को सागर से मिलने से ना रोको,
बारिस की बूंदों को धरती से मिलने से ना रोको,

जिन्दा रहने के लिए तुमको देखना जरुरी है,
मुझे तुम्हारा दीदार करने से ना रोको….

**********

मेरा बस चले तो तेरी अदाँए खरीद लुँ
अपने जीने के वास्ते, तेरी वफाँए खरीद लुँ

कर सके जो हर वक्त दीदार तेरा
सब कुछ लुटा के वो निगाँहें खरीद लुँ

*********

हम वो नहीं जो दिल तोड़ देंगे;
थाम कर हाथ साथ छोड़ देंगे;

हम दोस्ती करते हैं पानी और मछली की तरह;
जुदा करना चाहे कोई तो हम दम तोड़ देंगे।

*********

मंजीले मुश्किलथी पर हम खोये नहीं…
दर्द था दिल में पर हम रोये नहीं…

कोई नहीं आज हमारा जो पूछे हमसे…
जाग रहे हो किसी के लिए..या किसी के लिये सोये नहीं…

********

दिल रोज सजता है, नादान दुल्हन की तरह..!!

गम रोज चले आते हैं, बाराती बनकर..!!

********

ज़िंदगी उसी को आज़माती है,
जो हर मोड़ पर चलना जानता है.

कुछ पाकर तो हर कोई मुस्कुराता है,
ज़िंदगी उसी की होती है जो सब खोकर भी मुस्कुराना जानता है.

******

मै उसको चाँद कह दू ये मुमकिन तो है
मगर
लोग उसे रात भर देखें ये मुझे गवारा नहीं…..।

********

“दिल की बात दिल में छुपा लेते हैं वो,
हमको देख कर मुस्कुरा देते हैं वो,

हमसे तो सब पूछ लेते हैं,
पर हमारी ही बात हमसे छुपा लेते हैं वो|”

*********

तलाश मेरी थी और भटक रहा था वो,
दिल मेरा था और धडक रहा था वो,

प्यार का ताल्लुक अजीब होता है,
प्यास मेरी थी और सिसक रहा था वो.

**********

‘तू’ डालता जा साकी शराब मेरे प्यालो में…

जब तक ‘वो’ न निकले मेरे ख्यालों से ।।।

*******

अजनबी ख्वाहिशें सीने में दबा भी न सकूँ
ऐसे जिद्दी हैं परिंदे के उड़ा भी न सकूँ

फूँक डालूँगा किसी रोज ये दिल की दुनिया
ये तेरा खत तो नहीं है कि जला भी न सकूँ

**********

ये बारिश भी तुम सी है,
जो थम गई तो थम गई,
जो बरस गई तो बरस गई,
कभी आ गई यूँ ही बेहिसाब,
कभी थम गई बन आफ़ताब,
कभी गरज गरज कर बरस गई,
कभी बिन बताये ही गुजर गई,
कभी चुप सी है,
कभी गुम सी है,
ये बारीशें भी सच…तुम सी है!!!…

********

“उसका इल्जाम है वह लगातार ताकता है मुझे

लेकिन यह तो बता की ‘ मै ताकता हूँ’
यह पता कैसे चला तुझे”

*********

तेरे चेहरे को कभी भुला नहीं सकता,
तेरी यादों को भी दबा नहीं सकता,
आखिर में मेरी जान चली जायेगी,
मगर दिल में किसी और को बसा नहीं सकता.

*********

पकाई जाती है रोटी जो मेहनत के कमाई से,

हो जाए गर बासी तो भी लज्ज़त कम नहीं होती,

*********

तेरे पास भी कम नहीं, मेरे पास भी बहुत हैं,
ये परेशानियाँ आजकल फुरसत में बहुत हैं …………

*********

“दील से लिखी बात दील को छू जाती है,
ये अक्सर अनकही बात कह जाती है,

कुछ लोग दोस्ती कॆ मायनॆ बदल दॆतॆ है,
और कुछ लोगो कि दोस्ती सॆ दुनिया बदल जाती है.”

*********

मेरे लफ़्ज़ों से न कर मेरे क़िरदार का फ़ैसला।।

तेरा वज़ूद मिट जायेगा मेरी हकीक़त ढूंढ़ते ढूंढ़ते।।

*********

सुलाके सबको गहरी नींद में …

फिर अकेला क्युं अंधेरा जागता है!!!!!!

**********

जो भी आता है एक नयी चोट दे के चला जाता है
ए दोस्त ,
मै मज़बूत बहोत हु लेकिन कोई पत्थर तो नहीं .!..

*********

अगर हमारी उल्फतों से तंग आ जाओ
तो बता देना दोस्त,

हमें नफरत तो गवारा है मगर दिखावे की मुहब्बत नहीं…

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“एक बार उसने कहा था मेरे सिवा किसी से प्यार ना करना,

बस फिर क्या था तबसे मोहब्बत की नजर से हमने खुद को भी नहीं देखा”

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ना नमाज़ आती है मुझे, ना वज़ू आता है,
सज़दा कर लेता हूँ जब सामने तू आती है…

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दुआ करते है आपको किसी बात का गम ना हो..
आपकी आँखे किसी बात पर कभी नम ना हो…

हर रोज मिले आपको एक नया दोस्त…
पर…
किसी मेँ हमारी जगह लेने का दम ना हो…

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ટૅગ્સ:

Shayri part 4


Laakh Samjaya k Shak Karti He Ye Duniya…!

Magar Na Gai Uski AAdat Hans Kar Guzr Jane Ki…

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Isse acha hum chand se mohbbat kar lete …!

Lakh dur sahi par dikhai to deta hai…!

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Is Baarish Kay Mausam Main Ajeeb Si Kashish Hai

Na Chahte Howay Bhi Koi Shidat Say Yaad Aata Hai….…

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Dushman Ho, To Ishq Jesa

Seedha Dil Per, Waar Kare..

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Mila Tha Ek Dil Jo De Diya Tum Ko…

Hazaroon Bhi Hote To Tere Liye Hote…

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Kaun kahta hai
mohabat ek baar hoti hai..
main tujhe jitni baar dekhun mujhe utni baar hoti hai.

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tasavur main zaroor aoo,magar tairna to seekho …

tum aksar doob jatay ho mere ashkoon k pani main …

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karo phir se koi wadda ,kabhi na phir bichhadne ka ….

tumhein kaya faraq padta hai chalo phir se mukkar jana …

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Mere Liye Na Sahi In K Liye aa Jao,,,,,,,

“Tum Se Bepanah Mohabat Karti Hain Ye AAnkhen……….!!

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Tumhare jane k baad kaun rokta humein……….!!

so jee bhar k khud ko barbaad kya..!!

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Tumhare sath dekhi thi warna zindagi mujhko

na tab mehsoos hoti thi na ab mehsoos hoti hai…

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Na karo takraar, mujhe tumhara hi khayaal hai,

Phir baat se baat nikle gi, aur tum rooth jaoge..!!

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Auron se to umeed ka rishta bhi nahi tha….

Tum itne badal jao gay socha bi nai tha…..

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Nazar bacha ke guzarna hai to guzar jao,

Main aaina hoon meri apni zimmedari hai. . !!

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Zuban khamosh hai lekin meri aankhon mein likkha hai !

ki haal-e-dil padha jaata hai, batlaaya nahi jaata !!

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Ek Hum Hain Jo Tere Baad Naa Jee Paaye’n Ge

Aik Tum Ho Ke Naya Ishq Karo Ge, Kal Se….!!!

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Muskurana Toh Meri Shaksiyat Ka Ek Hissa Hai E Dost…

Tum Mujhe Khush Samajhkar Duaon Mein Bhool Mat Jaana…

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Tere ehsas ne hume aisa nasha diya…

ab sharab se narfat see hogayee…

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Juda Ho Kr Bhi Dono Jee Rahe Hein ek Muddat Se

Kabhi Dono Hi Kehte The Judai Maar DaLe Gi..

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Kaanch sa jism kahin toot na jaye,

Husn waley teri angrrayi se dar lagta hai..

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Jo guzaari na ja saki hum se,
Hum ne woh zindagi guzaari hai..

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Jise khud se hi nahin furstain,
Jise khayal apne kamaal ka,
Usey kya khabar mere shoq ki,
Usey kya pata mere haal ka..

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Bohat Khush Qismat Hain wo Log Yaqeen Jano…!!!

Jo Mangty B Nahi, Rotay B Nahi,Or Muhabbat Paa letay Hain….!!

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Ulfatein, Uljhanein, Ranjishein aur Thakawat,

Bas Yu’n hi ek Din aur Beet Gaya Zindagi Ka . . .

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Kis Liye Dekhti Ho Aaina..!!!!!

Tum To Khud Se Bhi Jyada Khubsurat Ho…

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Zindagi me khushi tere aane se hai..

warna jeene me gum har bahane se hai..!

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Chale to the doston ka kafila lekar… par kuchh juda ho gaye aur kuchh khuda ho gaye… kuchh gumshuda to kuchh shadishuda ho gaye

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Kon kehta hain peene wale mar jaate hain bhari jawani mein???

Hum ne toh dekha hai buzurgon ko jawan hote hue maikhane mein…!!!

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Dunyan Kiitni Choti Hai Na?

Tum Pe Aa K Ruk Si Gayyii Hai…

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Qadar karni hai tho jiteji karo,

Kafan uthane ke waqt to Nafrat karne waley bi Ro padte hain..

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Kamaal ka Tana Diya Kisi Ne Mujhe Aaj,

Agar Woh Tera Hai Toh Tere Paas Kyon Nahin …

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kon kehta hai ki aadmi apni kismat khud likhta hai..

agar ye sach hai toh kismat me dard kon likta hai…

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Suna hai mil jaata hai sab kuch dua se,

Milti ho khud, Ya mangu KHUDA se?

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Wajah poochhne ka to mauqa hi na mila bus !!

Woh lehjah badalty gaye aur hum ajnabi hoty gaye…

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Kis k Ho…?
Bus Tumhari Hun,

Tere Ye alfaaz..
Kitny Pyare hain..

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Mere Jism Se Uski Khushbu Aaj Bhi Aati He…

Main Ne Fursat Mein Kabhi Seeny Se Lagaya Tha Usay..

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Aakhir Kaise Bhula De Hum Unhein…!!

Maut Insano Ko Aati Hai’ Yaadon ko Nahi…!!

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Muhabbat Or Wafa Ki Sada Se Dushmani Hai…………..,

Na Wafa Se Mohabbat Milte Hai Na Mohabbat Se Wafa…

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Raaz kisi ko Na Batao To ik bat kahun,

Hum Rafta Rafta Tere Hote ja Rahe Hain…

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Tu Zindagi Me Sub Se Azeez Hai Hume

Tujhse Har Baar Ye Kehna Bhool Jaate Hain..

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Koi Nahi Yaad Karta Wafa Karne Waley Ko….!!

Meri Maano Bewafa Ho Jaao’ Zamana Yaad Rakhega…!!

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Saari dunyia badal gayee janaa

Tere taiwar magar nahi badley..

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Haan main tumhe bhula na saka..

kabhi dil ne ijazat he na di….

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Log Shameel The Aur Bhi Laikin..

Dil Teri Kosishoon Se Toota Hai…

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Koshish o Ke Bawajood b Jo Mukammal Na Ho Saken,

Tera Naam Bhi Unhin Khwahishon Mein Hai…..

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Hum Ne Khud Me Tumko Peroya Hai Ek Tasbeeh Ki Tarha..

Agar Hum Toot gaye To Bikhar Tum Bhi Jao Ge…

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Tere Bin Kuch Be-Chain Sa Rehne Laga Hun,

Kambakht Ashk Bhi Tujhse Milne Nikal Parte Hain..

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Bataaon tumhe kahaani udaas logon ki,?

Kabhi ghaur karna yeh hanstey bohat hain..

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Muhabat Jeet Jayegi……….. Agar Tum Maan Jao To,

Mere Dil Main Tumhi Tum Ho Yeh Akhir Jan Jao To…

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KHushk tinkon se ghar bana rahe ho”…

Ye jante bhi ho mizaaj-e-Yaar AAG jesa hai…

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Woh Jo Bichra Tu Main Ne Jana

Log Mar Kar Bi Jiya Kartey Hai’n..!!

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Jo Dil Ke Aainey Mein Ho,
Wohi Hai Pyaar Ke Qaabil

Warna Dewaar Ke Qabil To Har Tasveer hua karti Hai …

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Toot sa gaya hai meri chahato ka wajood…

Ab koi achchha b lage to ham izhaar nahi karte…

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Shikway Shikayatou’n ki Nahi..Yeh Zarf Zarf Ki Baat He..

Tere Vehm-O-Guma’n Mei’n Bhi Hum Nahi,Aur Tu Lafz Lafz Hamai’n Yaad Hy…….

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Yun To Har Rang Ka Mousam Mujhse Waqif Hai Magar,

Raat-E-Tanhaiyan Mujhe Kuch Alag Hi Janti Hain…

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Sach He, Insaan Ki Khwahisho Ki Koi Had Nhi……

Meri Un’ginat Khwahishe Dekho Wo,Wo Or Bas Wo……

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Nam Hai Palkain Teri Ae Moj-e Hawa Raat Ke Saath

Kya Tuje Bi Koi Yad Aata Hai Barsat Ke Sath..

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Is Baarish Ke Mausam Main Ajeeb Si Kashish Hai ….

Na Chahte Hue Bhi Koi Shiddat Se Yaad Aata Hai….…

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Rim Jhim Rim Jhim Baras Rahi Hai …
Yaad Tumhaari Qatraa Qatraa…

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Jo Mujh se Tooti Thi Wo chorriyan Sasti Thii…..

Bahut mehnga Tha woH Dil Jo Tu Ne Tod Dala…..

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Nahi Milega Mujh Jaisa Tujhe Chahne Waala. . .!!

Jaa Tujhe Ijaazat Hai Saari Duniya Aazma Le. . .!!!

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Anjaam Ki Parwa Hoti To Me Ishq
karna Chhod Deta”

”Ishq Me Zid Hoti He Or Zid ka Me Betaaj Badshah Hun….”

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Ishq ka samandar bhi kya samandar hai,,

jo doob gaya wo aashiq jo bach gaya wo deewana………

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Karo phir se koi wada ,kabhi na phir bichhadne ka ….

tumhein kya faraq padta hai chalo phir se mukkar jana …

********

Chal chup kar , uss ki gawahiyyan , saffaiyyan …

Tu mera DIL he ya USS bewafa ka wakeel ….!!!

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Meri khamoshi tumhen rulaiy gee…

Zara yeh waqat beat jany do….!!

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Auron se to umeed ka rishta bhi nahi tha….

Tum itne badal jao gay socha bi nai tha…..

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Darpok hai woh log, Jo pyaar nahi karte.

Saala barbad hone ke liye bhi jigar chahiye…

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Phool yuhi nahi khilte,

beej ko dafan hona padta hai …

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Chahat, Fikar, Taqdeer, Isqh-Mohabbat, Or Wafa…

‪Meri In Hi Adaton Ne Mera Tamasha Bana Diya…

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Muhabbat ki haqeeqat mein ..

Khamooshii aakhri sach hai…

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Har koi Deta Hai Zakham Gin Gin ke ‘Be-Wajha’….!!

Mein Kis kis Zakham Ko Apna Naseeb Samjhoon…!

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Sikha Di Bewafai Tumhe B Zalim
Zamane Ne..!!

Tum Jo Seekh Lete Ho, Hum Hi Pe Azmate Ho..

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​Taqdeer Ka Hi Khel Hai Sab….. ,
Par ,
Khwahishe’n Samjh’ti Hi Nahi……!!!

********

Mujh se mat poch mere mehboob ki sadgi…

Nazren bhi mujh pe thi or parda bhi mujh se tha…

********

Maine Tum se Tumhe Manga,
To Tum Muskura Diye…

Tum Ye Bhi To Keh Sakte The,
Ki Apni Cheezain Manga Nahi Karte..

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Seene Mein Dhadak ta Jo Hissa Hai………

Uss’i Ka Toh Yeh Sara Qissa Hai……!!!!!

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Jaruri nahi ki kaam se hi insan thak jaye ,

Khayalo ka boj bhi insan ko thaka deta hai…

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Sathi Ho Agar Tum Sa….To Manzil ki Tamanna Kya?

Hum Ko to Safar Pyara…Manzil Ko Khuda Hafiz”…!!

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Muje Nahi Pata..,Ye Sudhar Gaya Ya Bigad gaya…

Bassss Ab Ye Dil kisi Se Muhaabat Nahi Karta. . .

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Meri aankhon mein apni kahaani dekh lo..

Kaajal mein lipti zindgaani dekh lo..

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Main kaun hoon yeh pata chal jaaye toh mujhe bhi bata dena.

Kaafi dinon se talash hai mujhe meri.

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Meri likhi baat ko har koi samaj nahi paata..,

kyonki mein ehsaas likhta hoon aur log alfaz padhte hain…

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“Mere chehre ki chamak ho tum,
Meri Zindagi ki sabse anmol chiz,

Kya kahu mera sara jahan ho tum…..

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Nahi Milti wafa ab un pyar ke rishto mein,

Dunya mein Logon k badal jane ki rasm Aam ho gai hai…

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Zaroori To Nahi Mohabbat Lafzon Me Bayan Ho,

Kya Sach Mein Meri Aankhen Tmhain Kuch Nahi Kehti !!!!!

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Mein toh tere ehsaas se hee mehak gaya…

agar ishq hota toh mere khuda naa jane kaya hota……

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Woh mere dil par rakh kar seer soi thi bekhabar..,

Hum ne dhadkan hi rok li …ki kahin uski neend naa toot jaaye..

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“Khairaat Mein Mili Khushi Humen Acchi Nahi Lagti

Rehte Hain Hum Apne Dukhon Mein Nawaabon Ki Tarah…

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Zakham Dene ki Aadat Nhi Humko,
Hum to Aaj b Wo Ehsaas Rakhte hai,

Badle-Badle to Aap Hai Janab,
Hamare Alawa Sabko Yaad Rakhte Hai…

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Hum To Samjhe The ke Zakham Hai Bhar Jayega..

Kya khabar Thi Ke Rog Dil ME Utar jayega..

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Theek Likha Tha Mere Hath Ki Lakeeron Mei…

Tu Agar Pyar Karega To Bikhar Jayega..

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Nigaho pe nigaho ke pehere hote hai. In nigaho ke ghav bhi gehere hote hai.

Na jane q koste hai log badsurato ko, Barbad karne wale to khubsurat chehre hote hai.

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Mohabbat Kisi Se Tab Hi Karna
Jab Mohabbat Ko Nibhana Seekh
Lo…!!

Majburiyoon Ka Sahara Lekar Chhod Dena Wafadari Nahi Hoti…!!

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Ajeeb Ristha Raha Kuch Is Tarha Apno Se Apna,

Na Nafrat Ki Waja Mili, Na Mohabbat Ka Sila…!!

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Kabhi na kabhi wo mere bare me
sochengi zaroor…

Ki haasil hone ki ummid bhi nahi hai phir bhi pyaar karta hai mujse….

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Hai Chand Ka Muhn Bhi Utra Utra
Taro Ne Chamkna Chod Diya
Jis Din Se Juda Wo Humse Huye
Is Dil Ne Dhadkna Chhod Diya

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Chale jaana chaahta hu tujhe tere haal par chhod kar,

Qaddar kyaa hoti hai pyaar ki tujhe waqt hi sikha dega..

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Meri tadap toh kuch bhi nahi hai…

Suna hai uss ke deedar ko toh aainay bhi taraste hain..

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Tum Zindagi Mein Aa To Gaye Ho Khayal Rakhna,,

Hum Jaan To Dete Hain Magar Jane Nahi Dete..!

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Tujhme Chhupe Hai Meri Jindagi Ke Hazaaro Raaz…

Tujhe Waasta Hai Pyaar Ka Zara Khud Ka Khayaal Rakhna…..

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Teri Jheel Si Gehri Aankhon
Ko Jo Neel-E-Kanwal Keh Doon,

Duniya Jal Jayai Gi, jo Tujh Per Ghazal Keh Doon…

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Shama bujhte hi ek naya fasana ban gaya,,

Tere saath beetaya hua ek lamha yaadgaar ban gaya!!!

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Khamosh palkein ye izhaar karti hai,
Pyari baatein iqrar karti hai,
Ye saanse isliye saath hai hamare,
Kyuki ye bhi aapko bepanah yaad karti hai..

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Chalo So Jate Hain ab Phir Kisi Such ki Talash Me ,,

K Subha Phir is Jhooti Dunya Ka Deedar Karna Hai …!!

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Aap To Chand Ho Jise Sab Yaad Karte Hain,

Hamari Kismat To Sitaro Jaisi Hai, Yaad Karna To Door…

Log Apani Khwahish Ke Liye Bhi
Hamare Tootne Ka Intezar Karte Hain.

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Kuch is liye raato ko sona chod diya hum ne……
Agar wo khwab me bhi bichad gaye to mar jayenge hum……

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