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Category Archives: Hindi Shayari

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Shayri Part 43


दोस्ती करना हर किसी के बस की बात नहीं है,

दोस्ती वो ही कर सकता है जो दिल का अमीर हो !!

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प्यार में लोग बहुत मजबूत हो जाते है, और बहुत कमजोर भी,

मजबूत इतने की सारी दुनिया से लड़ जाते है, कमजोर इतने की,

सिर्फ एक इंसान के बिना रह नहीं पाते…

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करेगी कद्र ये दुनियाँ हमारी भी एक दिन…!!

बस जरा “शराफ़त” की ये बुरी आदत ख़त्म हो जाने दो।

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ख्वाहिश नहीं कि तुम टूटकर चाहो हमें…

ख्वाहिश बस इतनी कि टूटने न देना हमें……

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रंजिशे है अगर दिल मे कोई तो खुलकर गिला करो,

मेरी फ़ितरत ऐसी है कि मैं फिर भी मुस्कुरा कर मिलूँगा !!

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किसी के लिए अच्छा तो किसी के लिए खराब हूं मैं।

किसी के लिए कुछ भी नहीं,किसी के लिए लाजवाब हूं मैं।

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हँसना आता है मुझे ,,,,,मुझसे ग़म की बात नहीं होती

मेरी बातों में मज़ाक होता है ,,,,मेरी हर बात मज़ाक नहीं होती

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बेशक मोहब्बत कीजिये पर किरदार इतना उम्दा हो जो रिश्ते टूट भी जाये तो आपके आबरू की हिफाजत कर सके💓💓 🌹🌹❣️❣️

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दूरी ने कर दिया है , तुझे और भी क़रीब !

तेरा ख़याल आकर ना जाये तो क्या करें हम !!

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तहज़ीब में उनकी, क्या खूब अद़ा थी !

नमक भी अदा किया , तो जख़्मों पर लगाकर !!

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ये जो तुम लफ़्जों से बार बार चोट देते हो ना !

दर्द वहीं होता है …….. जहाँ तुम रहते हो !!

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इक सुबह की तलाश में ….!

ज़िन्दगी की कई शामें गुजार दी हमने !!

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एक समुन्दर है , जो मेरी क़ाबू में है , और एक क़तरा है ,जो मुझसे सम्हाला नही जाता !

एक उम्र है , जो बितानी है उसके ब़गैर , और एक लम्हा है , जो मुझसे गुजारा नही जाता !

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तुम मेरे पास हो और रहोगे..

यादों की कोई उम्र नही होती ..

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तुम सदा मुस्कुराते रहो यह तमन्ना है हमारी,

हर दुआ में मांगी है बस खुशी तुम्हारी,

तुम सारी दुनिया को दोस्त बना कर देख लो,

फिर भी महसूस करोगे कमी हमारी।

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कुछ मौसम रंगीन है कुछ आप हसीन हैं,

तारीफ करूँ या चुप रहूँ जुर्म दोनो संगीन हैं।

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ढाई अक्षर की बात कहने में, कितनी तकलीफ उठा रखी है,

तूने आँखों में छिपा रखी है, मैंने होंठो पे दबा रखी है..

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काश कुछ जिम्मा वो भी उठा लेते,

टूटने से ना सही बिखरने से बचा लेते!!

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तेरी मोहब्बत की तलब थी इसलिए हाथ फैला दिए,

वरना हमने तो अपनी जिन्दगी की दुआ भी न मांगी।

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हम तो हर बार खै़रियत ही लिखेंगे, तुम बस फैली हुई स्याही पर ग़ौर फ़रमाना_✍🏻🌹

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मेरी रूह तरसती है उनकी खुशबु को।

वो कही और मेहक जाये तो बुरा लगता है…

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“ज़िन्दगी तो बड़ी सस्ती है, साहब बस जीने के तरीके बहुत महंगे है ।”

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वो खुद पे इतना गुरूर करते हैं, तो इसमें #हैरत की बात नहीं,

जिन्हें हम चाहते हैं, वो आम हो ही नहीं सकते।

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नए ज़ख्म के लिए तैयार हो जा ऐ दिल,

कुछ लोग प्यार से पेश आ रहे हैं।

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अपने हर इक लफ़्ज़ का ख़ुद आईना हो जाऊँगा

उनको छोटा कह के मैं कैसे बड़ा हो जाऊँगा .. !!

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कहो कैसी लगती है..??

वो चाय जो मेरे बग़ैर पीते हो….!!!!

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कहानी शुरू हुई है तो ख़त्म भी होगी,

किरदार काबिल हुए तो याद रखे जायेंगे !!

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मुस्कुराहट भी मुस्कुरा जाती है….

जब आपके होंठों पर आती है…..

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अपने उसूल कुछ इस तरह तोड़े हमने

गलती ना थी फिर भी हाथ जोड़े हमने…

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भीगी नहीं थी मेरी आँखें कभी वक़्त के मार से…

देख तेरी थोड़ी सी बेरुखी ने इन्हें जी भर के रुला दिया !

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पढ़ तो लिए है मगर अब कैसे फेंक दूँ;

खुशबू तुम्हारे हाथों की इन कागज़ों में जो है।

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मुहब्बत में प्यार मिले न मिले लेकिन याद करने के लिए एक चेहरा जरूर मिल जाता है ।

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मुफ्त में मिल जाया करूँ. वो राय थोड़ी हूँ…

हर शख्सियत को पसन्द आ जाऊं.. मैं चाय थोड़ी हूँ..

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एक मास्क का क्या करोगे,

कुछ लोगो के तो कई चेहरे हैं…!!

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कभी “मौका” मिला तो…हम “किस्मत” से…”शिकायत” जरूर करेंगे…..

क्यों “दूर” हो जाते हैं…वो “लोग”…जिन्हें हम “टूटकर” चाहते हैं…..💔

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पता नहीं ये बादल क्यूँ भटक रहे है फ़िज़ा में दर-बदर,

शायद इनसे भी बात नहीं करता इनका अपना कोई !!

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या रब एक आइना ऐसा बना दे जिसमें चेहरा नहीं नीयत दिखाई दे ।

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इश्क़ के मायने तुझी से सीखे हैं मैंने..!!

सूनो सनम अब तुझी से बेपनाह मोहब्बत ना हो तो क्या हो….!!!!

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ख़ुश होना है तो बेवजह हो जाइए जनाब वजहें आजकल महँगी हो गयी है ।

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उम्र गुजर रही है,तराजू के पलड़ों में……..

कभी रिश्ते भारी हो रहे है, तो कभी अरमान!

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मेरी दुआओं का मुकम्मल होना और,,,

उनका मुस्कुराना एक ही बात है  ।

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किसी को बांध के रखना फितरत नहीं मेरी,

मैं प्रेम का धागा हूँ, मजबूरी की जंज़ीर नहीं।

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फासले तो मजबूरियाँ है वर्ना,,,

बिना उनके सास़ भी रास नही आती,,

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खबर तो थी कि तुम बदल जाओगे मगर तुमने तो मौसम को भी शर्मिन्दा कर दिया ।

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बिना इजहार किए किसी को खामोशी से चाहना भी इश्क है..!!

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खामोशी खा गयी जज़्बात मेरे ,

शोर पूछता रहा माजरा क्या है ||

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था तुझे ग़ुरूर ख़ुद के लम्बे होने का ए सड़क,

ग़रीब के हौसले ने तुझे पैदल ही नाप दिया ||

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तुझे याद करना न करना अब मेरे बस में कहाँ,

दिल को आदत है हर धड़कन पे तेरा नाम लेने की।

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अन्दाजा नहीं था,इतनी गहरी चाहत होगी तुम्हारी….!!

ज़रा सा क्या उतरे तुम्हारे दिल में,डूबते चले जा रहे हैं….!!

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इंतजार से थकी इन आंखों में कुछ खयालात चाहता हूं…

मेरी नज्म को पढ़ने वाले तुझसे एक मुलाकात चाहता हूं !

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परेशान करती कभी कभी तेरे चेहरे की सादगी…!!

मुकम्मल गजल लिख दु तो भी कागज खाली नजर आता है…!!!

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शिकायत होगी तो खुदसे..

तुझसे तो हमेसा इश्क़ ही होगा ।

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बस मुस्कुराना पसंद है, फिर…

हमारा हो या तुम्हारा…. ❣️❣️

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जिस शाम तू ना मिले वह शाम ढलती नहीं,

आदत सी तुम बन गये हो , आदत बदलती नहीं!

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मुझे खैरात नहीं चाहिए, अपने हक़ का इंतेज़ार करता हूं,,

मै एक बंद दरवाजे जैसा हूं , तेरी दस्तक का इंतेज़ार करता हूं..!!

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इश्क-ए-आरजू तुम्हे भी है हमसे,,

इज़हार तुम करो !! तो इशारा हम भी करे !!!

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नसीब में कुछ रिश्ते अधूरे ही लिखे होते हैं … लेकिन…

ताज्जुब है उन रिश्तो की यादे इतनी खूबसूरत क्यों होती है..!!

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जख्म कहां कहां से मिले है, छोड़ इन बातो को…

जिंदगी तु तो ये बता, सफर कितना बाकी है….. 💔💔

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खुशी के ना सही, गम के ही काबिल कर ले;

तू हमें अपने आँसुओं में ही शामिल कर ले.!

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याद रहेगा यह दौर भी हमको उम्र भर के लिए,

कितना तरसे है जिंदगी में एक शख्स के लिए ❤.

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दिल को हज़ार चीख़ने चिल्लाने दीजिये,

जो आपका नही है, उसे जाने दीजिये ।

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आ भी जाओ,,, मेरी आँखो के रू-ब-रू तुम,,,,

कब तक तुम्हें,, ख्वाबों में ढूँढा जाये…

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किसी ने पूंछा मुझसे क्या है तेरी जिन्दगी का खजाना….

मुझे अचानक याद आ गया “उनका का वो हलके से मुस्कुराना…….😊

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हमें कहां नसीब कि तुझे रूबरू देखें…

बस खोल के तेरी प्रोफाईल तुझे जी भर के देखते हैं..!!!

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तार मन के उलझे है, दोष रिश्ते को देतें है ।

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वो विधाता होकर भी विधि के विधान को नहीं टाल सके।

इश्क राधा से और विवाह रुक्मणि से रचाना पड़ा।

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हमारी आँखों में अपना खुमार रहने दो

तमाम उम्र हमें तेरा क़र्ज़दार रहना है ।

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कभी कभी तक़दीर, किसीकी दुआ के इन्तजार में होती है !!

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रंजिश का मज़ा तो तब है… जब इश्क़ का बदला इश्क़ हो!

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पहचान कीस की कीतनी है, ये जरूरी नहीं साहब,

मगर पहचान कीस वजह से है, ये बहुत जरूरी है..

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पैग़ाम लिया है, कभी पैग़ाम दिया है ….

आँखों ने मोहब्बत में, बड़ा काम किया है।

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हर गुनाह कबूल है ‘हमें साहब’, बस…. सजा देने वाला ‘बेगुनाह’ हो..

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नायाब हीरा बनाया है रब ने हर किसी को पर चमकता वही है जो तराशने की हद से गुज़रता है……

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चिराग़ सी तासीर रखिए अपनी,

सोचिए मत कि घर किसका रौशन हुआ…

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सब्र का घूंट दूसरो को पिलाना कितना आसान लगता है..!!

ख़ुद पियो तो क़तरा क़तरा ज़हर लगता है…!!

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एक मुलाक़ात करो हमसे इनायत समझकर; हर चीज़ का हिसाब देंगे क़यामत समझकर;

मेरी दोस्ती पे कभी शक ना करना; हम दोस्ती भी करते है इबादत समझकर।

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साफ़ साफ़ बोलने वाले कडवे जरुर होते है,

लेकिन ये लोग धोखेबाज नहीं होते !!

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मोहब्बत की बात जहां-जहां आती है,

तेरी कसम तेरी याद आती है ।

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बहुत प्यार से रखेंगे तुम्हें, एक बार हमारा होकर तो देखो !!

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बारिश से ज़्यादा तासीर है यादों में हम अक्सर बन्द कमरों में भीग जाते हैं ।

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सलामत रहे वो शहर जिनमें तुम बसे हो दोस्तों…

हम तुम्हारी खातिर पूरे शहर को दुआ देते हैं….!!

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वो हमसे नाराजगी कुछ यूँ भी जताती है..

खफा जिस रोज होती है, काजल नही लगाती है !!

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कदर करने वालो को हमेशा बेकदर लोग ही मिलते हैं ।

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असफलता अनाथ होती है… परन्तु सफलता के बहुत रिश्तेदार होते हैं.. ।

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फुर्सत मिले तो कभी बैठ कर सोचना..

तुम भी मेरे अपने हो, या सिर्फ हम ही तुम्हारे हैं..

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वक्त मेरा हो ना हो, मैं हर वक्त तेरा हूँ !!

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तुमने कहा था आँख भर के देख लिया करो मुझे,

मगर अब आँख भर आती है तुम नजर नही आते हो..

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मेरी एक बात हमेशा याद रखना,

मै दुनिया भूल सकता हूं पर तुम्हे नहीं ।

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हर कोई मेरा हो जाए, ऐसी मेरी तक़दीर नही,

मैं वो शीशा हूँ, जिसमे कोई तस्वीर नही….

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तुम्हारी एक कमी, हर लम्हे में आंखों की नमी की वजह बन गई,

ज़िन्दगी की वो हरएक बदी की वजह बन गई ।

बारिशें जो अधूरी ख़्वाहिशें ही रह गई वो अब,

दिल की सूखी हुई इस ज़मीं की वजह बन गई ।

#अख़्तर_खत्री

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ये बात किसने उड़ाई की मुझे इश्क है तुमसे,

हाँ तुमको यकीं आये तो अफवाह नहीं हैं ये ।

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मैं पूरे शहर की हमदर्दियों का क्या करता??? .

मुझे किसी की ज़रूरत थी… हर किसी की नहीं!!!

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जी चाहता है उनसे प्यारी सी बात हो,

एक हसीन चाँद और एक लंबी सी रात हो !!

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मोहब्बत भी हमने कुछ अजीब ढंग से की,

दौर जिस्मों का था और हम दिल मांग बैठे ।

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लफ्जों का वज़न उससे पूछो,

जिसने उठा रखी है खामोशी लबों पर…

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जो अनकहा रह जाता है, वो सबसे हसीन होता है..

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अजीब कशमकश है जिंदगी जो मिल नही सकता , वही चाहिए ।

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गुस्सा तो हमें भी आता है, पर तुम्हें देखकर तो सिर्फ प्यार आता है !!

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जिंदगी तब खुबसूरत होती है, जब जिंदगी बनाने वाला साथ हो !!

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कुछ खूबसूरत पलों की महक सी हैं तेरी यादें,

सुकून ये भी है कि ये कभी मुरझाती नहीं।

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बैठे थे अपनी मस्ती में कि अचानक तड़प उठे,

आ कर तुम्हारी याद ने अच्छा नहीं किया।

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लोग तलाशते है कि कोई… फिकरमंद हो,

वरना कौन ठीक होता है यूँ हाल पूछने से।

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थोड़ी मोहब्ब्त तो उसे भी हुई होगी मुझसे….

इतना वक़्त सिर्फ दिल तोड़ने के लिए कौन बर्बाद करता है…

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चलो एक रोज के लिए किरदार बदलते हैं….

तुम इंतजार करो हमारा और हम बेखबर रहते हैं….

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मेरे मिज़ाज का इसमें कोई क़सूर नहीं,

उनके सलूक ने बदल दिया लहजा मेरा!!

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प्यार_दोनों को था एक दुसरे से, पर दोनों  एक तरफ़ा समझते रहे।

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तेरी जगह आज भी कोई नही ले सकता,

पता नही वजह तेरी खूबी है या मेरी कमी ।

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एक मुस्कुराहट ही तो चाहते है तुम्हारे लबों पर,

यकीन मानो और कोई लालच नहीं तुम्हारी तारीफ करने का ।

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छीन सकते हे हम हर चीज़ दुनिया से,

एक वो ही थे जिन्हें हम उनकी मर्ज़ी से लाना चाहते थे।

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एक तेरे दीदार को आतें हैं हम गली तेरी…

आवारगी के लिए तो सारा शहर पडा हैं….

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मैंने सीखे है मोहब्बत से मोहब्बत के #उसूल…..

सबसे मुश्किल है किसी अपने को #अपना बनाये रखना!

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कुछ बहुत खूबसूरत लिखने का दिल कर रहा है….

इजाज़त हो अगर, तो मैं तुम्हारा नाम लिख दूँ…

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रूठने की अदाएं भी क्या खूब थी उसमे,

गले लगा कर बोले मुझे बात नहीं करना तुमसे ।

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हिचकियों से कह दो ज़रा कुछ दिन सब्र बांध लें,

ये जो दूरियां हैं, फिलहाल सब के लिए ज़रूरी हैं.. ।

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चलो छोड़ो ये बहस की वफ़ा किसने की,, और बेवफा कौन हैं.…

तुम तो ये बताओ कि आज “तन्हा” कौन है….!

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फासले भी होंगे दोस्ती में, मेरे जहन में नहीं थी,

हमने तो किया टूट के , वैसी दोस्ती चलन में नहीं थी…..

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कौन कहता है बुढ़ापे में, इश्क का सिलसिला नहीं होता।

आम तब तक मजा नहीं देता, जब तक पिलपिला नहीं होता।

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जो मांगू , वो दे दिया कर.. ऐ ज़िन्दगी.. तू मेरी माँ जैसी बन जा..

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कुछ कमियाँ मुझमें थीं, कुछ कमियाँ लोगों में थीं ,

फ़र्क सिर्फ इतना सा था वो गिनते रहे और हम नजरअंदाज करते रहे।

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ऐ रात तू मेरे अकेले पन पर इस कदर मत हस,

वर्ना तू उस दिन बहुत पछताएगी जब मेरी मोहब्बत मेरी बाहो में होगी ।

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हिचकियों पे भरोसा किया जाए तो, मेरी उनसे मुलाक़ात बस होने वाली है…

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रिश्ते तोड़ देने से, मोहब्बत खत्म नही होती ……..

लोग याद तो उन्हें भी करते है, जो दुनिया छोड़ जाते हैं……..

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चिंता और तनाव में इंसान तभी होता हैं,

जब वो खुद के लिए कमऔर दूसरों के लिये ज्यादा जीता हैं ।

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मोहब्बत तो रूह में उतरा हुआ एक रिश्ता है..

बातें या मुलाकातें कम होने से मोहब्बत कम नही होती..।

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खाली हाथों को भी कभी गौर से देखा कीजिये,

किस तरह से निकल जाते हैं लोग लकीरों से।

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स्माइल करो, इसीलिए नहीं कि आपके पास स्माइल करने का कारण है..

इसलिए क्योंकि..दुनिया को रत्ती भर फर्क नहीं पड़ता आपके आंसुओं से..!!

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बेशक हम आशिक है लाख दावा ए होश करते है..

पर उनका क्या करें…जो नजरों से मदहोश करते है..!!

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तबाह होकर भी तबाही दिखती नहीं,

यह इश्क़ है इसकी दवा कहीं बिकती नहीं ।

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कोई घूंघट, कोई मुखोटा, कोई नक़ाब में है,

सच कहूं तो यहां, कांटा हर गुलाब में है..!!

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मेने कब कहा कि वो मिल जाये मुझे,

गैर न हो जाये बस इतनी सी हसरत है..।

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ज़रा सी  हवा की आहट क्या हुई..!!

याद आ गए वो शाम ढलते ही….!

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बहुत अजीब हैं ये मोहब्बत करने वाले…

बेवफाई करो तो रोते हैं और वफा करो तो रुलाते हैं….

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गज़ल भी मेरी है, पेशकश भी मेरी है, मगर…

लफ्जो़ं में जो छुप के बैठी है वो बात उनकी है..।

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मंजिल का नाराज होना भी जायज था,

हम भी तो अजनबी राहों से दिल लगा बैठे थे।

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मैं खुद भी अपने लिए अजनबी हूँ,

मुझे गैर कहने वाले उनकी बात में दम है !!

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उनका हर दिन एक पर्व होता हैं ,

जिन्हें अपने काम पर गर्व होता हैं….!!

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तलाशी ले ले ए दोस्त तू भी मेरी….

अगर जेबों में मज़बूरी के सिवा कुछ और मिले तो ये जिंदगी तेरी….!!

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उड़ा देती है नीदें भी कुछ जिम्मेदारीयाँ घर की,

देर रात तक जागने वाला हर शख्स आशिक नही होता।

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“आवाज” ऊँची होगी तो कुछ लोग सुनेगें,

किन्तु “बात” ऊँची होगी तो बहुत लोग सुनेगें ।

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भूलता कोई नहीं, बस याद करने के बहाने ख़तम हो जाते है !!

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जिंदगी में चुनौतियाँ हर किसी के हिस्से नहीं आती,

क्योंकि किस्मत भी किस्मत वालो को ही आजमाती है !!

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मैंने कभी नहीं कहा कि वो भी मुझसे बेपनाह प्यार करे,

बस इतनी सी ख्वाहिश है वो मेरी मुहब्बत तो महसूस करे।

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मत पूछो कैसे गुजरता हर पल तुम्हारे बिना,

कभी बात करने कि हसरत तो कभी देखने की तमन्ना।

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चलते चलते थक गये तो पूछा, पाँव के छालों ने…

कितनी दूर बसाई है दुनिया तेरे चाहने वालो ने… !!!

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ख्वाइश तो थी तेरे कानों में बालिया पहनाने की,

मगर तेरे बालों की खुश्बू ने हमें पहले ही मदहोश कर दिया।

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वो तो जरा टूटा_बिखरा पड़ा हूं ..!!

वरना,, इश्क आपको हम सिखाते …

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माना कि तेरे चाहने वालों की कमी नही है,

मग़र हम याद रहने वालों में ही गिने जाते हैं….

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खूबियों पे तुम्हारी ज़माने को फ़िदा होने दो,

हम तो तुम्हारे ऐबों पे अपना दिल हार बैठे है।

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हर एक रिश्ते को नाम की ज़रूरत नही होती…!!

जब कोई अजनबी अपना लगे बस वही ईन्सानियत है…!!

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किस्मत की किताब तो खूब लिखी थी मेरी खुदा ने,

बस वही पन्ना गुम था जिसमें मुहब्बत का जिक्र था।

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क्या लिखूं और  कितना लिखूं , दिल के एहसासों को…….

जिंदगी भरी पड़ी है सब, अनकहें अल्फाज़ों से……..

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तबाह कर डाला तेरी आँखों की मस्ती ने..!

हज़ार साल जी लेते अगर तेरा दीदार ना किया होता तो..!!

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लॉकडाऊन जीवन भर का भी मंजूर है..

कॉरेंटाईन जो ‘तेरी बाहों में होना पडे….

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जानते हो मोहब्बत क्या है,

किसीकी ख़ुशी को हर दुआ में माँगना !!

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कुछ तो बोलो…खामोशी का ये शोर अच्छा नहीं लगता…

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इत्मीनान से चाहेंगे तुम्हे

क्योंकि

बरसों का इन्तजार हो तुम…..!!!

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तेरा नशा है ये….

तुझसे ही…उतरेगा…!!

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बहुत खूबसूरत वो रातें होती हैं,

जब तुम से दिल की बातें होतीं हैं।

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नहीं बसती किसी और की सूरत अब इन आँखों में

काश कि हमने तुझे इतने गौर से ना देखा होता।

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आईने का जीना भी लाजवाब है..,

स्वागत सभी का है, लेकिन संग्रह किसी का नही..।

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बड़ा मिठा नशा है तेरी याद का …..

वक़्त गुजरता गया और हम आदी होते गए।

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माना की नही आता मुझे किसी का दिल जीतना,

मगर ये तो बताओ की यहाँ दिल है किसके पास!!!?

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साकी को गिला है कि बिकती नही शराब..

ओर तेरी आंखे है कि होश में आने नही देती..

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यादों की कश्ती से पार कर लेंगे जिन्दगी का सफर,

शर्त बस इतनी है, कि उसपार “तुम” मिलो..!!

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आओ तुम्हे ऑसमॉ ले चलु..

चॉंद को उसकी औंकात दिखाने…!

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कैसे करे हम खुद को उनके प्यार के काबिल..

जब हम आदते बदलते है तो वो शर्ते बदल देते है…!

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मौन एक सच्चा मित्र है जो कभी विश्वासघात नहीं करता है।

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उम्र गुज़र रही है, तराज़ू के काँटे को संभालने में,

कभी फ़र्ज़ भारी होते हैं, तो कभी अरमान।

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हादसे बुरा मान जायेंगे…!

उन्हें तर्जुबा कहा करो…!!

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बारिश में रख दूँ जिंदगी को,

ताकि धुल जाए पन्नो की स्याही,

ज़िन्दगी फिर से लिखने का

मन करता है कभी-कभी…!

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किताबों पर धूल जम जाने से कहानी नहीं बदलती ।

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बडे ही खुशनुमा वहम में थे…..

कि उनकी जिंदगी में अहम थे।

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“रात के आगोश में अगर आ जाए ख़्याल उनका..

तो सुबह बिस्तर से भी फूलों की महक आती है…!”

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इत्मीनान से चाहेंगे तुम्हे, बरसो का इन्तजार हो तुम।

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चर्चा जब नशे की हो रही हो?

और तुम याद न आओ ऐसा हो ही नहीं सकता ।

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इतना गुरूर भी अच्छा नहीं… 😏

चांद जैसे हो ,चांद तो नहीं हो…।

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मुझे कुछ भी नहीं कहना इतनी सी गुजारिश है,

बस उतनी बार मिल जाओ जितना याद आते हो।

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मेरे बिना क्या अपनी..जिंन्दगी गुजार लोगे तुम,

इश्क हूँ, बुखार नहीं, जो दवा से उतार लोगे तुम..

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माना की जायज नही हैं इश्क तुमसे बेपनाह करना,

मगर तुम अच्छे लगे तो ठान लिया ये गुनाह करना—!

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शोहरत तो बदनामी से ही मिलती है??

क्योंकि यहाँ लोग बदनामी के किस्से कान लगा के सुनते हैं।

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वो दर्द जो सहे नही जाते…अक्सर किसी से कहे नही जाते..!

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उन्होने हमें नज़रअंदाज़ किया,

हमने उन्हे नज़र आना ही छोड़ दिया!!

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एक तमन्ना थी कि ज़िंदगी रंग बिरंगी हो,

और दस्तूर देखिये जितने मिले गिरगिट ही मिले !!

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बंध जाता हे जब  किसी से रूह का बन्धन……

तो इजहार ए मुहब्बत को अल्फाजो की जरुरत नहीं होती..

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मैं हूँ दिल है तन्हाई है,

तुम भी होते अच्छा होता !!

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एक लड़की की इज्जत करना,

उसको खुबसूरत कहने से भी खुबसूरत है !!

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कल से मेरे शहर मे तेज बारिश हो रही है…

तुझे भुलाने कि नाकाम हर कोशिश हो रही है।

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हर कोई “मुझे” जिंदगी जीने का तरीका” बताता है….

उन्हें” कैसे समझाऊँ  की “कुछ ख्वाब अधुरे” हैं वर्ना जीना मुझे भी आता है।

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रूबरू मिलने का मौका मिलता नहीं है रोज,

इसलिए लफ्ज़ों से तुमको छू लिया मैंने।

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मेरी पागल सी मोहब्बत तुम्हें बहोत याद आएगी…,

जब हँसाने वाले कम और रुलाने वाले ज्यादा होंगे!

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जिंदगी के राज़ को राज़ रहने दो,

अगर है कोई ऐतराज़ तो रहने दो,

पर जब दिल करे हमें याद करने को,

तो उसे ये मत कहना के आज रहने दो।

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दो बुँदे क्या बरसी, चार बादल क्या छा गये

किसी को जाम, तो किसी को कुछ नाम याद आ गये।

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दौड़ती भागती ज़िन्दगी में बस यही तोहफा है,

खूब लुटाते रहे अपनापन फिर भी लोग खफा है।

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वक़्त के साथ जो  मैने अपनी #ज़िन्दगी देख ली …

किसी की #सच्चाई और किसी की #फितरत देख ली …

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कुछ #राज़ और #दर्द तो क़ैद रहने दो मेरी #आँखों में ..

हर किस्सा तो शायर भी नहीं सुनाता …

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जब देखो…तौलने बैठ जाते हो “रिश्तों” को..!

ये भी तो बताओ ना…दूसरे पलड़े में रखते क्या हो…?

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लगा लेना काजल अपनी आंखो में जरा ,

ख़्वाब बनकर  दाखिल होने का इरादा है मेरा…

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खास हो तुम पर पास नही,

काश हो तुम पर आस नही।

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लोग अपनी शायरी में मोहब्बत की बात करते है,

और में अपनी शायरी में मोहब्बत से बात करता हूं।

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दर्द सबसे ज्यादा हमें तब होता है ऐ जिंदगी,

जब हम अपना दर्द किसी को बता नहीं पाते !!

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बादलों का गुनाह नहीं, कि वो बरस गए…..

दिल हल्का करने का हक तो सबको ही है ना!!

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एक तुम हो सनम कि कुछ कहते नहीं,

एक तुम्हारी यादें है जो चुप रहती नहीं ।

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सब कुछ पा लिया तुमसे इश्क़ कर के,

बस कुछ रह गया तो वो तुम ही थे..!!

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बहुत मासूम होते है ये आँसू भी,

ये गिरते उनके लिए है जिन्हें परवाह नहीं होती !!

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कहते हे..प्यार की शुरूआत आँखो से होती है ,

यकीन मानो दोस्तो,

प्यार की कीमत भी आँखो को ही चुकानी पङती है..

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लोगो ने समझाया कि वक्त बदलता है ..

वक्त ने समझाया कि लोग भी बदलते है ..

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थोड़ी थोड़ी ही सही मगर बातें तो किया करो,

चुपचाप रहती हो तो खफा खफा सी लगती हो।

*******

उन  से  बात नहीं हुई सुबह से ,

तो सुबह ही नहीं हुई सुबह से ।

*******

कोई तो हो जो घबराए मेरी  खामोशी  से…!

किसी को तो समझ आए मेरे लहजे का दुख…!!

*******

उनके ना होने से बस इतनी सी कमी रहती हैं,,,

मै लाख मुस्कुराऊ आँखों में नमी सी रहती है,,,

*******

मैले हो जाते हैं, रिश्ते भी लिबासों की तरह साहिब..!

कभी-कभी इनको भी मोहब्बत से धोया कीजिए..!

*******

नशा छोड़ा था उसे पाने के लिए,

फिर नशा ही काम आया उसे भुलाने के लिए!

*******

तुम्हारे हर सवाल का जवाब मेरी आंखों में था,

और तुम मेरी जुबां खुलने का इंतज़ार करते रहे।

*******

रोटी के सफ़र में नींद ऐसी खो गई…

हम न सोए, रात थक कर सो गई…

*******

जलेबी सिर्फ मीठी ही नहीं, एक महत्वपूर्ण संदेश भी देती है..

खुद कितने भी उलझे रहो, पर दुसरो को हमेशा मिठास दो….

*******

इश्क़ की उम्र नहीं होती… ना ही दौर होता है…

इश्क़ तो इश्क़ है… जब होता है… बेहिसाब होता है…।।

*******

बहोत दिनों से तुम्हे देखा नहीं है,

ये आखों के लिये अच्छा नहीं है..

*******

थोड़ा सम्हाल के रखा करो अपने आप को,

तेरी ही खूबसूरती बची है ताजमहल के बाद!

*******

वो गलतियां बहुत ‘दर्द’ देती है..,,

जिनकी ‘माफ़ी’ मांगने का ‘वक़्त’ निकल चुका हो…!!!

*******

सिर्फ, इतना ही फर्क पड़ा है चेहरे की हँसी पर,

पहले आती थी, अब लाते हैँ ।

*******

 

 
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Posted by on સપ્ટેમ્બર 29, 2020 માં Hindi Shayari, Love Shayari, Shayari

 

Shayari part 42


मैं और मेरी तन्हाई
दोनों खुश है। 😊

*******

इजाज़त हो तो मांग लूँ तुम्हें
सुना हैं तक़दीर लिखी जा रही है। 

*******

समंदर को ढूँढती है ये नदी जाने क्यूँ,
पानी को पानी की ये अजीब प्यास है!!

*******

मुझे महँगे तोहफ़े बहुत पसंद है …
अगली बार यूं करना …
ज़रा सा वक़्त ले आना …

*******

मैं वो सवाल हूँ , जिसका कोई जवाब नहीं…

तू गर मुझमे हो ! जिंदगी का कोई ख्वाब नहीं…..

*******

खुद से भी रूबरू कभी करा दे मेरे
मालिक मुझको;

कब तक यूँ परायों में अपने होने के निशाँ ढूंढता फिरू…..!!!

*******

जायका अलग है, हमारे लफ़्जो का…

कोई समझ नहीं पाता… कोई भुला नहीं पाता…

*******

मैं वो सवाल हूँ , जिसका कोई जवाब नहीं…
हर कोई इस तरह से टालता है मुझे…

*******

दर्द बनकर ही रह जाओ हमारे साथ

सुना है दर्द बहुत वक़्त तक साथ रहता है …..

*******

माना की तेरे प्यार का मालिक नहीं हूँ मैं

पर किरायेदार का भी कुछ हक़ तो बनता….

*******

आहिस्ता से कीजिए क़त्ल मेरे अरमानों का

कहीं सपनों से लोगों का ऐतबार ना उठ जाए !!

*******

ज़िन्दगी जीनी हैं तो तकलीफें तो होंगी…
वरना मरने के बाद तो जलने का भी एहसास नहीं होता…!!

*******

मेहनत इतनी करो कि किस्मत भी बोल उठे,
ले ये तो तेरा हक़ है !!

*******

मुस्कुराहटे तो कई आयी थी..

मेरे चेहरे पर कोई जंची ही नही..

*******

नहीं कोई जानकारी मेरे पास मौसम की,
बस इतना जानता हुँ, तेरी यादें तूफ़ान लाती है।

*******

तरसेगा जब दिल तुम्हारा, मेरी मुलाकात को….
ख्वाबों मे होंगे तुम्हारे हम, उसी रात को…

*******

इंच भर भी….छोड़ने का मन नही करता,

झगडे़ कि जमीं सी लगती हो तुम।  

*******

कोई आदत कोई बात या फिर खामोशी मेरी…

कभी कुछ तो याद उसे भी आता होगा…

*******

ना तंग कर….. प्यार करने दे…..

ऐ जिन्दगी…..

तेरी कसम तुझसे…. भी हसींन है वो..

*******

जिनके पास अपने है वो अपनों से झगड़ते हैं,

नहीं जिनका कोई अपना वो अपनों को तरसते है..

*******

दिल सोचता है तो फिर सोचता ही रह जाता है,

कि ये जो अपने होते है..ये अपने क्यूँ नही होते। 

*******

कभी कभी हाथ छुड़ाने की ज़रूरत नहीं होती…

लोग साथ रह कर भी बिछड़ जाते है। 

*******

चुप चाप रहती है वो कुछ कहती भी नही,

जिसके लिए लिखता हूँ मैं, पता नही वो पढ़ती भी है या नही। 

*******

फिर उसने मुस्कुरा के देखा मेरी तरफ़,

फिर एक ज़रा सी बात पर जीना पड़ा मुझे !!

*******

मुझ में हिम्मत नही है कि अपनी दास्तान ए जिंदगी सुना सकूँ..

बस इतना जान लीजिये जिसने भी दिल तोडा जी भर के तोडा।

*******

न जाने क्यूँ बहुत उदास है दिल आज….

लगता है की किसीका पक्का इरादा है हमें भूल जाने का 

*******

मैं वो दिल कहाँ से लाऊँ…

जो तुम्हें प्यार न करे जो तुम्हें याद न करे…

*******

अकेले ही काटना है मुझे जिंदगी का सफर ..

तो दो पल साथ रहकर मेरी आदत ना खराब कर.!!

*******

तलब उठती है बार-बार तेरे दीदार की;

ना जाने देखते-देखते कब तुम आदत बन गये..!!

*******

तेरी मुहब्बत पर
मेरा हक तो नही

पर
दिल चाहता है
आखिरी सांस तक
तेरा इंतजार करू..!

*******

तुझमें छुपे हैं मेरी जिन्दगी के हजारों राज…

तुझे वास्ता है मेरे प्य़ार का, जरा खुद का ख्याल रखा कर। 

*******

अब नही लिखता हुँ “तुम” पर कोई शायरी..

जब जज़्बात ही नही समझे तो अल्फ़ाज क्या जानोगे..!!

*******

बस इतना ही कहा था, कि बरसो के प्यासे हैं हम;

उसने अपने होठों पे होंठ रख के, हमे खामोश कर दिया..!!

*******

सुना है तूम ले लेते हो हर बात का बदला,

आजमायेंगे कभी तूम्हारें होंठों को चूम कर..!!

*******

मुझे आदत नहीं यूँ हर किसी पे मर मिटने की…!

पर तुझे देख कर दिल ने सोचने तक की मोहलत ना दी..!!

*******

चलो अच्छा हुआ कि शाम तन्हा गुजरी,

अगर मिल के बिछड़ते तो बड़ी मुश्किल होती..!!

*******

शुक्रिया आपका जो ” दिल ” तोड़ कर छोड़ दिया…

तुम चाहते तो “जान” भी ले सकते थे..!

******

इस दुनिया मेँ अजनबी रहना ही ठीक है….
लोग बहुत तकलीफ देते है अक्सर अपना बना कर !!

*******

उड़ा देती है नींदे भी कुछ ज़िम्मेदारियां घर की

देर रात तक जागने वाला हर शख्स आशिक़ नही होता !

*******

ख्वाब मत बना मुझे.. सच नहीं होते,
साया बना लो मुझे.. साथ नहीं छोडेंगे..!!

*******

काश!
वो भी आकर हमसे कह दे…
मैं भी तनहा हूँ ….
तेरे बिन ….
तेरी तरह …
तेरी कसम….
तेरे लिए …

*******

सर्दी आई……अपने यादों का….
इक गर्म दुशाला दे दो ना…!
चुटकी भर इश्क़ मिला के………
इक गर्म चाय का प्याला दे दो ना..!!

*******

ज़िन्दगी में सारा झगड़ा ही ख़्वाहिशों का है..
ना तो किसी को गम चाहिए और,
ना ही किसी को कम चाहिए!

******

पूछा जो उसने,
करोगे प्यार कब तक?
रख के दिल पे हाथ कहा,
धड़केगा ये जब तक..!!

*******

किसी ने पूछ ही लिया की, इतनी खूबसूरत शायरी कहा से लाते हो,

मैंने मुस्कुरा के कहा डुबकी लगानी पड़ती है किसी के ख्यालो में। 

*******

कितने बेबस हैं तेरी चाहत में..!!
तुझे खो कर भी, अब तक तेरे हैं.!!

*******

कसम से बहुत , सताते हो तुम…
अक्सर बिना आवाज़,बिना दस्तक ….
दबे पावों..मेरे ख्यालों में चले आते हो,तुम…!!!

*******

कीमतें गिर जाती हैं खुद की अक्सर

किसी को कीमती बनाने में। 

*******

तुमको मिल ही गया
कोई बेहतर
मुझसे !
मुझको भी मिल गया
कोई बेहतर
तुमसे !

पर कभी कभी दिल को यूँ भी लगता है …
हम जो इक दूसरे को मिल जाते
तो यक़ीनन वो होता बेहतर
सबसे !

*******

झूठ बोले बग़ैर दिन निकला….

आज तो जम के नींद आएगी। 

*******

मुझे नहीं आती हैं,
उड़ती पतंगों सी चालाकियां,

गले मिलकर गला काटूं,
वो मांझा नहीं हूँ मै।

*******

अपना दर्द सबको न बताएं साहब,
मरहम एक आधे घर में होता है,

नमक घर घर में होता है। 

*******

सिर्फ पानी से नहाने वाला कभी सफल नहीं होता गालिब…

पसीने से नहाने वाले ही दुनिया बदलते है।

*******

सिर्फ स्वयं को ही खोजना है…

बाकी तो तकरीबन सभी कुछ Google पर मिल जाएगा

*******

तू आदत है तू आदत थी तू आदत रहेगी,

कितना भी बदले ज़माना तू ही मेरी ताकत रहेगी !!

*******

जीने की वजह तलाश करो…

मरने का ख़ौफ़ ख़त्म हो जाएगा…

*******

तड़पा कर तू मुझको दिल मेरा बेकरार न कर,

तीर पे तीर चला के तू दिल के मेरे आर पार न कर !!

*******

समझने वाले तो खामोशी को भी समझ लेते है,

और ना समझने वाले जज्बातों का भी मजाक उड़ा देते है !!

*******

अपनों पर भी उतना ही विश्वास रखो जितना दवाइयों पर रखते हो,

बेशक थोड़े कडवे होंगे पर आपके लिये फायदेमंद होंगे !!

*******

जिन्दगी में उस इन्सान को मत खोना,

जो गुस्सा करके फिर तुम्हारे पास आये !!

*******

एक डोर-सी है, उनके -मेरे दरमियां, बनती है,

उलझती है, सुलझती है,मगर टूटती नहीं…

*******

“सज़ा” बन जाती है गुज़रे हुए “वक़्त” की निशानियाँ,

ना जाने क्यूँ “मतलब” के लिए “मेहरबां” होते हैं लोग। 

*******

“लफ़्ज़ों” को यू “कम” ना “आकिए” साहब,

चंद जो “इक्कठे” हो जाए तो “शेर” हो जाते हैं..!

********

यूँ तो जाने कितनी बातें हुई थी हमारे उनके दरमियाँ,

पर सबसे ज्यादा याद वो है….. .जो अनकही रह गई।

*******

ख्यालों मे भटक जाना, उनकी यादों में खो जाना,

बहुत महंगा पड़ा है मुझको उनका हो जाना। 

*******

खुशमिजाजी मशहूर है हमारी, सादगी भी कमाल है,

हम शरारती भी बेइंतेहा हैं, तन्हा भी बेमिसाल हैं….!

*******

नसीब में कुछ रिश्ते अधूरे ही लिखे होते हैं … लेकिन…

ताज्जुब है उन रिश्तो की यादे इतनी खूबसूरत क्यों होती है…

*******

कीमतें गिर जाती है अक्सर खुद की…

किसी को कीमती बनाकर अपना बनाने में…

*******

सारी उमर अच्छा करके भी,

एक दिन की गलती बुरा बना देती है !!

*******

एक मास्क का क्या करोगे,

कुछ लोगो के तो कई चेहरे हैं…!!

*******

परछाई बनकर जिन्दगी भर तेरे साथ चलने का‌‌ इरादा है ..

तोड़कर दुनिया की सारी रस्में और कसमें तेरे‌ साथ जीने का वादा है।

*******

सिर्फ तेरा साथ जरूरी है,तेरा एहसास जरूरी है..!!

लाख दूरियां चाहे क्यों न हो,तेरा मुझ पर विश्वास जरूरी है….!!!!

*******

जिंदगी मैं भी मुसाफ़िर हूँ तेरी कश्ती का,

तू जहाँ मुझसे कहेगी मैं उतर जाऊँगा !

*******

हिलते लबो को तो दुनिया जान लेती है,

मुझे उसकी तलाश है जो मेरी ख़ामोशी पढ़ ले। 

*******

तेरी यादें… तेरी बातें… बस तेरे ही फसाने है….

हाँ कबूल करते है……. कि हम तेरे दीवाने है। 

*******

बड़ी मुद्दत से मिलता है,

शिद्दत से चाहने वाला। 

*******

जिंदगी समझ में नहीं आई तो मेले में अकेला,

और समझ आ गई तो अकेले में मेला !!

*******

तुम्हें हम दिल में रख लेते अगर बस में होता,

तुझे सब देखते है मुझसे ये देखा नहीं जाता !!

*******

हो सकता है की मैं तेरी खुशियाँ बाँटने ना आ सकू,

गम आये तो खबर कर देना वादा है की सारे ले जाऊँगा !!

*******

तुम मुझसे दोस्ती का मोल ना पूछना कभी,

तुम्हें किसने कहा की पेड़ छाँव बेचते है !!

*******

कहने को ही मैं अकेला हूं पर हम चार है, 

एक मैं.. मेरी परछाई.. मेरी तन्हाई.. और तेरा एहसास।

*******

सच्चा दोस्त वही है जो खुद तो पागल हो,

और तुम्हें भी पागल होने पर मजबूर करदे !!

*******

कुछ तो चाहत रही होगी इन बारिश की बूंदों की भी,

वरना कौन गिरता है इस ज़मीन पर आसमान तक पहुँचने के बाद !!

*******

रिश्ता रखो तो सच्चा,

नहीं तो अलविदा ही अच्छा !!

*******

मेरी तो खुद की किस्मत साथ नहीं देती,

तुम तो खैर तुम हो !!

*******

मेरे गुनाह मुझे मेरे सामने ही गिनवा दो दोस्तों,

ख़्वाहिश है की जब कफ़न में छुप जाऊँ तो बुरा न कहना !!

*******

कितना बेबस हो जाता है इंसान,

जब किसी को खो भी नहीं सकता…

और उसका हो भी नहीं सकता!!!

*******

बदलती चीजें हमेशा अच्छी लगती है,

बदलते हुये अपने कभी अच्छे नहीं लगते।

*******

उनके सपने जो मिले हमे… आँखे अमीर हो गई।

*******

झूठ लिखू तो उनको मेरा लिखू,

सच लिखू तो खुदको उनका लिखू!

*******

उनकी ज़िक्र उनकी फ़िक्र उनका एहसास उनका ख्याल,

वो खुदा तो नहीं फिर हर जगह क्यों है।

*******

यूँ ही नहीं हम उनकी चाहत का दम भरते हैं,

हमनें भी उनकी आंखों में ख़ामोश मोहब्बत देखी है ।

*******

 

 
1 ટીકા

Posted by on સપ્ટેમ્બર 4, 2020 માં Hindi Shayari

 

Shayri Part 41


उड़ा के जो हँस रही हो, मेरे एहसासों के परिंदे….!!

पाले थे सिर्फ तुम्हारे ही लिए, ये जान के रोओगी…..!!

*******

फैसला उसने लिखा, पर कलम मैंने तोड़ दी….!!

आज हमारे प्यार को, हाय “फाँसी” हो गई….!!

*******

ये बात किसने उड़ाई की मुझे इश्क है तुमसे..
हाँ, तुमको यकीं आये तो अफवाह नही हैं ये…

*******

हम तो सिर्फ दोस्त थे……

“आशिक बनाया आपने”!!!!!!

*******

तुझ से दूर रहकर मुहोब्बत बढती जा रही हैं..
क्या कहूँ.. कैसे कहूँ.. ये दुरी तुझे और करीब ला रही हैं..

*******

केवल अल्फ़ाज़ों की बात थी, पगली…
जज़्बात तो तुम, वैसे भी नहीं समझती..

*******

मैंने जान बचा के रखी है,
एक जान के लिए..
इतना इश्क कैसे हो गया,
एक अनजान के लिए..!!

*******

ना जाने इतनी मुहब्बत कहां से आई है उसके लिये;
कि मेरा दिल भी उसकी खातिर मुझसे रूठ जाता है…..

*******

बहाना कोई और न बनाओ मुझसे ख़फा होने का,
तुम्हे चाहने के अलावा अब मेरा गुनाह कोई नहीं..

*******

जो मेरे साथ हसा साथ रोया है कैसे कहे दू वोह पराया है!!!?

*******

ऊसके जैसी कोई ओर कैसे हो सकती है ,
और अब तो वो खुद अपने जैसी नहीं रही..

*******

हर रिश्ते को आजमाया है हमने
कुछ पाया पर बहुत गंवाया है हमने
हर उस शक्स ने रुलाया है
जिसको भी इस दिल में बसाया है हमने

*******

नज़र चाहती है दीदार करना, दिल चाहता है प्यार करना, क्या बताएं इस दिलका आलम, नसीब मैं लिखा है इंतज़ार करना..

*******

कौन कहता है कि दिल सिर्फ लफ्जों से दुखाया जाता है..

तेरी खामोशी भी कभी कभी आँखें नम कर देती हैं…

*******

लोग कहते हैं कि
मेरा दिल पत्थर का है..

लेकिन कुछ लोग
ऐसे भी थे..
जो इसे भी तोड़ गए..!!

*******

तेरे प्यार का सिला हर हाल मे देंगे,
खुदा भी माँगे ये दिल तो टाल देंगे,

अगर दिल ने कहा तुम बेवफा हो,
तो इस दिल को भी सीने से निकाल देंगे.

*******

एहसास-ए-मुहब्बत के लिए बस इतना ही काफी है,
.
.
.
तेरे बगैर भी हम, तेरे ही रहते हैं..

*******

बहाना क्यु बनाते हो नाराज होने का कह क्यु नही देते के अब दिल मे जगह नही तुम्हारे लिए.

*******

मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना,
कभी बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना…

*******

होगा अफसोस जब हम ना होगे,
तेरी आँखों से आँसू क़म ना होगे,
बहुत मिलेंगे तेरे अरमानो से खेलने वाले,
लेकिन उस वक़्त तेरी परवाह करने वाले हम ना होगे।।

*******

तेरी नाराजगी वाजिब है..
मैं भी खुद से खुश नहीं आजकल..!

*******

दुनिया का नेटव्रक भले ही 3G से चलता हो,
हमारा तो आज भी “श्रीजी” से ही चलता है…

*******

दर्द भी तुम दवा भी तुम…..
इबादत भी तुम ख़ुदा भी तुम….
:
:
चाहा भी तुमको और पाया भी नहीं…
साथ भी तुम और जुदा भी तुम…..

*******

खो जाते हैं कुछ लोग ज़िन्दगी में
इस तरह भी,
:
:
कि लाख माँगों दुआओं में पर हासिल
नहीं होते !!

*******

टूट कर बिखर जाते है वो लोग मिटटी की दीवारों की तरह,,,
जो खुद से भी जादा किसी और से मोहबत किया करते है..!

*******

कमी तेरे नसीबों में रही होगी, कि तू मेरी ना हुई,।।
.
.
मैने तो कोशिश बहुत की, तुझे अपना बनाने की।।।

*******

इतना तो किसी ने चाहा भी न होगा,

जितना मैंने सिर्फ सोचा है तुम्हें ।।

*******

एक वो पगली हैं जो मुझे
समझती नहीं…
और यहाँ जमाना मेरे शेर पढ़कर दीवानाहुआ जा रहा है..!!

*******

चाय के उस प्याले के भी क्या ठाट हैं
सवेरे होते ही तेरे होंटों को चूम लेता है…!!

*******

तेरा वजुद दील मे कुछ ईस तरह हे….
के दिमाग मे खुन के बजाय तेरी याद बेहती हे।

*******

“छुपा लूंगा तुझे इस तरह से बाहों में;
हवा भी गुज़रने के लिए इज़ाज़त मांगे”
“हो जाऊं तेरे इश्क़ में मदहोश इस तरह;
कि होश भी वापस आने के इज़ाज़त मांगे.”!!!

*******

गुज़र गया आज का दिन पहले की तरह

ना हम को फुरसत मिली ना उनको ख्याल आया…………. ।।

*******

कितने मज़बूर हैँ हम तकदीर के हाथो
ना तुम्हेँ पाने की औकात रखतेँ हैँ
और ना तुम्हेँ खोने का हौसला.!!

*******

कहाँ से लायें अपनी बेगुनाही के पक्के सबूत…..
.
.
दिल, दिमाग और नज़र…सब कुछ तो तेरी कैद में है…..

*******

“किताबों के पन्नो को पलट के सोचता हूँ,
यूँ पलट जाए मेरी ज़िंदगी तो क्या बात है.
ख्वाबों मे रोज मिलता है जो,
हक़ीकत में आए तो क्या बात है.”

*******

खुदा करे, सलामत रहें दोनों हमेशा.
एक तुम और दूसरा मुस्कुराना तुम्हारा…

*******

ख्वाहिश तो थी मिलने की… पर कभी कोशिश नही की…
सोचा के जब खुदा माना है तुजको तो बिन देखे ही पूजेंगे..

*******

मुहब्बत मे जिसे देखा रोता हुआ ही पाया है ,
मुझे तो ये मुहब्बत किसी फकीर की बददुआ लगती है |

*******

बिछड़ने वाले तेरे लिए एक “मशवरा” है ,…कभी हमारा “ख्याल” आए,तो अपना ‘ख्याल’ रखना…..!!

*******

बोल दिया होता तुम्हे ददॆ देना हैं-ऐ
जिंदगी–!!!

मोहब्बत को बीच मे लाने की क्या जरुरत थी–!!

*******

बस एक बार निकाल दो इस इश्क से ए खुदा,

फिर जब तक जीयेंगे कोई खता न करेंगे…

*******

कितनी अजीब बात है की —
जब हम गलत होते है तो समझौता चाहते हैं,
और दुसरे गलत होते है तो हम न्याय चाहते हैं …l

*******

वो बेईमान नेता-सी है, मेरे दिल से खेलती है,,
और मै भोली जनता-सा हूँ, हर बार उसी को चुनता हूँ…!!

*******

बस यही सोचकर छोड दी, हमने जिद्द मोहब्बत की..
अश्क उनके बहे या मेरे, रोयेंगी तो मोहब्बत ही..!

*******

मैं सुधर गया तो बहुत पछताएगी….
तुझसे मोहब्बत
का जूनून ह़ी तो मेरी पहचान है….

*******

गजब की है फरमाइशें इस दिल-ऐ-नादान की ,

वो होते , हम होते और होंठों पे होंठ होते !!!

*******

बहुत अँधेरा सा है दिल के कमरे में,

सोचता हूँ कुछ ख्वाब जलाए जाए…

*******

मेरी मोहब्बत की बस इतनी सी कहानी है,

मैं उसका गुलाम और वो मेरी रानी है..!!

*******

इश्क़ ही जादू, इश्क़ ही ख़ुशबू,
इश्क़ नहीं तो क्या मैं क्या तू.

*******

अब भी बाकी है थोड़ी-सी चाहत उसमें मेरे लिए,

पहले भी कईं बार ये धोखा हुआ है मुझे !!

*******

ज़रूरी नहीं है कि तू मेरी हर बात समझे…!!
ज़रूरी ये है कि तू मुझे कुछ तो समझे….!!!!

*******

तुम्हे भूलना भी कोई मुश्किल है क्या…? .
बस…,,, . मुझे मरने तक की मोहलत दे दो…! ”

*******

अरे ये किसी करामात है खुदा तेरी,
ना हम भूल पाते है उनको और ना याद आती है उनको हमारी.

*******

वो और उसकी हर बात मेरे लिए ख़ास है,
यही शायद मुहब्बत का पहला एहसास है…

*******

“किसी को खुश करने का मौका मिले तो खुदगर्ज ना बन जाना ऐ दोस्त,

बड़े नसीब वाले होते है वो,
जो दे पाते है मुस्कान किसी चेहरे पर…”

*******

काश पलट के पहुच जाउ बचपन की उन वादीओ में,
जहा ना कोई ज़रूरत थी
ओर ना कोई ज़रूरी था…

*******

आज कुछ और नहीं बस इतना सुनो…
मौसम हसीन है लेकिन तुम जैसा नहीं…

*******

“कोई वादा नहीं फिर भी प्यार है,
जुदाई के बावजूद भी तुझपे अधिकार है.
तेरे चेहरे की उदासी दे रही है गवाही,
मुझसे मिलने को तू भी बेक़रार है.”

*******

तुम दूर हो मुझसे, मैं परेशान नहीं होती……
पर किसी और के इतना पास हो….बात तो यह बर्दाश्त नहीं होती….

*******

न जाने क्या कशिश है.. उसकी मदहोश आँखों में..!
..
नज़र अंदाज़ जितना करो.. नज़र उस पे
ही पड़ती है..!

*******

माना कि तुम लफ्जो के बादशाह हो,
लेकिन हम भी खामोशियों पर राज किया करते है.

*******

अब तुझे Facebook या Whatsapp पे नहीं,
अपनी बाहों में Block करने का जी करता है..!!

*******

बरसो बाद भी तेरी जिद की आदत ना बदली,
काश हम मोहब्बत नहीं, तेरी आदत होते……

*******

ख़ुदा का शुक्र है की ख़्वाब बना दिए…
वरना तुम्हें देखने की तो हसरत ही रह जाती…!

*******

“बचपन में तो शामें भी हुआ
करती थी.
अब तो बस सुबह के बाद रात हो जाती है.”

*******

मैं अगर चाहु भी तो शायद ना लिख सकूं उन लफ़्ज़ों को,

जिन्हे पढ़ कर तुम समझ सको की मुझे तुम से कितनी मोहब्बत है……!!!!

*******

कुछ रिश्ते मुनाफा नहीं देते.पर अमीर जरूर बना देते हैं.

*******

तेरी तसवीर की भी तारीफ करने से डरता हूँ मैं,

जमाना कही जान ना जाये की मुझे तू अच्छी लगती है.

*******

हालात के साथ तो वो बदलते हे जो कमज़ोर होते है,

हम तो हालात को ही बदल के रख देते हैं।

*******

” ज़िंदगी ..
एक आईने की तरह है,

ये तभी मुस्कुराऐगी ….
जब आप मुस्कुराओगे …..!! ”

*******

कुछ अलग सा है हमारी मोहब्बत का हाल,

तेरी चुप्पी और मेरे ख़ामोश सवाल…..!

*******

मैंने जब खुदा से कहा तू मेरी दुआ भी कभी कुबूल कर दे…
उसने भी मुस्कुरा कर कह दिया तू एक ही शक्श को मांगना छोड़
दे…..!!

*******

तेरा होना इक ख्वाब है
तेरा ना होना हकीकत !

*******

बितता वक़्त है,
लेकिन,
खर्च हम हो जाते हैं…!!

*******

तेरे हाथ की काश मैं वो लकीर बन जाऊं, काश मैं तेरा मुक़द्दर तेरी तक़दीर बन जाऊं.. मैं तुम्हें इतना चाहूँ कि तुम भूल जाओ हर रिश्ता, सिर्फ मैं ही तुम्हारे हर रिश्ते की तस्वीर बन जाऊं.. तुम आँखें बंद करो तो आऊं मैं ही नज़र, इस तरह मैं तुम्हारे हर ख्वाब की ताबीर बन जाऊं.

*******

कुछ इस तरह बुनेंगे हम अपनी तकदीर के धागे िक अच्छे अच्छो को झुकना पड़ेगा हमारे आगे !

*******

कितने अनमोल होते हैं ये मोहब्बत के रिश्ते भी,,,
कोई याद ना भी करे ,
फिर भी इंतज़ार रहता है …

*******

भरने को तो हर ज़ख्म भर जाएँगे,
कैसे भरेगी वो जगह जहां तेरी कमी होगी..!!

*******

कुछ खास जादू नही है मेरे पास….!
बस बातें दिल से करता हूँ….और महोब्बत ईमान से करता हूँ…

*******

पागल नहीँ थे हम जो तेरी हर बात मानते थे…
बस तेरी खुशी :)से ज्यादा कुछ अच्छा ही नहीँ लगता था..!!

*******

जब तीर दिल पे लगी तो दर्द ना हुआऐ दोस्त…
दर्द का एहसास तो तब हुआजब कमान देखी अपनों क हाथो में।।

*******

बहुत थक जाता है इंसान आशक़ी के बाजार में,
इश्क के हिस्से में भी एक इतवार आना चाइये….

*******

मौत से इसलिए भी डरता हूँ की उपरवाले को क्या मुंह दिखाऊंगा।
क्योंकि यहाँ मैने किसी और को अपना खुदा माना था।

*******

दिल का राज है लेकिन तुम्हे बता रहा हूँ मैँ….
जिसे खुद भी नही मालुम उसी को चाह रहा हूँ मैं..

*******

हम बने थे तबाह होने के लिए……
तेरा छोड़ जाना तो महज़ इक
बहाना था….!!

*******

मैं कहता था ना कि वक्त जालिम होता है ,
देख लो हकीकत से ख्वाब हो गए तुम भी…

*******

आज तोहफा लाने निकला था शहर में तेरे लिए,
कम्बखत खुद से सस्ता कुछ ना मिला।।

*******

ऐसा क्या कह दूं कि तेरे दिल को छू जाए,
ऐसी किससे दुआ मांगू कि तू मेरी हो जाए…

तुझे पाना नहीं तेरा हो जाना है मन्नत मेरी,
ऐसा क्या कर दूं कि ये मन्नत पूरी हो जाए।

*******

तेरी हर याद से शुरु होती है मेरी हर सुबह..
फिर ये कैसे कह दुँ कि मेरा दिन खराब रहा….

*******

देखना..
एक दिन बदल जाऊंगा पूरी तरह मै,
तुम्हारे लिए न सही लेकिन तुम्हारी वजह से ही सही…..

*******

जिन्दगीं में किसी का साथ काफी हैं,
कंधे पर किसी का हाथ काफी हैं,
दूर हो या पास..
…क्या फर्क पड़ता हैं,
“अनमोल रिश्तों”
का तो बस “एहसास” ही काफी हैं !

*******

“वो” हमसे बात अपनी “मर्जी” से करते हैं,पर हमारा “पागलपन” तो देखीए “जनाब,कि हम उनकी मर्जी का इंतजार बङी सिद्धत से करते हैं….

*******

तेरे हर दुख को अपना बना लूँ..तेरे हर गम को दिल से लगा लूँ..मुझे करनी आती नहीं चोरी वरना..मैं तेरी आँखों से हर आँसू चुरा लूँ…

*******

कुछ ज़ख्म सदियों बाद भी ताज़ा रहते है, जनाब…
वक़्त के पास भी हर मर्ज़ की दवा नहीं होती…!!

*******

मेरे चुप रहने से नाराज़ ना हुआ करो,
कहते है…..
टूटे हुए लोग हमेशा ख़ामोश हुआ करते हैं…!!

*******

अगर वह मौत भी बन जाए,
तो भी…..
हम उससे मिलने की दुआ करेंगे…

*******

इतना तो किसी ने चाहा भी न होगा,

जितना मैंने सिर्फ सोचा है तुम्हें ।।

*******

चाहे दोस्ती हो मोहब्बत, सूरत से नही दिल से हुआ करती है. सूरत उनकी खुद अच्छी लगने लगती है जिनकी कदर दिल से हुआ करती है..

*******

हद से बढ़ जाये तालुक तो गम मिलते हैं ,

हम इसी वास्ते अब हर शख्स से कम मिलते है…!!!

*******

तेरा होना इक ख्वाब है;
तेरा ना होना हकीकत !

*******

मैंने ज़िन्दगी से कुछ नहीं माँगा “तेरे सिवा”….
और ज़िन्दगी ने मुझे सब कुछ दिया “तेरे सिवा”.

*******

हथेली पे उसका नाम तो लिख लिया ऐ दोस्त ….
पर ये न सोचा कि… तकदीर तो खुदा लिखता है।…

*******

हासिल करके तो , हर कोई मुहब्बत कर सकता है………. !

बिना हासिल किए , किसी को चाहना कोई हमसे पूछे ………..

*******

“बुरा समय आपके जीवन के उन सत्यों से सामना करवाता है,
जिनकी आपने अच्छे समय में कभी कल्पना भी नहीं की होती है। ”

*******

मेहनत कर ली अपनी हैसीयत थी जीतनी,

… अब बारी तक़दीर की है हैसियत दिखाने कि…

*******

“तुम हसतीं हो मुझे हसाने के लिये, तुम रोती हो मुझे रुलाने के लिये, तुम एक बार रूठ कर तो देखो, मर जाउंगा तुम्हे मनाने के लिये”…

*******

मांग लूँ यह मन्नत की फिर यही जहाँ मिले…

फिर वही गोद , फिर वही ‘माँ’ मिले…

*******

ढाया खुदा ने ज़ुल्म हम दोनों पर ,

तुम्हें ‘हुस्न’ और मुझे ‘इश्क’ देकर !…..

*******

मेरे दिल में तो आज भी तुम मेरे ही हो,
ये ओर बात है हाथ की लकीरों ने दगा किया….

*******

मेरी बातो में मेरी यादो में,,

हिसाब करके देखो बेहिसाब हो तुम.

*******

तू हकीकत-ए-इश्क है या कोई फरेब..

ज़िन्दगी में आती नहीं, ख़्वाबों से जाती नहीं.!

*******

हैं दर्द सीने में मगर होंठों पे जज़्बात नहीं आते..
आखिर क्यों वापिस वो बीते हुए लम्हात नहीं आते !

*******

कहें देते हैं तुमको.. हमसे दूर ही रहना.. मुहोब्बत हो गई अगर तो, हमें दोष मत देना.. !!

*******

“साहिल के सकूं से किसे इन्कार है लेकिन
तूफान से लड़ने में मजा और ही कुछ है!”

*******

लिख दूँ तो लफ्ज़ तुम हो, सोच लूँ तो ख़्याल तुम हो………..!
माँग लूँ तो मन्नत तुम हो, चाह लूँ तो मोहब्बत भी तुम हो..

*******

अब हमें तेरी कमी भी नहीं होती महसूस,
पर तुझे इसकी खबर भी तो नहीं कर सकते ….

*******

चाहने की हद कब से होने लगी..
हद से गुज़रना ही तो मुहोब्बत हैं..

*******

एक पंडित ने कहा तू मेरी हाथो की लकीरो में नहीं है,
कोई बात नहीं मेरी हर साँस में तो बस तू ही तू है….

*******

वो जान गया हमें दर्द में भी मुस्कुराने की आदत है;
इसलिए वो रोज़ नया दुःख देता है मेरी ख़ुशी के लिए।

*******

नहीं मिला कोई तुम जैसा आज तक,
पर ये सितम अलग है की मिले तुम भी नही..!!

*******

अंग्रेजी की किताब बन
गयी हो तुम…!!
पसंद तो बहुत आती हो पर समझ
नही आती हो…!!

*******

जितनी चाहे तुमसे नफरत करुं.. पर दिल के किसी कोने में तुम्हारे लिए प्यार हमेशा रहेगा..

*******

ज़ज़बात पे क़ाबू वो भी मोहब्बत में,

तूफ़ान से कहते हो चुपचाप गुज़र जाओ…

*******

जो बिना कहे सुने भी दिल के बेहद करीब होते हैं…
ऐसे नाज़ुक एहसास बड़े नसीब से नसीब होते है….

*******

पलक से पानी गिरा है तो उसको गिरने दो,
कोई पुरानी तमन्ना पिघल रही है पिघलने दो…

*******

सुनने-देखने में लगतीहै छोटी पर है सबसे बडी बात,
किसी एक का हो जाना और उसी एक का बने रहना…

*******

पास होकर सितम करना तो आदत थी तुम्हारी,
अब यादो में रह कर क्यों जीना मुश्किल करते हो…

*******

मेरी बहती हुई आँखों में तेरे ख़्वाब की फ़स्ल,
बाढ़ के पानी में ये घास मर न जाय कहीं…

*******

वादा किया है तो निभाएगे,
सूरज की किरण बनकर तेरी छत पर आएगे.
हम है तो जुदाई का गम कैसा,
तेरी हर सुबह को फूलों से सजाएगे.

*******

मासूमियत तुझमें है पर तू इतना मासूम भी नहीं ,

कि मै तेरे क़ब्ज़े में हूँ और तुझे मालूम भी नहीं …

*******

अपनी ज़िन्दगी के कुछ पल देदे मुझे, आज न सही तू अपना कल देदे मुझे,
ख़ुशी दे या न दे तेरी मर्जी, अपना दर्द तो चल देदे मुझे.,,…

*******

कैसे कहूँ की अपना बना लो मुझे बाहो में समा लो मुझे.,
आज हिम्मत कर के कहता हूँ की., मैं तुम्हारा हूँ अब तुम ही संभालो मुझे.,,,…..

*******

अजब तमाशे है दुनिया में यारों, काैड़ीयाे में इज्जत और करोड़ों में कपड़े बिकते हैं.

*******

कल रात मैने अपने दिल से भि रिश्ता तोड दिया….

पागल तेरे को भुल जाने कि सलाह दे रहा था..!!

*******

ये ज़रूरी तो नही है ना कि,
जिनके दिल में प्यार हो,
उनकी किस्मत में भी प्यार हो…

*******

मुसीबत में अगर मदद मांगो तो सोच कर,
मागना क्योकि… मुसीबत थोड़ी देर की होती है
और एहसान जिंदगी भर का..!!

*******

देख पगली एक ही शर्त पर खेलूंगा ये इश्क़ की बाजी….

मै जीतू तो तुझे पाऊँ और हारू तो तेरा हो जाऊँ……..

*******

सिर्फ बिछड़ जाने से ही तो रिश्ता खतम नहीं होता,
प्यार वो कुँआ है जिसका पानी कभी कम नहीं होता..

*******

दर्द भी तुम,
दवा भी तुम,
इबाबत भी तुम,
खुदा भी तुम….

चाहा भी तुमको और पाया भी नहीं,
जुदा भी तुम और साथ भी तुम…..!!

*******

ये आईने ना दे सकेंगे तुझे, तेरे हुस्न की खबर,
कभी मेरी आँखों से आकर पूछ, के कितनी हसीन है तू..!

*******

एक दूसरे से बिछड़ के हम कितने रंगीले हो गये,

मेरी आँखें लाल हो गयी और तेरे हाथ पीले हो गये..!!

*******

मुझको ढूंढ लेता है रोज़ नये बहाने से,

दर्द हो गया है वाक़िफ़ मेरे हर ठिकाने से…

*******

एक बात पुछु जवाब मुस्कुराके देना ..
मुझे रुला कर खुश तो होना ??

*******

और तो कुछ नहीं चाहिए मुझे तुझसे…
ए ज़िन्दगी,
बस वो एक शख्स लौटा दे जो मुझे तुझसे भी प्यारा हैं…

*******

आज उदासी ने भी हाथ जोड़कर कहा मुझसे…
तुझे तेरे प्यार का वास्ता, मेरा आसियाना छोड…

*******

एक नज़र की जुस्तुजू में तुझे देखता हु में ..कब समझेगी तू ये सोचता हु में ..

*******

ना हीरो की तमन्ना है और ना परियों पे
मरता हूँ . . .
वो एक”भोली” सी लडकी हे जिसे
मैं मोहब्बत करता हू…

*******

मेरी नजर से कभी खुद को देखना,
तुम खुद ही खुद पे फिदा हो जा ओगे..!!

*******

बस एक शख्श मेरे दिल की ज़िद्द हैं……!!
ना उससे ज्यादा चाहिए ना कोई और चाहिए….!!

*******

गिला-शिकवा ही कर डालो के कुछ वक्त कट जाये ,
लबों पे आप के ये खामोशी अच्छी नहीं लगती …

*******

इरादे सब मेरे साफ़ होते हैं…….
इसीलिए, लोग अक्सर मेरे ख़िलाफ़ होते हैँ…

*******

लोग तब तक आप को मूर्ख समझना बन्द नही करते !!
जब तक आप उन्हे मूर्ख बनाना न शुरू कर दें!!

*******

ना वो मिलती है, ना मैं रुकता हूँ;
पता नहीं रास्ता गलत है, या मंजिल!

*******

वो खुद पर गरूर करते है,
तो इसमें हैरत की कोई बात नहीं!
जिन्हें हम चाहते है,
वो आम हो ही नहीं सकते !!

*******

अच्छा नहीं लगता ये मनहूस अलार्म को सुनकर उठना,

काश कोई जुल्फो से पानी झटक कर हमे भी जगाता…

*******

हमारा जीने का तरीका थोड़ा अलग हैं;

हम उम्मीद पर नहीं अपनी जिद पर जीते है………!

*******

हमारी और उसकी ज़िंदगी में सिर्फ़ तक़दीर का फ़र्क है, “उसकी ज़िंदगी में हम सब के बाद आते हैं” और “हमारी ज़िंदगी में सब उसके बाद आते हैं.”

*******

हम वक्त और हालात के साथ ‘शौक’ बदलते हैं, ‘दोस्त’ नही…!

*******

ये मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी तमन्ना है..
तुम हर पल रहो मेरे पास
मेरी साँसों की तरह..

*******

” मेरे हर बोल एक शेर है,
बस तुझे याद करने की देर है “.

*******

एक बात पुछु जवाब मुस्कुराके देना ..
मुझे रुला कर खुश तो होना ??

*******

हमारा तजुर्बा हमको सबक़ ये भी सीखाता है…

कि जो मक्खन लगाता है वो ही चूना लगाता है…!!!

*******

जब दिल टूटे तेरा तो
मेरे पास चले आना..
मुझे अपने जैसे लोगोँ से
मोहब्बत बहुत है.!!

*******

चलो छोड़ो…
तुम्हें क्या बताना मुहब्बत के दर्द को…!!
जान जाओगे तो जान से जाओगे…!!

*******

तुम लिखते हो शिकायतें अपनी,
मैं पढता हूँ मोहब्बत तुम्हारी!!!

*******

उड़ान वालो उड़ानों पे वक़्त भारी है
परों की अब के नहीं हौसलों की बारी है

मैं क़तरा हो के तूफानों से जंग लड़ता हूँ मुझे बचाना समंदर की ज़िम्मेदारी है

कोई बताये ये उसके ग़ुरूर-ए-बेजा को
वो जंग हमने लड़ी ही नहीं जो हारी है

दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत
ये एक चराग़ कई आँधियों पे भारी है

*******

ना जाने इतनी मुहब्बत कहां से आई है उसके लिये,,
कि मेरा दिल भी उसकी खातिर मुझसे रूठ जाता है …

*******

हाल तो पुंछ लू तेरा पर डरता हूँ आवाज़ से तेरी..
ज़ब ज़ब सुनी हें कमबख्त मोहब्बत ही हुई हें…

*******

मशवरा अच्छा दिया है तुमने उसे भूल जाने का……..
मगर उससे पहले तुम इक दफा सांस लेना भूल कर दिखाओ ।

*******

हाँ है, तो मुस्कुरा दे…
ना है, तो नज़र फेर ले…
यूँ शरमा के आँखें झुकाने से उलझनें बढ़ रही हैं…!!!

*******

“कौन अपना है इस ज़माने में
बेहतरी है न आजमाने में…!!!

*******

महसूस कर रहे हैं तेरी लापरवाई कुछ दिनों से…
याद रखना अगर हम बदल गये तो मनाना तेरे बस की बात नही…

*******

निकल रहा था सुबह तक मेरे होठो से खून,
रात को इस कदर तेरी तस्वीर को चूमा था मैंने…

*******

जो मेरे बूरे वक्त मे मेरे साथ हैं
में उन्हें वादा करता हूँ
मेरा अच्छा वक्त सिर्फ उनके लिये होगा…!

*******

दिल धोखे में है…..
और धोखेबाज़ दिल में ….

*******

जब धन होगा खाते में तब

सब रहेगे नाते में……….

*******

रेगिस्तान भी हरा होता है..
जब पर्स नोटों से भरा होता है…

*******

“शिकायते तो बहुत है तुझसे ए जिन्दगी;

पर जो दिया तूने, वो भी बहुतो को नसीब नही….”

*******

केवी शाही अने कई कलम वापरतो हशे,

ज्यारे ऐ कोइना नसीब मां गरीबी लखतो हशे..!!

*******

बना लो उसे अपना ,,जो तुम्हे दिल से चाहता हें,,खुदा की कसम,,ये चाहने वाले,,,बड़ी मुश्किल से मिलते है..

*******

मेरी # smile का # password हो तुम……
.
.
दोबारा मत पूछना कि मेरी कौन हो तुम… . ..

*******

ना जाने किस मिट्टी को मेरे वजूद की खवाईश थी….
मैं उतना तो बना भी न था, जितना मिटा दिया गया हूँ…

*******

क्या कहूँ.. जब भी वो सामने आती है..
दिल मिल्खा.. जुबान मनमोहन.. और ख़याल इमरान हाशमी हो जाते हैं..!

*******

ना हाथ थाम सके ना पकड़ सके दामन…
बेहद ही करीब से गुजर कर बिछड़ गया कोई….

*******

पानी में तैरना सीख ले मेरे दोस्त,
आँखों में डूबने वालों का अंजाम बुरा होता है !!

*******

बीते कल का अफ़सोस और आने वाले कल की चिंता,
दो ऐसे चोर हैं जो हमारे आज की ख़ूबसूरती को चुरा लेते हैं।

*******

अब तो यह तन्हाईयां भी गुरूर
करती है,
जबसे तुने छोडा है दामन
मेरा……..??

*******

तुम ही तुम दिखते हो,
हर मेरी तस्वीर मे भी…
इतना तुम
मुझ में समा गए हो…

*******

कुछ अरमान उन बारीश कि बुंद कि तरह होते है,जिनको छुने कि ख्वाहिश में,हथेलिया तो गिली होजाती ,पर हाथ हमेशा खाली रेह जाते है.

*******

देख ली न तूने मेरे आँसुओं की ताक़त…

कल रात मेरी आँखें नम थीं,
आज तेरा सारा शहर भीगा है…

*******

बहुत नाकाम शख्स हूं मैं, पहले तुझे पाने में नाकाम रहा ,फिर तुझे भुलाने में‪…

*******

कभी तो यकीन करलो, तुम मेरी मोहब्बत का..
कहीं उमर न गुजर जाये, यूँ ही मुझे आजमाने में..!

*******

गलती सुधरने का मौक़ा उसी दिन बंद हो गया था…
जिस दिन हाथ में पेंसिल की जगह पेन थमा दिया गया था !!

*******

कर्म भूमि की दुनिया में,
श्रम सभी को करना पड़ता है..
भगवान सिर्फ लकीरें देता है,
रंग हमें ही भरना पड़ता है..!

*******

जिनकी नजरो में हम नहीं अच्छे

कुछ तो वो लोग भी बुरे होंगे …..।।

*******

ठुकरा दिया तूने अच्छा किया ।।।
मुझे मोहब्बत चाहिए अहसान नहीं ।।।

*******

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1 ટીકા

Posted by on નવેમ્બર 10, 2019 માં Hindi Shayari

 

Shayari Part 40


बिखर जाने के बाद भी नई शुरुआत हो सकती है,
ख़ामोश रह कर भी मुहब्बत की बात हो सकती है ।

#अख़्तर_खत्री

*******

तुम्हारी तपिश से पिघल जाए वजूद ये हमारा
कभी तो निगाहों से तुम हमको ऐसे छुआ करो।

*******

कद बढ़ा नहीं करते ,ऐड़ियां उठाने से,

उचाइयां तो मिलती हैं ,सर झुकाने से।

*******

क़लम जब तुमको लिखती है,

दख़ल-अंदाजी फ़िर हम नहीं करते।

*******

ग़ज़ल कैसे हुई अल्लाह जाने
मैं तो तुमसे बात करना चाहता था।

*******

सुलह कर लो..
अपनी किस्मत से..,

एक वही है..,
जो बिकती नहीं है बाजार में…

*******

बहती जा

दुःख – दर्द की इन लहरों के बीच
डूबती तैरती मैं
कुछ पल जीने की
कोशिश कर लेती हूँ
जीवन का मतलब ही बहना है
और फिर मैं तो सरिता हूँ

शिकायतों के पिटारे ना खोल
मुसीबतों के पहाढ़ ना बना
दुख बायाँ ना कर
बस बहती जा

दर्द ना बाँट किसी से
अपने ज़ख़्म ना दिखा
इन आहों को दबा
ये आँसू ना बहा
बस बहती जा ….

-सरिता सागर

*******

जब भी अकेली होती हूँ तो एक बात सोचती हूँ…

आखिर मुझे क्या पाना है जो मैं खुद को खो रही।

*******

अब यकीन का हाल, ये बन चुका है के..
डर घावों से नहीं, लगावों से लगने लगा है…!!

*******

सबूत तो गुनाहो के होते है,

बेगुनाह मोहब्बत का क्या सबूत दें ?

*******

नज़र उतार लूँ, या नज़र में उतार लूँ….

तुम आ जाओगे यूँ ही, या फिर से पुकार लूँ…

*******

जिस परिंदे को अपनी उड़ान से फुरसत ना थी कभी,

आज हुआ तनहा तो मेरी ही दीवार पे आ बैठा !!

*******

अपनी बद-दुआ अपने पास ही रखो सनम,
मुझे इश्क़ है खुद ही मर जाऊँगा…

*******

हर जगह इत्र ही
नहीं महका करते..

कभी कभी शख्सियत भी खुशबू दे जाती है..

*******

इश्क़…तूने बड़ा नुकसान किया है मेरा…

मैं तो उस शख़्स से नफरत भी नहीं कर सकता।

*******

अब यकीन का हाल,
ये बन चुका है के..

डर घावों से नहीं, लगावों से लगने लगा है…

*******

जिसके सहारे जिन्दगी गुजर जाये,

आजकल उस वहम की तलाश में हूँ मैं !!

*******

तेरा खयाल था
वो भी कमाल था।

*******

इत्तफ़ाक़ से तो नहीं,
टकराये हम सब ……
थोड़ी ख्वाहिश तो
खुदा की भी होगी …

*******

रखा करो नजदीकियां…

ज़िंदगी का भरोसा नहीं…

फिर कहोगे,

चुपचाप चले गए और बताया भी नहीं…

*******

सुन….
चाहत सिर्फ दोस्ती की
ही थी मेरी. .

ना जाने कब तेरी मासूमियत
से मोहब्बत हो गई…

*******

कुछ तो उधार बाकी है, आपका मुझ पर….

वरना यूँ ही नहीं जुड़ते शब्दो के धागे…

*******

समझे बिना किसी को पसंद ना करो और समझे बिना किसी को खो भी मत देना।

क्योंकि फिक्र दिल में होती हैं शब्दों में नहीं और गुस्सा शब्दों में होता हैं दिल में नहीं॥

*******

हालात ने तोड़ दिया हमें कच्चे धागे की तरह,
वरना हमारे वादे भी कभी ज़ंजीर हुआ करते थे।

*******

जिसे जाना होगा ,किसी न किसी बहाने से चला ही जायेगा ,
जिसे देना होगा साथ , वो हर हाल में साथ निभाएगा।

*******

जब रिश्ता नया होता है,
तो लोग बात करने का बहाना ढ़ुढ़ते है,
और जब वही रिश्ता पुराना हो जाता है,
तो लोग दूर होने का बहाना ढूढ़ते है।

*******

मुझे यकीन है मोहब्बत उसी को कहते हैं,
कि जख्म ताज़ा रहे और निशान चला जाये।

*******

तुम्हारे पास ही तो हैं ज़रा, ख्याल करके देखो ।

आँखों की जगह, दिल का इस्तेमाल करके देखो।।

*******

कभी मतलब के लिए, तो कभी बस दिल्लगी के लिए,

हर कोई मोहब्बत ढूँढ़ रहा है यहाँ,
अपनी ज़िन्दगी के लिए।

*******

हाथ पकड़ा
बात की
फिर गले लगा लिया
.
.
तीनो खंजर एक साथ मारे थे जालीम ने..!!

*******

रूठ जाने के बाद
गलती चाहे जिसकी भी हो,
बात शुरू वही करता है जिसको
आपसे बेपनाह मोहब्बत है !!

*******

ऐसा नहीं की जिन्दगी मे कोई आरज़ू ही नहीं..!!

पर वो ख्वाब पूरा कैसे करू , जिस मे तू ही नहीं….!!!!

*******

लकीरें तो हमारी भी बहुत ख़ास है ,

तभी तो आप जैसे लोग हमारे पास है।

*******

नींद सी रहती है, हल्का सा नशा रहता है,

रात दिन आंखों में एक चेहरा बसा रहता है..!!

*******

लगेगी जब ठंड हमको,

हम तेरे खत सरेआम जलायेंगे।

*******

सहम सी गयी है’ ख्वाहिशें..

जरूरतों ने शायद उनसे’ ऊँची आवाज़ में बात की होगी…

*******

क्या हो कि कोई पढ़ने लगे तुम्हें,

और समझ आ जाऊं मैं।

*******

इस कदर तुम्हारे भीतर समा जाऊं मैं ,

कि देखे तुझे अगर कोई तो नज़र आऊं मैं ।

*******

लिखते जा रहे हो साहब,..

मोहब्बत हो गई , या खो गई है ?

*******

अनुभव कहता है

खामोशियाँ ही बेहतर हैं,

शब्दों से लोग रुठते बहुत हैं…

*******

कोई असर ना हुआ,दिल के अर्जी का,
शायद आ गया जमाना,खुदगर्जी का ।

*******

हम तो मज़ाक मे भी, किसी को दर्द देने से डरते है..!
ना जाने लोग कैसे सोच समझकर,दिलों स खेल जाते है..!!

*******

महोब्बत पहले अन्धी थी,
फिर उसने अपना इलाज़ करवाया,

अब महोब्बत गाड़ी, बंगला, शक्ल, बैंक बेलेंस, सब देखती है।

*******

झूठ बोलने के लिए ज़ुबाँ चाहिए !
सच कहने के लिए आँखें काफ़ी हैं !!

*******

हर घूँट में तेरी याद जमी है…

कैसे कह दूँ मैं चाय में कमी है…!!

*******

संभल कर चल नादान,
ये इंसानों की बस्ती हैं…

ये तो रब को भी आजमा लेते हैं,
तेरी क्या हस्ती हैं…!!

*******

उम्मीद कभी हमें छोड़ कर नहीं जाती …

जल्दबाजी में हम ही उसे छोड़ देते हैं …

*******

इस महफ़िल में भी सभी एक दूसरे के हौसले हैं; इसमें कोई शक नहीं है हमें…!

बस ये जानकर दुख हुआ यारों; किसी अनुचित को महफ़िल में प्यार से टोकने का हक नहीं है हमें…!!

*******

सारा दिन जलने का भरपूर सिला देता है,

वक़्त सूरज को भी हर रोज़ बुझा देता है ।

*******

इंसान की चाहत है कि उड़ने को पर मिले.,
और परिंदे सोचते है कि, रहने को घर मिले…!

*******

धोखा भी बादाम की तरह है,

जितना खाओगे उतनी अक्ल आती है ….

*******

मुझे गिलास के अन्दर ही कै़द रख वर्ना,
मैं सारे शहर का पानी शराब कर दूँगा ।।

महाजनों से कहो थोड़ा इन्तजार करें,
शराबख़ाने से आकर हिसाब कर दूँगा ।।

“राहत इंदौरी”

*******

तुम इस कदर याद आ रहे हो,
जैसे ये रात मेरी आख़री रात हो !!

*******

समंदर बेबसी अपनी किसी से कह नहीं सकता,

हजारों मील तक फैला है, फिर भी बह नहीं सकता….

*******

दोष कांटो का कहाँ, हमारा है जनाब,

पैर हमने रखा, वो तो अपनी जगह पे थे।

*******

इस छोटी सी जिंदगी में बढ़ा सा सबक मिला है जनाब,
रिश्ता सब से रखो पर उम्मीद किसी से नही।

*******

कल शीशा था, सब देख-देख कर जाते थे।
आज टूट गया, सब बच-बच कर जाते हैं।

समय के साथ,
देखने और इस्तेमाल का नजरिया बदल जाता है।

*******

पी थी जिस कप में उन्होने चाय एक रोज,
उस कप मे मै आज भी चीनी नही मिलाता।

*******

ये शायराना अंदाज है
जनाब
यहाँ आग माचिस से नही
शायरियों से लगती है।

*******

अमीर तो हर गली में मिल जाते है,
मुश्किल तो जमीर वालों को ढूंढना है।

*******

एक इंच भी छोडने को मन नहीं करता,,

किसी झगड़े की जमीन सी लगती हो तुम,,

*******

चादर से पैर तभी बाहर आते हैं,

जब “उसूलों” से बड़े “ख्वाब” हो जाते हैं।

*******

कितना कुछ कहना होता है…

चुप जब भी रहना होता है।

*******

रूठे रिश्ते ..और नाराज़ लोग ..सबूत है इस बात के ,
कि ज़ज़्बात.. अब भी ज़ुड़े रहने की ..ख़्वाहिश रखते हैं..

*******

हम भी माचिस की तीली जैसे थे,
जिसके हुए बस एक बार हुए…

*******

तुम ठहर जाओ…

वक़्त को जाने दो।

*******

शतरंज सी जिन्दगी में कौन किसका मोहरा है,
आदमी एक है मगर सबका किरदार दोहरा है।

*******

अब तो सिगरेट भी हमसे सिकायत करने लगी…

बेवफाई उन्होंने की और जला हमें रहे हो !!

*******

इक परिंदा अभी उड़ान में हैं,

तीर हर शख़्स की कमान में है।

*******

एक परवाने ने हमसे पूछा ; जलने और सुलगने का फर्क जानते हो ?

हमने हसकर कहा : इश्क़ में जलते है और तन्हाइयों में सुलगते है !!!!

-आसिम !!!

*******

भूल जाने की उम्र बीत गई…

आओ एक दूसरे को याद करें…

*******

पूछते हैं वो की मेरा परिचय क्या है.?

मैंने कहा पढते रहिए शायद हो जाएगा.!!

*******

मुझे मालूम नहीं हुश्न की तारीफ ,

मगर मेरी नजर में हसीन वो है जो तुझ जैसा हो ..

*******

तुझे पाकर भी पा न सके हम।
खो भी देंगे तो बुरा क्या होगा।।

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Posted by on ઓક્ટોબર 26, 2019 માં Hindi Shayari

 

ટૅગ્સ:

रोशन है


तसव्वुर से उस के मेरा आशियाँ रोशन है,
जैसे की इस सेहरा में एक दरिया रोशन है ।

कल की फ़िक्र क्यूं करेगा, अंधेरों में भी वो,
उस गरीब के चूल्हे में तो आसमां रोशन है ।

पुकार लेती है अपनी मां को अक्सर दर्द में,
दुल्हन के दिल में अब भी मायका रोशन है ।

भटक गया फ़िर भी भटकेगा नहीं मुसाफ़िर,
हर कदम पर रास्ते पर वो कारवाँ रोशन है ।

ज़ुबान पर सच्चाई, दिल में न डर किसी का,
‘अख़्तर’ रोम रोम में मेरा ख़ुदा रोशन है ।

#अख़्तर

 

कभी खुद से भी मिला कीजिये…


न चादर बड़ी कीजिये,
न ख्वाहिशें दफन कीजिये,
चार दिन की ज़िन्दगी है,
बस चैन से बसर कीजिये…

न परेशान किसी को कीजिये,
न हैरान किसी को कीजिये,
कोई लाख गलत भी बोले,
बस मुस्कुरा कर छोड़ दीजिये…

न रूठा किसी से कीजिये,
न रूठा किसी को रहने दीजिए,
कुछ फुरसत के पल निकालिये,
कभी खुद से भी मिला कीजिये…

 
1 ટીકા

Posted by on ઓગસ્ટ 14, 2019 માં Hindi Shayari

 

Shayri Part 39


बहुत सरल है, किसी को पसंद आना,
कठिन तो है, हमेंशा पसंद बने रहना।

*******

“तुम मुझे अब याद नहीं आते…

तुम मुझे याद हो गये हो अब……!!

*******

आज दिल चाह रहा है
इतना मुस्कुराऊँ कि रोने लग जाऊं.

*******

“खो” देते हैं,
फिर…
“खोजा” करते हैं,
यही खेल हम जिन्दगी भर “खेला” करते हैं. . .

*******

तुम आओ तो
बारिश बुलाऊ

संग तुम्हारे
भीग जाऊ

इतने करीब
आ जाओ

साँसों से
साँसे सुलगाउ

बुँदे उतरेगी
ज़ुल्फ़ों से

शराब समझकर
पि जाऊं

हवाए पूछेंगी
मुझसे कानोंमें

कौनसे बहाने
तुम्हे छू जाऊं !!!

आसिम !!

*******

ऐसा नहीं के परदे के पीछे सिर्फ राज़ होते है
कभी कभी वहां हमराज़ भी होते है !

आसिम !

*******

हवा से कह दो खुद को आज़मा के दिखाये,
बहुत चिराग बुझाती है एक जला के दिखाये।

*******

ये गुलाब को छुट रहा है पसीना,,
क्या उसने भी देखी कोई हसीना ?

*******

वक़्त का काम तो गुज़रना है,
बुरा हो तो सब्र करो,
अच्छा हो तो शुक्र करो।

*******

कमबख़्त ख़यालों ने ज़िन्दा रखा है;
वरना सवालों ने तो कब का मार दिया होता!

*******

क्या बेचकर हम खरीदें “फुर्सत ऐ “जिंदगी

सब कुछ तो “गिरवी”पड़ा है जिम्मेदारी के बाजार में।

*******

लब-ए-ख़ामोश का,
सारे जहाँ में बोलबाला है !

वही मेहफ़ूज़ है यहाँ,
जिसकी ज़ुबाँ पे ताला है !!

*******

दर्द बेचता हूँ, मिला के आँसू आह में !

लोग ख़रीद ही लेते है, किसी अपने की चाह है……

*******

लफ्जों का इस्तेमाल हिफाजत से करिये,

ये परवरिश के बेहतरीन सबुत होते है !!

*******

अनुभव एक बेहतरीन स्कूल है,

लेकिन फीस बहुत लेता है।

*******

एक अरसा हो गया मुझे नशा किये यारा…

सोचा क्यों न आज तेरा नाम अपने लबों पे लाया जाये !!

*******

ख्वाहीशों के दाम उँचे हो सकते है मगर,
खुशीयाँ हरगीज महंगी नही होती…

*******

तो क्या हुआ…..
जो दोस्त नहीं मिलते हमसे….

मिला तो रब भी नहीं…
पर इबादत काहां रुकी हमसे..

*******

खामोशी से सुन लो
अपने खिलाफ बाते,

यकीन मानो वक्त,
बेहतरीन जवाब देगा..

*******

इक उम्र तक मैं जिसकी जरुरत बना रहा…

फिर यूँ हुआ कि उस की जरुरत बदल गई।

*******

जब्त कहता है खामोशी से बसर हो जाये,

दर्द की ज़िद है कि दुनिया को खबर हो जाये।

*******

जो दो लफ्जों की हिफाजत न कर पाए,

उनके हाथों में जिंदगी की किताब क्या देता।

*******

अब तक न हुई है , न होगी किसी की ये,
वख्त की सुई है , अपनी मनमानी करेगी ये।

*******

मै ख्वाहिशो मे कैद हूँ….!!

और हकीकतें मेरी सजा है….

इश्क़ का मेरे दोस्त —!!

यही तो मज़ा है…. !!

*******

मै ख्वाहिशो मे कैद हूँ….!!

और हकीकतें मेरी सजा है….!!

*******

जीते जी बुझती नहीं है

प्यास कभी ,

शायद इसीलिए…..

अस्थियां गंगा में बहायी जाती है …….

*******

थोड़ी खुद्दारी भी तो लाज़िम थी,

उसने हाथ छुड़ाया, मैंने छोड़ दिया…..

*******

तुमको मिल ही गया
कोई बेहतर
मुझसे !
मुझको भी मिल गया
कोई बेहतर
तुमसे !

पर कभी कभी दिल को यूँ भी लगता है …
हम जो इक दूसरे को मिल जाते
तो यक़ीनन वो होता बेहतर
सबसे !

*******

कीमतें गिर जाती हैं खुद की अक्सर,

किसी को कीमती बनाने में।

*******

टूटें तो बड़े चुभते हैं…

क्या काँच.. क्या ख़्वाब.. क्या रिश्ते………

*******

रस्म-ए-उल्फत ही इजाज़त नहीं देती वरना…

हम तुम्हें इस तरह भूलें ,

के तुम भी याद करो।

*******

गुल तेरा रंग चुरा लाए हैं गुलज़ारों में,

जल रहा हूँ भरी बरसात की बौछारो में|

*******

ये इत्र की शीशियां बेकार ही इतराती है खुद पर,

रिश्ते तो आप जैसे लोगो से महकते है ….

*******

रुसवाई का डर है… या अंधेरों से मोहब्बत,

अब चाँद को मैं आँगन में उतरने नहीं देता।

*******

आज लफ्जों को मैने शाम की चाय पे बुलाया है,

बन गयी बात तो ग़ज़ल भी हो सकती है..!!

*******

कभी तुम मुझे अपना तो कभी गैर कहते गये,,,,

देखो मेरी नादानी, हम सिर्फ तुम्हे अपना कहते गये…..!

*******

चमचों की फितरत को अभी तू,

समझा ही कहाँ है ऐ बर्तन….

ये बने ही तुझे खाली करने के लिए हैं।

*******

न जाने ज़िन्दगी का, ये कौन सा दौर है,

इंसान खामोश है, और
ऑनलाइन कितना शोर है।

*******

जो-जो बातें पी गया था मैं..

वो सारी बातें खा गयीं मुझे…

*******

यह चादर सुख की मौला क्यों सदा छोटी बनाता है ,

सिरा कोई भी थामो दूसरा कुछ छूट जाता है।

*******

चाहे कसूर किसीका भी हो,

लेकिन रिश्ते में आंसू हमेशा बेकसूर के ही बहते है..!!

*******

तेरी दोस्ती एक नशा है,
तभी तो सारी दुनियां हमसे खफा है,

ना करो हमसे इतनी दोस्ती,
कि दिल हमसे पूछे तेरी धड़कन कहाँ है…

*******

लफ्ज मै कितने भी खूबसूरत लिख दूँ…

निखार तो तब आता है जब आप दिल से उफ्फ करते है..

*******

जो नहीं है हमारे पास वो ख्वाब हैं,
पर जो है हमारे पास वो लाजवाब हैं…

*******

“ज़िन्दगी’……….”जीनी” है तो “तकलीफ’ तो “होगी” ही…!!

वरना,

“मरने” के बाद तो “जलने” का भी “एहसास” नहीं होता साहब…!!

*******

“ना राख उड़ती है ….. ना धुआँ उठता है….

कुछ रिश्ते यूँ चुपचाप जला करते हैं…!!!

*******

हर मर्ज़ का इलाज नहीं दवाखाने में…!!

कुछ दर्द चले जाते है,

दोस्तो के साथ मुस्कुराने मे…

*******

थका है तन मगर यह दिल हमें सोने नहीं देता,

तुम्हारी पीठ का यह तिल हमें सोने नहीं देता।

*******

धुंआ दर्द बयाँ करता है,,और राख कहानियां छोड़ जाती है,

कुछ लोगों की बातों में भी दम नही होता,

कुछ लोंगो की खामोशियाँ भी निशानियां छोड़ जाती है।

*******

ख़्वाब रूठे हैं मगर हौसले अभी ज़िंदा हैं…

हम वो शख्स हैं जिससे मुश्किलें भी शर्मिंदा हैं।

*******

चख लिया इश्क, इत्तेफाक से जिसने,

जुबां पर आज भी उनके दर्द के छाले है…

*******

वो इक मज़ाक़ जिसे लोग इश्क़ कहते हैं…

मैं उस मज़ाक़ का जुर्माना भर के आया हूँ।

*******

मौसम का ग़ुरूर तो देखो!!!

तुमसे मिल कर आया हो जैसे….

*******

लगता है हम ही अकेले समझदार है,

हर बात हमें ही समझाई जा रही है!!

*******

कुछ अजब हाल है इन दिनों तबियत का…..

ख़ुशी ख़ुशी न लगे और ग़म बुरा न लगे…..

*******

बैठे हैं बड़ी फुरसत से,

तेरी फुरसत के इंतज़ार मे..!!!

*******

जब दिल..
ना लग रहा..
हो कहीं..
तब समझिये..
कि दिल लग..
गया है कहीं..!!

*******

दर्द आँखों से निकला, तो सब ने कहा कायर है ये,

दर्द अल्फ़ाज़ में क्या ढला, सबने कहा शायर है ये।

*******

“अपनी वफ़ा का इतना दावा ना किया कर,

मैंने रूह को जिस्म से बेवफाई करते देखा है !!”

*******

मैंने कुछ लफ़्ज लिखे है लहरों पर,

जब दरिया तेरे शहर से गुजरे पढ़ लेना….

*******

मेरी झोली में कुछ दोस्त और कुछ रिश्ते हैं ,

शुक्र ए मेरे मालिक, उनमे कुछ आप जैसे फ़रिश्ते हैं.!

*******

भीगे कागज की तरह
कर दिया तूने जिन्दगी को
न लिखने के
काबिल छोड़ा न जलने के…

*******

मै फिर से गिरूंगा ये ग़लतफ़हमी दूर कर लो…

वो दिल की गलती थी की हम लडखडा से गए थे…

*******

आँखें भिगोने लगी है अब तेरी बातें,
काश ..
तुम अजनबी ही रहते तो अच्छा होता..

*******

तुझे शिकायत है कि , मुझे बदल दिया है वक्त ने __ !

कभी खुद से भी तो सवाल कर क्या तू वही है…..?

*******

वो तो ख़ुशबू है हवाओं में बिखर जाएगा,
मसला फूल का है फूल किधर जाएगा।

*******

एक ही चेहरे की अहमियत हर एक नजर में अलग सी क्यूँ है,,

उसी चेहरे पर कोई खफा तो कोई फिदा सा क्यूँ है,,,,,,

*******

बहुत मुश्किल से करता हूँ, तेरी यादों का कारोबार…

मुनाफा कम है, पर गुज़ारा हो ही जाता है.!!!

*******

जो न देते थे जवाब , उनके सलाम आने लगे…

वक़्त बदला तो, मेरे नीम पे आम आने लगे…

*******

दिल कर बैठा
बच्चो जैसी ज़िद
तुम सामने हो
तब ही मनाये ईद !!!

आसिम !!

*******

कितना अजीब है ये फलसफा जिंदगी का ;
दूरियां सिखाती है की नज़दीकियां क्या होती हैं ..

*******

कुछ अधूरे ख़्वाबों से सुलह कर लेता हूँ,

बस इस तरह रात से सुबह कर लेता हूँ।

*******

नींद भी नीलाम हो जाती हैं दिलों की महफ़िल में जनाब,

किसी को भूल कर सो जाना इतना आसान नहीं होता…

*******

न जाने किसने चलाया ये तोहफे देने का रिवाज़.!

गरीब आदमी मिलने-जुलने से डरता है साहब.!!

*******

हास्य-व्यंग्य की पराकाष्ठा :

तुम तो ऐसे उदास बैठे हो,

जैसे बीबी के पास बैठे हो…।।।

*******

मुझसे झूठ की उम्मीद ना करो
तुम।,
मैं आईना हूं , सबह का अखबार नहीं….

*******

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Posted by on જુલાઇ 25, 2019 માં Hindi Shayari, Love Shayari

 

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Shayri Part 38


नादान आईने को क्या खबर,

कि,

एक चेहरा, चेहरे के अन्दर भी होता है…।

*******

बदल दिए हैं हमने….अब नाराज होने के तरीके

रूठने की बजाय..बस हल्के से मुस्कुरा देते हैं…।

*******

भिड मे जिने की आदत नही मुजे
थोडे मे जिना सिख लिया है मेने…..

चन्द दोस्त है… चन्द दुवाऐ है
बस ईतनी सी खुशीयो को दिल से लगा लिया है मेने…।

*******

जिंदगी और घर में अपनों का होना बहुत जरूरी है,

वर्ना कितना भी एशियन पेन्ट करवा लो दीवारें कभी कुछ नहीं बोलती…!!

*******

ये ग़लत कहा किसी ने कि मेरा पता नहीं हैं,

मुझे ढूँढने की हद तक कोई ढूँढता नहीं हैं ।

*******

दायरा हर बार बनाता हूं ज़िदगी के लिए,
लकीरें वहीं रहती है, मैं खिसक जाता हूं ।

*******

बेहतरीन होता है वो रिश्ता,
जो तकरार होने के बाद भी,
सिर्फ एक मुस्कुराहट पर पहले जैसा हो जाए…..।।

*******

लफ़्ज़ों के बोझ से थक जाती हैं…..
‘ज़ुबान’ कभी कभी…

पता नहीं ‘खामोशी’,
मज़बूरी’ हैं या ‘समझदारी’।

*******

सहम उठते हैं कच्चे मकान,
पानी के खौफ़ से..
महलों की आरज़ू है कि,
जम के बरसे…

*******

एक वजह नहीं उनके पास मुझे अपनाने के लिए,
सौ बहाने जरूर है मुझे छोड़ने के लिए…. ।

*******

कहने को मैं अकेला हूं, पर हम चार है…
एक मैं, मेरी परछाई, मेरी तन्हाई और उनका एहसास…।

*******

ख्वाहिश पूरी हो तो हमे भी बताना

हम भी ख्वाहिश करना चाहते है….!!

*******

जिनसे मिलना किस्मत में न हो..

उनसे मुहब्बत कमाल की होती है..!!

*******

सुनो, एकदम से जुदाई मुश्किल है,
मेरी मानों कुछ किश्तें तय कर लो …

*******

अब कौन घटाअों को, घुमड़ने से रोक पायेगा,
ज़ुल्फ़ जो खुल गयी तेरी, लगता है सावन आयेगा ।

*******

अदाओं से तेरी मैं अनजाना नहीं,
मगर माफ़ करना, मैं अब वो दीवाना नहीं ।

*******

दाद देते है तुम्हारे ‘नजर-अंदाज’ करने के हुनर को.!!

जिसने भी सिखाया वो उस्ताद कमाल का होगा..!

*******

बंद कर दिए है हमने दरवाज़ें “इश्क” के…

पर तेरी याद हे की “दरारों” मे से भी आ जाती हैं !!

*******

परेशान करती है मुझे ….
मेरी ये आँखे …..
खुली रखूँ तो तलाश तेरी ….
बन्द रखूँ तो ख़्वाब तेरे …..

*******

यही जीवन है

” कद्र और कब्र” कभी जीते जी नहीं मिलती..!!

*******

मैं भी जिंदा हू
वो भी जिंदा है…
कत्ल तो बेचारे
इश्क का हुआ है…!!!

*******

में सो रहा था उनकी यादों में,
उनकी बातों ने मुझे जगा दिया ।

*******

शरारतें करने का मन अभी भी करता है..

पता नहीं बचपना जिंदा है या इश्क अधुरा है..।

*******

क़दर करना सिख लो साहब,

ना ज़िंदगी बार बार आती है,
ना हम जैसे लोग…।

*******

दुआएँ मिल जाये सब की , बस यही काफी है
दवाएँ , तो कीमत अदा करने पर मिल ही जाती है !

*******

“मैं रंगहीन PAN जैसा, तुम आधार सी पिंक प्रिये….
आया है सरकार का फतवा, हो जाओ मुझसे लिंक प्रिये………”

*******

बहुत खूबसूरत वहम है मेरा….

कहीं तो कोई है….जो सिर्फ मेरा है…!!

*******

रंग बदला ढंग बदला फिर …मिज़ाज भी बदल दिया

छोड़कर फितरत अपनी …उसने हर अंदाज़ बदल दिया ।

*******

थोडा थक गया हूँ , दूर निकलना छोड दिया है।
पर ऐसा नहीं है की , मैंने चलना छोड दिया है ।।

फासले अक्सर रिश्तों में , दूरी बढ़ा देते हैं।
पर ऐसा नही है की , मैंने अपनों से मिलना छोड दिया है ।।

हाँ . . . ज़रा अकेला हूँ , , ,दुनिया की भीड में।
पर ऐसा नही की , मैंने अपनापन छोड दिया है ।।

याद करता हूँ अपनों को, परवाह भी है मन में।
बस , कितना करता हूँ , ये बताना छोड दिया।।

*******

लोग कहते है के खुश रहो,

मगर मजाल है रहेने दे !!!

*******

आसमान से उतरी है, तारों से सजाई है;
चांद की चाँदनी से नहलाई है;

ए दोस्त, संभल कर रखना ये दोस्ती;
यही तो हमारी ज़िंदगीभर की कमाई है ।

*******

रंग बातें करें और बातों से ख़ुश्बू आए

दर्द फूलों की तरह महके अगर तू आए…

*******

तुम,तुम्हारा इश्क़ , जज़्बात तुम्हारे,
काश सब मेरे होते तो क्या बात होती…

*******

सही वक्त पर करवा देंगे हदों का अहसास,

कुछ तालाब खुद को समंदर समझ बैठे हैं…!!

*******

पाने की तलब थी कहाँ,

हम तो बस तुझे खो देने से डरते थे…

*******

जाने कौन से गम को छुपाने की कोशिश थी उनकी,
आज हर बात पर उनको मुस्कुराते देखा !!

*******

हम तुम पर नही
तुम्ही को लिखते हैं…

*******

मुझे भी समझा दे अपनी मज़बुरीयां इस कदर,
की भुल जाऊ मै भी तुझे उन मज़बुरीयो के खातिर !!

*******

सुबह की ख्वाहिशें शाम तक टाली है ,
इस तरह हमने ज़िन्दगी सम्भाली है….।

*******

बुरे दिनों में कर नहीं कभी किसी से आश,
परछाईं भी साथ दे, जब तक रहे प्रकाश।

*******

इम्तिहान समझकर सारे ग़म सहा करो
शख़्सियत महक उठेगी बस खुश रहा करो

*******

थोड़ा सा … छुप छुप कर खुद के लिये भी जी लिया करो,

कोई नही कहेगा कि थक गये हो… आराम करों… ।

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तसल्ली के भी
नख़रे बहुत हैं..

लाख कोशिशें कर लो
मिलती ही नही है ।।

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बहुत सीमेंट है साहब आजकल की हवाओं में,
दिल कब पत्थर हो जाता है पता ही नहीं चलता !!

*******

बेवजह सरहदों पर इल्जाम है बंटवारे का…

लोग मुद्दतों से एक घर में भी अलग रहते है…!!!

*******

थम के रह जाती है ज़िंदगी…,

जब जम के बरसती है पुरानी यादें…!!!

*******

संभल कर चल नादान ,
ये इंसानों की बस्ती हैं …

ये रब को भी आजमा लेते हैं,
फिर तेरी क्या हस्ती हैं …!!!

*******

वो मेरे साथ है साए की तरह..
दिल की ज़िद है कि नज़र भी आए ।

*******

काश, वो भी बेचैन होकर कह दें…मैं भी तन्हा हूँ ….,

तेरे बिन, तेरी तरह, तेरी कसम, तेरे लिए……!!!!

*******

ना जाने कब वो हसीं रात होगी,
जब उनकी निगाहें हमारी निगाहों के साथ होगी,
बैठे हैं हम उस रात के इंतज़ार में,
जब उनके होंठों की सुर्खियाँ हमारे होंठों के साथ होगी..।

*******

चलिए,बेवजह बातों से कुछ मीठी मीठी बातों का आग़ाज़ करते हैं…

कहिए आप हमें कितना याद करते हैं…।

*******

खामोशियां जिनको अच्छी लग जायें…

वो फिर…………बोला नहीं करते….!

*******

तेरी यादों की खुशबू से, हम महकते रहतें हैं!!

जब जब तुझको सोचते हैं, बहकते रहतें हैं!!

*******

खामोशियां जिनको अच्छी लग जायें…
वो फिर…………बोला नहीं करते….!

*******

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Posted by on ફેબ્રુવારી 20, 2019 માં Hindi Shayari, SELF / स्वयं

 

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Shayri Part 37


तुम अपने ज़ुल्म की इन्तेहा कर दो,…

फिर तुम्हें शायद कोई

हम सा बेज़ुबाँ मिले ना मिले…

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ये कश्मकश है ज़िंदगी की…कि कैसे बसर करें ……

चादर बड़ी करें या …ख़्वाहिशे दफ़न करे…..

*******

उनका इल्ज़ाम लगाने का अन्दाज़ इतना गज़ब था…..

कि हमने खुद अपने ही ख़िलाफ गवाही दे दी ..!

*******

न चादर बड़ी कीजिये,
न ख्वाहिशें दफन कीजिये,
चार दिन की ज़िन्दगी है,
बस चैन से बसर कीजिये…

न परेशान किसी को कीजिये,
न हैरान किसी को कीजिये,
कोई लाख गलत भी बोले,
बस मुस्कुरा कर छोड़ दीजिये…

न रूठा किसी से कीजिये,
न रूठा किसी को रहने दीजिए,
कुछ फुरसत के पल निकालिये,
कभी खुद से भी मिला कीजिये…

*******

दुआ करो, मैं कोई रास्ता निकाल सकूँ..

तुम्हें भी देख सकूँ, खुद को भी सम्भाल सकूँ…

*******

आईने से इतना मुंह चुराते हो

रूह से थोड़ा संवर क्यों नही जाते..

*******

तमाम गिले-शिकवे भुला कर सोया करो यारो….

सुना है मौत किसी को मुलाक़ात का मौका नही देती…

*******

रिश्ते काँच सरीख़े हैं,
टूट कर बिखर ही जाते हैं…

समेटने की ज़हमत कौन करे,
लोग काँच ही नया ले आते हैं…

*******

इश्क़ इक ख़तरा है मेरे दोस्तो,
और मुझे लगता है मेैं ख़तरे में हूं…

*******

इश्क़ में ये दावा तो नहीं है मैं ही अव्वल आऊंगा
लेकिन इतना कह सकता हूं अच्छे नम्बर लाऊंगा

*******

जाती सर्दियां
आती गर्मियां
एक मौसम
रहता है
तेरे मेरे
दरमियाँ !!

-आसिम

*******

सांस के साथ
अकेला चल रहा था..

सांस गई तो
सब साथ चल रहे थे

*******

मुद्दतें लगीं बुनने में ख्वाब का स्वैटर..

तैयार हुआ तो मौसम बदल चुका था।

*******

लिखो तो कुछ इस तरहा कि..

पन्नों पर नाम और
दिल में जगह बरकरार रहे!!

*******

महफ़िल लगी थी बद-दुआओं की,

हमने भी दिल में कहा !

उसे इश्क़ हो…..उसे इश्क़ हो…. उसे इश्क़ हो……..!!

*******

बिन धागे की सुई सी बन गई है ये ज़िंदगी…….

सिलती कुछ नहीं……..

बस चुभती चली जा रही है….

*******

हसरत पूरी ना हों तो ना सही….

ख्वाहिश करना कोई गुनाह तो नहीं….!!

*******

जाने कैसे गुज़ार दी मैंने

ज़िंदा होता , तो मर गया होता

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वक्त-वक्त की बात है…

कल जो रंग थे,
आज दाग हो गये।

*******

जिस्म आया किसी के हिस्से में ….
दिल किसी और की अमानत है ….

*******

मेरे आईने में तुम दीखते हो

कभी ले जाकर तसल्ली कर लेना !!

आसिम !!

*******

ज़िन्दगी सारी उम्र संभलती रही दो पाँव पर…

मौत ने आते ही कहा.. मुझे चार कँधे चाहिए…

*******

एक ‪ज़ख्म‬ नहीं यहाँ तो सारा ‪वजूद‬ ही ज़ख्मी है,

दर्द भी ‪हैरान‬ है की उठूँ तो कहाँ से उठूँ !!

*******

खुद पुकारेगी मंज़िल तो ठहर जाऊँगा…
वरना मुसाफिर खुद्दार हूँ, यूँ ही गुज़र जाऊँगा…।

*******

बड़ी होशियारी से मैंने ये भी पाप किया…
कि पाप के घड़े में ही छेद कर दिया…

*******

कौन कहता है के तन्हाईयाँ अच्छी नहीं होती…

बड़ा हसीन मौका देती है ये ख़ुद से मिलने का…

*******

रास्ता इक नया बनाता हूँ…

जब कोई रास्ता नहीं देता…

*******

बिना बुलाए आ जाता है कोई सवाल ही नही करता…

ये तेरा ख्याल भी… मेरा ख्याल नही करता… !!!

*******

डरते हैं तुमसे….. कुछ कहने से……

और रोज मरते हैं ….ना कहने से…

*******

रात तकती रही आंखों में , दिल आरजू करता रहा ,
कोई बे सबब रोता रहा , कोई बे खबर सोता रहा ….!!

*******

सब कहते है
रात हो तो नींद आती है
सब की बातें छोडो
मेरी कहाँ चली जाती है !

शब्बा खैर

आसिम !!!

*******

शोहरतें बदल देती हैं रिश्तों के मायने…

मुकद्दर किसी को इतना भी मशहूर ना करे.

*******

बहुत ख़ास हैं वो लोग
इस दुनिया में….

जो वक़्त आने पर,
वक़्त दिया करते हैं…

*******

संभल के चलने का सारा ग़ुरूर टूट गया…

कुछ ऐसी बात कही उसने लड़खड़ाते हुए…

*******

किसके लिए जन्नत बनाई है तूने ऐ खुदा
कौन है इस जहाँ में जो गुनाहगार नहीं है

*******

शरारतें करने का मन अभी भी करता है, ….

पता नहीं बचपना जिंदा है या अधुरा है!! …..

*******

दिल की बातें खुल जाएंगी…
कोई सही चाबी तो लगाए..

*******

एक ऐसी सुबह होनी चाहिए

मेरी ग़ज़लें

और तेरी ज़ुबाँ होनी चाहिए !!

आसिम !!

*******

मेरे ऐबों को तलाशना बंद कर दिया है लोगों ने,

मैंने तोहफ़े में उन्हें जब से आईना दे दिया है…

*******

या तो खरीद लो ….. या खारिज़ कर दो मुझे,

यूँ सहूलियत के हिसाब से, किराये पर मत लिया करो मुझे…

*******

आवाज़ ! फूंक के मिजाजःपर इतराती हे ,

वरना, बांसुरी तो बहुत सस्ती मिलती है .।।

*******

सुना है अब अपनी मर्ज़ी से मरा जा सकता है ..

जिया भी जा सकता तो कितना अच्छा होता…

*******

मोहब्बत से गुज़रा हूँ
अब मयख़ाने में जाना है,

दोनों का असर एक ही है,
बस होश ही तो गंवाना है.

*******

बचपन कि ख्वाहिशें आज भी “खत” लिखती हैं मुझे…….,

शायद बेखबर इस बात से हैं की
वो जिंदगी अब इस “पते” पर नही रहती।

*******

आँसू वो खामोश दुआ है..

जो सिर्फ़ खुदा ही सुन सकता है..!!

*******

फूल और दिल एक से हैं,

तकलीफ दो, तो मुरझा जाते हैं…

*******

चांद अगर पूरा चमके तो उसके दाग़ खटकते हैं,

एक न एक बुराई तय है सारे इज़्ज़तदारों में…..

*******

हमें…अच्छा नहीं लगता….

तुम्हें अच्छा लगे कोई…

*******

ख़ुद्दारी वजह रही कि ज़माने को कभी हज़म नहीं हुए हम,

पर ख़ुद की नज़रों में, यकीं मानो, कभी कम नहीं हुए हम!

*******

ख़ामोशी का अपना मज़ा है,
पेड़ों की जड़े फड़फड़ाया नहीं करतीं..।

*******

ऐसा लगता है नाराज़गी बाक़ी है अभी…

हाथ थामा है मगर दबाया नहीं उसने..

*******

वक़्त का सितम तो देखिए…

खुद गुज़र गया …हमें वहीं छोड़ कर…

*******

फ़ुरसत अगर मिले तुम्हे, तो कभी मुझे भी पढ़ना ज़रुर,
मैं नायाब उलझनों की मुक्कमल किताब हुँ।

*******

मैं ने भी देखने की हद कर दी..

वो तस्वीर से निकल आई..!!

*******

मेरे शब्दों की उम्र बस इतनी

तेरी नज़रों से शुरू …तेरी मुस्कान पे खत्म..

*******

खुद से नहीं हारें
तो अवश्य जीतेंगे

*******

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Posted by on ફેબ્રુવારી 2, 2019 માં Hindi Shayari, Uncategorized

 

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Shayri Part 36


नज़रिया बदल के देख,
हर तरफ नज़राने मिलेंगे
ऐ ज़िन्दगी यहाँ तेरी
तकलीफों के भी दीवाने मिलेंगे .

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“कभी हमसे भी पूछ लिया करो हाल-ए-दिल,
कभी हम भी तो कह सकें दुआ है आपकी”

*******

खुदा ने पूछा …..क्या सजा दूँ ….तेरे प्यार को,….
दिल से आवाज़ आई…मुझसे मोहब्बत हो जाये …..मेरे यार को ……

*******

साँसों का टूट जाना तो बहुत छोटी सी बात है दोस्तो,
जब अपने याद करना छोड़ दे, मौत तो उसे कहते है !!

*******

कमाल करते हो तुम भी,

ऐ मेरे दिल…!

उसे फुरसत नहीं और तुम्हें चैन नहीं..!

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मुझे तुमसे प्यार  हो गया है,….!!
बार बार तुम  याद आ रही है….!!

*******

मुझे इंतज़ार करना बेहद पसंद है,
क्यू की ,  ये वक़्त उम्मीद से भरा होता है !

*******

डरता हूँ कहने से की मोहब्बत है तुम से,
कि मेरी जिंदगी बदल देगा तेरा इकरार भी और इनकार भी..

*******

पत्थर की दुनिया जज़्बात नही समझती,
दिल में क्या है वो बात नही समझती,
तन्हा तो चाँद भी सितारों के बीच में है
पर चाँद का दर्द वो रात नही समझती…

*******

नहीं मिला मुजे कोई तुम जैसा आज तलक,
पर ये सितम अलग है कि मिले तुम भी नहीं..!

*******

आँखों ने तुझे देखा था,और दिल ने पसंद किया…
बता,आँखे निकाल दूँ,,,या सीने से दिल..

*******

तेरे हि ख्याल पर खत्म हो गया ये साल..
तेरी ही ख्वाहिश से शुरू, हुआ नया साल….

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रोज़ रोज़ जलते हैं, फिर भी खाक़ न हुए,
अजीब हैं कुछ ख़्वाब भी, बुझ कर भी राख़ न हुए…

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“मतलब” बहुत वजनदार होता है …!
निकल जाने के बाद हर रिश्ते को हल्का कर देता है …!!

*******

तेरे होंठो को देखा तो एक बात उठी जहन में
वो लफ्ज़ कितने नशीले होंगे, जो इनसे होकर गुजरते है

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मेरे अकेलेपन का मजाक करने वालो
जरा सोचो तो,
तुम्हारे साथ जो भीड़ खड़ी है,,
उसमे कौन किसका है..??

*******

रजाईयां नहीं हैं उनके नसीब में।
गरीब गर्म हौसले ओढ़कर सो जाते है।।

*******

आज हुई उनसे गुफ्तगू तो मैंने भी ये जाना
शायरियों में ढूंढ़ता है कोई बारीकियां मेरी,

*******

हर एक दुआ में हम तो यही कहते हैं।
वो सदा खुश रहें जो दिल में मेरे रहते हैं।

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कोई ऐसा शक्श मुझे भी दे…
ऐ मौला..
जो मुझे बस खोने से डरता हो…!!!

*******

सुख मेरा, काँच सा था..
ना जाने कितनों को चुभ गया

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” बुरा ” हमेशा वही बनता हे,
जो ” अच्छा ” बनके टूट चूका होता हे !

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दुपट्टा क्या रख लिया सर पे,वो दुल्हन नजर आने लगी…!!
उनकी तो अदा हो गई और जान हमारी जाने लगी…!!

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खुश किस्मत होते है वो जो तलाश बनते है किसी की,
वरना पसंद तो कोई भी किसी को भी कर लेता है..

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सुन  पागल
ये   दिल बड़ी बेबस चीज़ है
देखता  सब को है
पर ढूंढता  सिर्फ उनको है….!!

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उम्र ढ़लते देर कहाँ लगती है…..
साल भी चार दिन पुराना हो गया

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वाकई पत्थर दिल ही होते हैं शायर…!!
वर्ना अपनी आह पर वाह सुनना कोई मज़ाक नहीं…!!

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आशियाने बनें भी
तो कहाँ जनाब…
जमीनें महँगी हो चली हैं
और,दिल में लोग जगह नहीं देते..

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रख लो आईने हज़ार तसल्ली के लिए……!!
पर सच के लिए तो,आँखें ही मिलानी प़डेगी….!!!

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पीने से कर चुका था मैं तौबा मगर…
तेरे होंठों का रंग देख के नीयत बदल गई…

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इत्तफाक से तो नही हम दोनो  टकराये…..
कुछ तो साजिश खुदा की भी होगी….

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मेरी तो बस एक छोटी सी ख्वाहिश है.
की….
तुम्हारी कोई ख्वाहिश अधूरी ना रहे…..

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रोज रोज हर रोज आप मेरा दिल तोड़़ते हो….
कभी कभी इसको जोड़ने की भी मोहलत दे दिया करो….❗❗❗

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चलो मर जाते हैं तुम पर…!!
बताओ दफ़न करोगे सीने में…?

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“तुझे तो मिल गये होंगे कई साथी नये लेकिन,
मुझे हर मोड़ पऱ तेरी कमी महसूस होती है !!”

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मैं गया था सोच कर, बात ‘बचपन’ की होगी,
दोस्त मुझे अपनी ‘तरक़्क़ी’ सुनाने लगे…..

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क्यूँ हर बात में कोसते हो तुम लोग नसीब को,
क्या नसीब ने कहा था की मोहब्बत कर लो !!

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मांगी थी खुशियां अपने लिए खुदा से, और देखो…
तुम मिल गये मुझे, खुशियां तलाशते तलाशते…

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अजीब खेल है ये मोहब्बत का;
किसी को हम न मिले, कोई हमें ना मिला!

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हरकतें सौ तरह की अब ये दिल कर रहा है,
तेरी आंखों में जो भी लिखा, गौर से पढ़ रहा है ।

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“इतना तो किसी ने चाहा „ भी न होगा तुमहै,
जितना मैंने „ सिर्फ…… सोचा „ है तुम्हे „

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काश कोई मिले इस तरह के फिर जुदा ना हो,
वो समझे मेरे मिज़ाज़ को और कभी खफा ना हो।

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सुनशान सी लग रही है ये शायरों की बस्ती…..!
क्या किसी के दिल में दर्द नहीं रहा.!!

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ए मौत जरा जल्दी कर,
तेरे इंतजार में हूँ मैं !!

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खूबसूरती न सूरत में है…न लिबास में है…
निगाहें जिसे चाहे…उसे हसीन कर दें…

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लोग चुप रहने लगे हैं आजकल……
गलतफहमियां…..बोलने लगी हैं….!!

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मोहब्बत भी उधार कि तरह होती है ….
“साहब”
लोग ले तो लेते है .. मगर देना भूल जाते है.

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बुरा कैसे बन गया साहब…
दर्द लिखता हुँ किसी को देता तो नही…

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जो रिश्ते गहरे होते है…….
वो अपनापन का शोर नही मचाते…..!!

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तुम मुझे हँसी-हँसी में खो तो दोगे
पर याद रखना, फिर आंसुओं में ढ़ूंढ़ोगे।🌾

*******

मोहब्बत की खूबसूरत कहानी तो लिख दी मैंने…
मगर एक तुम्हें मनाने में अब भी नाकाम हूँ मैं…!!

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कुछ इसलिये भी हम शायरी भेजा करते है,
ऐ दोस्तों…
हमारा तो कोई नहीं मगर.
आपका तो कोई हो.!!!😊

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बहुत पाक रिश्ते होते है नफरतों के,
कपड़े अक्सर मोहब्बत में ही उतरते हैं…

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कुछ् बातों के मतलब है और कुछ मतलब की बातें,
जब से फर्क जाना जिंदगी आसान बहोत हो गयी

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कहीं बाजार में मिल जाये तो लेते आना
वो चीज़ जिसे दिल का सुकून कहते हैं…

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मेरी ख़ूबीयो पर तो…..यहाँ सब खामोश रहते हैं ..
चर्चा मेरे बुराई पे हो तो…गूँगे भी बोल पड़ते हैं …

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दूर रहकर भी आपकी ख़बर रखते हैं..
हम पास आपको कुछ…इस कदर रखते हैं…!!

*******

बाज़ार बड़ा मंदा है साहेब…..
ख़ुशी की किल्लत है और
ग़म कोई ख़रीद नहीं रहा!!!!

*******

दुनियाँ में इतनी रस्में क्यों हैं;
प्यार अगर ज़िंदगी है तो इसमें कसमें क्यों हैं;
हमें बताता क्यों नहीं ये राज़ कोई;
दिल अगर अपना है तो किसी और के बस में क्यों है।

*******

यूँ उम्र कटी दो अल्फ़ाज़ में…
एक “काश” में,एक”आस” में..

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रिश्तों को कभी धोखा मत दो,
पसंद ना आऐ तो उसे पूर्णविराम कर दो,,,

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मौत सबको आती है…
अफ़सोस ! जीना सब को नही आता…

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मत देख कोई शख्स गुनाहगार है कितना,
बल्कि,
यह देख, तेरे साथ वफादार है कितना…

*******

मेरे लिए अहसास मायने रखता है….
रिश्ते का नाम..
चलो..! तुम रख लो..!!

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रूठे-रूठे से रहते हो
तरकीब बताओ मनाने की।

हम जिंदगी गिरवी रख देंगे
तुम कीमत बताओ मुस्कुराने की।

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खोए हुए तो हम खुद है ,
और देखो ना हम ढूंढने तुम्हें निकले है..

*******

काश तुम पूछो की मुझसे क्या चाहिये,
मैं पकडू बस तेरा हाथ और कहूँ
सिर्फ तेरा साथ चाहिये…

*******

बाहर जाकर सेल्फी लेना मजबूरी हो गया है
खुश दिखना, खुश रहने से जरूरी हो गया है,

*******

मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में….
बस हम गिनती उसी की करते है,
जो हासिल ना हो सका….

*******

गुजर गया आज का भी दिन यूँ ही बेवजह,,,,,,,
ना मुझे फुरसत मिली और ना तुझे खयाल आया..

*******

“सोचा था न करेंगे किसी से दोस्ती,
न करेंगे किसी से वादा,
पर क्या करे दोस्त मिला इतना प्यारा
की करना पड़ा दोस्ती का वादा,”

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बहाना कोई ना बनाओ तुम मुझसे खफा होने का…
तुम्हें चाहने के अलावा कोई गुनाह नहीं है मेरा…

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“वो मुझसे दूर रहकर खुश है,
और मैं उसे खुश देखने के लिए दूर हूँ…

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तुम बिन……चलते तो हैं,
पर……पहुँचते कहीं नहीं…!!!

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तुम्हारा होना बिल्कुल रविवार की सुबह जैसा है,
कुछ सूझता नहीं है…. बस अच्छा लगता है !!!

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ख़ुशी कहा हम तो “गम” चाहते है,
ख़ुशी उन्हे दे दो जिन्हें “हम” चाहते हे.

*******

मैं जो सब का दिल रखता हूँ,
सुनो,मैं भी एक दिल रखता हूँ…

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कौन कहता है की दिल..सिर्फ लफ्जों से दुखाया जाता है,
तेरी ख़ामोशी भी कभी कभी..आँखें नम कर देती है..

*******

पूछा किसीने की याद आती है उसकी,
मैंने मुस्कुराकर कहा की तभी तो ज़िंदा हूँ !!

*******

जिसको जो कहना है कहने दो अपना क्या जाता है,
ये वक्त वक्त की बात है और वक्त सबका आता है !!

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इश्क़ का तो ऐसा हिसाब है कि.
बंद हो चुका नंबर भी डिलीट करने को दिल नहीं करता…!!

*******

सुन ना और सुनना,
पर,
मुझको ना भुलाना ।

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तुम उलझे रहे हमें आजमाने में
और हम हद से गुजर गये तुम्हे चाहने में.

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तमाम लोगों को अपनी अपनी मंजिल मिल चुकी,
कमबख्त हमारा दिल है, कि अब भी सफर में है।

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लौट आती है हर बार मेरी दुआ खाली,
जाने कितनी ऊँचाई पर खुदा रहता है।

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झुका हूँ तो कभी सिर्फ अपनों के लिए
और लोग इसे मेरी मज़बूरी समझ बैठे

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मोहबब॒त कब हो जाये ,किसे पता ……..
हादसे  पूछ कर नही हुआ करते ………..!!!!!

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मैं हूँ दिल है तन्हाई है
तुम भी होते अच्छा होता
-फ़िराक़ गोरखपुरी

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यकीन है मुज पर तो बेपनाह इश्क कर,
वफाए मेरी जवाब देगी तू सवाल तो कर.

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खुशबू हवा की चुपके से कानों में कह गई…!!
पास तो नहीं हो मगर दिल में बसे हो तुम…!!

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तुम ढूंढोगे मुझको और मिल नहीं पाओगे
मैं चाँद के पीछे की बस्ती का अँधेरा हूँ।

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रिश्ते भी जाने क्या चीज होते हैं….
जब ख़त्म होने को आते हैं….तभी समझ आते हैं

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शीशे की तरह आर-पार हुं;
फिर भी बहुतों की समझ से बाहर हूं..!

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हर कोई अपने मतलब की बात करता है,,
नहीं सोचता कि दिल सामने वाले का भी दुखता है,,

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ख्वाब मत बना मुझे सच नहीं होते..
साया बना लो मुझे साथ नहीं छोडूंगा…!

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नजाकत तो देखिये, की सूखे पत्ते ने डाली से कहा ..
चुपके से अलग करना वरना लोगो का रिश्तों से भरोसा उठ जायेगा….

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हर रोज़ खा जाते थे वो कसम मेरे नाम की,
आज पता चला की जिंदगी धीरे धीरे ख़त्म क्यूँ हो रही है.

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मेरी यही आदत तुम सब को सदा याद रहेगी,
न शिकवा, न कोई गिला, जब भी मिला, मुस्कुरा के मिला..

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हमारा अंदाज कोई ना लगाए तो ही ठिक होगा,
क्यूंकि अंदाज तो बारिशों का लगाया जाता है तूफ़ान का नहीं.

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कैसे भूलेगी वो मेरी बरसोंकी चाहत को…,
दरिया अगर सूख भी जाये तो रेत से नमी नहीं जाती…

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“रूप”* और *”रुपैया”* देखकर हम किसीसे
दोस्ती नही करते,
हम तो देखते है सिर्फ एक “भला ईन्सान”,
वो भी “आप जैसा”!!

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थोडा इंतजार कर ए दिल,
उसे भी पता चल जाएगा की उसने खोया क्या है…

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इतनी सर्दी है आज कल के
कुछ रिश्ते भी ठंडे पढ गये हैं

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ईश्क के साथ अश्क फ्री मिलते है ..
येजो ऐक औफर है कभी खतम नहीं होती….

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ख्वाहिशे मेरी “अधुरी” ही सही पर ..
कोशिशे मै “पूरी” करता हुं….

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इंसान की फितरत को समझते है परिन्दे..
कितनी भी मुहब्बत से बुलाओ पास नहीं आते..

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रहने दे कुछ बाते…………यूँ ही अनकही सी,,
कुछ जवाब तेरी-मेरी … ख़ामोशी में अटके ही अच्छे हैं.

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मैं तबाह हूँ तेरे प्यार में तुझे दूसरों का ख्याल है….!!!
कुछ तो मेरे मसले पर गौर कर मेरी जिन्दगी का सवाल है…….

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चुभते हुए ख्वाबों से कह दो ..
अब आया ना करे..
हम तन्हा तसल्ली से रहते है….
बेकार उलझाया ना करे..

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सहारे ढूढ़ने की
आदत नही हमारी..!
हम अकेले पूरी
महफ़िल के बराबर  है..!!

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आज फिर की थी, मैंने मोहब्बत से तौबा !
आज फिर तेरी तस्वीर देखकर नियत बदल गयी !!

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तेरे दिलमे रुकी हुइ ए साँस मेरी,
तु मील जाये तो बन जाये बात मेरी।।।

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ठिठुर रहा है बदन साँस थम सी गई है…
आज सर्दी बहुत है शायरी जम सी गई है।।।

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छुपाने लगा हूं आजकल…कुछ राज अपने आप से,
सुना है कुछ लोग मुझको मुझसे ज्यादा जानने लगे हैं.

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खामोश मोहब्बत का एहसास है वो…
मेरी ख्वाहिश ….मेरे जज्बात है वो…

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अभिमन्यु की एक बात बहुत हिम्मत देती हैं,
हिम्मत से हारना पर हिम्मत मत हारना |

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मैं ‘ज़ख़्म’ हूँ… जाकर गले मिलूं किस से,
नमक़ से तर कपडे, यहाँ सभी पहने हुए हैं !!

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पर्दा तो शर्म का ही काफी है…
वरना इशारे तो घूंघट में भी होते हैं

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“शब्द” चाहे जितने हो मेरे पास……
जो तुम तक न पहुचे……सब “व्यर्थ” है……

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क़सम खायी थी कि अब ना करेंगे फिर कभी शायरी।
तेरा हुस्न देखा तो कलम ने बग़ावत कर दी

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पता नही होश मे हूँ…..
या बेहोश हूँ मैं…..

पर बहूत सोच …….
समझकर खामोश हूँ मैं.

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महसूस कर रहें हैं तेरी लापरवाहियाँ कुछ दिनों से…
याद रखना अगर हम बदल गये तो,मनाना तेरे बस की बात ना होगी !!

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फायदा सबसे गिरी हुई चीज़ है,
लोग उठाते ही रहते हैं।।

*******

नए जख्म के लिए तैयार हो जा ए दिल!
कुछ लोग प्यार से पेश आ रहे हैं…!!

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खिलखिलाती धूप सा मेरा इश्क़,
और सर्द रातो सा तेरा याद आना..

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वो इंसान था… या एहसान कोई…
दिल से मेरे अभी तक उतरा ही नहीं…!!

*******

परख से परे है
दोस्ती मेरी,मैं उन्हीं का हूं
जो मुझ पर यकिन रखते हैं…..

*******

लोग अच्छी ही चीजों को यहाँ ख़राब कहते हैं
दवा है हज़ार ग़मों की उसे शराब कहते हैं…!

*******

मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हूँ ऐ खुदा..
किस्मत मेँ कोई ऐसा लिख दे, जो मौत तक वफा करे।

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आदमी अच्छा था…
ये शब्द सुनने के लिए मरना पड़ता है…

*******

पतंग की उलझने भी अजीब थी ग़ालिब
जब वो डोर से कटा तो हर छत पे उसकी ही तड़प थी

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कहीं तुझमें न ढ़ल जाऊँ …मिला मत यूँ नज़र मुझसे …
नशा जो हो गया चाहत में …कैसे फिर संभालोगे मुझे …

*******

कितने बदल गए हैं आज के रिश्ते भी ।
आपकी चंद मुस्कान के लिए चुटकले सुनाने पड़ते हैं ।।

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कमाल की मोहब्बत थी उसको हम से …….
अचानक ही शुरू हुई और बिन बतायें ही ख़त्म …!!

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शब्द भी हार जाते हैं, कई बार जज्बातों से ,
कितना भी लिखो कुछ ना कुछ बाकी रह जाता है !

*******

“दो बूंद मेरे प्यार की पी ले…..!!
जिन्दगी सारी नशे में गुज़र जाएगी…..!!

*******

लोगों ने रोज़ ही नया कुछ माँगा खुदा से..
एक हम ही हैं जो तेरे ख्याल से आगे न गये..

*******

पतंग सी हैं जिंदगी, कहाँ तक जाएगी…..!!
रात हो या उम्र, एक ना एक दिन कट ही जाएगी….!!

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रिश्तों को कभी धोखा मत दो,
पसंद ना आऐ तो उसे पूर्णविराम कर दो,,,

*******

तुम्हारी आँखों की तौहीन है ज़रा सोचो
तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है

*******

“रिश्तों को सम्भालते सम्भालते थकान सी होने लगी है,
रोज़ कोई ना कोई नाराज हो जाता है..

*******

कुछ पल का साथ देकर तुमने,
पल पल का मोहताज बना दिया

*******

जरा सी बात से मतलब बदल जाते हैं,
उंगली उठे तो बेइज्जती,

और अंगूठा उठे तो तारीफ…

*******

एक सपने के टूटकर चकनाचूर
हो जाने के बाद ,
दूसरा सपना देखने के हौसले
को ‘ज़िंदगी’ कहते हैं॥

*******

सिर्फ ख्वाब होते तो क्या बात होती…
तुम तो ख्वाहिश बन बैठे…वो भी बेइंतहा…

*******

सारी उम्र बस एक ही “सबक” याद
रखना…
“दोस्ती” और “इबादत” में बस नियत साफ़ रखना.!!!

*******

ठण्डा चूल्हा देखकर रात गुजारी उस गरीब ने,
आग थी की पेट में रात भर जलती रही !!

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देख कर मेरी तरफ़ उसने तो मुह को फेर लिया
इश्क़ कर के उसने मेरे साथ कैसा खेल किया

– नरेश के. डोडीया

*******

बहोत दर्द देता है उस इंसान का याद आना,
जो हमें कभी भूलकर भी याद नहीं करता !!

*******

हक़ हूँ में तेरा हक़ जताया कर,
यूँ खफा होकर ना सताया कर..

*******

मोहब्बत तेरा मेरा मसला था ,.,
ये ज़माना बीच में क्यूँ आ गया ,.,?

*******

जीनेकी कुछ तो वजह होनी चाहिए…..
वादे ना सही.. यादे तो होनी चाहिए…….!!

*******

मेरी कमियां और मेरी खूबियां सिर्फ मुझे ही बताना….
मेरी कोई ब्रांच नहीं है…

*******

कुछ लोग खोने को प्यार कहते हैं..
तो कुछ पाने को प्यार कहते हैं,
पर हकीक़त तो ये है
हम तो बस निभाने को प्यार कहते हैं.

*******

कभी बुरा नहीं था, उसनें मुझे बुरा कह दिया…
फिर मैं बुरा बन गया,..

*******

इतनी दूरियां ना बढ़ाओ थोड़ा सा याद ही कर लिया करो…
कहीं ऐसा ना हो कि तुम-बिन जीने की आदत सी हो जाए…

*******

कितना अच्छा लगता है ना जब मोहब्बत में कोई कहे,
क्यूँ करते हो किसी और से बात, मैं काफी नहीं आपके लिए ?

*******

गुम अगर सूई भी हो जाए तो दिल दुखता है,,
और हमने तो मुहब्बत में तुझे खोया था.

*******

इतना ही मालूम है,इस जीवन का सार,
बंद कभी होते नहीं,उम्मीदों के द्वार !!”

*******

चंद लफ्जो की तकल्लुफ में ,
ये इश्क रुक सा गया है….
वो इकरार पे रूके रहे ,
और हम इन्तजार मे….

*******

बस उसका जुर्म साबित होने को था

मगर

मैंने माफ़ी मांग ली थी….

*******

मोहब्बत रंग दे जाती है जब दिल दिल से मिलता है
मगर मुश्किल तो ये है दिल बड़ी मुश्किल से मिलता है…

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जिन के पास होती हैं उमर भर की यादे
वो लोग तन्हाई में भी तन्हा नही होते….

*******

जन्नत की परवाह तो उन्हे होती है जिन्होने जन्नत नहीं देखी,
मेरी जन्नत तो तुमसे शुरू और तुम्ही पर खत्म होती है ….

*******

अमीर वो नही होते,जिनके सर हीरों से जड़े होते है..
अमीर वो होते है,जो  “दिलो “से जुड़े होते है….

*******

मेरे आँसूं उठा लेते है मेरे ग़मों का बोझ,
ये वो दोस्त है जो अहसान जताया नहीं करते !!

*******

खोटे सिक्के जो खुद कभी चले नहीं बाजार में,
वो भी कमियाँ खोज रहे है आज मेरे किरदार में !!

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ठण्डा चूल्हा देखकर रात गुजारी उस गरीब ने,
कमबख्त आग थी की पेट में रात भर जलती रही !!

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गरीबी थी जो सबको एक आंचल में सुला देती थी,
अब अमीरी आ गई तो सबको अलग मक़ान चाहिए !!

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किसी को पुरखों की ज़मीने बेचकर भी चैन नहीं,
और कोई गुब्बारे बेचकर ही सो गया सुकुन से !!

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सुनों एक आपकी ही ख्वाईस है हमें …!
सारी दुनिया किसने मांगा है ……?

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मुझसे बिछडके खुश रहते हो…
मेरी तरह आप भी झुटे हो…

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चलो मुस्कुराने की वजह ढुंढते है,
तुम हमें ढुंढो….  हम तुम्हे ढुंढते है!

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मैं वहाँ जाकर भी मांग लूँगा तुझे,,,
कोई बताये तो फैसले कुदरत के कहाँ होते है !

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मुद्दतों बाद जो उसने आवाज़ दी मुझे,
कदमों की क्या औकात थी…साँसें भी ठहर गयीं!

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किसी ने भेज कर काग़ज़ की कश्ती
बुलाया है समुंदर पार मुझको

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“वो खो गया है,,
जो कभी मिला ही नही था”

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लाऊंगा कहा से जुदाई का हौसला
क्यू इस कदर मेरे करीब आ रहे हो

*******

वक्त से पूछकर बताना ज़रा,
जख्म क्या वाकई भर जाता है

*******

कहो तो थोड़ा वक्त भेज दूँ..?
सुना है तुझे फुर्सत नहीं मुझसे बात करने की..

*******

ऐ जीन्दगी जा ढुंड॒ कोई खो गया है मुझ से…..
अगर वो ना मिला तो सुन तेरी भी जरुरत नही मुझे…..

*******

इंसान खामोश  तब ही होता है.
जब उसके अंदर बहुत शोर होता है.

*******

तुम्हारे हर सवाल का जवाब मेरी आँखों में मिलेगा,
तुम मेरी जुबान खुलने का इंतज़ार ना कर

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आया था साल नया लेकर…
वो जनवरी अब नही रहा …

*******

कुछ रिश्तों के खत्म होने की वजह सिर्फ यह होती है कि..
एक कुछ बोल नहीं पाता,और दुसरा कुछ समझ ही नहीं पाता…

*******

जिन्दगी सुन तू यही पर रुकना….।।
हम हालात बदल कर आते है..

*******

कतार में खड़े है खरीदने वाले…..,
शुक्र है मुस्कान नहीं बिकती…..!?

*******

ज़िन्दगी में एक ऐसे इंसान का होना बहुत  ज़रूरी है
जिसको दिल का हाल बताने के लिए लफ़्ज़ों की जरुरत न पड़े

*******

ज़मीं पर आओ फिर देखो, हमारी अहमियत क्या है
बुलंदी से कभी ज़र्रों का, अंदाज़ा नहीं होता….

*******

हम पर तुम्हारी चाह का संगीन सा इलज़ाम है
बदले में हम उम्र कैद के तलबगार हैं

*******

मुझे अल्फाजों की जरूरत ना पड़ती
अगर तुम ने  मेरी आँखों में लिखे अफसाने पढ़े होते…

*******

अहसास ए इश्क़ में हर उम्र में दिल मचलता है
इजहार ए फरवरी में दिल कहाँ संभलता है

*******

हमसे मिलना ज़रा संभलकर हम तुमको बताते हैं
हम बातों ही बातों में अक्सर दिल चुरा लेते हैं

*******

मत लगाओ बोली अपने अल्फाजों की
हमने लिखना शुरू किया तो तुम नीलाम हो जाओगे

*******

बिखरे अरमान, भीगी पलकें, और ये तन्हाई
कहूँ कैसे कि मिला, मोहब्बत में कुछ भी नहीं

*******

मोहब्बत करने वालो को वक़्त कहा जो गम लिखेगे
ए दोस्तों कलम इधर लाओ इनके बारे में हम लिखेगे

*******

कुछ तो सोचा होगा कायनात ने तेरे-मेरे रिश्ते पर,
वरना इतनी बड़ी दुनिया में तुझसे ही बात क्यों होती

*******

“वाह वाह बोलने की आदत डाल लो दोस्तों,
मैं मोहब्बत में अपनी बरबादियाँ लिखने वाला हूँ !!”

*******

ज़िद उसकी थी,जल्दी से चाँद देखने की,,
हूनर मेरा था, सामने आईना रख दिया.. !!!

*******

आज अचानक कोई मुझसे लिपट कर बहुत रोया,
कुछ देर बाद अहसास हुआ,ये तो मेरा ही साया है..

*******

बहुत लम्बी ख़ामोशी से ग़ुजरा हूँ मैं,
किसी से कुछ कहने की तलाश में…

*******

गहराइयों से कुछ नहीं लेना मुझ को
किनारा हूँ बस साथ साथ चलने दे…

*******

मेरी हर शायरी में सिर्फ तुम होते हो
दर्द बस इतना है की,सिर्फ शायरी में हीं क्यों होते हो

*******

यादें क्यों नहीं बिछड़ जाती,
लोग तो पल में बिछड़ जाते हैं…

*******

शब्दों के इत्तेफाक़ में
यूँ बदलाव करके देख…
तू देख कर न “मुस्कुरा”
बस “मुस्कुरा” के देख…

*******

काश हम भी किसी बूथ पर बूथ अधिकारी होते,
उनका हाथ थाम लेते स्याही लगाने के बहाने..!

*******

तेरी मर्जी से ढल जाऊं हर बार ये मुमकिन नहीं,
मेरा भी वजूद है, मैं कोई आइना नहीं…

*******

उसने पोंछे ही नही, अश्क मेरी आँखों से,
मैंने ख़ुद रो के, बहुत देर हसाया था जिसे…

*******

मेरी बराबरी करना आसान नहीं,
सच में नामुमकिन है !!

*******

रहने की बेहतरीन जगहों में से, एक जगह औकात भी है !!

*******

सब अपने से लगते है, लेकिन सिर्फ बातों से !!

*******

“तारीखों में बंध गया है अब,  इजहार ए मोहब्बत भी।।
रोज प्यार जताने की अब किसी को फुर्सत कहां।।

*******

हम वक्त गुजारने के लिए दोस्तों को नहीं रखते,
दोस्तों के साथ रहने के लिए वक्त रखते है !!

*******

प्यार मे ताकत हैं
दुनिया को झुकाने की ,,,
वरना क्या जरूरत थी
राम को झूठे बेर खाने की…!

*******

कुछ कहानियाँ Pen से लिखी जाती हैं,
और कुछ Pain से❣

*******

शराब की बोतल सी है ये ईमानदारी
कोई छोड़ता नहीं कोई छूता तक नहीं

*******

वक़्त आने पर लोग साथ कम..!!
मशवरा ज़्यादा देते है..!!

*******

देख ज़िन्दगी तू हमें रुलाना छोड दे,
अगर हम खफा हूऐ तो तूझे छोड देंगे…

*******

घोंसला बनाने में यूँ मशग़ूल हो गए,
उड़ने को पंख हैं हम ये भी भूल गए…

*******

मुझे बहुत प्यारी है, तुम्हारी दी हुई हर एक निशानी…
चाहे वो दिल का दर्द हो या आँखों का पानी….

*******

सोचा ही नहीं था जिंदगी में ऐसे भी
फसाने होंगे ..
रोना भी जरुरी होगा आंसू भी छुपाने होंगे….!!

*******

जिंदगी में कुछ सस्ते लोगों को
शामिल कर लो ।।।
बहुत महंगे सबक मिलेंगे.

*******

कभी किसी को छला नही,
इसलिये में चला नही…

*******

प्यार तो अमर है , अमर ही रहेगा ,
मरेगा तो वो , जिसने किया है ।

*******

घण्टों बैठकर

जश्न करते हैं…
मैं…दिल..और तेरी याद…

*******

अच्छा लगता हैं
तेरा नाम मेरे नाम के साथ,
जैसे कोई खूबसूरत सुबह
जुड़ी हो,
किसी हसीन शाम के साथ !

*******

ना जाने क्यों वो फिर भी इतना प्यार करती है मुझसे…
मैंने तो कभी माँ को गुलाब का फूल नहीं दिया !

*******

कुछ लोग दिल के इतने खुबसुरत होते हैं….
कि चाहे वो ना भी मिले पर…
उम्र भर उन्हे चाहने को दिल करता है…

*******

चलो इस रिश्ते को बेनाम ही रहने दो,
नाम वाले रिश्ते अक्सर निभाए नहीं जाते..

*******

ऐसा नहीं की मुझमें कोई ऐब नहीं..,..
..पर सच कहता हूँ,,,मुझमें कोई फरेब नहीं।।।।

*******

सलीका हो अगर भीगी हुई आँखों
को पढ़ने का,
तो जज़बात भी मेरे कयामत का असर रखते है !!

*******

जिंदगी भी कितनी अजीब है.. मुस्कुराओ तो लोग जलते है…
तन्हा रहो तो सवाल करते है…!!

*******

न मैं गिरा और न मेरी उम्मीदों के मिनार गिरे,
पर कुछ लोग मुझे गिराने में कई बार गिरे !

*******

अदब से पेश आ ज़िन्दगी,
हो गई तुजसे है दिल्लगी ।

*******

कभी पानी में तैरता  जलता हुआ दिया देखा है  ?
कितना खूबसूरत मंज़र होता है ।
बस कुछ ऐसा ही हाल है,
आँखों मेंतैरती हुई तेरी तस्वीर का ।

*******

बैठे चाय की प्याली लेकर पुराने किस्से याद करने…
चाय ठंडी होती गई और किस्से गरम होते गये !!

*******

तुम्हारी फिक्र के लिए हमारा..
कोई रिश्ता हो ज़रूरी तो नही..

*******

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1 ટીકા

Posted by on ફેબ્રુવારી 22, 2017 માં Hindi Shayari

 

ટૅગ્સ:

निदा फाजली नहीं रहे..


भारत के मशहूर हिंदी – उर्दू कवि मुक्तिदा हसन ‘निदा फाजली’ नहीं रहे. १२ अक्टूबर, १९३८ को जन्मे ये कविराज आज, ८ फरवरी, २०१६ को खुदा को प्यारे हो गये. वे ७७ साल के थे. हमने उनकी अनेक गज़ल जगजीत सिंघ द्वारा सुनी है, आज जगजीत जी की जन्मतिथि अब निदा जी की पुण्यतिथि बन गई है.

कश्मीरी परिवार के निदा जी दिल्ही में जन्मे और ग्वालियर में आपने शिक्षा पाई थी. उनके पिता जी भी उर्दू के कवि थे. १९४७ में देश के बटवारे के दौरान पिताजी पाकिस्तान गये थे, लेकिन निदा जी भारत में रहे थे. युवा निदा ने एक बार मंदिर के पास से गुजरते हुए सूरदास का राधा के बारे में लिखा पद सुना था, जिसमे श्री कृष्ण से जुदा होने का राधा जी के दुःख का वर्णन था, उससे प्रभावित हो कर वे कवि बने थे, ऐसा निदा फाजली कहते थे. मीरा और कबीर से प्रभावित निदा गाज्ली ने अपनी कविता का दायरा टी. एस. इलियट, गोगोल, एंटोन चेखोव और टाकासाकी तक विस्तुत किया था.

काम की खोज में निदा जी १९६४ में बम्बई आये थे. शुरूआती दौर में उन्हों ने हिंदी साप्ताहिक धर्मयुग और ब्लिट्स में लिखा था. उनसे हिंदी फिल्मों के निर्माता-निर्देशक-लेखक प्रभावित थे. उनको मुशायरा में बुलाया जाता था. उनकी गज़ल और अदायगी लोकप्रिय हुई. उसमे गज़ल, दोहा और नज़म का मिश्रण श्रोताओ को मिलता था. उन्हों ने कविता को सादगी बक्षी. उनकी प्रसिध्ध पंक्ति: ‘दुनिया जिसे कहते है, जादू का खिलौना है, मिल जाये तो मिटटी है, खो जाये तो सोना है’. आपको उनकी ‘आ अभी जा (सुर), तू इस तरहा से मेरी जिंदगी में सामिल है (आप तो ऐसे न थे) और होश वालों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज है, इश्क कीजे और समजिये झिंदगी क्या चीज़ है (सरफ़रोश) याद होगी. उस गज़ल का एक बेहतरीन शेर है, ‘हम लबों से कह नहीं पाए, उनसे हाल-ए-दिल कभी; और वो समझे नहीं, ये ख़ामोशी क्या चीज़ है’.  ‘इस रात की सुबह नहीं,’ और ‘गुडिया’ में भी उनके गीत थे. कमाल अमरोही की ‘रज़िया सुलतान (१९८३) बनती थी और उनके गीतकार जाँ निसार अख्तर का निधन हुआ. तब निदा फाजली ने उस फिल्म के दो गाने लिखे थे.

निदा फाजली को भारत का बटवारा पसंद नहीं था. कोमी और राजकीय दंगो के सामने वे आवाज़ उठाते थे. उसका नतीजा ये था की १९९२ के दंगो में उन्हें अपने आप को बचने किसी दोस्त के घर रहना पड़ा था. उनके ‘राष्ट्रिय एकता’ का पुरस्कार मिला था. उन्होंने उर्दू, हिंदी और गुजराती में २४ पुस्तकें लिखी थी. उनकी कुछ कविता बच्चे स्कूल में पढते हैं. उनके आत्मकथात्मक उपन्यास ‘दीवारों के बिच’ के लिये मध्य प्रदेश सरकार ने निदा फाजली को ‘मीर तकी मीर’ एवोर्ड दिया था. उनके प्रसिद्द लेखन कार्य है – मोर नाच, हम कदम और सफर में धुप तो होगी..

निदा फाजली को साहित्य अकादमी का एवोर्ड १९९८ में, श्रेष्ठ गीतकार का स्टार स्क्रीन एवोर्ड ‘सुर’ के लिये और २०१३ में पद्मश्री का इल्काब मिला था। निदा जी को हमने सूरत के गाँधी स्मृति भवन में तीन-चार बार सुना है.. मेरा उनका लिखा प्रिय शेर है, ‘घर से मस्जिद हो बहुत दूर, तो चलो यूँ ही सही, किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाये.’ कवि अपनी कविताओं से अमर होते है, निदा फाजली भी अमर है ।

हमारे प्रिय कवि मित्र मुकुल चोकसी ने निदा फाजली को अंजलि देते हुए शेर लिखा है –

ભેગા કરે અનેક કવિ, એક ‘નિદા’ ન થાય, એને કહો કે આવી રીતે અલવિદા ન થાય. (प्रस्तुति: नरेश कापडीआ)

 
3 ટિપ્પણીઓ

Posted by on ફેબ્રુવારી 8, 2016 માં Hindi Shayari, SELF / स्वयं

 

Shayri Part 35


अल्फ़ाज़ के कुछ तो कंकर फ़ेंको,

यहाँ झील सी गहरी ख़ामोशी है।

*******

धीरे धीरे बहुत कुछ बदल रहा है…
लोग भी…रिश्ते भी…और कभी कभी हम खुद भी….

*******

जागना भी कबूल हैं तेरी यादों में रात भर,
तेरे एहसासों में जो सुकून है वो नींद में कहाँ |

*******

मत दो मुझे खैरात उजालों की……

अब खुद को सूरज बना चुका हूं मैं..

*******

तू वैसी ही है जैसा मैं चाहता हूँ…

बस..
मुझे वैसा बना दे जैसा तू चाहती है…..

*******

ए खुदा अगर तेरे पेन की श्याही खत्म है तो मेरा लहू लेले,
यू कहानिया अधूरी न लिखा कर..

*******

जाते वक्त उसने मुजसे अजीब सी बात कही

तुम जिंदगी हो मेरी, और मुझे मेरी जिंदगी से नफरत है…

*******

एक बात हमेशा याद रखना ‘खुश-नसीब’ वोह नहीं जिसका नसीब अच्छा है

बल्कि खुश-नसीब वोह है….जो अपने नसीब से खुश है……

*******

जिंदगी हमेशा एक नया मौका देती है…
सरल शब्दों में उसे ‘कल’ कहते हैं !!

*******

ये जो मेरे हालात हैं एक दिन सुधर जायेंगे

मगर तब तक कई लोग मेरे दिल से उतर जायेंगे

*******

दो बूंद मेरे प्यार की पी ले,

जिन्दगी सारी नशे मे गुज़र जाएगी.

*******

आज भी इस उम्मीद से सिगरेट पीते हैं यारों…
कभी तो जलेगी सीने में रखी तस्वीर उसकी…

*******

खुद पुकारेगी मंज़िल तो ठहर जाऊँगा..
वरना खुद्दार मुसाफिर हूँ, गुज़र जाऊँगा ।

*******

दुनिया सिर्फ नतीजो को इनाम देती है
कोशिशो को नही..

*******

जख्म है कि दिखते

…….. नही ,

मगर ये मत समझिए
कि दुखते नही…..!!

*******

रात होते ही,
तेरे ख़यालों की सुबह हो जाती है

*******

शिकायत तुम्हे वक्त से नहीं खुद से होगी,
कि मुहब्बत सामने थी, और तुम दुनिया में उलझी रही.

*******

काश कि तुम कोई दिसम्बर होते,
साल के आखिर मे आ तो जाते …

*******

आज तक उस थकान से दुख रहा है बदन,
एक सफ़र किया था मैंने ख़्वाहिशों के साथ ।।

*******

कहीं जरूरत से कम तो कहीं जरूरत से ज्यादा।
ए कुदरत तुझे हिसाब किताब करना नहीं आता।

*******

शहर में बिखरी हुई हैं, ज़ख्म-ए-दिल की खुशबुएँ..
ऐसा लगता है के दीवानों का मौसम आ गया..

*******

मुश्किल भी तुम हो, हल भी तुम हो ,

होती है जो सीने में ,वो हलचल भी तुम हो …

*******

आज लफ्जों को मैने शाम को पीने पे बुलाया है,

बन गयी बात तो ग़ज़ल भी हो सकती है…

*******

इश्क़ की दुनिया है जनाब
यहाँ कुछ भी हो सकता है

दिल मिल भी सकता है
और खो भी सकता है

जिसे तुम चाहते हो
किसी और का भी हो सकता है

तुम समझो इबादत
वोह गुनाह भी हो सकता है

बेपनाह मोहोब्बत का
मामूली हाल भी हो सकता है

दोस्त समझो जिसे
वोह रकीब भी हो सकता है

जाम समझो जिसे
वोह ज़हर भी हो सकता है

सुकून समझो जिसे
वोह कहर भी हो सकता है

अपना समझो जिसे
वोह सपना भी हो सकता है

इश्क़ की दुनिया है जनाब
यहाँ कुछ भी हो सकता है !!

आसिम !!

*******

सब नजरीये की बात्त है जनाब…!!

कर्ण से कोइ पुछे, दुर्योधन कैसा था…!!!

*******

हादसों का खोफ दिलमें था मगर ऐसा न था,
अपनी ही आवाज से, पेहले कभी चोंका न था ।

*******

तुम मेरी जिंदगी का वो एकलौता सच हो,
जिसके बारे में मैंने दुनिया के हर सख्श से झूठ कहा हैं..

*******

आईना हूं तेरा, क्यूं इतना कतरा रहे हो..

सच ही कहूंगा, क्यूं इतना घबरा रहे हो..👈🏻

*******

दो आँखो में दो ही आँसू

एक तेरे लिए ..।
एक तेरी खातिर….।

*******

बस इतनी दाद देना….बाद मेरे मेरी उल्फ़त की…!
कि जब मैं याद आऊँ….तो खुद से प्यार कर लेना…!!

*******

जो दिल के आईने में हो वही हे प्यार के काबिल…

वरना दिवार के काबिल तो हर तस्वीर होती हे ….

*******

तेरी महफ़िल…… और….. मेरी
आँखें…..
दोनों भरी-भरी हैं……!!

*******

अगर कहो तो आज बता दूँ मुझको तुम कैसी लगती हो।

मेरी नहीं मगर जाने क्यों, कुछ कुछ अपनी सी लगती हो।

*******

जिन्हें प्यार नहीं रुलाता उन्हें प्यार की निशानियाँ रुला देती हैं.

*******

खुद की तारीफ कर खुश होना सीख़ लो दोस्तों,
तुम्हारी बेइज्जती कर मजे लूटने वाले बहुत हैं…

*******

तेरे पास जो है उसकी क़द्र कर और सब्र कर दीवाने,

यहाँ तो आसमां के पास भी
खुद की जमीं नहीं है……।।।

*******

तुम दूर बहुत दूर हो मुझसे.. ये तो जानता हूँ मैं…

पर तुमसे करीब मेरे कोई नही है ये बात तुम भी कभी न भूलना

*******

हमारा दर्द फैला पडा था कागज पर
जो समझा रो दिया जो न समझा मुस्कुरा दिया…

*******

जब भी देखता हूँ तेरी मोहब्बत की पाकीज़गी

दिल करता है तेरी रूह को काला टीका लगा दूँ…

*******

मुझे गरीब समझ कर महफिल से निकाल दिया”……
”क्या चाँद की महफिल मे सितारे नही होते ”

*******

मुझें मोहब्बत हो गयी है ,

अकेलेपन से,

मैं ….बच तो जाऊँगा ना …???

*******

लोगो ने कुछ दिया, तो सुनाया भी बहुत कुछ;
ऐ खुदा;

एक तेरा ही दर है, जहा कभी “ताना” नहीं मिला!

*******

क्या जरूरत, क्यों जफाएं बागबां तेरी सहें,
जा तुझे गुलशन मुबारक, मुझको वीराने बहुत।

*******

दिल से नाज़ुक नही, दुनिया में कोई चीज साहिबा,

लफ्ज़ का वार भी, खंजर की तरह लगता है..!

*******

इतना भी ना तराशो कि वजूद ही ना रहे हमारा……

हर पत्थर की किस्मत मे नहीं होता संवर कर खुदा हो जाना….

*******

ये दिल तुम्हारे पास गिरवी है, इसलिए तुम्हारी कदर करते हैं….

वरना तेरी जो फितरत है .. वो नफरत के भी काबिल नही …….

*******

मेरी ज़िन्दगी में एक ऐसा शक्श भी है,,,

जो मेरी पूरी ज़िन्दगी है और मै उसका एक लम्हा भी नही…

*******

कुछ रिशते ऐसे होते हैं..जिनको जोड़ते जोड़ते इन्सान खुद टूट जाता है।

*******

हद से बढ़ जाये ताल्लुक़ तो गम मिलते हैं,
हम इसीवास्ते हर शख्स से कम मिलते हैं.

*******

में उनमे से नहीं हु जो बोल के फिर जाये,
में वो हूँ , जो बोलू वो कर के मिट जाये।
-चेतन

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क्रोध हवा का वह झोंका है,
जो बुद्धि के दीपक को बुझा देता है ।

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“सिर्फ तुम ही नहीं अजीज…तुम्हारी आदतें भी अजीज हैं..,

कि तुम भुल भी जाते हो…तो भी बुरा नहीं लगता…!”

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तेरी खवाहीश कर ली तो कौन सा गुनाह कर दिया!

लोग तो इबादत मैं पुरी कायनात मांगते है!

*******

जिन्हें पता है कि अकेलापन क्या होता है, वो लोग
दूसरों के लिए हमेशा हाजिर रहते हैं..!!

*******

उसकी जरूरत उसका इंतजार और अकेलापन..

थक कर मुस्कुरा देता हूँ, मैं जब रो नहीं पाता.

*******

अपने लफ्ज़ों पर गौर कर के बता,

लफ्ज़ कितने थे, और तीर कितने….?

*******

फूल भी दे जाते हैं ज़ख़्म गहरे कभी-कभी…
हर फूल पर यूँ ऐतबार ना कीजिये…

*******

मैं पैसा हूँ

मुझे आप मरने के बाद ऊपर नहीं ले जा सकते

मगर जीते जी मैं आपको
बहुत ऊपर ले जा सकता हूँ

मैं पैसा हूँ

मैं कुछ भी नहीं हूँ मगर मैं निर्धारित करता हूँ

कि लोग आपको कितनी इज्जत देते है

मैं पैसा हूँ

मैं बोलता नहीं….

मगर

सबकी बोलती बंद करवा सकता हूँ

मैं पैसा हूँ

मुझे पसंद करो
सिर्फ इस हद तक की

लोग आपको नापसन्द न करने लग

*******

यूँ तो मसले और मुद्दे बहुत हैं लिखने को मगर
कमबख्त़ इन कागज़ों को तेरा ही ज़िक्र अज़ीज़ है!!!

*******

इरादे भी रूठा है बच्चे की तरह …

की मुजे चाँद चाइये या कुछ बी नहीं ……

*******

परखता रहा उम्र भर, ताकत दवाओं की,

दंग रह गया देख कर, ताकत दुआओं की!

*******

बदलते वक्त के साथ तू , बदला है,

ये इश्क है तेरा या फिर , बदला है.!!

*******

अकेले ही गुज़रती है ज़िन्दगी.

लोग तसल्लियां तो देते हैं पर साथ नहीं.

*******

मुफ़्त में सिर्फ माँ बाप का प्यार मिलता है इसके बाद
दुनिया में हर रिश्ते के लिए कुछ न कुछ चुकाना पड़ता है..!

*******

क़यामत के रोज़ फ़रिश्तों ने जब माँगा उससे ज़िन्दगी का हिसाब;

ख़ुदा, खुद मुस्कुरा के बोला, जाने दो, ‘मोहब्बत’ की है इसने।

*******

“नींद तो अब भी बहुत आती है मगर…

समझा-बुझा के मुझे उठा देती हैं जिम्मेदारियां..!!

*******

तुमको देखा तो मौहब्बत भी समझ आई,
वरना इस शब्द की तारीफ ही सुना करते थे..

*******

जैसे लोग शराब में पानी मिलाते है,
वैसे हम तेरी याद में शराब मिलाते है।
-चेतन

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अब तेरी नशीली आँखों का नशा नहीं मिलता,
सुक्र है शराब का, तेरी कमी नहीं दिलाता।
– चेतन

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तेरी आँखों की सादगी देखने नहीं मिलती,
इसीलिए शराब से नाता जोड़ लिया मैंने ।
– चेतन

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युँ तो मुद्दते 🏻गुजार दी है हमने तेरे बगैर..

मगर आज भी तेरी यादों का एक झोंका

मुझे  टुकड़ो मे बिखेर देता है …

*******

काश कोई तो पैमाना होता मुहब्बत को नापने का,

तो शान से आते तेरे सामने सबूत के साथ….

*******

वो साथ थे तो एक लफ़्ज़ ना निकला लबों से..

दूर क्या हुए कलम ने क़हर मचा दिया………

*******

काश मै ऐसी बात लिखूँ तेरी याद मे,

तेरी सूरत दिखाई दे हर अल्फ़ाज़ मे..

*******

एहसान ये रहा तोहमते लगाने वालों का मुझ पर,

उठती हुई उँगलियों ने मुझे मशहूर कर दिया।

*******

तु अपने सारे गम OLX पे बेच दे;
मेने FLIPCART से तेरे लिए ढेर सारी खुशियाँ मंगवाई है….!!!

*******

बात बस इतनी सी है

की अब “तुम ” “तुम “ना रहे

*******

वो चाहते है,
जी भर के प्यार करना…
हम सोचते है,
वो प्यार ही क्या,
जिससे जी भर जाये…

*******

ना चाँद अपना था , ना तू अपना था,
काश दिल भी मान लेता की सब सपना था

*******

तन्हाई बेहतर है …….

झूठे रिश्तों से….

*******

काश किस्मत भी नींद
की तरह होती ,
हर सुबह खुल जाती….

*******

कहने को ही मैं अकेला हूं
पर हम चार है
एक मैं.. मेरी परछाई.. मेरी तन्हाई.. और तेरा एहसास..

*******

क्या कहूँ मैं कहने को शब्द नहीं मिल रहे,

चलो आज खामोशी ही महसूस कर लो…!!

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लोग टूट जाते हैं, एक घर बनाने में..

तुम तरस नहीं खाते, बस्तियाँ जलाने में…

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आ जाओ सीने से लिपट जाओ मेरे…
ये दिसम्बर की सर्द हवाएँ तुम्हे बीमार ना कर दे ।।

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कोई चादर वफ़ा नहीं करती
वक़्त जब खींच-तान करता है…..

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ज़िंदगी चैन से गुज़र जाए…
गर तू ज़हन से उतर जाए..

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तुम्हारा नाम लेने से मुझे सब जान जाते हैं…
मैं वो खोई हुई इक चीज हूँ जिसका पता तुम हो…

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ज़माना हो गया देखो मगर चाहत नहीं बदली
किसी की ज़िद नहीं बदली मेरी आदत नहीं बदली

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मोहब्बत में ज़बरदस्ती अच्छी नही होती,
जब आप का दिल चाहे,
तब मेरे हो जाना
हम नाराज़ ज़रूर होते है,पर नफरत नहीं करते…

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वो मंजर ही मौहब्बत में बड़ा दिलकश गुजरा,
किसी ने हाल ही पूछा था और आँखें भर आई

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“तेरे रोने से उन्हें कोई फर्क नही पड़ता ऐ दिल,,,,.
जिनके चाहने वाले ज्यादा हो वो अक्सर बेदर्द हुआ करते हैं…।”

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सब कहते है हम खाली बैठे है,
उन्हें क्या खबर क्या समेटे बैठे है !!

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कुछ यादें खरीदी हैं….
दिन खर्च करके

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अगर तुम्हे यकीन है तुम्हारे शक पर…
तो हमें शक है तुम्हारे यकीन पर…..

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मोहब्बत करने से फुरसत नहीं मिली यारो..
वरना हम करके बताते नफरत किसको कहते है|

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रिवाज तो यही हे दुनिया का मिल जाना और बिछड जाना,

तुम से ये कैसा रिशता है ना मिलते हो ना बिछडते हो|

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अफसोस ये नही है कि दर्द कितना है,

दर्द ये है कि तुम्हे परवाह नही है………!!!

*******

सुनो…
मोहब्बत नहीं आती ना तुम्हे ??………….
“रहम” तो आता होगा….

*******

“नामुमकिन” ही सही मगर,

“महोब्बत” तुजसे ही है..!

*******

सूरज रोज़ अब भी बेफ़िज़ूल ही निकलता है ….

तुम गए हो जब से ,
उजाला नहीं हुआ ….

*******

दो चम्मच हँसी और चुटकी भर नखरे तेरे,
बस अब यही है ख़ुशी की खुराक मेरी

*******

खुशीओ का भी क्या कहना. ?

ऐक बच्चा खुश हुआ खरीद कर गुब्बारा..
दुसरा बच्चा खुश हुआ बेच कर गुब्बारा..!!!

*******

ये किस मोड़ पर, तुम्हे बिछड़ने की सूझी,

मुद्दतों बाद तो संवरने लगे थे….हम…!!!

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तारीख़ तो बदलती है हर साल।
ए-ख़ुदा,
अब के बरस हालात भी तो बदल दे

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अंजान अगर हो तो गुज़र क्यूँ नहीं जाते…
पहचान रहे हो तो ठहर क्यूँ नही जाते !

*******

उफ… ये गजब की रात
और ये ठंडी हवा का आलम,
हम भी खूब सोते …अगर

उनकी बांहो में होते…

*******

गुस्सा बहोत होते हो हमसे

मोहोब्बत हो गयी है क्या !!!

*******

” ठण्ड बढ़ती जा रही है,

तेरे नखरे की तरह……”

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तुझको लेकर मेरा ‪ख्याल‬ नही बदलेगा…

साल बदलेगा मगर दिल का हाल नहीं बदलेगा।।

*******

कहाँ मिलता है कभी कोई समझने वाला ,
जो भी मिलता है समझा के चला जाता है …

*******

परेशां हूँ कि परेशानी नहीँ जाती,

बचपन तो गया मगर नादानी नहीँ जाती…

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मेरी जिन्दगी को अधूरा कर दिया
वाह रे मोहब्बत तुने अपना काम पूरा कर दिया.

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एक दूसरे से बिछड़ के हम कितने रंगीले हो गये…

मेरी आँखें लाल हो गयी और तेरे हाथ पीले हो गए..

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इंकार जैसी लज्जत इक़रार में कहां..
बढ़ता रहा इश्क ग़ालिब, उसकी नही-नही से..

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मैं खुद भी अपने लिए अजनबी हूँ,

मुझे गैर कहने वाले – तेरी बात में दम है…!!!

*******

बेशक ही वो शतरंज में माहिर रहे होंगे..
क्योंकि उनकी चाल पर हजारो फ़िदा है..!

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वो उम्र भर कहते रहे तुम्हारे सीने में दिल ही नहीं..

दिल का दौरा ये दाग भी धो गया..!!

*******

पर्दा तो होश वालों से किया जाता है ,

बेनकाब चले आओ हम तो नशे में है..!!

*******

ये कहाँ की रीत,, जागे कोई ,, सोये कोई……

रात सबकी है , तो सबको नींद आनी चाहिये………

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हंसी आती ये सोचकर कि दर्द कोई
समझता नही……

मगर उन्हीं दर्दनाक अल्फ़ाज़ो पर दाद देते है लोग..

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शुक्र करो कि हम दर्द सहते हैं, लिखते नहीं ।
वरना कागजों पर लफ़्ज़ों के जनाज़े उठते ॥

*******

मौत आएं तो दिन बदले शायद,,,,

जिंदगी ने तो मार ही डाला है…

*******

वो मेरे हाथो की लकीरे देखकर अक्सर मायूस हो जाते है….

शायद, उन्हे भी एहसास हो गया है की वो मेरी क़िस्मत मे नही है.

*******

बूढा दिसम्बर जवां जनवरी के कदमों मे बिछ गया

लो इक्कीसवीं सदी को सोलहवां साल लग गया

*******

ऐ नए साल… बता तुझ में नया क्या है..?

तू नया है तो दिखा सुबह नई, शाम नई…
वरना इन आँखों ने देखे हैं नए साल कई..

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ना जहर है ना शहद है ये ईश्क नशा है साहब ।
जो चडा रहेता है दिल पे निंद आंखो से चुराता है ।

*******

सौ बार कहा दिल से चल भूल भी जा उसको,
सौ बार कहा दिल ने तुम दिल से नहीं कहते।

*******

काश ये साल दो हिस्सों में बंट जाये….

मैं फिर से 20 का और तू 16 की हो जाये….

*******

दिसंबर सा मैं..जनवरी सी तुम..
करीब हो के भी बहुत दूर हैं हम.!!

*******

मै नासमझ ही सहीं मगर वो तारा हूं..

जो तेरी एक ख्वाहिश के लिये..सौ बार टूट जाऊं…..

*******

रात को उठ ना सका दरवाजे की दस्तक पे.
सुबह बहुत रोया तेरे पैरों के निशां देख कर..

*******

तुम मुझ पर लगायो मै तुम पर लगाता हूँ ।।
ये जख्म मरहम से नही आरोपो से भर जायेंगे ।।

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मोहब्बत और मौत की पसंद भी अजीब हे,

एक को दिल चाहिये , दुसरे को धडकन !!

*******

हमने तो महेफीलमे सीफॅ दील खोला था
खामोश रहेकर भी वो अकेले मे डोला था

जिगर ठककर

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हजारों ने दिल हारे हैं तेरी सूरत देखकर

कौन कहता है तस्वीरें जुआ नहीं खेलती…

*******

टूट गया… सरफिरी हवाओं का… सारा ग़ुरूर…

इक दिया… खूली छतपर… रातभर जलता रहा…

*******

रात सारी तड़पते रहेंगे हम अब ,

आज फिर ख़त तेरे पढ़ लिए शाम को..!!

*******

मौम के पास कभी आग को लाकर देखूँ,

सोचता हूँ के तुझे हाथ लगा कर देखूँ……

*******

पंछी की आवाज सुनके,
में जाग गया ।
आँखे खोली तो
सबेरा हो गया था ।
जब
में
लालटेन खरीदने बाजार गया
तब
पैसे मांगे दुकानदार ने,
मेने जेब में देखा
वही फिर से अँधेरा मिला ।

कवी जलरूप

*******

रफ्ता रफ्ता में तुम्हे अच्छा लगने लगूँगा ।
अजनबी हूं आज,
कल अपना लगने लगूँगा ।

*******

तुजे सचमुच जुड़ना है अगर मेरी जिंदगी के साथ।

तो क़ुबूल कर मुझे मेरी हर कमी के साथ।

*******

इंसानी फितरत ने इश्क को बदनाम कर दिया,

वर्ना इश्क तो आज भी राधा और श्याम को ढूंढता है!

*******

बड़ी जल्दी सीख लेता हूँ जिंदगी का सबक ,

गरीब बच्चा हूँ बात-बात पे जिद नहीं करता !!

*******

फ़िक्र सोती थी चैन से पहले,

अब मुझे रात भर जगाती है…!!!

*******

अपनों से अच्छा तो ग़म है,..

कभी साथ ही नहीं छोड़ता…:

*******

आओ कुछ देर ज़िक्र कर्रें उन दिनों का,

जब तुम हमारे और हम तुम्हारे थे..!

*******

ऐ इश्क़..

तेरा वकील बन के बुरा किया मैनें….

यहाँ हर शायर तेरे खिलाफ सबूत लिए बैठा हैं….

*******

शायर कहकर बदनाम ना कर,

मैं तो
रोज़ शाम को दिनभर का ‘हिसाब’ लिखता हूँ !

*******

जब जब लोग परेशान हो जाते हैं…

काफ़ी हद तक इंसान हो जाते हैं…

*******

बहुत खूब है यूँ आपका..शब्दों में मुझे लिखना,…

वरना तो सबने मुझे सदा.. बेजुबां ही माना है…!!!

*******

काटो पर चलने वाला इंसान अपनी मंजिल पर जल्दी पहुँच जाता है ।क्योकी काटे पैरो की रफ्तार बढ़ा देते है ।

*******

सबका दिल रखने मैं अक्सर मेरा दिल टूट जाता हे |

*******

ऐ-चांद; ख़बरदार ! जो आज निकलने में देरी की,
भूखे रहने की आदत नहीं है मेरे चांद को…..

*******

गहरी नींद सोने वाले मोहब्बत कर नही सकते,
सुकून कहाँ है इतना मोहब्बत करने वालो को..

*******

टूटे हुए काँच की तरह चकनाचूर हो गया,
किसी को लग ना जाऊँ, इसलिए सबसे दूर हो गया…!!!

*******

मुझे बना के वो खुदा भी सोच मे पड गया के इस
पगले के लिए पगली केसी बनावूं ॥

*******

मुझे उन आंखों मे कभी आंसु अच्छे नही लगते,
जीन आंखों मे मै अकसर खुद के लिये प्यार देखता हुं……..॥

*******

फिर नहीं लौटा,
वक़्त,
वो शाम,
और
मेरा चैन !!

*******

मेरी ख्वाइशें तो आसमान तक पहुचने की है,
पर मेरा चाँद धरती पर ही है…

*******

हमारी मोहब्बत जरूर अधूरी रह गयी होगी पिछले जन्म मे,

वरना इस जन्म की तेरी ख़ामोशी मुझे इतना बेचैन न करत|

*******

औरो की तरह हम नही लिखते है डायरियां..!!

बस याद तुम्हारी आती है और बन जाती है शायरियाँ..!!

*******

पीने 🏻से कर चुका था मैं तौबा मगर…..
तेरे होटों 🏻का रंग देख के नीयत बदल गई…

*******

आज भी प्यारी है मुझे तेरी हर निशानी ….
फिर चाहे वो दिल का दर्द हो या आँखो का पानी

*******

काश उनका चेहरा आता रोज हमारे ख्वाब में

मर जाते पर नींद से उठने की जुर्रत नहीं करते

*******

काश हमे बेपरवाह रहना सिखाए कोई हम थक गए परवाह करते करते……

*******

मासूमियत का इससे पवित्र
प्रमाण कहीं देखा है ????

एक बच्चे को
उसकी माँ मार रही थी

और बचाने के लिये बच्चा
माँ को ही पुकार रहा था…

*******

इसमें कोई शक नही, तुम ख्यालों में हो।

पर तेरा मेरा मिलना, अब भी सवालों में है॥

*******

सजा ये है की बंजर जमीन हूँ अब,

जुर्म ये है कि बारिशों से इश्क किया मैंने……….!!

*******

सहारे ढुंढ़ने की आदत नही हमारी,

हम अकेले पूरी महफ़िल के बराबर है…

*******

ऐ मुसीबत मेरे पास सोच समजकर आना,,

मेरी माँ की दुवा कही तेरे लिए मुसीबत ना बन जाए…

*******

बड़ा कीमती खिलौना है मेरा दिल.

इसे खेलने आसमान से परी आयी थी!…

*******

तलाश सिर्फ सुकून कि होती हैं ..
नाम रिश्ते का चाहे जो भी हो ..!!

*******

ऐ मोहब्बत तुझे पाने की कोई राह नहीं,

शायद तू सिर्फ उसे ही मिलती है जिसे तेरी परवाह नही।

*******

प्यार ख़रीदा नहीं जाता दोस्तों….!!
लेकिन उसकी कीमत जरुर चुकानी पड़ती है…..!!

*******

जिन के चेहरे होते है ‘चाँद’ जैसे,
उनके “दिलों में “दाग “ही होते है..!!

*******

हुं शोधु छु तने पास मां।
तुं शोधे छे मने रास मां।।

*******

शराब पीकर हम नही लडखडाये कभी,
मगर आप की पहली नजरने हमे हीला दिया ।
– वैभव

*******

हल्की-फुल्की सी है जिंदगी…

बोझ तो ख्वाहिशों का है..!!

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एहसास अगर हो तो महसूस करों मोहब्बत को,

हर बात का इजहार लबों से हो ये जरूरी तो नही….

*******

सैकड़ों शिकायतें रट रखी थी… उन्हें सुनाने को किताबों की तरह…

वो मुस्कुरा के ऐसे मिले… कि एक भी याद नहीं आई…

*******

” लहू बेच-बेच कर जिसने परिवार को पाला,
बो भूखा सो गया जब बच्चे कमाने वाले हो गए..”

*******

तुम्हारी यह मुस्कुराहटें,
खुशियों की जैसे आहटें !

जीना कैसा तुम बिन अभी,
बिछड़ना ना तूम अब कभी,
सह ना पाएंगे जुदाई हम,
तुम से है कायम मेरी हँसी !

बिगाड़ी तुमने ही आदतें !

चाहेंगे तुम्हें टूट कर हम,
बनाएंगे एक नया घर हम,
हर पल सिर्फ़ खुशियां होंगी,
साथ काटेंगे यहाँ सफर हम !

रहेंगी ज़िंदा हमसे चाहतें !

तुम्हारी यह मुस्कुराहटें,
खुशियों की जैसे आहटें !

*******

ज़ुबान की हिफाज़त,
दौलत से ज्यादा मुश्किल है..!!!

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सच कहा किसीने नहीं आता मुझे व्यापर,
खुशियां बेचदी मेने लोगो के गम खरीदने के लिए।

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हवाँए हड़ताल पर है शायद,,,

आज तुम्हारी खुशबू नहीं आई….

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हमारा अंदाज कोइ ना लगाए तो ठीक होगा.
क्योकी अंदाज तो बारीश का लगाया जाता है तुफान का नही..!!

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खुद को देखते हुए आयने में मेने एक दरार देखी,
पता नहीं टुटा में था की आयना ।

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खैर कुछ तो किया उसने…!!!
चलो तबाह ही सही…!!!

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चाहे कितनी भी तकलीफ दे इश्क़ ।..

पर सुकून भी इश्क़ से ही होता है. .

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तुझको ख्वाबो में देखने वाला….!

कितनी मुश्किल से जागता होगा….!!

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कल तक था में जिसका साया,
आज बन गया हु उसीसे पराया

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मत पूछिए कि कैसे सफ़र काट रहे हैं
हर साँस एक सज़ा है मगर काट रहे हैं

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मुकद्दर की लिखावट का इक ऐसा भी कायदा हो…!!!
देर से किस्मत खुलने वालों का दुगुना फायदा हो… !!!

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जिन दोस्तों के बिना शाम गुजरतिँ ना थी कभी,
आज उनके बिना दिवाली गुजर गई…

*******

“तुझमें और मुझमें फर्क सिर्फ इतना सा है कि…,

तेरा कुछ कुछ हूँ मैं…और मेरा सब कुछ है तू…।”

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बड़ी दूर से आये है,
टुटा दिल वापीस लाये है..!!

*******

हमारे तो होठ भी इतनी बातें नहीं करते……

ए…..सनम ..

जितनी तुम्हारी आंखें करती है….

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तेरे दिल तक पहुंचे मेरे लिखे हुए हर लब्ज बस इसी मकसद से मेरे हाथ कलम पकडते है….

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दिल की ना सुन ये फ़कीर कर देगा…

हम जो उदास बैठे है नवाब थे कभी…

*******

तेरा ज़िक्र..तेरी फिक्र ..तेरा एहसास…तेरा ख्याल..!!!

तू खुदा नहीं ….फिर हर जगह मौज़ूद क्यूँ है…!!

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ज़िन्दगी में सारा झगड़ा ही ख़्वाहिशों का है
ना तो किसी को गम चाहिए…
ना ही किसी को कम चाहिए….!!

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इंसानियत.. दिल मे होती है.. हैसियत मे नही.
उपरवाला.. कर्म देखता है.. वसीयत को नही..!!

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नाराजगियों को कुछ दैर चुप रह कर मिटा लिया करो…
गलतियों पर बात करने से रिश्ते उलझ जाते हैं….

*******

मेरे कमरे में अँधेरा नहीं रहने देता
आपका ग़म मुझे तन्हा नहीं रहने देता

*******

बड़ा कीमती खिलौना है मेरा दिल.

इसे खेलने आसमान से परी आयी थी!…

*******

हुं शोधु छु तने पास मां।
तुं शोधे छे मने रास मां।।

*******

प्यार ख़रीदा नहीं जाता दोस्तों….!!
लेकिन उसकी कीमत जरुर चुकानी पड़ती है…..!!

*******

वो तो शायरों ने लफ्जो से सजा रख्खा है..
वर्ना मोहब्बत इतनी भी हसीँ नही होती..

*******

ऐ मोहब्बत तुझे पाने की कोई राह नहीं,

शायद तू सिर्फ उसे ही मिलती है जिसे तेरी परवाह नही।

*******

तड़प रहे है हम तुमसे एक अल्फाज के लिए
तोड़ दो खामोशी हमें जिन्दा रखने के लिए…

*******

हम तुझ से बात किये बिना रह सकते है

तुझे याद किये बिना नही​

*******

अगर तेरे बिना जीना आसान
होता तो,

कसम मुहब्बत की तुझे याद करना भी गुनाह समझते….

*******

तलाश सिर्फ सुकून कि होती हैं ..
नाम रिश्ते का चाहे जो भी हो ..!!

*******

सहारे ढुंढ़ने की आदत नही हमारी,

हम अकेले पूरी महफ़िल के बराबर है…

*******

ऐ मुसीबत मेरे पास सोच समजकर आना,,

मेरी माँ की दुवा कही तेरे लिए मुसीबत ना बन जाए…

*******

सजा ये है की बंजर जमीन हूँ अब,

जुर्म ये है कि बारिशों से इश्क किया मैंने……….!!

*******

रिश्ते का तार टूटे तो बताना मेरे दोस्तों…

थोड़ा बहुत “REPAIRING WORK” हम भी जानते हे…!!!

*******

प्रेम से रहो दोस्तों जरा सी बात पे रूठा नहीं करते
पत्ते वहीं सुन्दर दिखते हैं जो शाख से टूटा नही करते…!

*******

एक मिनट में जिंदगी नहीं
बदलती,
पर एक मिनट सोच कर लिया हुआ फैसला,
पूरी जिंदगी बदल देता है.

*******

तेरे होठों पे मेरा नाम खुदा खैर करे,
जप रहा हो मौलवी श्रीराम को जैसे !!

*******

झूठ इसलिए बिक जाता है क्योकि सच को खरीदने की सबकी औकात नही है…!!

*******

ख्वाहिशे…

मेरी “अधुरी” ही सही पर,
कोशिशे मै “पूरी” करता हुं…!!!

*******

यु गरीब कहकर खुदकी
तौहीन ना कर
“ए बंदे…

गरीब तो वो लोग है
जिनके पास “ईमान”नही…!!!!

*******

“बहूत डर लगता है मुझे उन लोगों से”
“जो बातों में मिठास” और दिल में ‘जहर’ रखते हैं..

*******

“दुनिया से चाहे जितना छिप लो मुखौटे लगा के..

जिंदगी आईने की तरह खींच लेती है,
सेल्फ़ी हकीकत की…!!

*******

इश्क़ का पता नही लेकिन
जो तुझसे है वो किसी और से नही..

*******

तेरे बग़ैर इश्क़ हो तो कैसे हो

इबादत के लिए ख़ुदा भी तो ज़रूरी होता है

*******

जहन में कुछ सवाल जिंदगी ने ऐसे भी छोङे हैं,
जिनका जवाब हमारे पास सिर्फ ‘‪खामोशी‬’ है l

*******

अलफ़ाज़ नहीं बचे अब सबकुछ लिख चूका हूँ,

शायद मोहब्बत के खातिर पूरी तरह बिक चूका हूँ…..

*******

मशवरा तो अच्छा था उनका  की,
हमें भूल जाओ,
साफ ही कह देते की बहुत ज़ी लिए
अब मर जाओ।

*******

भरोसा जितना कीमती होता है
धोखा उतना ही महंगा हो जाता है…..

*******

आज किसी ने ये बात कहके दिल तोड़ दिया

के लोग तेरे नहीं तेरी शायरी के दिवाने हैं….

*******

होती अगर मोहब्बत बादल के साये की तरह,

तो मै तेरे शहर मे कभी धूप ना आने देता..

*******

कोई और तरीक़ा बताओ जीने का,

साँसे ले ….. ले …..कर थक गये है !!

*******

कौन सी शाम की बात लिखू
हुई थी या नहीं वोह मुलाक़ात लिखू

ढलते हुए शाम के साये में
उभरते हुए जज़्बात लिखू

अँधेरे खड़े थे लेकर रातों का सहारा
लड़खड़ाते कदमो से कैसे लिखू

बंध थे सारे मयखाने के दरवाज़े
लरज़ते हाथो से कैसे फ़रियाद लिखू

अदब से खड़े थे अलफ़ाज़ खयालो के पीछे
कौन सा ख्याल छुपाऊ और कौन सा लिखू

अक्सर कलम की जगह ले लेती है शमशीर
जब जब हथेलियों पर तेरा नाम लिखू

हुस्न बेपर्दा भी देखा है मैंने
चमक उसके नूर की कैसे में लिखू

हसीन  थी  घड़ियाँ और  मजबूर थे लम्हे
एक ही पन्नें पर दोनों कैसे लिखू  !

आसिम !

*******

जितने भी जख्म थे सबको सहलाने आये है, वो माशुक खंजर के सहारे मरहम लगाने आये हैं…….

*******

“आप उन्हीं के लिए खास हैं….

जिन्हें आपसे कुछ आस है !”

*******

बस रखी है झूठी मुस्कान,इतना में सुधर गया,
रहता था जो हर पल खुश,वो तो कब का बिखर गया

*******

सच को लफ़्ज़ों की दरकार नही होती,
तुमने सर हिला दिया मुझे यकीं हो गया

*******

अगर मेरी शायरियो से बुरा लगे तो बता देना दोस्तों,

में दर्द बाटने के लिए लिखता हु, दर्द देने के लिए नही..

*******

“कोई ताबीज ऐसा दो की मैं चालाक हो जाऊ ,

बहुत नुकसान देती है मुझे ये सादगी मेरी ।”॥

*******

तेरी याद जब आती है तो उसे रोकते नही हैं हम,
क्यूँकि जो बगैर दस्तक के आते हैं वो अपने ही होते हैं…

*******

इतनी बाते सोच रखी है तुम्हेँ सुनाने के लिए……
पर तुम हो कि आते ही नहीँ हो मनाने के लिए….

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चाहता था मै भी तुम्हे दिल की बात सुनाना,
पर तुमने कहा आता नहीं मुझे रूठे को मनाना

*******

तुम होते तो होता बस इतना ।

कि हम जी रहे होते ।।

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दर्द नसीब से मिलता है मेरी जान..
औक़ात कहाँ है तेरी मुझे तड़पाने की..

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ढूंढ़ने में बड़ा मजा आता है…

दिल में बसा कोई अपना जब खो जाता है…

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बारिश की बूँदों में झलकती है तस्वीर उनकी‬‎और हम उनसे मिलनें की चाहत में भीग जाते हैं‬..!!!

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अच्छा है तुम्हारा दिल, खवाबो से मान जाता है..

कम्बक्त हमारा दिल है की रूबरू होने को तड़पता है…

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यकीन करो आज इस कदर याद आ रहे हो तुम; जिस कदर तुम ने भुला रखा है मुझे।

*******

हसीनाओ की आदत ही होती है जलाने की,
तूम चिराग बन बैठे यही तुम्हारी भूल है।
– वैभव

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तुम आसपास ना आया करो
जब मैं शराब पीता हूं..

क्या है कि दुगना नशा संभाला नहीं जाता…..

*******

तुझसे मैँ इजहार ऐ मोहब्बत इसलिए भी नही करता,
सुना है बरसने के बाद बादलो की अहमियत नही रहती|

*******

दिखावा मत कर शहर मे ‘शरीफ’ होने का . . .
लोग ‘ खामोश ‘ तो है. पर ‘ ना – समज ‘ नहीं ! !

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मैं जख्म खरीदता हूँ,
मोहब्बत के भाव में..

*******

सुनो जिसकी फितरत थी बगावत🏼 करना ,.,
हमने उस दिल पे हुक़ूमत की है ,.,!!

*******

“जो लोग सिर्फ तुम्हे काम के वक़्त याद करते हे उन लोगो के काम ज़रूर आओ

क्यों के वो अंधेरो में रौशनी ढूँढ़ते हे और वो रौशनी तुम हो”

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दिखते हैं पर नज़र नहीं आते …. कुछ लोग कितने दूर हो जाते हैं

*******

ईतना भी मगरूर ना हो ऐ हसीना,
तु आखरी हसी नही,
और में पहला आशीक नही।
– वैभव

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उस रात को लिखना भी मुश्किल सा है यार,
एक रात में सो जिन्दगी जी ली हमने।
– वैभव

*******

ईतना भी मगरूर ना हो ऐ हसीना,
तु आखरी हसी नही,
और में पहला आशीक नही।
– वैभव

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मै रंग हुँ तेरे चेहरे का,
जितना तू खुश रहेगी उतना मैं निखरता जाऊँगा..

*******

तुझे रात भर ऐसे याद करता हूँ मैं….

जैसे सुबह इम्तेहान हो मेरा..

*******

तेरे लबों  का मुझ पर असर
कुछ यूं हो गया, तूने छुआ मेरे

लबों को और मैं गज़ल बन गया !

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चलो कि हम भी ज़माने के साथ चलते हैं,

नहीं बदलता ज़माना तो हम बदलते हैं..

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फूल बेचारे अकेले रह गये हे शाख पर..

गाँव की सब तितलीयो के हाथ पीले हो गये..

*******

उसने फूल जब छुआ होगा !!

होश खुश्बू के भी उड़ गए होंगे !!

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तुम से मिलकर सबसे नाते तोड लिए थे,
हमनें बादल देखके मटके फोड लिए थे !!

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सुकून मिलता है दो लफ्ज़ कागज़ पर उतार कर,
चीख भी लेता हूँ और आवाज भी नहीं होती..

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“ले लो वापस…ये आँसू…ये तड़प…और ये यादें सारी…

नही हो तुम अगर मेरे…तो फिर ये सजाएँ कैसी….

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शुक्र करो कि हम दर्द सहते हैं, लिखते नहीं ।

वरना कागजों पर लफ़्ज़ों के जनाज़े उठते ॥

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हर किसी की कोई न कोई बुरी आदत होती हैं……..

लेकिन मेरी तुम हो ….

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मजा चख लेने दो उसे गेरो की मोहबत का भी, इतनी चाहत के बाद जो मेरा न हुआ वो ओरो का क्या होगा।

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खूबसूरत ये सारे नज़ारे हो गए
जिस घडी से हम तुम्हारे हो गए
अंकित गोरसीया

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“आशिक़ी लिखें , दीवानगी लिखें या अपनी ख़ामोशी लिखें …,

दिल के जज़्बात अब अल्फ़ाज़ नहीं बनते आखिर आज क्या लिखें”॥

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एक हमे आवारा केहना, कोइ बडा इलजाम नही,
दुनिया वाले दिल वालों को, ओर बहुत कुछ केहते है ।

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ना जाने, करीब आना किसे कहते हैं..
मुझे तो, तुमसे दूर जाना ही नहीँ आता…!!

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ज़िन्दगी !!!
आज फिर खफा हे,
जाने दो न यारों ,
कहाँ पहेली दफा है !!!

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तेरी यादो को पसन्द आ गई है मेरी आँखों की नमी..

हँसना भी चाहूँ तो रूला देती है तेरी कमी…!!

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“जिसे पूजा था हमने वो खुदा तो न बन सका,

हम ईबादत करते करते फकीर हो गए…!!!

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जाने ये कैसा ज़हर दिलों में उतर गया…
परछाईं ज़िंदा रह गई इंसान मर गया…!!!!

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जी तो चाहता है,,,तुम्हे अपने दिल में छुपा लू …
मगर ना वक्त ने इजाजत दी और ना कभी तुम ने…

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“तेरी तस्वीर जब इतना सूकून  देती है…
खुदा जाने
क्या होता होगा जब तुम गले मिलती होगी

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रिश्ते का नाम जरूरी नहीं होता मेरे दोस्त..
कुछ बेनाम रिश्ते रुकी जिंदगी को साँस देते है..

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भूला नही पा रहा..जब से तुझे लिखने लगा हूँ..

माँ ठीक कहती थी..लिखने से देर तक याद रहता हैँ..!!

*******

“गम ना कर ऐ दोस्त तकदीर बदलती रहती है,

शीशा शीशा ही रहता है तस्वीर बदलती रहती है”

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दिसम्बर आ गया है जरा अपना ख्याल रखना..!! .
बुजुर्ग कहते है.. . सर्दियों में अक्सर चोटें, ज्यादा दर्द देती है..!!

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ना जाने कौन कौन से विटामिन और प्रोटीन हैं तुझ में….?
जब तक तेरा दीदार न कर लूँ तब तक बैचेनी रहती..

*******

” अच्छी किताबें
और सच्चे  लोग
तुरंत समझ में नहीं आते ॥”

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“तुम नफरत का धरना कयामत तक जारी रखो,

मैं प्यार का इस्तीफा जिंदगी भर नहीं दूंगा”..!!

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1 ટીકા

Posted by on જાન્યુઆરી 21, 2016 માં Hindi Shayari

 

ટૅગ્સ: ,

Gujarati Shayri & Kavita Part 5


કોઈ પોતાનું પોતાનાને ના સમજી સકે,

ત્યારેજ

કોઈ પોતાનું પારકાને પોતાના બનાવવા મથતું હોય છે…..

*******

કારણ ન શોધ તું હસવા માટે,
જીવન ટુંકું છે આ રડવા માટે.

નાના નાના સુખોથી સજાવી,
ઇન્દ્રધનુષ નવુંજ ઘડવા માટે.

ઉઠ, ઉભો થા, ને આગળ વધ,
ઠોકર બની નથી, નડવા માટે.

છે ઘણું પામવાનું, તને હજુય,
સેંકડો ક્ષણ છે બધું કરવા માટે.

ડગ ભર મક્કમતાથી ‘અખ્તર’,
આતુર છે મુકામ મળવા માટે.

*******

શરૂઆત દુનિયાની થઈ હશે એકાદ સુક્ષ્મ કુંપળથી,
થાકી છે પ્રકૃતિ, માનવજાત દ્વારા કરાયેલાં છળથી.

જીવંત છે ધરા હજુ વૃક્ષો, પ્રાણીઓ અને વાદળથી.
ઝરણાં, નદી અને દરિયાના પાણીની ખળખળથી.

નિકંદન વૃક્ષોનું, પ્રદુષણ વાયુ અને જળનું અમાપ,
બચશે ધરા કેવી રીતે આ માનવ રચિત વમળથી.

કારણ બધાનું કહેવાતો વિકાસ છે માનવ તારો જ,
ડરે છે તું કેમ ધરાના વિનાશની, માત્ર અટકળથી ?

હજુ સમય છે, તારી પાસે, ચેતી જા તું, ‘ અખ્તર ‘,
નહીં તો પ્રકૃતિ તને સમજાવશે પછી તેના બળથી.

વિશ્વ પર્યાવરણ દિવસની શુભકામના

‪#‎akhtarkhatri‬

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વિચાર્યું હતું એવું જ આપણને નસીબ મળ્યું,
સૌથી વ્હાલું જ બંનેયને, સૌથી નજીક મળ્યું.

શમણાં સદા સાચા થયા જે જોયા ભેગા મળી,
જે પણ મળ્યું આપણને તો વાસ્તવિક મળ્યું.

કોઈ ઉત્સવ હોય જાણે આ આપણું મિલન,
કુદરતનું કણ કણ આમાં, જાણે શરીક મળ્યું.

કોઈ હોય જે ચાહે મને ખુદ મારાથી પણ વધુ,
ચાહ્યું એ જ તારા હ્રદય રૂપે જાણે સટીક મળ્યું.

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તને ગમે ભીની માટીની મહેક અને મને તું,
તને ગમે ઘર-ચકલીની ચહેક અને મને તું.

આકાશમાં બન્યું ઇન્દ્રધનુષ જે તને પ્રિય છે,
તને ગમે તેના રંગ દરેકે દરેક અને મને તું.

પડ્યા ટીપાં ધરા પર ને નાચે તું તરત જ,
તને ગમે સુંદર મોરની ગહેક અને મને તું.

સૂર્ય લુચ્ચો છુપાઈને જુએ આપણું મિલન,
તને ગમે ખુબ વાદળની રેખ અને મને તું.

છળકપટ ન ગમે ‘અખ્તર’ને પણ તારી જેમ,
તને ગમે વ્યક્તિત્વ સાવ શ્વેત અને મને તું.

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આવે જે પણ મારી કબર પર, તેમના ધર્મ ન પૂછતાં,
હશે કોઈ વ્હાલાજ, તેમનો આવવાનો મર્મ ન પૂછતાં.

સ્વર્ગ, નર્ક બઘું અહીં જ છે જીવતાજીવ ધરતી ઉપર,
વિનંતી છે કે મર્યા પછીકોઈ પણ મારા કર્મ ન પૂછતાં.

જીવનની ઠોકરો ખાઈને, હવે જેમ છું, તેમ બન્યો છું,
સ્વીકારી લેજો, કોઈ મારી જાતિ, મારો વર્ણ ન પૂછતાં.

નવું જીવન લઇને આવીશ ફરી વિખૂટો થઇશ ત્યારે,
પાનખરમાં કેમ અલગ થાય છે બધાજ પર્ણ, ન પૂછતાં.

માનવતા જ મારો ધર્મ, દેશ પ્રત્યે ખુમારી જ જીવન,
કઈ વાતનો ‘અખ્તર’ને આટલો બઘો ગર્વ, ન પુછતાં

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સમય સમયની વાત છે,
સુંદર મજાની સાંજ છે.

ડૂબતો સૂરજ પણ ગમે,
ગમતીલાનો સંગાથ છે.

રંગ છે માદક આકાશમાં,
રાહ જોઈ રહી રાત છે.

તોફાન તૈયાર બેઠું હૈયે,
ફક્ત મૌનનો અવાજ છે.

કાલ ન થશે હવે ‘અખ્તર’
જે પણ છે તે આજ છે.

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દર્દ લખું છું…એટલે એમ ના માનતા કે ‘હું’ રોગી છું….
બાકી,…. મસ્તીનો મોજીલો છું…

💟Rajni💟

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હમેશાં રહેશે અણસાર…
જયાં સુધી ચાલશે ધબકાર….

💟Rajni💟

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કેટલા તોડ છે તમારી પાસે…?
લાગણીઓની કેટલી જોડ છે તમારી પાસે…!!!

💟Rajni💟

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યાદોમાં તારી virus લાગે છે….
હૈયું મારું hang થાય છે…..

💟Rajni💟

*******

જીભ તોતડી હશે તો ચાલશે , પણ તોછડી હશે તો નહિ ચાલે!

*******

સપના કેવા આવશે….!!!
‘તું’ આવશે તો જીવંત લાગશે….

💟Rajni💟

*******

‘આમ’ નહીં…. ‘આમ’ રાખો….
બોલવાનો નહીં તો સામું જોવાનો વ્યવહાર રાખો….

💟Rajni💟

*******

આખા દિવસની યાદને ભેગી કરી…સાંજને પલાળું….
રાતે…સપનામાં તું સતાવે ને….હું દરીયાના હપ્તા ભરું…..

💟Rajni💟

*******

ઉપેક્ષાઓ જગ ની તમામ સહી લીધી…
એક માત્ર તારી અપેક્ષા માં…..

*******

અધુરી વાત પૂરી કરીએ…..
ચાલો આપણે ફરી પ્રેમ કરીએ

💟Rajni💟

*******

ચાલ….મારી ઉધારીનો હિસાબ દે…
‘લાગણી’ ચકવૃધ્ધિ વ્યાજ સાથે ચૂકવી દે….

💟Rajni💟

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જયારે ટુટેલા દિલના ટુકડા ભેગા થાય છે….

અને એ ટુકડાઓ માંથી જે નવું દિલ બન્યું છે…

તે છે આપણું ગ્રુપ.. #વાગડીયો_ArYaN.

*******

અતિતને વળી કયાં હોય છે અંત,
જરા યાદ કરો એટલે થાય જીવંત..

*******

આ,હૃદયના ભેદભાવ તો જુઓ ,

આશિકોના તૂટે તો ઉપાય
ગઝલ ગુર્જરી ,….

આઘેડ વયના ના તૂટે તો સીધી
બાયપાસ સર્જરી ….

*******

જો હું પારદર્શક
તો
પ્રભુ સદાય માર્ગદર્શક …!!

*******

ના રાજ જોઈએ,
ના તાજ જોઈએ,
માણસ ને માણસ સાથે શોભે, એવો મિજાજ જોઈએ….

*******

આજે ચાંદની વહેંચાઈ ગઈ
બે ભાગમાં…

એક આભમાં
એક આપમાં..!!

*******

પ્રેમ ના ચક્રવ્યૂહ ને તોડવાનું ફક્ત તું જ જાણતી હતી….

હું તો અભિમન્યુ હતો એટલે જ માર્યો ગયો…….

*******

આજે એક પતંગિયુ માન્યું નહીં….
ઘણુંય સમજાવ્યું
તો પણ… ઢંગનો એકય ફૉટો પડાવ્યો નહીં….

💟Rajni💟

*******

કલાકો સુધી વાંચ્યા છતાં કોઈ પૂસતક અધુરુ રહી જાય
ને પલભર માં જ તારા નયનો કેટકેટલું કહી જાય…!!!

*******

તું ‪દરિયો‬ છે
તો મારું નામેય ઝાકળ‬’ છે,

‪નદીની‬ જેમ દોડીને
તને ‪મળવા‬ નહી આવું…!!!

*******

જેને તક મળે
એ અચુક પીવે છે..

મારા લોહીમાં
કદાચ મીઠાશ હશે…

*******

દિલ છે તો દુધપાક છે
નહી તો બધુ કારેલાનું શાક છે . . .

*******

અવસર બરફ જેવો હોય છે!

વિચારતા રહો ત્યાં સુધીમાં તો ઓગળી જાય છે…

*******

તારી ગલીમા મે બે પ્રકારના પાગલ
જોયા છે “સનમ”
.
એક તારા માટે પાગલ,
એક તારા કારણે પાગલ !!!

*******

તમે ભૂતકાળની યાદમાં
અને
ભવિષ્યની ચિંતામાં ખોવાયેલ હોવ…
ત્યારે જે જતી રહે છે એનું નામ
જીંદગી…

*******

હું સુતો હોઉં ને તારી લટ મારા મ્હો પર સરે એ મને ગમે છે,
મારી ઉપર તું ક્યારેક સાવ ખોટી દાદાગીરી કરે એ મને ગમે છે.
મને સહેજ કઈ થાય ને તારો જીવ બહુ બળે એ મને ગમે છે,
મને મોડું થાય ને તને મારા પર બહુ ગુસ્સો ચડે એ મને ગમે છે.
નાની નાની વાતોમાં મને તારી બહુ જરૂર પડે એ મને ગમે છે,
તું મારા વાંક ગુનાઓ ભૂલી જઈને મારા પર મરે એ મને ગમે છે.
હું સંતાઉ ને તું મને શોધવા રઘવાયી થઈને ફરે એ મને ગમે છે,
રોજ ઝગડીએ ને તોય તું મને તારો પોતાનો ગણે એ મને ગમે છે.
તું બસ ખોવાયેલી હોય મારામાં જ પ્રત્યેક ક્ષણે એ મને ગમે છે,
કશું સારું ના હોય તોય બધું સારું છે કહી મને છળે એ મને ગમે છે.
આપણા બંનેના પ્રેમની મિસાલ અપાય દરેક ઘરે એ મને ગમે છે

*******

ખબર નથી કે પવન કેમ બદલાયો,
શું એને પકડવો હશે તારો પડછાયો..

*******

બધા બહુ હોશિયાર હતા
હું જ એક ડોબો નીકળ્યો,
જેમાં ભરી લાગણીઓ એ
ખાલી ખોબો નીકળ્યો,..!

*******

ના ખૂટે તારા વગર એક પળ સનમ, કઇ રીતે જાશે આ ચોર્યાશી જનમ?

*******

કેમ કાચું કપાઇ જાય છે…?!!!!
સપનામાં ‘તું’ મારી હોવાનો ભ્રમ થાય છે….

💟Rajni💟

*******

સમયજો સારો હોત..

તો હું સદાય તારો હોત..

*******

મહારાજે આવીને કથા કરી
કથાનો સાર હતો કે

“કંઇ ભેગું નથી આવવાનું”

કથાને અંતે મહારાજ
બધું ભેગું કરીને લઈ ગયા!

*******

સફળતા પછીનો સૌથી અઘરો તબક્કો,
તમારી સફળતા થી ખુશ થનારને શોધવાનો હોય છે.

*******

સંવેદના ક્યાં કોઈ શબ્દોમાં મપાય છે.
એ તો વ્હાલ બની બસ આંખમાં ઊભરાય છે…

*******

આ મારા
અને
આ મારી

એની જ છે બધી
મારામારી.

*******

તબક્કે ને તબક્કે તફાવત નડે છે
મને, ફક્ત મારી શરાફત નડે છે.

*******

અધુરા પ્રેમનું પણ ક્યારેક ભાગાકાર જેવુ હોય છે ,

દાખલો પતી જાય તો પણ કયારેક શેષ વધતી હોય છે …!

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લાગે છે ભગવાન એ દિલ બનાવાનો contract ચાઈના ને આપ્યો છે… આજ કાલ તૂટે છે બઉ…..

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તમને જો હઠ અમને ભુલવાની, તો અમારી પણ ઍક હઠ છે તમને અમારી યાદ અપાવવાની.!!!

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જ્યારે કોઇની ખોટ સાલે છે ત્યારે સમય ખૂબ ધીમે ચાલે છ

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એક એક પાંદડી કરમાય છે જ્યારે તુ દૂર જાય છે …
કોને કહું મારા મન ની વ્યથા તારા દૂર જવાથી ડાળીએ ડાળીએ ઘાયલ થવાય છે..

*******

રૂબરૂમાં એની સામે એમ જોવાયું નહીં,
જેવી રીતે હું જોઉં છું એમની તસ્વીરને.

*******

ચાલ…. હું ફરી કોરો કાગળ બની જાઉં….
શરત એટલી…તારે પેન્સિલથી છાપ નહીં ઉપસાવવાની…..

💟Rajni💟

*******

અંધકાર
દિલમાં હતો,,,

ને

દીવો પ્રગટાવવા
ચાલ્યાં મંદિરમાં !

*******

ચાલ…. હું ફરી કોરો કાગળ બની જાઉં….
શરત એટલી…તારે પેન્સિલથી છાપ નહીં ઉપસાવવાની…..

💟Rajni💟

*******

રૂબરૂમાં એની સામે એમ જોવાયું નહીં,
જેવી રીતે હું જોઉં છું એમની તસ્વીરને.

*******

દુઃખી થવાનું એક પણ બહાનું મળે નહીં,
જે કંઇ મળે તને, ખ્વાબથી નાનું મળે નહીં.

*******

ચાલ

આજે મારુ કિરદાર તને સમજાવુ,

તુ સ્મરણ કર હુ હાજર થાઉ…..

*******

આવે છે દુઃખ બધાને,હું જાણું છું,
માટે જ
રડવાની બદલે હું દુઃખ ને માણું છું

*******

લોહી પણ થોડું હુંફાળું થઇ જાય છે
નસે નસ માં જયારે તું વહી જાય છે

*******

સરનામું મારું જાળવી રાખજે બરાબર સાચવીને;

સહુ કોઈ છોડી જશે ત્યારે એ જ તને કામ આવશે

*******

જે મને ગમી,
છે એની કમી

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સગાઓના લીસ્ટમાં હોવું
એ વિધાતાના હાથમાં છે.

વ્હાલાઓના લીસ્ટમાં
રહેવું એ આપણા હાથમાં છે….

*******

અજબ આ જગત છે ને ઊંડા એના પાયા,, બધું જાણવા છતાં મેલાતી નથી માયા….

*******

ખબર છે બધા ને માટી ની છે આ કાયા,
તોય માનવી ક્યાં મૂકે છે એની માયા

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કરવા વાળા એ તો ઘણા ઘાવ કર્યા,
તોય આપણે તો હંમેશા મોજે દરિયા

*******

તારા વગર, એકલા ચાલવાની કોશિશ તો કરુ છું,

છતાંય ઠોકર વાગે ત્યારે તારો જ હાથ શોધુ છું…!!

*******

સ્મરણ એટલે મારા હ્રદયમા ઉંડે ઉંડે સંતાઈ ને ફુટેલુ અલ્પવિક્શીત તારી યાદોનું બીજ….

જીગર રાજપરા.

*******

પ્રેમ નહીં, શબ્દ ખોવાઈ છે,

ત્યારે જ અશ્રુ એ રોવાઈ છે..!!

*******

દ્વન્દ્વ…
.   . . . . . જોને… . . .

તારી નજરના તીર મારી નજરની
પ્રત્યંછાથી ખેચાઈને વાગી રહ્યા છે..

અધરોના આક્રોશ તારા લમણે
ઠલાઈને તને ઘાયલ કરી રહ્યા છે..

ઉભરતાં યૌવન મારી લોખંડી
ઢાલમાં દ્વન્દ્વ ખેલી રહ્યા છે…

ઉદરના ઉચાપાટ ઉતાવળીયા થઈ
હસ્ત રેખાઓને ફસાવી રહ્યા છે…

વક્ષપ્રદેશો.. બાથ ભીડે એમ ભીડાઈ
તારી તીવ્રતાને આવેગ આપી રહ્યા છે…

મલ બની ભુજાઓમાં ભીડાઈ
કુસ્તીના ખેલ ખેલાઈ રહ્યા છે…

લાગેલી આગને બુજાવવા એક એક
સૈનિક મરણીયા બની જજુમી  રહ્યા છે…

એક હારવા આતુર બીજો જીતાવવા
આવા અનન્ય ઘા ઝીંકાઈ રહ્યા છે…

જંગ પૂર્ણતાને આરે ઉભી ને મેદાને
વિજયી નારા ગવાઈ રહ્યા છે…

યુદ્ધ પછીની શાંતિ આ “જગત”માં,
બે’ઉ દુશ્મન જીતની ખુશી મનાવી રહ્યા છે….jn

*******

હાથથી એ જામનુઁ છૂટીજવુઁ.
ને હ્રદયની સુરાહીનુઁ ફૂટી જવુઁ..

મને વગર કારણે લુંટી જવું,
સ્વાસનું એકાએક ખૂટી જવુઁ..

*******

એક તારીખ બદલાશે ખાલી આજે,
જીંદગી તો તારે જાતે બદલવી પડશે…

*******

તૂટશે મંદિર કે મસ્જિદ તો તરત ઊભાં થશે
માનવી ભાંગી પડે તો કોઈ ના બેઠો કરે

*******

આટલા દર્દો સહી મને હવે એટલું સમજાઈ છે,
ખુબ લાગણી રાખનાર માણસ હમેશા પસ્તાય છે

*******

આજકાલ ચુંટણીનો માહોલ છે એટલે જ પુછી લીધું એમને,
શું તમારા હ્રદયની સીટ માટે મત આપશો મને?
– વૈભવ

*******

લોકોએ બનાવેલી રીત ની હું ક્યાં પરવા કરું છું,
જેણે આપ્યા મને અખૂટ દર્દ, હું તો એના દર્દ ની પણ દવા કરું છું

*******

તાજી ફૂટેલી લીલીછમ લાગણીઓએ કેવા તે વેશ આ કાઢ્યા !!!

કોઇએ ઓઢી લાલ ઓઢણીને કોઇએ શરમનાં શેરડા પાડ્યા !!!

*******

કેમ કહું મને એ સવાલ કેવો ખુચ્યો,

જયારે દર્દ આપનારે મારો હાલ પૂછયો

*******

ઘબકારા હારી ગયો જીંદગી ના જુગાર મા,
લાવ મુકી જોવ છેલ્લા શ્ર્વાસ દાવમા…

*******

ઘણા લોકો માટે હુ સારો નથી હોતો ..
તમે જ કહો ક્યો એવો દરિયો છે જે ખારો નથી હોતો..

*******

ફરક છે..
મારી ને તારી લાગણી વચ્ચે,,,

હું વરસાવી જાણું…

તુ તરસાવી જાણે…….

*******

હવે પાંપણો માં અદાલત ભરાશે ,
મેં સ્વપ્નો નિરાખવાના ગુનાહ કર્યા છે.

*******

મારો તો એક જ સિદ્ધાંત,
જેની દોસ્તી કરી લઇસ,
એના દુઃખો હરિ લઈસ

*******

કેહવું છે મારે ઘણું,પણ શબ્દો નથી,
છે કોઈ જે મારુ મૌન સમજે ??

*******

લાગણી સમજવા
” શબ્દો ”
ની ક્યાં જરૂર છે.
વાંચતા આવડે તો…..
” આંખ ”
પણ કાફી છે. !!!!

*******

ના થાય એ હેડકી થી પરેશાન,
માટે હવે હું એમને યાદ પણ નથી કરતો

*******

હાશ હવે ઉતરી ગયો નશો તારી મહોબ્બતનો,
નહોતો પહેલા પણ હવે મળી ગયો સમય ખુદાની ઇબાદત નો.
– વૈભવ

*******

પરબીડીયું એક બેરંગ આવ્યું ,
રંગીન યાદોના એ સંભારણા લાવ્યું.
– વૈભવ

*******

તુ મને પાલવનું ઇંગ્લીશ પૂછ મા
અહીં આંસુ ટિશ્યૂ થી લૂછાય છે…

*******

આજે કંઈ અધૂરુ છે તારા વગર…

શુ તારુ પણ એવુ જ છે મારા વગર…!?

*******

કેટલાય ચહેરા વાંચી લીધા છે અત્યાર સુધીમાં….
વાત તારા ચહેરાની આવી તો અભણતા અનુભવી…

*******

તારા વગર જીવવાનું શીખી રહ્યો છું.
ડૂબતા ડૂબતા તરવાનું શીખી રહ્યો છું.

વિપુલ બોરીસા

*******

નફરત નું પોતાનું તો કોઇ જ અસ્તિત્વ નથી, એ ફક્ત પ્રેમ ની ગેરહાજરી નું પરિણામ છે……..

*******

હું છું, તું છે,
પણ વચ્ચે આ અંતર,
કેમ છે ?

*******

આંખો વચ્ચે ધરબાયું છે
સપનું છે, પણ સચવાયું છે.

*******

હ્રદય ના દરવાજા સુધી આમંત્રણ છે તમને…

હા, પણ ખાલી ડોકીયું કરીને જતા ન રહેતા…

*******

અજબ પાઇપ લાઈન ઘડી છે પ્રભુ એ દેહ માં,

ભરાઈ જાય દિલ તો છલકાઈ આંખ છે

*******

તમે મેઘ બનીને વરસ્યા,
છતાંય અમે રહી ગયા તરસ્યા.
– વૈભવ

*******

ઝાંઝવાના જળથી ક્યાં કદી બુજાણી  છે તરસ,..?
ને તારુ આમ રોજ રોજ સપનામા મળવું વધારે છે તરસ

જીગર.

*******

કોઇએ સાંભળ્યું ?
એક રુપાળું કાગળ , કાળી શાહીનાં પ્રેમમાં પડયું

*******

વાસ્તવિકતા થી માનવી હમેશ અજાણ રહે છે,
માટે જ માણસ ને નહિ,મુરત ને ભગવાન કહે છે

*******

ક્યારેક એ વિચારી ને રોવાઈ જાય છે,
જેને સમજુ હું મારા,એ જ કેમ ખોવાઈ જાય છે

*******

મહેફિલ હોય છે સુની તારી ખુશ્બુ વગર….

આવે તારૂ નામ ને શાયરી મહેકતી થઈ જાય છે…..

*******

મારો ને તમારો મેળ કદીએ જામશે નહીં,
ધરતીની સાથે આભ મિલાવી નહીં શકો…!!
– નાઝિર દેખૈયા

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મન સાલું હોશિયાર, હૃદય ઠોઠ છે,
બેઉં વચ્ચે મારા મુંગામસ હોઠ છે

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શિયાળો એટલે સતત કોઇ ની હુંફ ઇચ્છતી એક પાગલ ઋતુ !

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તું આ જન્મ નું અજવાળું હું ગયા જન્મ ની રાત,

અડધે રસ્તે અટકી ગય છે લેણદેણ ની વાત…

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દિલ ના દરવાજે મેં તાળા રાખી દીધા,
વફા કરવાના કડવાં ફળ મેં ઘણા ચાખી લીધા

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સમજાવ્યું જેને મેં સમજણ વિષે,એ આજ મને નાસમજ સમજે છે,
સમજતો તો જે સમજશે મને, એ હવે ક્યાં મને સમજે છે

*******

એ નથી પાસ,
પણ બધી પળમાં,
છે એહસાસ

*******

સમયનો સોદાગર છું ને;
કર્મનો કારીગર છું,
શાણપણનો શેઠ છું ને,
ગર્વનો ગુલામ છું,
બસ હું જ મારાં જીવનનો એકલોતો વારસદાર છું.

*******

મારી ને તારી પ્રીતમાં જોડાણ સઘળું છે,
પાણીના બે અણુ સમું બંધાણ સઘળું છે.

*******

સ્વપ્ન એટલે…
તારા વગર…
તને મળવું …

*******

તારી ભીની લટ મારા ગાલ ને અડે

જાણે કે પેહલે શીયાળે ઝાકળ પડે..

*******

પ્રતીક્ષા સવારથી સાંજ સુધી કરું છું,
નિસાસો લઈને ઘરે પાછો ફરું છું !

તારી એકાદ વાત તો સાચી નીકળશે!
એવા વિશ્વાસથી રોજ શ્વાસો ભરું છું

પહેલાં મારી રજુઆત તો સાંભળો !
આમ તો હું કોઈનેય ક્યાં કરગરું છું !

ચહેરા ઉપરથી સમજે કોણ વ્યથાને!
મારાં આસુંને કાગળ પર ચિતરું છું

આપવા ઈચ્છે છે તો આપી દે આજે,
ઓ ખુદા,હું કાયમ થોડોથોડો મરું છું

*******

તું નજીક આવે અને જ્યારે અડે..
જીવવા માટે જીવન ઓછું પડે..

*******

રાખવી પડે છે લાગણીઓ ને દિલ માં દબાવીને,
એ દરિયો જો તોફાને ચડે તો ઘણા ને લઇ ડૂબે છે

*******

હું સમજાવું,
પછી તું સમજે એ
સંબંધ કેવો

*******

મારો વાલો ભગવાન પણ કેવા કેવા ખેલ કરે છે…

જે નથી નસીબમાં,
એની સાથે જ મેળ કરે છે. . .

*******

આ મોસમ બદલાય છે;
આ માણસ બદલાય છે.

વારંવાર  મળ્યા  પછી;
આ માણસ સમજાય છે.

કરી કોઈને પ્રેમ સાચો;
આ માણસ પસ્તાય છે.

માણસ  માણસ રમતા;
આ માણસ ખોવાય છે.

શોધો તો ન કદી મળે;
આ માણસ સંતાય છે.

સાવ  કોરોકટ લાગતો;
આ માણસ  વંચાય છે.

લાગણીઓની આડમાં;
આ માણસ ખેંચાય છે.

કોઈ પાલવની ઓથમાં;
આ  માણસ લપાય છે

આવે આંખમાં આંસુઓ;
આ માણસ  ધોવાય છે

છે પૈસાની બોલબાલા;
આ માણસ તોળાય છે

લઈ લે ,છે સસ્તો;
આ  માણસ  વેચાય   છે….

” યાદ ”

*******

દૂરથી તો લોકો તીર થી જ મારી શકે,
પીઠમાં ખંજર તો નજીકના જ મારે છે

*******

રાત થાશે સાથમાં ને સાથમાં,
રાત જાશે વાતમાં ને વાતમાં,

*******

આજ જરૂરત ના સમયે બધા શાંત છે,
કહી શકાય મારુ,એ તો ખાલી એકાંત છે

*******

આંખ ને પાપ કરતા રોકે..
છતાં…
પોતે કહેવાય પાંપણ…

*******

રેતાળ સુકા રણમાં હતો હું, વહેતા સમયની ક્ષણમાં હતો હું,

એ દોસ્ત જાણી કરશો તમે શું, કઈ આંખોની પાપણ માં હતો હું . . .

*******

” જીવન હશે કઠોર, હું પણ કોઇ નબળો ખેલાડી નથી,

હાર જીત જે મળે એ સ્વિકારશું, કોઈની ટેવ અમે પાડી નથી..

આવતી કાલ ની ચિંતા માં આજે આવેલી પલ શાને ગુમાવવી,

અને ભૂતકાળ નો ભંગાર સંઘરી રાખું , એવો હું કોઈ કબાડી નથી ” !!

*******

પ્રત્યક્ષ નથી ,પણ સાથે છે મારી એ વિશ્વાસ છે,
પણ શું કરું,એમના વિરહની વેદના થી દિલ ઉદાસ છે

*******

સાવ બે ફિકર થઈ ને મારી ફિકર કરે છે, ,,

એ મુજ તરફ વળી વળી ને નજર કરે છે. …

*******

ખેંચાઈ ગયેલો વરસાદ !
ને વાયદો કરી ખોવાઈ ગયેલો પ્રેમ !
આ બંનેનું કંઈ જ ન કહેવાય !

*******

પ્રેમના પ્રેરણાબળે આજે લખવા મજબૂર કરી
દીધો…!!!
આજે લખવા બેઠો ‪#‎status‬ ને ‪#‎story‬ લખીબેઠો…!!!

*******

જેને માન્યા હતા જખ્મોની દવા,
તેણે જ કર્યા દિલ પર જખ્મો નવા

*******

તું સાથે છે તો સફર એટલી ગમી ગઈ છે મને,
બીક રહ્યા કરે છે ક્યાંક મંઝીલ આવી ન જાય.

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બસ માંગુ એટલું પ્રભુ,આ મુસ્કાન પાછી ખિલાવી દે,
હોઈ શકે તો જે દૂર થયા મુજ થી એને પાછા મિલાવી દે

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તમને જોઇને વળે ફૂલોને પસીનો
તેને ઝાકળનું નામ આપું તો કેવું?

મુખડૂં ઢંકાય જો ફરફરતી લટોથી
તેને ચંદ્રગ્રહણનું નામ આપું તો કેવું?

મીઠડી બે વાત કરી ભીંજાવો હૈયાને
તેને શ્રાવણનું નામ આપું તો કેવું?

તમારા જ સ્વપ્નમાં વીતે રાતલડી
તેને જાગરણનું નામ આપું તો કેવું?

હંમેશા ડૂબી જઉ નયનની ગહેરાઇમાં
તેને વમળનું નામ આપું તો કેવું?

સાન-ભાન ભુલાવું તમારા ઇશારે
તેને વશીકરણનું નામ આપું તો કેવું?

આપણા દિલમાં ઉગી લીલીછમ લાગણી
તેને કૂંપળનું નામ આપું તો કેવું?

નજરથી નજર મળતાં શરમાય નજર
તેને પ્રણયનું નામ આપું તો કેવું?

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અમે ના પાછા પડીએ દુશ્મનોના વારથી ,
બસ એક માત્ર જોઇએ કૃષ્ણ  જેવો સારથી..

*******

નથી મળતો નિરાંતે આવ આજે !
કરે કોશિશ અવાશે આવ આજે !
વિખેરાઈ ગયાં’તા આપણે જ્યાં
ગલીના એજ નાકે આવ આજે.
હજી પણ ચાંદ ઉગે છે ઝરુખે
સખી દર્શનની પ્યાસે આવ આજે.
ફરે છે દિલ મહીં કૈં ભાર લૈને
અહીં હળવું થવાશે, આવ આજે!
અધુરી એક કહાણી પુરી કરવા
હું આવું ? કે તું જાતે આવ આજે !
અરે આ ધડકનોને શું થયું છે?
કે મારા દિલના ઝાંપે આવ આજે !
ન મળવાના બહાના પુરા થૈ ગ્યા
અમસ્તા કો’ બહાને આવ આજે !
ચેતન ફ્રેમવાલા

*******

આમ તો હસતા હસતા જીવન ની બધી બાજી મારી ગયો,
દગો દીધો જયારે ખાસ મિત્ર એ,ત્યારે દોસ્ત હું હારી ગયો

*******

પ્રેમ મા મારૂ માન દોસ્ત,
કર થોડો સંભાળી ને દોસ્ત,
જીવવા કે મરવા દેતું નથી,
આ એવું મીઠું ઝેર છે દોસ્ત…

અલ્પેશ મોણપરા. …

*******

આમ નયન ભીંજવે રોજ,
એને પ્રેમ કેમ કેવો દોસ્ત,…

અલ્પેશ મોણપરા. …

*******

એક પત્થર !!!
એક કાચ !!!
એજ પત્થર !!!
એ જ કાચ !!!
એક ઘા !!!
હજાર કાચ !!!!

*******

મને તો થાય છે કે સ્વીકારી લઈએ હાર,
પરંતુ મારી માએ ખાધેલી સવાશેર સૂંઠનું શું?
– રમેશ પારેખ

*******

ઓણ વરસાદમાં બે વસ્તુ રહી સાવ કોરીકટ
એક તો આખેઆખા તમે અને બીજો અમારો વટ.
– રમેશ પારેખ

*******

હું શોધમાં નીકળ્યો હતો જે  જીવનની,
મળ્યું મહોબ્બત સ્વરુપે પણ મારું ના થયું.
– વૈભવ

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મને એ વાત નુ દુખ નથી કે તુ મને ના મળી…!!!

પણ એ વાત નુ દુખ છે કે હુ તને મેળવી ના શક્યો..!!!

*******

અમારી તો ઋતું
તમારા મિજાજ પર નિર્ભર હોય છે,

તમે મળો તો વસંત ,
તમારા વગર પાનખર હોય છે !

*******

લખેલા શબ્દ લીટા મારવા થી ભૂસાતા નથી,

દિલ માં પ્રેમ ના મોજા એમ જ ઉભરાતા નથી,

સબંધો નક્કી થયા હોય છે ઉપર થી જ,

એટલે તો આપને એક બીજા ને ભૂલતા નથી.

*******

ઠંડી લાગે છે એટલે તારી ,
ગરમ યાદો ની ચુસ્કી લગાવી લવ છું.

*******

ઘણા જાગરણ કર્યા છે મેં તમારી યાદોમાં,
ઉજાગરો કહી અપમાનિત ન કરશો  એને.
– વૈભવ

*******

ખબર જ ક્યાં હતી કે તમે પારકા કરી દેશો,
અમે અમસ્તો જ પોતીકા માની લીધા તમને.
– વૈભવ

*******

જીવન ની સવાર અને સાંજ વેચી છે,
જીગર નું દર્દ અને દિલ ની પુકાર વેચી છે,
કહું કોને કે અંજાન છે એક ગ્રાહક,
જેને મેં દિલ જેવી વસ્તુ ઉધાર વેચી છે..!!®

*******

તું આજેય મારી એજ તરસ છે.
ગમે તેવી પણ તું હજુય સરસ છે.

*******

હું નથી આકાશ કે મબલખ મને તારા મળે
એક બે મારા મળે તો રાત વીતી જાય છે.

*******

હું ચલાવી લઉં એમ છું મારા વગર,

પણ જીવવું શક્ય નથી તારા વગર..

*******

આપણાં માં આપણે ન હોઈએ…
તો પછી દર્પણ શું કામ જોઈએ. . . .!

*******

તમામ સપનાઓ તમને સારા આવે,
જો તમે મારા હો તો તમામ મારા આવે.
– વૈભવ

*******

જો પાછલી જીંદગી જીવવા મળે ને સાહેબ ..
તો પ્રેમ કરવાનુ જીગર હજુ પણ છે…

*******

મટકા મારતી એનિ આંખો ને યાદ કરી કરી આખી રાત જાગ્યો ,
ઉધાડા પગે એની પાછળ પડ્યો તોય કાંટો તો કાળજે જ વાગ્યો”

*******

ચાલ મળીને એક ધગધગતું તાપણું સળગાવીએ
ઠરી ગયેલા શબ્દો માં કુણી લાગણીઓ ભડકાવીએ

તું અહમ રૂપી લાકડા સળગાવ
હું વહેમ રૂપી ફૂંક ને બાળું

ઉષ્મા ભર્યા વાતાવરણ માં જાત ને શેકીયે
કંકાસ ના કવચ કુંડળ કાઢીને ફેકીયે

આકાશે ઉઠતી ધુમાડા ની સેર માં જુદાઈ ને વળાવીએ
મિલન નાં મીઠા તણખાઓ ને ગળે લગાડીએ

ચાલ બધું ભૂલી ને એક તાપણું સળગાવીએ
થર થર ધ્રુજતી આ ઠંડી માં અનોખો તેહવાર મનાવીએ !

આસીમ !

*******

દીવસ ભર ના બધા પાપ એમ જ ધોવાઇ જાય..
જો આખ ખુલે ને નામ કાન્હા નુ લેવાઇ જાય..

*******

ભૂલ હતી દોસ્ત તારી,તું મારા શબ્દો સમજવામાં રહી ગયો,
કહેવું હતું જે મારે,એ તો હું મૌન રહી ને કહી ગયો

*******

જેમાં વાત કરવા જરૂરી નથી વાચા,
મારી દ્રષ્ટિ માં એ જ સંબંધો સાચા

*******
તું પાસ આવે,
ને ખુદને હું ભૂલું,
આ કેવી માયા ?

*******

તને ખબર છે ?
મારા જીવનની સૌથી સુંદર પળ કઈ…?

જયારે તું “online” માંથી
“is typing” થાય ને એ….

*******

હોય જો સાથ તારો હુંફાળો,તો દૂર રહે શિયાળો !
– જયદીપ દવે

*******

મને એ હમેશા કહેતી કે…
” તને શબ્દોથી રમતા બહુ આવડે છે”

અને

હું કહેતો ”તું આંખોથી રમી જાય છે એનું શું ?”

*******

દિકરીઓ વિષેની હાલતાં ને ચાલતાં મળતી અને વંચાતી અસંખ્ય પોસ્ટની વચ્ચે જો દિકરાઓની કોઇ પોસ્ટ વાંચીએ તો થોડુંક નવીન લાગે…
અને ગમશે ય કદાચ તમને, મારી આ કવિતા

~દિકરો ~
.
.
શાંત, ઠરેલ, મીઠડી જો દિકરી,
તો ‘હો-હા-કોલાહલ’ છે દિકરો
ગોટી છે, ને છીપરી છે
કબડ્ડી, બેટ ને બૉલ છે દિકરો
.
દિકરી છે હવાની લહેરખી,
તો છે અલમસ્ત તોફાન દિકરો
હુડદંગ, મસ્તી, ઠઠ્ઠા-મશ્કરી,
શેરીનાં નાકાની ઓળખાણ દિકરો
.
આંગણાની ભીંત પર કોલસાથી
દોરેલા સ્ટંપનું ચીત્રણ છે દિકરો
ગલીમાં રેસ સાયકલની
અને છોલાયેલ ઘુંટણ છે દિકરો
.
નાની બેનની ખોટવાયેલ
સ્કુટીનું ટોચન છે દિકરો
મંદીરની લાંબી લાઇનમાં વચ્ચે
પેસવાનું તીકડમ છે દિકરો
.
મમ્મીને મદદ, ને બેનને વ્હાલ,
ને પપ્પાની જવાબદારી, એ દિકરો
અલ્લડ બેફીકરાઈ, તો ક્યારેક
શિષ્ટાચાર, સમજદારી, એ દિકરો
.
કોલોનીનાં કાકાની લાકડી
છુપાવવાનાં તોફાન, એ દિકરો
તો બસમાં ઉભેલ વૃધ્ધને દેખી-
‘કાકા લ્યો બેસો તમે’ વાળા
વિવેકની સાચી શાન, એ દિકરો
.
બેનનાં લગ્નમાં રાત ને દિવસ
મહેનતમાં જોડાઇ જતો દિકરો
પણ કન્યા-વિદાયનાં ટાણે ન જાણે
ક્યાં છુપાઈ જતો -એ દિકરો
.
બાપનાં ખંભે બેસી દુનિયાને
સમજવાની જીજ્ઞાસા છે દિકરો
તો લાકડી ઘડપણની અને
પરલોકે મોક્ષની આશા છે દિકરો

પિતાનો અથાગ વિશ્વાસ છે આ,
પરિવારનું અભિમાન છે દિકરો
કેટલોય ભલે શેતાન-તોફાની
પણ ઘરની પહેચાન હોય છે દિકરો

*******

આજ અરીસા સામે બેસી મારે મારુ જ દુઃખ સાંભળવું છે,
ઘણું જીવ્યા બીજા માટે,હવે સમય કાઢી આજ પોતાને મળવું છે.

*******

ખાદી ખુરશીનાં ખેલાડી ગેલમાં
ગાંધીનાં  ત્રણ  વાંદરા  છે કૈદમાં,
-મેહુલ ગઢવી

*******

મળી છે મને આજીવન પ્રેમકેદ,,
પેરોલ મારે નથી જોઇતી.
જેલ અને જેલર મને ગમ્યાં છે બહુ,
ગૂનાની માફી મારે નથી જોઇતી.
દશાનો અફસોસ નથી,
તું નથી એ દિશા મારે નથી જોઇતી
આ મારુ આપણું નાનકડું પ્રેમનું રજવાડું
રવીની રજા મારે નથી જોઇતી….

*******

સ્હેજ અજવાળાની ભીતર જઇને મેં જોયું હતું…

કૈક જલતાં દીવડાની આગ ત્યાં ઠરતી હતી…

*******

અઢી અક્ષરનો પ્રેમ બત્રીસ કોઠે દીવા પ્રગટાવે…
પણ અઢી અક્ષરનો વ્હેમ સૂરજને પણ ઠારી નાખે..

*******

કેવી રીતે ઊગે ચાંદ એના ગયા બાદ?

એ ગઈ અને મારી હર રાત અમાસો છે.

*******

તરબતર આ બધું એમ જ ક્યાં છે?
કોઈ આઘેથી ભીના રાખે છે..

*******

એક પર્ણની કથા છે જિંદગી…

દર્દની લાંબી સજા છે જિંદગી..!

*******

અમે સદીઓ સુધી રાહ જોઇ છે,
તેથી ક્ષણભરની ધીરજ ખોઇ છે.

*******

જીંદગી છે અઘરી
પણ છેવટે
ટેવાઈ જવાય છે,
શનિવાર અને સોમવારની વચ્ચે
થોડું જીવાઈ જાય છે…

*******

નથી કરતો નશો કેમકે મદિરા દુઃખી થશે,
મારા હોઠને સ્પર્શતા જ એને વેદના ચડી જશે.

*******

જોઈને એમની થાકેલી આંખો હું બહુ રોયો,
મારા સપના નો ભાર મેં  પિતા ની આંખ માં જોયો

*******

ડૂબવા ગયો ત્યાં કિનારા થયા,
અંતકાળે બધાય સહારા થયા..!!

*******

શમણાં મારી આંખો માં હતા,
પણ સવારમાં ન મારા થયા…!!

*******

આંસુને પણ અરમાન હોય છે
સૂકા ગાલનું ફરમાન હોય છે

*******

તારા સ્નેહના દરિયામાં મારે ઘર વસાવવું છે
મારી જાત થી તડીપાર થાવું છે

*******

અડાડ્યો જ્યાં એમણે હાથ,ત્યાં રંગ હજી પણ છે,
જાણે ગુલાબ ચાલ્યું ગયું પણ સુગંધ હજી પણ છે

*******

વરસે જ્યારે તું આ ગગન પણ નાનું લાગે,
આખુંય જગત મને સોહામણું લાગે.

*******

કેમ આ યાદો ની આંધી ઓ થોભતી નથી,
અરે જો ને …કે આ જીંદગી તારા વિના જરાય શોભતી નથી…

*******

ઘણા બહાના કાઢી લીધા તમે,
ખરેખર પ્રેમ છે કે નહી એ તો કહો મને?

*******

અમે અમારી વ્યથા કહી,
તમે શરૂ તમારી કથા કરી.

*******

હુ તો રહ્યો ઉઘાડો માણસ
પેટ ની મેલાઈ મને ફાવી નહિ ….

ટુટતા રહ્યા એક પછી એક સંબંધો

લાગણીઓ ખોટી રાખતા મને ફાવ્યુ નહી

મન મુકીને વરસતો રહ્યો હુ સદા જે લોકો ને માટે

લો આજે એમણે જ કહ્યુ કે મને વરસતા જ આવડ્યુ નહી…

*******

કાલ થી શાળા શરુ…..

બગીચા ના ફુલો –
ફરી પાછા બુકે મા ગોઠવાઈ જશે …

*******

મે આજ એની વાત જરા વેહતી મુકી ત્યાં,
કથા છે, કથા છે, કહી સૌ ચાલ્યા ગયા….

*******

ક્યારેક જીવતો ક્યારેક મરતો બેઠો છું,
હર પળે ખુદને કળતો બેઠો છું,

ખસી જાવ છું લોકોના જીવન માંથી,
હું ખુદને જ નડતો બેઠો છું,

સહુ સમજે છે મને પર્વત ની ટોચ સમો,
એ ટોચ ની જેમજ ઢળતો બેઠો છું,

રંગાઈ રહ્યા છે સહુ મારા રંગ થકી,
પતંગિયાની માફક રંગ છોડતો બેઠો છું,

પી જવો છે વાડકો મારેય મીરાં માફક,
કોય ની યાદ માં ઝેર ગોળતો બેઠો છું,

નીકળી જવું છે હવે દુનિયાની પેલે પાર,
બધાની સંગત એટલે જ છોડતો બેઠો છું.

*******

એ તારો વહેમ છે કે બુરખાથી ચહેરો છુપાવી લઈશ તું….

એ મારો વિશ્વાસ છે કે પગરવથી તને પહેચાની લઈશ હું…..

*******

કાંકરિયાની પાળે લવ લવ કરતી યુવાની…
તાલ તૂટે તો એજ પાળેથી ઝંપલાવતી યુવાની…

ફરે હાથમાં નાખી હાથ ને વિશ્વાસ બે આનાનો..
લાલ લુગડું જોયુ કે તરત આંખ ભટકાવતી યુવાની…

મારે સીટી અને જો ઉતરી જાય સેંડલ..
તરત બેન કહી સંબંધ બદલાવતી યુવાની…

ઘરમાં હાંડલી કરે કુસ્તી, બેટ્ટો બાઇકે ફીલ્ડીંગ ભરે..
જાહોજલાલીમા એક્ટીવાને ધક્કો મરાવતી યુવાની…

વળાંકમા વળે ઢાળમાં ઢળે ને ચડાવમાં પડે…
ખુમારી કેવી..? લાફાએ ગાલ લાલ રખાવતી યુવાની…

બનશે ક્યાંથી ઇતિહાસ હવે જગતમાં
આવીને આવી પ્રેમ કહાની લખાવતી યુવાની…

*******

સાગર તરનારો પણ કયારેક તો …

ગાલ ના ખાડા માં તો ડૂબી જ  જાય છે

*******

લાગણીના નામથી આસાનીથી ખરચાતો રહ્યો….

એક દરિયો થઇ નદીની ચાહમાં અટવાતો રહ્યો…

*******

ના ઉડાવો મજાક તમે ઇશ્વરનો,
તમારા હજારો ગુના એ હસીને માફ કરે છે.

*******

જયારે માનવી બદલાઈ છે,
સંબંધો ત્યારે ગૂંચવાઈ છે,
તૂટે છે કોક નું દિલ અવાજ વગર,
અને વિશ્વાસ નો શ્વાસ રૂંધાઇ છે.

*******

જીંદગી; પોતીકાથી જ ત્રસ્ત રહી,
અક્ષરોમાં એટલે જ તો મસ્ત રહી

*******

ટાઢ છે, શોધી રહ્યો છું તાપણું
કોઈ તો હો, આટલામાં આપણું.!
હૂંફની બોતલ ખરીદી, આ, પડી.
ના ખુલ્યું, દોઢે ચડેલું ઢાંકણું

*******

પ્રત્યક્ષ ના રહો તો પરોક્ષ રહો,
પ્રેમી ના બનો તો મિત્ર તો બનો.

*******

નથી નીકળતા શબ્દો બરાબર હવે,
એમને પણ લાગી તમારી નજર હવે.

*******

એટલે જ પ્રેમથી અળગા રહ્યા અમે,
મંજૂર ન હતું અમને ડૂબવું નિરાશામાં.

*******

કાંટા ખૂંચે છે એનું કશું દુઃખ નથી મને….

સંતોષ છે કે હાથમાં સાચું ગુલાબ છે…

*******

હું ઠંડી થી થર થર કાંપતો હતો….
તારી યાદ આવી હુંફ મળી ગઈ !

*******

ડંખ્યા કાંટા બાવળના તેનો રંજ નથી મને,
રંજ રહી ગયો મને પુષ્પોએ ડંખ્યાનો.

*******

અંતર થી ભલે તું દુર હોય ,
મનથી તું નજદીક છે,
પ્રેમ ને અંતરથી ન મપાય,
તેમ તારા વગર સદંતર ન જીવાય !

*******

ન આવ્યું આંખમાં આંસુ વ્યથાએ લાજ રાખી છે,
દવાની ગઈ અસર ત્યારે દુઆએ લાજ રાખી છે !

*******

સ્વાર્થી દુનિયા ની ઠંડી માં દિલ થીજી ગયું હતું,
કોઈના પ્રેમ ની હુંફ મળી,પાછું પીગળી ગયું

******

હ્ર્દય નાં દર્દ બહુ વધી રહ્યા છે,
જીવ નાં કર્જ બહુ વધી રહ્યા છે…!!

*******

કરી છે બધાયે દુર્દશા મારી,
હવે શું ખાવાના દયા મારી..!!

*******

ઉદાસી આ સૂરજની આંખે ચડી છે,
તમારા વિના સાંજ ડૂસકે ચડી છે.

મને ઉંબરે એકલો છોડી દઈને,
હવે ખુદ પ્રતીક્ષા ઝરૂખે ચડી છે.

*******

લાગણી તો મારી ભટકતી હતી
ખબર નહી તુ એમા ક્યારે ઘર કરી ગઈ

*******

આંખ મા કેમ ભાર છે
નક્કી તમારી યાદ નો અભાવ છે

*******

ડુબાવનારા પોતાના હતા, નહિતર સામે કિનારા હતા..!!

*******

પતંગ, પવન અને પ્રેમ
ગમે ત્યારે દિશા બદલી શકે છે.

*******

લોકો સમજે છે કે શ્વાસ ખૂટી ગયા,
કેમ કહું કે શમણાં તૂટી ગયા !

*******

પ્રેમ માં એનો આ કેવો રૂઆબ છે,
માંગે છે મારી પાસે એ ગુલાબ જે પોતે ગુલાબ છે

*******

લે કોઈ મારી પણ સંભાળ એ આ દિલ ઝંખે છે,
તેને ક્યાં ખબર છે હવે માત્ર કાંટા નહિ,ફુલ પણ ડંખે છે

*******

બસ એટલું કહું કે દિલ માં મારા તારા પગલાંની છાપ છે,
બાકી કેટલો કરું છું હું પ્રેમ તને, મારી પાસે ક્યાં માપ છે !!

*******

વાત અધુરી રહી ગઈ બધી મુલાકાત વગર

એક ગઝલ જેમ મરી જાય રજૂઆત વગર

*******

“રાધા તારા બબ્બે કાના,
ર ને કાનો રા
ધ ને કાનો ધા

*******

ટિકા કરવી
તેનાથી બહેતર છે
કિટ્ટા કરવી..!!

*******

કર્યો મેં પ્રેમ,
પણ ના સમજી તું,
તો શું કરું હું ??

*******

યાદ છે તને એ તાપણું
હુંફાળું હ્રદય આપણું
ધીરે ધીરે શેકાતી નજર
ધુમાડા સંગ ઉડવું આપણું

યાદ છે તને એ તાપણું
ચુપ રેહવું એ આપણું
નજરો કરતી હતી વાત
ને ખોવાઈ જવું આપણું

યાદ છે તને એ તાપણું
પ્રેમ નું ઇંધણ આપણું
ધગધગતા હતા વચનો
ને મોઘમ રેહવું આપણું

યાદ છે તને એ તાપણું
સાથે બેસવું આપણું
કુંડાળું એ પણ નસીબનું
રાખ બની ગયું આપણું !!

આસીમ !!

*******

ખુલ્લા ગગન માં ઉડે સપનાં મારા,
બહુ રહી લીધું કેદ ખુદ માં મારા.

હે ઈશ્વર, તારા આશીર્વાદ ની ગતિ દે.

Omee

*******

મળ્યું’તું કોઇ એક જ વાર, તે પણ અડધી ક્ષણ માટે,
મિલન બસ એટલું કાફી હતું એના સ્મરણ માટે!

*******

પાંચ ફૂટ ને અગિયાર ઈંચનો આકાર છું,
હું  જ મારા એકલાની સરકાર છું..!!®

*******

તારા આશ્ર્લેષનું વર્ણન કંઇ આવું કરું છું…..

સ્વર્ગ જોયું નથી છતાં એનો અનુભવ કરું છું….

*******

આ પડછંદ વ્યક્તિત્વ અમસ્તું જ નથી નિખર્યુ સાહેબ. .

સમય સંજોગ અને સમાજે ખુબ તબિયતથી ઘા માર્યા છે.

*******

એક ઘટના……

અરે…..
આજે એક ઘટના ઘટી ગઈ…

અચાનક એ આવી ને મને કે…
તારી પાસે કાંઈક માગું…?
મેં પણ કહ્યું હા માગીલે….!!
એ બોલી મને તારામાં ઘર
બનાવી રહેવું છે…!!
મેં પણ કહી દીધું દિલના
દરબારમાં રાજ છે તારું
ગુલામ કે દાસી બનીને નઈ
પણ બેગમ બનીને આવ…
જાણેછે એ શું બોલી…!!
મારે તો બાદશાહને ગુલામ
બનાવવો છે…
તારા દિલના દરબારમાં નહીં..
મનના મહેલમાં રહેવું છે…
તારા શ્વાસોની સેજ પર બેસવું છે…
હૈયાના હિંચકે હિંચવું છે…
તારા હ્રદયની રજાઈમાં સુવું છે…
બસ એ બોલે જતીતી ને મેં પણ
મારી બાહોને ફેલાવી….
બસ સુનમૂન થઈને મારામાં
વિંટળાઈ વળી…
હું બસ એટલુંજ બોલ્યો બોલ
મળી ગયું તારું “જગત”…!!
ને એ ખોવાઈ ગઈ એના જગતમાં…jn

*******

જીવનની બેંકમાં જયારે પ્રેમનું બેલેન્સ ઓછુ થઈ જાય ત્યારે સુખના ચેકો બાઉન્સ થાય છે

*******

હવે લોકો ની લાગણી નું ક્યાં કોઈ માન રાખે છે,
બસ બધા પોતાના કામથી જ કામ રાખે છે

*******

તારું સાથે હોવું, એક ઉત્સવનો પ્રસંગ છે,
આજ મારી ઈચ્છાઓને લાગ્યા વિહંગ છે.

આતુર છું, એકાકાર થવા માટે તુજમાં હું.
જેમ ટીપાને ધરામાં સમાવાની ઉમંગ છે.

દોડ્યા જો, બિલકુલ મારી જેમ જ એ પણ, ઝરણામાં ઉઠ્યા મિલનના મીઠા તરંગ છે.

મળીને જ રહે વ્હેલા મોડા આપણી જેમ જ,
નદી ને દરિયા જેવો જ આપણો સબંધ છે.

વિખરાય નહીં પ્રેમનું ઇન્દ્રધનુષ ‘અખ્તર’,
ક્ષણભંગુર નથી, એ કાયમી ને સળંગ છે.

*******

બરફનાં ગાંગડાએ એવી હઠ લીધી કે હુ પાણી નહિ થાવ,
ઝરણાનાં ખળખળે એવી બીક દિધી કે હુ પાણી નહિ થાવ.

એણે ઉંચે ઉલાળી ને વાયરા હારે ભટકાવી
મારી બટકણી જાત મે છાંયડા હારે જટકાવી
ઝડપનાં પાંગરાએ એવી જટ લીધી કે હુ ખાંગી નહિ થાવ,
બરફનાં ગાંગડાએ એવી હઠ લીધી કે હુ પાણી નહિ થાવ.

ઉની થઇને આભે ચડુને ટાઢું બોળ થાવુ,
વાવળ પેલા દોડેને છાંટા થઇ પથરાવું.
ડઠરના ચોચલાએ એવી જડ લીધી કે હુ શાણી નહિ થાવ,
બરફનાં ગાંગડાએ એવી હઠ લીધી કે હુ પાણી નહિ થાવ.
………પરેશ જાની.

*******

આથમી ચૂક્યો છું હું એવુ નથી ઊગ્યો છું એવુ પણ નથી,

ટુકડે ટુકડે જીવું છું,પણ ટૂટી ચૂક્યો છું એવુ પણ નથી.

********

બરફ ની પ્રકૃતિ છે ઠંડક આપી ને પાણી થવું ,

પાણી પણ બરફ બની ને સદભાવના દાખવે છે .

*******

બ્હાર  ઘટનાઓના  સૂરજની  ધજા  ફરકે  અને,

સ્વપ્નના  જંગલનું  અંધારું  રહે  પાંપણ  સુધી.
નિત્ય પલટાતા સમયમાં અન્યની તો વાત શી,

મારો ચ્હેરો સાથ ના આપે  મને  દર્પણ  સુધી.

*******

મેં પ્રેમ કર્યો,
તને ના સમજાઈ,
તો હું શું કરું?

મેં વાતો કરી,
તને ના સંભળાઈ,
તો હું શું કરું?

મેં સાદ કર્યો,
તું ફરી નહિ પાછી,
તો હું શું કરું??

હું કરું યાદ,
અને તું ભૂલી જાય,
તો હું શું કરું??

હું વરસું ને,
તું કોરી રહી જાય,
તો હું શું કરું ??

*******

તારી યાદોના ધરતીકંપ રોજ થાય છે,
ઠરીઠામ થતા મારા જીવનને હચમચાવી જાય છે.
– વૈભવ

*******

અપમાનના પુરાવા આપી શકાતા નથી કારણકે પીડાની લાગણીઓને કિલોગ્રામમા માપી શકાતી નથી.

*******

મને લાગણીની બાટલી નું ઢાંકણ મળી જાય
છૂટું કરું ને તારા જેવું એક જણ મળી જાય

*******

તમારી યાદો અકબંધ છે મારા મારા હ્રદયમાં,
સર્જયા કરે છે ધરતીકંપ જે મારા મનનમાં.
– વૈભવ

*******

આશરો કેવળ નદીને જે હતો…

એક દરિયો એય ખારો નીકળ્યો.

*******

ભલે મીઠી નદી સમાણી છે,
તોય ખારું દરિયાનું પાણી છે

*******

ભલે હતો મઝધારે
પણ કિનારો મારો નિકળ્યો

*******

પાછી ફરી નથી એ દુઆ ક્યાંક તો હશે..

મળતો નથી મને જે ખુદા ક્યાંક તો હશે…..

*******

બોલાવ્યા મેં જેને ઘા ભરવા,
મંડ્યા એ નવા ઘા કરવા

*******

ભલે ને જિંદગી દોડધામ કરાવે છે,
તોય પળ પળ કોઈની યાદ આવે છે

રહે છે દિલ તરસ્યું કોઈને જોવા માટે,
અને આંખ માં અશ્રુઓનો વરસાદ આવે છે,

બોલાવી લીધા પ્રભુએ પોતાની પાસ એમને,
હ્ર્દય એમના વિયોગ ની ફરિયાદ લાવે છે

દૂર છે એ ઘણા મુજ નજરો થી,
પણ દરેક ધડકન માં એમના નામ નો સાદ આવે છે,

નિયતિ હતી જીવન ની કે નિષ્ઠુરતા મૃત્યુની,
હર એક પળ દિલ માં આ વિવાદ ચાલે છે,

આપ્યું નામ નિયતિ નું,કે.સૌને મૌત આવે છે,
કેમ સમજાવું આમ ક્યાં અપવાદ આવે છે,

સમજાવ્યું હતું એમણે જ જીવન અને મૃત્યુ વિષે,
એમના ગયા બાદ યાદે સંવાદ આવે છે

કરી ના શક્યો કાંઈ એમના માટે,દિલ આ ફરિયાદ લાવે છે,
બસ પળ પળ એમની બહુ યાદ આવે છે

*******

હું ઉછળતો સાગર, તુ નટખટ નમણી નદી ,
.
કેમ કરી ચાહું તને.?

………………
તુ મને ક્યાં એકલી મળી કદી.?

*******

“કૈંક ઈચ્છાઓ અધૂરી હોય છે,
જિંદગી તોયે મધૂરી હોય છે….

દ્રાક્ષ ખાટી દર વખત હોતી નથી,
જીભ પણ ક્યારેક તૂરી હોય છે…”

*******

રાધાની ઓઢણીએ સોનેરી તારો
ને મીરાના હાથમા એકતારો,
તાર-તાર વચ્ચે થયો વિવાદ બોલ હવે શ્યામ તારો કે મારો.

*******

કયો રંગ મોકલું પ્રિયમ?
આખો નો ગુલાબી સપના મઢેલો મોકલું કે
હૈયે નીતરતો ભીનો આસમાની?

અડકેલો તારો વાદળી મોકલું કે મોકલું લાલ?
કે પછી રંગો ની અદલાબદલી માં
ભેલાવેલી મારી આશ મોકલું?

આજે હાથમાં મુકેલી મહેંદી ભીનો
કેશારીયો મોકલુ સાથે હાથ થી તારા લગાવેલો
સીન્દુરીયો પણ મોકલું

*******

આંખોના આવેગો….

અચાનક
એમની
આકાશી આકારની
અણીયારી આંખોને
આંકતાજ
અમારી આંખોના
આવેગો એકાએક
આગળ આવી
એમનાઓષ્ઠની
અધિરાઇને
આલીંગનમાં
ઓગાળી આવ્યા….

*******

આપણા સૂના રે સગપણ ને સૂની શેરીઓ…

વરસોવીતી રે ગયા ને મળવાના ઓરતા રહ્યા…

*******

સુગંધ પૂછે ઝાકળ સાથે ઘડીક રમું હું બ્હાર ?

કળી કહે કે થોભ જરા હું ખોલી નાંખું દ્વાર…

*******

મેં તો વિયોગ રાત માં કલ્પી મિલનની ઘડી,
આખરે તો દિલ હતું – બહેલાવવું પડ્યું.

*******

જરાક એનાથી આગળ તમોને રાખ્યાં છે….

નહીં તો જોઈ લો, પાછળ ખુદાઈ બેઠી છે !

*******

પગથી માથા સુધી સળંગ હતો….

તો ય તારા વગર અપંગ હતો !

*******

ફરી તારી એ જ વાત
હુ મોકો સમજુ ને હોય મજાક..

*******

આમ તો તમને લાગશે કે આ બધી કેટલી નાની નાની વાતો છે પણ ખરા અર્થ માં ખુબજ મોટી ખુશીઓ એમાં સમાઈ હતી જેમ કે :

દફતર લઈને દોડવું
તૂટેલી ચપ્પલ નું જોડવું

નાશ્તા ના ડબ્બાઓ
શર્ટ પર સહીના ધબ્બાઓ

ખોબે ખોબે પીવાતું પાણી
રીસેસ ની વિશેષ ઉજાણી

બેફામ રમાતા પકડ દાવ
ઘૂંટણ એ પડતા આછા ઘાવ

બાયોં થી લુંછાતા ચેહરા
શેરીઓમાં અસંખ્ય ફેરાં

ઉતરાણ ની રાત જાગી
પકડાયલા પતંગ ની ભાગી

ભાડાં ની સાયકલ નાં ફેરાં
મહોલ્લાના ઓટલા પર ડેરા

મંજી ની રેલમ છેલ
ગીલ્લી ડંડા નો એ ખેલ

ચાર ઠીકડી ને આટા પાટા
લાઈટના થાંભલે ગામગપાટા

વરસાદે ભરપૂર પલળવું
ખુલ્લા પગે રખડવું

બોર આમલી નાં ચટાકા
પીઠ પર માસ્તર ના ફટાકા

બિન્દાસ્ત ઉજવાતું વેકેશન
નાં ટ્યુશન નાં ટેન્શન

વાત સાચી લાગી
કે નહિ મિત્રો !!!

આસીમ !!

*******

જે માણસાઈ થી મઢેલી હોય છે,
તે ઝુંપડી પણ હવેલી જેવી જ હોય છે…!!!

*******

કોણે કહ્યું કે મૌન ને વાચા નથી
એના જેવા તો શબ્દો પણ સાચા નથી.

*******

હજી તો આવ્યા ત્યાજ તમે જાવું જાવું કરોછો
વાત અધુરી રાખી તમે કાયમ આવું કરો છો

*******

હું એ ટલું માંગુ કે તું હરપળ મળે

આંખો ઉઘાડું ને કદી ઈશ્વર મળે.

*******

થોડીક આધી તો,થોડીક પાછી થઇ જાય છે.
રોજ બીમાર આ જીન્દગી,રોજ પાછી સાજી થઇ જાય છે.

*******

જીવવાની મને ખુલ્લેઆમ ટેવ છે,
બસ કોઇ દીલ થી પુછતુ નથી તને કેમ છે…

*******

કચવાટ મનના સમયસર જીભ પર આવી ન શક્યા ,
મનથી જેને ચાહ્યા તેને કદી પ્રેમ સમજાવી ન શક્યા,
મળે છે મનનો માણિગર બહું ઓછાને આ દુનિયામાં,
ફૂલ તો ખીલ્યા પ્રેમના પણ જિંદગીમાં સજાવી ન શક્યા.

*******

ભલે હું શ્યામ લાગુ, પણ મિલન આવું કોને મળે ?
તમન્ના છે કે તારા ગાલનો તલ થાઉં તો સારું!!!

*******

તૂ ગઇ અને આંખમાંથી આંસુ પણ ગયા,
હવે આ સુકા રણનું શું કરૂં??
જે હતા પક્ષીઓ પ્રેમના, એ તો ઊડી ગયા,
હવે આ વધેલી ચણનું શું કરૂં??

*******

આપણામાં આપણે ન હોઈએ…

તો પછી
દર્પણ શુ કામ જોઈએ ?

*******

આજ સૂરજને પણ ટાઢ લાગી છે,
રોજ ધોમ ધકતો આજે ટાઢોબોર લાગે છે.

*******

આ સઘળાં ફૂલોને કહી દો યુનિફોર્મમાં આવે,
પતંગિયાંઓને પણ કહી દો સાથે દફ્તર લાવે…

મનફાવે ત્યાં માછલીઓને આમ નહીં તરવાનું,
સ્વિમિંગ પુલના સઘળા નિયમોનું પાલન કરવાનું…

દરેક કૂંપળને કોમ્પ્યૂટર ફરજિયાત શીખવાનું,
લખી જણાવો વાલીઓને તુર્ત જ ફી ભરવાનું…

આ ઝરણાંઓને સમજાવો સીધી લીટી દોરે,
કોયલને પણ કહી દેવું ના ટહુકે ભરબપ્પોરે…

અમથું કંઇ આ વાદળીઓને એડમિશન દેવાનું?
ડોનેશનમાં આખેઆખું ચોમાસું લેવાનું…

એક નહીં પણ મારી ચાલે છે અઠ્ઠાવન સ્કૂલો,
આઉટડેટ થયેલો વડલો મારી કાઢે ભૂલો…

*******

આજ કાલ તો પ્રેમ પણ ભાડુ માંગે છે…
હુ કહુ છંદ એના નામ ના અને એ ગાવા માટે ગઝલ માંગે છે..
કબીરા ®

*******

પ્રેમમાં તે વળી કેવી શ્રદ્ધા હોય
તે પણ મને ચાહે જ છે ,

બસ આવી જ અંધશ્રદ્ધા હોય.

*******

‪‎પ્રેમ‬ હમેંશા ‪‎સ્વભાવને‬ ‪‎અનુભવીને‬ થાય છે, ‪

ચહેરો‬ જોઈ ને તો ફક્ત ‎પસંદગી‬ થાય છે.

*******

હું નથી આકાશ કે મબલખ મને તારા મળે
એક બે મારા મળે તો રાત વીતી જાય છે.

*******

પ્રેમ એટલે…
માત્ર તારો‌ ચેહરો જોવા કલાકો સુધી તારી ગલી મા રઝળતા રેહવુ…
કબીરા ®

*******

દીકરી

દીકરી એટલે લક્ષ્મી
દીકરી એટલે દુર્ગા
દીકરી એટલે શીતલ હવા
દીકરી એટલે સુરજની કિરણ
દીકરી એટલે આંબા ડાળ ની કોયલ
દીકરી એટલે ઘર આંગણાનું ઉડી જતું પંખી

કવિ જલરૂપ
મોરબી

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આ સવાર એટલે ઈર્શાદ , ઈર્શાદ ના નાદ સાથે ગુંજતી સૂર્ય કિરણો ની મહેફિલ …. pratibhathakker

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સપના માં જીવવું મને સારું લાગે છે.
એમાં જ તો કોઈ મને મારું લાગે છે.
– વિપુલ બોરીસા

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સપના માં જીવવું મને સારું લાગે છે.
એટલે તો  ઊંઘવું મને સારું લાગે છે.
– વિપુલ બોરીસા

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તને જોવા માત્ર થી મળે છે આ દીલ ને હાશકારો…
તુ મલકે મને જોઇને ને દીલ મારુ ચુકી જાય છે ધબકારો..
કબીરા ®

*******

સારું થયું કે મારા શેરને દાદ ના મળી,
અમસ્તા પણ પારકા દુઃખ થોડા કોઇને ગમે.
– વૈભવ

*******

મારું
કંઇ સુરજ જેવું નથી
કે
બહાર આવો તો જ પ્રકાશ આપું.
હું તો
કોડીયામાં પ્રગટેલો દિવડો છું.
બંધીયાર અંધારી કોટડીમાં ય
પ્રકાશ પાથરી શકું.

*******

તમારો કોઈ મિત્ર ભૂલ કરે તો એને ટેકો આપજો, પણ એટલું યાદ રાખજો કે તમારો ટેકો માત્ર મિત્રને જહોવો જોઈએ, એની ભૂલને નહીં.

*******

દિવસો જુદાઈના જાય છે, એ જશે જરૂર મિલન સુધી:
મને હાથ ઝાલીને લઈ જશે, હવે શત્રુઓ જ સ્વજન સુધી.

*******

છેતરી ગઈ સંબધ માં રહીને સંવેદના ,
નીખરી ઊઠી આંખો ઊલેચીને વેદના.

*******

ગળે ટૂંપો દીઘેલી લાગણીઓ ની લાશો
યાદોના ગંગાજળ થી સજીવન નથી થતી!!!..

*******

પરાણે હસવા કરતા એક વાર રોઈ લેજો …
આવે છે કોણ આસું લુછવાં એ પણ જોઈ લેજો …

*******

સાવ ખાલીખમ સમયનો સામનો કયાંથી ગમે ?
દર વખત સામે મુકાતો આયનો ક્યાંથી ગમે ?

*******

તુ ભૂલી જા મને ભલે ઉધારી સમજીને,
પણ હું તો તને રોજ યાદ કરીશ હપ્તો સમજીને…

*******

દરેક પ્રેમસબંધનું એક અલગ જ કેલેન્ડર હોય છે…
જેમાં મિલન હંમેશાં ઘડીઓમાં અને વિરહ વરસોમાં હોય છે.

*******

મિત્રો, આ ગુજરાતી શાયરી અને કવિતા ના ભાગ માં મારા કવિ મિત્રો ની રચના છે જે મેં એમના નામ સાથે જ મુક્યા છે. હું ગર્વ અનુભવું છું કે મને આ બધા ની રચનાઓ વાંચવા મળી અને એમાથી શીખવા પણ મળ્યું. કોઈ ને જે તે રચના કરનાર ના નંબર જોઈતા હોઈ તો એ હું એમને પૂછી ને આપીશ.

#ChetanThakrar

#+919558767835

 

ટૅગ્સ:

Gujarati Shayri & Kavita Part 4


નથી કરતો નશો કેમકે મદિરા દુઃખી થશે,
મારા હોઠને સ્પર્શતા જ એને વેદના ચડી જશે.
હાર્દ

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વહી રહી છે લાગણીયો હવે પાણી ની માફક,
પ્રેમના કદરદાન તારી આ અદા છે કૈક ઘાતક.
હાર્દ

*******

આજ સૂરજને પણ ટાઢ લાગી છે,
રોજ ધોમ ધકતો આજે ટાઢોબોર લાગે છે.

*******

દીકરી એટલે ઈશ્વર ના આશિર્વાદ નહિ ,
દીકરી એટલે આશિર્વાદમાં મળેલા ઈશ્વર …

*******

માનવી નાં મનને સ્પશેઁ તેનુ નામ દલીલ,
અને હ્દયને સ્પશેઁ તેનુ નામ સત્ય……

*******

સાચા સંબંધોનો સાર કેટલો…..?
વગર બોલ્યે ‘વેદના’ વંચાઇ એટલો..

*******

ટેરવે થી ઝુલ્ફો ને હટાવી નયન મીચી જાય છે,
તારા એજ ચિત્રમાં મારો પ્રણય વીતી જાય છે…!!!

*******

ટચસ્ક્રીનના ઠંડા કાચ ઉપર લાગણીઓ અથડાય છે,
સંબંધોમાં હુંફની હવે થોડી ઘણી ખોટ વરતાય છે..

વોટ્સએપ પર બે હાથ જોડીને પ્રણામ થઈ જાય છે,
દાદાનો હાથ પકડીને હવે મંદિર ક્યા જવાય છે …?

******

હળવા હોય છે,
એજ
મળવા જેવા હોય છે…

*******

કાંડા’ની ‘તાકાત’ ‘ખતમ થાય’ એટલે…

મનુષ્ય ‘હથેળી’માં ‘ભવિષ્ય’ શોધે છે…!!!

*******

ગમવા છતા …

તું ‘વાહ’ ના બોલી શકે,

એવી અધૂરી દાદથી વાકેફ છું.❗

*******

ચાલો ફરી પ્યાલો ભરું હું શરાબનો,
નશીલી આંખો ક્યાં જોવા મળે છે હવે.
– વૈભવ

*******

ટાઈમ ‘સારો’ હોય ત્યારેજ,
‘ડાયી ડાયી’ વાતો થાય.

બાકી તો ‘ભીંહ’ પડે ત્યારે,
‘સિદ્ધાંતો’ના ‘છોતરા’ ઉડી જાય છે.

*******

બસ મીત્રો હવે મારી સહનશક્તિ ખૂટી ગઇ,
બુલંદ હતી જે ઈમારત એ તો ક્યારની તૂટી ગઇ

*******

એવું ના લખો કે લખેલા શબ્દો વજનના ભાવે વેચાઈ જાય,

એવું લખો કે જ્યાં તમારું નામ લખાય ને વાતનું વજન વધી જાય..

*******

સ્વપ્નની કિંમત ચૂકાવી રોકડી,

લ્યો, ગણી લ્યો, આંસુઓની થોકડી

*******

મને તો માછલી જેમ તરફડવાની ટેવ છે,

પણ,તું પ્રેમ નાં પાણી વગર નહી રહી શકે.

વિપુલ બોરીસા

*******

તું આપીશ કે નહી સાથ,
એ પૂછવાનો અર્થ જ નથી,,,

તું છે મારો શ્વાસ,
તારા વગર જીવવાનો અર્થ નથી…!!

*******

ભલે મને માત્ર પળવાર મળે.
વિચાર માં પણ તારો વિચાર મળે.

વિપુલ બોરીસા

*******

અહી ફુલ્લી એ.સી.રૂમ માં પણ , એક બગાસું રમે સંતાકુકડી…..,
ને ત્યાં ફૂટપાથ પર ………., ઊંઘ ની મહેફિલ જામી છે …….

*******

સફળતા દરમિયાન દસ આંગળી દ્રારા પાડવા માં આવતી “તાળીઓ” કરતા…

નિષ્ફળતા ના સમયે એક આંગળી દ્રારા લૂછવા માં આવતા “આંસુ” વધારે “મુલ્યવાન” છે….!

*******

મીઠુ સ્મિત…. તીખો ગુસ્સો…. અને…. ખારા આંસુ….

આ ત્રણેય થી બનતી વાનગી એટલે જિંદગી …..!!

*******

બસ બે જ વખત તારો સાથ જોઇએ…

એક અત્યારે અને એક હંમેશા માટે.

*******

ક્યારેક હું સમજી ના શકું તો તુ કહી દેજે,

અને ક્યારેક હું કહિ ના શકું તે તુ સમજી જજે . .

*******

જિંદગી મજૂર થતી જાય છે..!,

અને

લોકો…

“સાહેબ કહી મેણા મારે છે…!!!

*******

“એણે
એક નાની ભૂલ કરી..

એ યાદ રાખી
તેં
મોટી ભૂલ કરી…”

*******

તું મળી જાય તો નસીબ ને હું પુરસ્કાર આપું
નથી જાણવું કે હસ્તરેખાઓ મા પછી શું લખ્યું

*******

ક્યાં હવે સજ્જડ કોઇ કારણ રહ્યું છે તે છતાં,
ટેવવશ થઇ જાય છે અટકળ કે તું આવી હશે.

ઊતરી હશે શબનમ અહીં પગલાં પડ્યાં હશે,. ને પગલાં ઉપર ફૂલનાં
ઢગલા પડ્યા હશે. માળીથી છાનું બાગમાં આવ્યું હશે પતંગ,.
ફૂલો પર એની પાંખના નકશા પડ્યા હશે. …

*******

પ્રેમ,
એક-બીજાની આંખોમાં આંખો પુરાવી
ઝીંદગી વિતાવી દેવાનું નામ નથી
પ્રેમ,
ઝીંદગીભર સાથે રહી
એક જ દિશા માં જોતા રહેવાનું નામ છે .

*******

ગઝલ મારી સુણી તું દાદ આપે.

પણ હકીકતમાં,

બધાં ભીતરના દર્દો છે,

તને એ કોણ સમજાવે.

*******

તમારા જીવનમાં વરસો ઉમેરવાની વાત મોટી નથી,

પણ

તમારાં વરસોમાં જીવન ઉમેરવાની વાત મોટી છે.

*******

ભ્રમ હતો મારો કે એમના માટે હું ખાસ છુ,
ભાંગ્યો એ ભ્રમ માટે હું ઉદાસ છુ.

*******

હું નક્કી નથી કરી શકતો એ બેમાંથી કોણ મોટું ???

હું ચુમી લઉં છુ ચરણ માઁના અને ભગવાન લગાડે છે ખોટું …!!!

*******

આજે ગજાથી વધારે પી બેઠો હું શરાબ,

આજે આ મહેફીલ મા દોસ્તો બહુ દુખી લાગ્યા…

*******

આટલાં વર્ષો ગયાં છે આકરા સંઘર્ષમાં,

જોઈએ શું થાય છે આ આવનારા વર્ષમાં……

*******

હતું કેવું સંબંધોનું એ વળગણ યાદ આવે છે,
હતું કેવું સરળ સીધું એ સગપણ યાદ આવે છે.

પિતાની આંગળી છોડી હું શીખ્યો ચાલતાં જ્યારે,
ખોવાયું શહેરમાં મારું એ બાળપણ યાદ આવે છે.

એ પાદર ગામનું ને ડાળ વડલાની હજીયે છે,
ને ઘરને ટોડલે બાંધેલ તોરણ યાદ આવે છે.

લઈને ગોદમાં સાંજે મને મા બેસતી જ્યાં,
એ રસ્તા ધૂળીયા ને ઘરનું આંગણ યાદ આવે છે.

કદી ભાઈની સાથે નાની અમથી વાત પર લડવું,
ગળે વળગી પછી રડવાની સમજણ યાદ આવે છે.

ઘણી વાતો છે એવી જેમનાં કારણ નથી હોતાં,
મેં છોડ્યું ગામ શા માટે એ કારણ યાદ આવે છે.
– વિનય ઘાસવાલા

*******

રૂબરૂ મળી શકતા નથી ભલે આ૫ણે ૫રંતુ શબ્દોની મુલાકાત કાફી છે.

*******

પત્ની જયારે પોતાની માં બનવાની
ખુશ ખબર આપે, અને તે ખબર  સાંભળીને આંખમાંથી ખુશીના
આશુ ટપ- ટપ પડે ત્યારે….માણસ……,

” પુરુષ  માંથી  બાપ બને છે ”

નર્સે જયારે વીટ ળાયેલું અમુક પાઉન્ડ નો જીવ જવાબદારીનું પ્રચંડ ભાર નું ભાન કરાવે ત્યારે…..,માણસ…..,

” પુરુષ માંથી બાપ બને છે ”
રાત- અડધી રાતે પત્ની સાથે બાબુ  ના ડાયપર બદલવા જાગવું, અને  બચ્ચા ને કમરમાં તેડીને ફરાવતા  ચુપ કરે ત્યારે……….,માણસ……,

” પુરુષ  માંથી બાપ બને છે ”
મિત્રો સાથે સાંજે નાકે મેળાઓ અને પાર્ટીઓ જયારે નીરસ લાગે,
એજ પગલાં  જ્યારે ઘર  તરફ દોટ મુકે ત્યારે…….., માણસ……,

“પુરુષ માંથી બાપ બને છે ”
” અરે લાઈન કોણ લગાડે ” અને હંમેશ સિનેમાની ટીકીટ ચપટી વગાડીને બ્લેકમાં ખરેદી કરનાર,
એજ વ્યક્તી, બચ્ચાની શાળાના
ફોર્મ માટે વહેલી સવારથી કલાકો
ના કલાકો ઈમાનદારી થી ઉભો
રહેતો ત્યારે ……, માણસ….,

” પુરુષ માંથી બાપ બને છે ”
જેને ઉંઘ માંથી સવારે ઉઠાડતા  ઘડિયાળ ના અલારામ કંટાળતા, એજ આજે નાજુક બબલુના હાથ
અથવા પગ ઉંઘ માં પોતાના શરીર
નીચે ના આવે માટે વારે ઘડીએ રાતે ઉઠીને જોઇને સાવધાની થી સુવે ત્યારે……,માણસ…,

” પુરુષ માંથી બાપ બને છે ”
સાચા જીવનમાં એકજ ઝાપડ માં કોઈને ભી ભોય ભેગો આલોટ તો  કરનારો,
જયારે બચ્ચા સાથે ખોટી ફાઈટીંગ માં બચ્ચાની નાજુક ચપાટ ખાઈને
ભોયમાં આળોટવા માંડે ત્યારે……
માણસ……..,

” પુરુષ માંથી બાપ બને છે ”
પોતે ભલે ઓછું-વધુ ભણ્યો હશે પણ, ઓફીસેથી આવીને છોકરા ને
” હોમ વર્ક બરાબર કરજે ”
કડકાઈ થી કહે ત્યારે….માણસ……,

” પુરુષ  માંથી બાપ બને છે ”
આપણીજ ગઈ કાલની મહેનતના જોર ઉપર આજ મોજ મજા કરનારો અચાનક છોકરાના આવતીકાલ માટે આજ કોમ્પ્રો કરવા લાગે ત્યારે……
માણસ……,

” પુરુષ માંથી બાપ બને છે ”

ઓફિસમાં અનેકોના બોસ બનીને
હુકમ છોડવવા વાળો, શાળા ના
POS માં વર્ગ શિક્ષક સામે ગભરુ બનીને, કાનમાં તેલ નાખ્યું  હોય તેમ પુરેપુરી INSTRUCTION
સાંભળે ત્યારે…..માણસ……,

” પુરુષ માંથી બાપ બને છે ”

પોતાના પ્રમોસન કરતા પણ તે  શાળાની સાદી યુનિટ ટેસ્ટના રીઝલ્ટની વધારે કાળજી કરવા
લાગે ત્યારે……માણસ…….,

” પુરુષ માંથી  બાપ બને છે ”

પોતાના જન્મદિવસ ના ઉત્સાહ  કરતા,  છોકરાના બર્થડે પાર્ટી ની  તૈયારીમાં મગ્ન થાય ત્યારે…..
માણસ…….,

” પુરુષ માંથી બાપ બને છે ”

સતત ગાડી ઘોડા માં ફરનારો જયારે છોકરાના સાયકલની સીટ
પકડીને પાછળ ભાગે ત્યારે……
માણસ……,

” પુરુષ માંથી  બાપ બને છે ”

પોતે જોયેલી દુનિયા, અને ઘણી
કરેલી  ભૂલો છોકરાઓ ના કરે માટે તેમને પ્રીચિંગ કરવાની શરૂઆત કરે ત્યારે……માણસ…….,

” પુરુષ  માંથી  બાપ બને છે”

છોકરાના કોલેજ ના પ્રવેશ  માટે  ગમ્મે ત્યાંથી રૂપિયા લાવી,
અથવા સારી ઓળખાણ કે સામે બે હાથ જોડે ત્યારે…….માણસ…….,

” પુરુષ  માંથી  બાપ બને છે”

“તમારો સમય અલગ હતો,
હવે જમાનો બદલાય ગયો,
તમને કાઈ ખબર નહિ પડે, ”
” This is generation gap ”
આવું વાક્ય આપણે જ ક્યારેક બોલેલા સંવાદ આપણને જ સાંભળવા મળે ત્યારે આપણા બાપુજી ને યાદ કરી, હળવા થઈને
મનમાં ને મનમાં માફી માંગીયે ત્યારે…..માણસ……..,

” પુરુષ માંથી  બાપ બને છે ”

છોકરો પરદેશ જાશે, છોકરી લગ્ન
કરીને પારકે ઘરે જશે, તેની ખબર
છે, તો પણ તેમની માટે પોતેજ સતત પ્રયત્ન કરે ત્યારે….માણસ……,

” પુરુષ  માંથી બાપ બને છે ”

છોકરાવો ને મોટા કરતા- કરતા આપને ક્યારે વૃધ્ધ થઇ ગયા એ
પણ ધ્યાન માં નથી  આવતું,
અને જયારે ધ્યાન માં આવે ત્યારે તેનો કોઈ ઉપયોગ નથી હોતો ત્યારે……,માણસ…….,

” પુરુષ  માંથી  બાપ બને છે”

ક્યારેક છોકરા ના સંસારમાં કાટા બનીને,

ક્યારેક આપણી દોશી સાથે
વૃદ્ધા શ્રમની પાંગત બનીને,
ઘણા જ ભાગ્યશાળી હોશું તો

પૌત્ર- પૌત્રી સાથે ચાર દીવસ રમીને,

આપણા નશીબ માં કાઈ પણ હોય
તો પણ ભાવી પેઢીને અનહદ પ્રેમ
અને આશીર્વાદ દેતા,
ક્યારેક તો શરણે જાય ત્યારે…માણસ……,

” પુરુષ  માંથી  બાપ બને છે”

*******

થનગની રહ્યા છે પથ્થર હાથથી છુટવા માટે
અનાયાસે સામે જો દર્પણ મળી જાય તો

–      કેતન ગઢવી

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બની ગયો છુ હું જાણે પત્તા નો મહેલ,
જરા હવા આવે ને ભાંગી પડુ છુ.

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જિંદગીમાં જે અધૂરી ઝંખના રહી જાય છે,
થોડું જો ચિંતન કરો તો એ કવિતા બની જાય છે..!!

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કોઈ આપણને પીડા આપતું હોય ત્યારે સમજવું કે તે પોતે અંદર થી પીડાય છે..!

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હું મૌનમાં દબાવેલો દારૂગોળો,
અને

તારું સહેજ મલકવું એ દીવાસળી….

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એક દીવસ મને મારા નસીબ પર ખુબ રડવાની ઇચ્છા થઈ,

પણ આશ્ચર્ય ની વાત છે,કે

એ દીવસે પણ નસીબે મારો સાથ ના આપ્યો.

*******

હવે આગળ કશે રસ્તો નથી, એ પણ હકીકત છે…

હું પાછો ક્યાંયથી વળતો નથી, એ પણ હકીકત છે….

*******

વર્તમાન નબળો હોય….
ત્યારેજ ભૂતકાળ યાદ આવે છે.

*******

જ્યારે કોઈ વ્યક્તિ બૂમો પાડી પાડીને દુનિયાને એવું કહેવાનું શરૂ કરી દે કે મને એકલા રહેવું ગમે છે, ત્યારે સમજી લેવું કે એને એની એકલતા મારી રહી છે.

*******

દુ:ખ આપવાની ભલેને  હોય બધામાં હોશિયારી….
પણ ખુશ રહેવાની ખુદમા હોવી જોઈએ તૈયારી….

*******

” એમ તો કોઈનેય મારો પરિચય નથી આ જગતમાં ;

તારા સ્મરણો ને મારું સરનામું કયાંથી મળતું હશે ? ”

*******

લાગણીથી ખળખળો તો છે દિવાળી,
પ્રેમના રસ્તે વળો તો છે દિવાળી.
એકલા છે જે સફરમાં જિંદગીની,
એમને જઈને મળો તો છે દિવાળી.
છે ઉદાસી કોઈ આંખોમાં જરા પણ,
લઇ ખુશી એમાં ભળો તો છે દિવાળી.
ઘાવ જે લઈને ફરે છે કૈંકજૂના,
પીડ એની જો કળો તો છે દિવાળી.
જાતથી યે જેમણે ચાહયા વધારે,
એમના ચરણે ઢળો તો છે દિવાળી.
દીવડાઓ બ્હાર પ્રગટાવ્યે થશે શું ?
ભીતરેથી ઝળહળો તો છે દિવાળી.

*******

કોઈને હરાવવું એ તો તદ્દન સરળ છે

પરંતુ તમે કોઈને દિલ થી જીતી બતાવો તે મહત્વનું છે….

*******

તારી લાગણીઓ જ મારી માટે છે ” ધન ની તેરસ “,
આમ જ વરસાવજે તારો પ્રેમ  વરસો-વરસ !!

*******

પ્રભુ !
એટલુ દેજો કે
શોધવુ પણ ના પડે
કે
સંતાડવુ પણ ના પડે.

*******

અનુભવ ખુબ દુનિયાનો લઇને હું ઘડાયો’તો…..

ખબર ન્હોતી તમારી, આંખ મુજને છેતરી જાશે.

*******

વાત તારી ને મારી હવે દફન થઈ.

ઓઢણી તારી આખરે તો મારું કફન જ થઈ.

વિપુલ બોરીસા

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જીવવાની મને ખુલ્લેઆમ ટેવ છે…
બસ કોઇ દીલ થી પુછતુ નથી તને કેમ છે.

*******

જીવન રંગીન થઈ ગયું તારા થકી,
હવે રંગોળી પુરવાનું ગમતું નથી…!!

*******

ભલે લાખો હોય દુનિયામાં ચાહકો તમારા સાહેબ..
પણ પ્રેમ તો તેને જ થવાનો જેને તમારી કદર નથી.

*******

મારે તો રોજ ઉજવાય દિવાળી….
જયારે પૂરાય રંગોળી  તારી યાદોની….

💟Rajni💟

*******

મારે તો દિવા જેવું સ્પષ્ટ કહેવાનું…
આમ…તમારા વિના કયાં સુધી અંધારામાં રહેવાનું..?!!!!

💟Rajni💟

*******

કેટલો હું તર્યો તર્યો….
તારી યાદોથી ભર્યો ભર્યો….

💟Rajni💟

*******

પરોક્ષ રીતે
યાદોમાં આવેલી તું
વધારે ગમે.

-આભાસ

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છે તારા ને મારા મિલન ની રાત….

રહેવા દે આજ તું બીજી કોઈ વાત…..

*******

સબંધ એ નથી કે કોની પાસેથી કેટલું સુખ મેળવો છો,

સબંધ તો એ છે કે કોના વીના કેટલી એકલતા અનુભવો છો…

*******

એટલા માટે તો તારાથી દુર રહું છું હું,
તું નટખટ ફુલઝર અને હું અણીશુધ્ધ દારૂગોળો.
– વૈભવ

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છુટતી નથી મારાથી બાંધેલી પ્રણય ની ગાંઠ,

આપણું મિલન થાય એવો તું કોઈ રસ્તો કાઢ…

*******

જોઈને મારી ગઝલ ‘મનહર’ કહેશે એ મને,
એક છાનું દર્દ પણ તારાથી સચવાયું નહીં ?
~મનહરલાલ ચોક્સી

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થઈ શકે તો રૂબરૂ આવીને મળ
ઊંઘમાં આવીને ગોટાળા ન કર

*******

સાવ ખુલ્લા કાગળ જેવી…

આ સાંજ ને તારી આંખો…

*******

કાળી શાહીને, ગુલાબી ગુમાન છે,

જ્યારથી લખ્યું, મેં તારું નામ છે.

*******

સુની મારી  આંખો માં  ભલે, રણ ની તરસ છે. ….
ઝાંખી  ને  જો  ભીતર, ત્યાં  લાગણી  ની  પરબ છે. …

*******

નાની સાઇકલમાં બહુ મજા આવતી
આજે કાર પણ એ મજા નથી આપતી..
હું કેટલો બદલાઇ ગયો છું !

છાસમાં પલાળેલી બ્રેડ પર મીઠું-મરચું નાંખીને
ખાવાથી મળતો આનંદ મેકડોનાલ્ડના બર્ગર કે
ડોમિનોઝના પિત્ઝામાંથી પણ નથી મળતો..

હું કેટલો બદલાઇ ગયો છું !

સાંધેલા ચપ્પલ પહેરીને મોટા ડુંગરાઓ ચડી જતો
પણ આજે એડીદાસના શુઝ ડંખ્યા કરે છે..

હું કેટલો બદલાઇ ગયો છું !

ખેતર કે વગડામાં ઝાડવા નીચે
પાથર્યા વગર પણ ઘસઘસાટ ઉંઘી જતો
ને આજે એસી રૂમમાં પણ સતત પડખા બદલ્યા કરુ છું..

હું કેટલો બદલાઇ ગયો છું !

વેકેશનમાં મામાની ઘરે આખો મહીનો રહેતો
એ મામા માત્ર મારા મોબાઇલમાં સેવ થયેલા છે..
વાત થતી નથી કે મળાતું નથી..

હું કેટલો બદલાઇ ગયો છું !

બે ચાર મિત્રોનો સહવાસ
આખી દુનિયા સાથે છે એવી અનુભૂતિ કરાવતો
અને આજે ફેસબુકમાં હજારો મિત્રો હોવા છતા
સાવ એકલો હોઉં એમ લાગે છે..

હું કેટલો બદલાઇ ગયો છું !

કંઇ ખબર ન પડવા છતાય
મંદિરમાં આંખ બંધ કરીને બેસતો
અને ભગવાનની મૂર્તિ દેખાતી,,
આજે મોટી મોટી ધ્યાન શિબિરો પણ
મનને સ્થિર નથી કરી શકતું..

હું કેટલો બદલાઇ ગયો છું !

અગરબતીની સાથે સાવ મફતમાં આવતા
અતરની સુવાસ દિવસો સુધી આવતી અને
આજે નોટીકાના મોંઘા પરફ્યુમની સુવાસ
બે સેકન્ડ પણ નથી અનુભવી શકતો..

હું કેટલો બદલાઇ ગયો છું !

ઠીકરાની પાટી અને માટીના પેનની મઝા
આઇફોન અને આઇપેડ પાસે સાવ ઝાંખી પડે છે..

હું કેટલો બદલાઇ ગયો છું !

બેંક બેલેન્સ વધવા છતા પણ
દિવસે દિવસે આનંદ ઘટતો જાય છે..

હું કેટલો બદલાઇ ગયો છું !

*******

મારી એકલતાને ઢંઢોળી ગયો
એક જણ મારી ખબર પૂછી ગયો

ઊભા ઊભા ‘બેઠો છું ને ‘એમ કહી
એક જણ આબાદ બસ છટકી ગયો

બોલી નાંખ્યું હોત તો શ્રમ ના પડત
એક જણ ખામોશ રહી હાંફી ગયો

હાથને લંબાવનારાની સમક્ષ
એક જણ બસ હાથ ફેલાવી ગયો

પળ ખુશીની લોકમાં વહેંચી તો લ્યો
એક જણ ટોળું કહી ટોકી ગયો
-પંકજ વખારિયા

*******

મારે ક્યાં તારી હથેળી ની લાંબી રેખા બનવું છે ,
પણ તું એકવાર મારી હથેળી ને સ્પર્શ કરીશને તો મારી જીવન રેખા ચોક્કસ લાંબી થઇ જાશે।

*******

કેટલા ‘અંશે’ તમને પ્રેમ કરવાની આદત….?
કે અમને તો આજીવન ‘પ્રેમી’ રહેવાની આદત……,….

💟Rajni💟

*******

ફાટેલ ગોદડી ફરી સાંધી શકાય છે,
ખોવાઈ છે જે હૂંફ, ક્યાં પાછી લવાય છે ?

અકબંધ આપણાથી તો અહીં ક્યાં જીવાય છે ?
મ્હોરું ઉતારું છું તો ચહેરો ચિરાય છે…

*******

‘હું તને ચાહું છું’ એ વાક્ય
આમ તો બહુ ‘સામાન્ય’ છે…

પણ,
ખુબ ‘ખાસ’ બની જાય છે
જયારે તું મારા ‘કાનમાં’ કહે છે !!

*******

દિકરી જયારે આંસુઓ લુછે ત્યારે એવું લાગે છે
કે જાણે ચોમાસુ રુમાલ લઇને આવ્યું હોય.!!!

*******

ઘાત અને આધાત નડે છે,
રોજ પડે ને જાત નડે છે.
ચાલ ને  સરખે ભાગે વહેંચી લઈએ,
આપણને જે વાત નડે છે….

*******

સમય બદલાય છે ઝીંદગી સાથે, ઝીંદગી બદલાય છે સમય સાથે,

સમય નથી બદલાતો આપણી સાથે, બસ, આપણા બદલાય છે સમય સાથે…….

*******

ન ઘરનું મળ્યું ન બહાર નું મળ્યું,
દુઃખ મુજને આખાય સંસાર નું મળ્યું…!!
ચિરાગ

*******

તે રૂખ બદલ્યું દુઃખ સાથે,
સહુ બદલ્યા દુઃખ સાથે..!!

*******

વિશ્વાસ ની રમત હતી,
મને મારવાની શરત હતી..!!
ચિરાગ

*******

ચાંદની રાત તારા વિના જળહળ તી નથી,
તું છે કે મારા ઘરે કદી વળતી નથી..!!
ચિરાગ ભટ્ટ

*******

તમને જોઈ ભાન ભુલ્યો છું,
સઘળું મારું જ્ઞાન ભુલ્યો છું..!!
ચિરાગ ભટ્ટ

*******

પ્રાણ ગયા પછી શરીર સ્મશાન માં બળે છે.
પણ,
સંબંધોમાંથી પ્રેમ ગયા પછી માણસ મનોમન બળે છે……

*******

સંધ્યા સુરજ ની વિદાયથી ઉદાસ છે,
એટલે જ આકાશ ની આંખો માં લાલાશ છે……!!

*******

હું તારા માં વહેંચાઇ જઈશ
પણ તને કોઈ જોડે નહીં વહેંચી શકું.

*******

રૂપથી અંજાયો નથી,
સ્નેહ થી ભીંજાયો છું…
તું ક્હે પીછો છોડ,
કેમ કહું પડછાયો છું..

*******

હ્રદય નહીં,
તું ધબકે છે મારા મા…!!
ચિરાગ

*******

અંધાર તો નહીં મને,
અજવાળા મા સાથ નથી આપતું કોઈ..

*******

સમય રમી ગયો રમત,
બદનસીબ હતો,
લગાવી બેઠો શરત…!!
ચિરાગ ભટ્ટ

********

ધરતી એના ખોદનાર ને પાણી આપે છે
તો આપણે તો માણસ છીએ, આપણું
“ખોદે” એને આપણે પ્રેમ ના આપી શકીએ?

(અઘરુ છે અશક્ય નથી )

*******

ખભો જોઇએ છે ભાડા પટે, ભાડુ મો માગ્યુ…!!

શરત એક જ…..
માથુ ઢાળુ ત્યારે ધકધક સંભળાવવુ જોઇએ…

*******

પોતાની અસમર્થતા છતાં કોઈ માટે ગમે એ કરી છૂટવાની ભાવના અને શક્તિ એટલે લાગણી

*******

તમારા જ રુપ વિશે ચર્ચા કરું….
પણ તમે જ કહો….શરૂઆત કયાંથી કરું….!!!

💟Rajni💟

*******

પ્રહાર પર પ્રહાર થતો જાય છે,
માણસ તલવાર થતો જાય છે.

*******

પિતા નો પ્રેમ છે લાગણી,
માતા ની મમતા છે લાગણી,
મળવાની ખુશી છે લાગણી,
વિરહ નું દુઃખ છે લાગણી,
પ્રેમીકાનો ઠપકો છે લાગણી,
પ્રેમ નો રણકો છે લાગણી,
મૂંગા પશુ માટેની દયા છે લાગણી,
અચેત વસ્તુ સાથેની માયા છે લાગણી,
મોટાભાઈ સાથેની મજાક છે લાગણી,
બહેન સાથેની લડાઈ છે લાગણી,
કેહવું હોઈ ઘણું પણ શબ્દો ના મળે,
ત્યારે જે આખો થી સમજાઈ એ જ છે લાગણી.

*******

ચાલી છે રુપની ચર્ચા…
કોઇક તમને જોઇ તો નથી ગયું ને..?!!!

💟Rajni💟

*******

આ તો ‘એ’ ની મહેરબાની….
બાકી….હૈયાની લાચારી…..

💟Rajni💟

*******

અજ્ઞાની છું,
અપમાનિત નહી…!!
ચિરાગ ભટ્ટ

*******

જે દિ’ આ હૈયું ધબકાર ચુકી જાશે….
આ ‘રજની’ મફતમાં વેંચાઇ જાશે…..

💟Rajni💟

*******

કાં લાગણી, કે વિરહ, કાં હોય છે વેદના,
મે તો ગઝલમાં મુકી છે. માત્ર સંવેદના.

*******

” હું ના હોઉં, એવી કેટલીય પળ છે !

તું ના હોય, એવી ક્યાં એક પણ છે ? ”

*******

કદીક મુરઝાયેલા ફૂલ ને મન થી સ્પર્શજે,

ખીલી ને ખરવુ ખૂબ અઘરું હોય છે…..

*******

સાલું….આ પણ કેવું….!!!!
આપણને વારંવાર લાગી આવવું….
પણ એમનું ‘પથ્થરદિલ’ જ રહેવું…

💟Rajni💟

*******

મળે છે મુજને હરદમ સહારા જે,
સહારા ને સમજનારા નથી મળતા.
હાર્દ

*******

નથી જળવાતું હવે મૌન મારાથી,
હ્રદયની વેદના એ હદો પાર કરી.
– વૈભવ

*******

ખૂણા જ નહીં, દિશા પણ મારી થશે,
જયારે તેવો દિલ મારા પર વારી જશે..!!
ચિરાગ ભટ્ટ

*******

ન ગોફણ, ન ગિલોલ, ન ગન થી ડરે,,;

બંદો તારા પાંપણના પલકારાથી મરે….

*******

મારે પાસે પ્રેમના નકકર પુરાવા ના માંગ…..
મારા હાલ જોઈ લે….

💟Rajni💟

*******

મારી આંખ માં એના માટે સમ્માન છે,
માતાપિતા જેના માટે ભગવાન છે

*******

છબી જેવી હોય તેવી સમાવી લે તે ફ્રેમ,

વ્યક્તિ જેવી હોય તેવી સંભાળી લે તે પ્રેમ……

*******

વધીને તો હું રોજ એમના ચરણો માં શીશ જુકાવીસ,
ખબર નહિ,માબાપ નું ઋણ ક્યાં જન્મે ચુકાવીસ

*******

કોના નસીબમાં શું છે એ કોણ કોને સમજાવે ,
રોજ હીબકા ભરતી આ લાગણીઓને,
નસીબની ઓળખાણ કોણ કરાવે !!

*******

સાદગી આપણે રાખશું કેટલી ?
ચોપડી પર કરચલી હશે એટલી .

કવિ જલરૂપ
મોરબી

*******

કોઇ કહે આવી હશે,
કોઇ કહે તેવી હશે,
તું જેવી હશે તેવી,
મને ગમતી હશે…
…..અલ્પેશ મોણપરા…

*******

સમજે  છે  તું તોયે અનજાન બને છે,
સમજી જાને આ દિલ વેરાન બને છે.

~શહાદત

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દિલ માં જેના  પ્રેમ ની ખાણ છે,
મારા પ્રેમ થી એ જ અજાણ છે

*******

અધૂરા સપના….
તારા વિના…
હમેંશા અધુરા જ રહેવાના….

💟Rajni💟

*******

હું થોડો શરીફ શુ થયો !
આખું શહેર બદમાશ થઈ ગયું ! !

*******

ચકાસ્યા ધ્યાનથી સંબંધના ખાતા નવેસરથી..
થયું નક્કી..
જમા કરતાં ઉધારે રંગ રાખ્યો છે..!

*******

આઘાતોની વસ્તીમાં છું,
હું ઈશ્વરની દ્રષ્ટિમાં છું.
આખાબોલો માણસ,
તેથી મોંઘો તોયે પસ્તીમાં છું.

*******

અહલ્યા બની ગઈ છે બધી લાગણીઓ  ,

જો કોઈ ને રામ નજરે પડે તો કહેજો  !

*******

મારી જિંદગી માં તારા સિવાય બધું જૂનું થતું જાય છે.

*******

હું  ખાલી બરફ નથી….બરફની આગ પણ ધરાવું છું….
મળે જો લાગણી તો પીગળેને પણ બતાવું છું….

💟Rajni💟

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યાદ કરનાર ભૂલ્યા છે આજ,
વાત કરનાર ચુપ કેમ છે આજ,

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દિલ માં થોડીક તો ચાહત રાખો,
ગરીબ સાથે ભક્તને રાહત આપો,
ચિરાગ ભટ્ટ

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ખોટા નાં પગે ખુંદાઈ રહ્યો છે,
વિશ્વાસ આજે લૂંટાઈ રહ્યો છે…!!
ચિરાગ ભટ્ટ.

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જયારે સ્વાર્થ નો સંબંધ સુકાઈ ગયો,
ત્યારે સાચો દોસ્ત પરખાઈ ગયો

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તારે દિલ થી રમવું હોઇ તો રમી લે હજું,
તને પ્રેમ થાશે તું પછી રમી નહી શકે….
….અલ્પેશ મોણપરા. …

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રોજ મળિએ કે નહી શું ફેર પડે છે,
કદર ક્યાં જમાનો આમેય કરે છે!!..
…અલ્પેશ મોણપરા …

*******

જેમ દરેક માણસ બધા માટે સારો નથી હોતો,

તેમજ તે બધા માટે ખરાબ પણ નથી હોતો.!!!!

*******

જિંદગીમાં જે ખોવાઈ જાય, એજ
કેટલું મહત્વ નું હોય છે,
નહી ?
જેમ કે,
આ વિતેલું વર્ષ અને તું …

*******

મારી શોધ ….

ભટકતો રહું છું
એની શોધમાં
અને દરીદ્રતા જો..!
મારી શોધ
પુરી થાય છે ને
હું ખોવાઇ જાઉં છું…jn

*******

પ્રેમ એટલે…

તારી સંવેદનાઓમાં મારા અહેસાસોને ભેળવી આંખોના રસ્તેથી મનના મહેલમાં રહીને તારા હ્રદયની રાજધાનીમાં મારુ રાજ…

પ્રેમ એટલે…

તારી સંવેદનાઓમાં મારા અહેસાસોને ભેળવી આંખોના રસ્તેથી મનના મહેલમાં રહીને તારા હ્રદયની રાજધાનીમાં મારુ રાજ…

પ્રેમ એટલે…

તારા દિલની દોરનું મારા દિલ સાથેનું એવું ખેંચાણ કે તું તારામાં ના રહે ને હું મારામાં ના રહું બન્નેનું જગત એકાકાર બની જાય….

પ્રેમ એટલે…

તારું મન ભરીને મારા આલીંગનમાં મન ખાલી કરી ક્યાંય સુધી તારા જગતને મારામાં એકાકાર
બનાવીને રહેવું..

પ્રેમ એટલે…

જ્યારે તું કોઇકની સાથે વાત કરે ને મારુ તારા મૌનને સાંભળવા સતત તારી આંખોમાં તને જોયા કરવું….j

પ્રેમ એટલે…
મારા હાથનો તકીયો બનાવી બાહોની રજાઇમાં વિંટળાઇને રાતભર એકબીજા ના રહેતાં એકાકાર  બનીને સુવું…

પ્રેમ એટલે…

હું ઓફિસેથી ઘરે આવું અને કોઇ ખુશ ખબર સંભળાવું ને અચાનક તું દોડીને મારા ગળે વિંટળાઇ મારુ મોઢું મીઠું કરાવી ક્યાંય સુધી એવા એક અનન્ય  જગતમાં એકાકાર બનીને ઝૂલતી રહું….
પ્રેમ એટલે….

રોજ સવારે કબાટમાંથી તું જે કપડા બહાર મુકુ ને મારું હોશે હોશે એને પહેરીને મલકાતા રહેવું…

પ્રેમ એટલે…

હું જ્યારે સાંજે ઘરે પાછો આવું તને જોતાજ એક નવું જોમ, એક નવી તાજગી, એક નવી સ્ફુર્તિનો મારામાં જનમ…

પ્રેમ એટલે…

સતત કોઇને કોઇપણ જાતની અપેક્ષા વિના બસ આપ્યાજ કરવાનો આ જગતમાં થતો વ્યવહાર…..

પ્રેમ એટલે…

એક નાનકડા કોડીયામાં દીપ પ્રગટતો હોય, હજારો માઇલની ઝડપથી વાયરો વાતો હોય, તેમ છતાં એ દીપક નહિ બુજાય આવો અડગ વિશ્વાસ….
પ્રેમ એટલે…

શબરીએ કરેલા એઠાં બોરને જાણતાં હોવા છતાં હોશભેર ખાવા ને તૃષ્ટિનો આસ્વાદ માણવો….

પ્રેમ એટલે…

મારી તમામ તકલીફોને ભૂલી તારા એક એક અરમાનોને પુરા કરવા અથાગ બનીને મારું મથવું….

પ્રેમ એટલે…

તારી આંખોમાંથી સતત એકધારા આંસુઓ વહેતા હોય, ને એ જ સમયે તારી સામે હું આવું ને એક બુંદ મારી આંખમાંથી છલકે ને બીજી જ પળે મને આલીંગનમા ભરી તારા આનન પર એક સ્મિતનું રેલાવું….jn

*******

પ્રેમનું માપ….

આમ શું વળી
રોજ રોજ પૂછ્યા કરવાનું
મને કેટલો પ્રેમ કરે છે..!!
એકવાર કહ્યું છે ને
મને બસ ચાહવાની
આદત છે માપવાની નહી..!
તેમ છતાંય માપવોજ હોય
મારો પ્રેમ તારા જગતમાં
તો ચાલ આંખ બંધ કર
તારા રોમે રોમ કહેશે….jn

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આંખોમાં એવી પવિત્રતા જોવા મળે,
જાણે કોઇ ગોખમાં ઘીનો દીવો બળે.

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પગલા ની નિશાની જોઈ એક
સરનામું લખ્યું વાત વાત મા
અજાણ્યે મેં તારું નામં લખ્યું

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જેની વચ્ચેથી વહે છે પ્રેમનો એક જ પ્રવાહ,
એ નદીના બે કિનારા, એક તું ને એક હું.

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આજે કંઇ અધૂરુ છે તારા વગર,
શું તારુ પણ એવુ જ છે મારા વગર ?

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ચુંબન….

જ્યાં થયુ ચુંબન, અચાનક શ્વાસ ભટકી જાય છે..
હોઠના દ્વન્દ્વ વચ્ચે ધબકાર અટકી જાય છે…

સ્પર્શ જો મળશે મને આ આગવો તે અંગનો..
આ બદનમાંથી હજારો  વોટ ઝટકી જાય છે…

પ્રેમના એકજ ડગે અધિરાઇ ભાંગી ઓષ્ઠની..
જાય મળવા આ અધર, ને કોઇ પટકી જાય છે…

સૂર છેડાયો મધુર જો હારમોનીયમ રમે..!
એક હળવા સ્પર્શમાં તો સાવ બટકી જાય છે…

હોઠની હળવાશ, આળસ આંખની શરમાય છે..
આવરણ હૈયાનુ એકાએક છટકી જાય છે…

હું કહું, આજે શરમ તારી તને જો રોકશે..!!
ત્યાં જ તું આલીંગને મારાજ લટકી જાય છે…

સિંચને આમજ હ્રદયની સોળ  માદકતા ભળે..
આ જગત જગદીશનું, લે આમ ભટકી જાય છ…jn

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તે કરી ચોરી અને…
ધરપકડ મારા દિલ ની  થઈ ગઈ..

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પ્રેમનું પલ્લું તો સદાય પ્રિયા તરફ નમતું રહેવાનું,,,,,,

અણગમતું હોય લાખ,ભલેને,તોય એ તો દિલને ગમતું રહેવાનું.!

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શરમાઈ ને જયારે એની પાંપણ ઝુકી જાય છે,
એની બંધ આંખો પણ દિલ માં ખૂંચી જાય છે

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કોમળ હૈયાના સાર છે જુદા-જુદા,
જ્યારે મળે છે બે હ્રદય જુદા-જુદા,

તડપ તલપ ને છે હૈયામા હામ,
દુનિયાથી આ વ્યવ્હાર જુદા-જુદા,

અકબંધ જોડાયેલા અવિરત વહેતા,
ભલેને હોય હૈયાના તાર જુદા-જુદા,

કઈ દિશાથી ફુંકાય કોને છે ખબર?
બનતા સબંધ ભલે રસ્તા જુદા-જુદા,

લખે છે “જીગર” પંક્તિમહિ એટલું,
વાંચો ફરી છે બધે ભાવ જુદા-જુદા…

જીગર રાજપરા “સખી” 6-10-15..

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ઘણી દવા લગાડી હવે થાક્યો છું,
આ પ્રેમ નામનું ગુમડું ક્યારે મટશે??

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લખી-લખીને તો એના માટે મે ખૂબ લખ્યું…
પણ ફાયદો શું???
એના ફોનમાં તો ગુજરાતી સર્પોટ જ ના થયું.

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વાટ મારી પણ જુએ છે કોઈ, એવું માનવા,
મારા ઘરના બારણે મેં ચીતરી લીધા નયન.

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મને ફરી એક રેતી નું રણ ભીંજવે છે  .
આજે ફરી તારું સ્મરણ  ભીંજવે છે …

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હવે થાકી ગયો છું આ ટોળામાં,

ઓ રાધા તું સુવાડી દે ખોળામાં……..

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ક્ષણિક આવે
તારી યાદને
આખો દિવસ
હું ફૂલ જેમ
મહેકતો રહું છું

‘નિરાશ’
અલગોતર રતન

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ક્ષમતા ક્ષણિક ભંગુર છે.
તું ખુશ રહે,માત્ર એ મંજુર છે.

વિપુલ બોરીસા

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આવો તો તમને ગીત સંભળાવું વાંસળીમાં,

મુઠ્ઠી જેવડું દિલ મારૂં ગાઇ રહયું છે પાંસળીમાં.

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મિત્રતા પછી પ્રેમ થઇ શકે છે,
પણ પ્રેમ પછી મિત્રતા નથી થઇ શકતી,
કેમ કે દવા મુર્ત્યું પેહલા અસર કરે છે
મુર્ત્યું પછી નહી.

*******

શબ્દોની નોંધપોથી માં ના
હજારો શબ્દો માં
કોઈક શબ્દ કેટલો મીઠો બની જાય
જયારે  કોઈક નાજુક હોઠ વડે બોલાય
“પપ્પા  પપ્પા”

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હા બેશક હું એક દિવાનો છું,
તું શમા છે તો હું પરવાનો છું,
તું મદીરા છે તો હું પયમાનો છું,
જો તું પ્રાણ છે મારા જીવનનો તો હું પણ તારો પ્રાણવાયુ છું.
– વૈભવ

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ભર નીંદરમાં હતો
શમણું જોતો હતો
ત્યાં સપનામાં જ
કવિ કાલિદાસ પ્રગટ થયા
મને હળવેકથી
પૂછ્યું ?
કવિ જલરૂપ તારું નામ છે?
મેં
હા પાડી
કવિ કોને કેવાય
હસતાં હસતાં ઉતર આપ્યો
નિજાનંદ મસ્તી , અને
દેશ,
માટે લખે તે સાચો કવિ .
એક કવિએ બીજા કવિને
આશીર્વાદ આપી જતા રહ્યા .
સવારે પથારીમાં
કવિતાના શબ્દો પડ્યા હતા.

કવિ જલરૂપ
મોરબી

*******

મોકલું છુ મીઠી યાદ ક્યાંક સાચવી રાખજો,
મિત્રો અમૂલ્ય છે યાદ રાખજો,
તડકા માં છાયડો ના લાવી શકું,
પણ ખુલા પગે તમારી સાથે ,
ચાલીશ એ યાદ રાખજો…

*******

“કોઈ સમજાવશે …
આ સ્વપ્ન ના સ્ક્રીન શોટ કેમ લેવા”??

*******

સ્ક્રીનશોટ સપના ના પણ લઇ શકાય છે,
જ્યારે મનગમતું કોઇ સ્વપ્નોમાં આવી જાય છે.
– વૈભવ

*******

માણસ ની પોસ્ટ ને લાઇક કરવી સરળ છે ,
માણસ ને લાઇક કરવો અધરો છે…..

*******

તું પાણી પીઇ લે થોડુંક ,
લોહી ખારું હોય છે થોડુંક,…
….અલ્પેશ મોણપરા …

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મેં હજી તો તારા નામનો પહેલો અક્ષર લખ્યો

ત્યાં તો કલમે આખ મારી,
મારી છેડતી કરી ..

*******

ઈન્તજારમાં બિછાવી છે મેં પાંપણો,
હ્રદય ધડકે છે સતત તમારી યાદમાં,
ઝંખે છે રોમ રોમ કાયમનું મિલન,
ખુશ્બૂ સમાઈ જાય જેમ ગુલાબમાં.

*******

પ્રેમ હમેંશા સ્વભાવ ને અનુભવી ને થાય છે !
ચહેરો જોઈ ને તો ફક્ત પસંદગી થાય છે !!

*******

આપ અથવા આપની જો યાદ તડપાવે નહિ,

તો પછી આ જિંદગાનીમાં મજા આવે નહિ.

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પાંદડું તાળી પવનને આપે છે,
ઝાડ પર જાણે રાસ લાગે છે.

સ્નેહ ઓછો નથી કોઈનો પણ,
એક જણ કેમ ખાસ લાગે છે?

*******

મનની તરસ વિશે તમે મને પૂછો નહીં,
દરરોજ હોડી લઈને મૃગજળમાં જાઉ છુ…

*******

આઇ લવ યુ સો મચ….

આજે તો ગમે એમ પણ કહીને જ રહીશ..
ઇશારાથી પણ તને સમજાવીને જ રહીશ…

લખીને લાવ્યો  છું નામ તારું હથેળીમાં..
વરસોની ચાહત છે, જતાવીને જ રહીશ…

યુગ યુગ સુધી ગવાશે ચાહતના કિસ્સા..
સોળે શણગાર તને સજાવીને જ રહીશ…

મન મારી ક્યાં સુધી જગતમાં  એકલો રહું..!
ચકાસીલે પંક્તિને હવે જણાવીને જ રહીશ…jn

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એમ લાગશે કે કૈક તો આપણુ છે…
ઝખ્મો ને સાચવો…..
સંભારણું છે….!!!

*******

દીકરી માટે કઈ
નહિ લખી શકું….
મારો મોબાઈલ
વોટરપ્રૂફ નથી….!!!

*******

છોડ તારા વ્હાટ્સએપ ના ગ્રુપ,
માણ મસ્ત મૌસમ નું રુપ,
કર તારા ટ્વીટર ને ચુપ,
સાંભળ મીઠી કોયલ ની કુક,
ફેંક બધા ફેસબુક ના લાઈક,
સાચુકલી વાત કર ને કાંઈક,
છોડ ને અલ્યા ટીવી નો છાલ,
નિહાળ ભીના ફૂલો ના ગાલ,
મૂક હવે લેપટોપ ની લપ,
કર ચા ની ચૂસ્કી પર ગપસપ,
બંધ કર હવે મોબાઇલ ની ગેમ,
વાંચ હૈયા માં છલકાતો પ્રેમ,
બસ એટલું તું સમજી જા યાર…
જીવન છે ટચસ્ક્રીન ની બહાર…

*******

હું તારો પડછાયો હતો, તને હશે ભૂલવાની ટેવ પણ મારો પડછાયો રહશે સુઃખ દુઃખ માં હંમેશા તારી સાથ.
– Jaydeep Dave

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કેવી મહેફિલ કેવી વાત, તમારા ગયા પછી
કરતો રહ્યો છું ફરીયાદ, તમારા ગયા પછી

ચાંદ ગયો,પૂનમ ગઈ,ગઇ મખમલી રોશની,
હવે ફક્ત અમાસ ની રાત, તમારા ગયા પછી

–  સેંડી

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બે વસ્તુ બધાને બહુ નડતી હોય છે,

ખુલ્લી આંખે જોયેલા સપના અને હકીકત સામે કરેલી બંધ આંખો.. ……..

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હું નથી કંઇ, તું નથી કંઇ, સાથનું અસ્તિત્વ છે,
ક્યાંકથી એવી સમજ આવી ચડે એ પ્રેમ છે.

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આંગળીઓ પરબીડિયા ની જેમ વાળી દીધી મે,
માંગ એની ભરેલી જોઈ હથેળી સંભાળી લીધી મે…

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માંગવાની ટેવ ઈશ્વર આજની થોડી છે તારી,
જોઈએ તે માંગી લે ને, બોલ શું આપું વચનમાં.

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સુની મારી આંખો માં ભલે, રણ ની તરસ છે. ….

ઝાંખી ને જો ભીતર, ત્યાં લાગણી ની પરબ છે. …

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જ્યારે બે ઘા જિલવા ની તેવડ હોય..

ત્યારે જ કોક ઉપર એક ઘા કરવો..

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જીવનની અગવડો મૃત્યુ પછી પણ એ જ છે બેફામ,
સદા માટે સૂવાનું છે છતાં બિસ્તર નહીં મળશે.

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બે માણસ જ્યારે પાસે આવે ત્યારે પગ કોના ચાલ્યાએ મહત્વનુ નથી,

અંતર કેટલુ ઓછુ થયુ એ મહત્વનુ છે….

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શિયાળાની શીત લહેર માં
જોજે –
તારી લાગણીઓ થીજી ના જાય !

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છોડે છે સાથ હંમેશા જે દિલ ને પ્યારું હોઈ છે,
બાકી એના ગયા પછી ક્યાં દિલ ને સારું હોઈ છે,
હસાવે આખી દુનિયાને,એ ખુબ રડે છે એકાંત માં,
કેમ કે દિવા તળે હંમેશા અંધારું હોઈ છે

*******

મારા – તારા માં કયા મજા છે,
જેટલી આપણા માં મઝા છે !!!

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હિસાબ..બોલ

બોલ મારા જીવનનો હિસાબ કેમ કરીશ..??
આટલા જુના સંબધોનો હિસાન ગણીનાખ લે…

તને કરેલા પ્રેમ અને સ્નેહનો હિસાબ શુ છે..??
એક કામ કર આમાથી રુદન અને હાસ્ય બાદ કર…

આટલા દિવસ સાથે ચાલ્યો એની ગાણતરી કરીને..??
એમા મારો અને તારો સમય બાદ કરી નાખ ચાલશે…

તે વાટ જોઇ હોય એવી પળોનો સરવાળૉ કરી નાખ…
બસ એમાથી મારા ઇંતજારને બાદ કરી નાખ…

હવે ઉજાગરાનો હિસાબ કેમ થશે એ તો કે..!!
અરે હુંતો જાગતો જ સુતો છુ તારી સાથે…

અને હા સમણાનો હિસાબ હુ નહી આપુ તને…
એના પર તો બસ મારો જ અધિકાર છે…

ચાલ હવે બધુ માર ટોટલ અને બાદકર એમાથી…
“જગત” ની સંવેદનાઓ અને હિસાબ બોલ….જગત..jn

*******

જોયુ તુ….

તળાવને કાંઠે એક જહાજ ને ડુબતું મેં જોયું તું…
સાગરના ખોળે એક નાવડું તરતું મે જોયું તું…

નભને ઓલ્યા ક્ષિતીજને અડકતું મેં જોયું તું…
ઝાંઝવાના જળમાં એક પંખી તરતું મે જોયું તું…

આંખોમાં તારી આજ ઉછળતું એક સમણું મેં જોયું તું…
ધબકારમાં તારી ઉછળતું નામ મારું મેં જોયું તું

મૃગજળમાં પાણી પીતું એક હરણ મેં જોયું તું…
બંધ આંખે તારી કલ્પ્નાઓનું એક “જગત” મે જોયું તું..jn…જગત

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મારા Dining ટેબલમાં મારા બાજુ ની ખુરશી રોજ તારી રાહ જોવે છે..

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જોને હું એ પ્રેમમાં પડ્યો..

પડ્યો પડ્યો જોને હું એ પ્રેમમાં પડ્યો..
કિરણોના સ્પર્શમાં બુંદોની જેમ મારામાં જડ્યો…

છાતીમાં નવી કૂપળો ઉગી..
મનદંડીએ વળી એને સીંચી..
મારામાં હું ના મળ્યો, જોને તારામાં જડ્યો…

મન પર સાસન જમાવી બેઠો..
હ્રદયની ધબકાર દબાવી બેઠો..
ખુબ શોધ્યો, છેવટે એ આંસુઓમાં જડ્યો…

વાયરસ બની સુસુપ્ત હતો..
ચેતાતંતુનું ચૈતન્ય ક્યાં એમાં..!!
નિદાન કરતા રક્તમાં એ હાજરમાં જડ્યો…

મારે કાજ તપ્યો આજ રવિ..
લખવા બેઠા “જગત”માં કવિ..
પંક્તિ પંક્તિએ લાગણીઓમાં જડ્યો…

પડ્યો પડ્યો પડ્યો જોને હું એ પ્રેમમાં  પડ્યો..
કિરણોના સ્પર્શમાં બુંદોની જેમ મારામાં જડ્યો…jn

*******

છુટા પડતી વખતે પગ ઉપડવો જ ના જોઇએ…
મુલાકાત માં એટલો વજન તો હોવો જ જોઇએ….

*******

કહી દો મોતને કે ધાકમાં લેવાનું રહેવા દે,
હું એનાથીય અઘરી જિંદગી જીવી ગયેલો છું

*******

મહોબત ન થાય તો કેસ કર મારા પર..
મુદતે મુદતે મળાશે તો ખરું….!!!

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સાચા પ્રેમી પ્રેમ માટે તરસી જાય છે,
માટે એમનો પ્રેમ આંસુ બની વરસી જાય છે

*******

આંખો માં કાજળ લાગે ,અને ઘબકાર પાછો આવ્યો
બસ હવે  મારા નામનો સિંદુર લગાવૉ,
તો શ્વાસ પાછો આવે .

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આટલા દર્દો સહી મને હવે એટલું સમજાઈ છે,
ખુબ લાગણી રાખી માણસ હમેશા પસ્તાય છે

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તમે સમજો છો એટલો સરળ આ રસ્તો નથી,
અને
બધા પાસેથી મળે એટલો ‘પ્રેમ’ પણ સસ્તો નથી

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ખરી ગયા એમને પામવાના સ્વપ્નો મારા,
પુષ્પ બની મહેકી હતી એમને પામવા આ જિંદગી.
– વૈભવ

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પ્રેમ નું પ્રત્યક્ષ સ્વરૂપ એટલે મીરા,
કૃષ્ણ ભક્તિનું પ્રતિરૂપ એટલેએ મીરા,

પ્રેમની શુદ્ધતા એટલે મીરા,
ચરિત્ર ની અણીશુદ્ધતા એટલે મીરા,

જેની ભક્તિ થી કૃષ્ણ થયા તૃપ્ત એ મીરા,
જેના માટે ઝેર નું પણ કીધું અમૃત એટલે.મીરા

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મન મારું મીરા બને જો તું કાન  બની જાય,
હ્રદય મારું રાધા બને જો તું ઘનશ્યામ બની જાય.
– વૈભવ

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ક્રુષ્ણ નુ રુધિર ( લોહી  ) ભક્તિ  થઈ જેના મા વસ્યું એ  મીરા

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જે લય છે
જે વહેતુ ઝરણું
જે પ્રેમ નુ હરણું
જે રાજવાડા ની લાશ
જે હરિજનો ની આશ
જે આત્મા નો પ્રવાસ
જે રોહિદાસનો અવાજ.
તે મીરા…..

*******

“જાણી ના શકે તારા સિવાય…
કોઈ મારા ચહેરા ના ભાવો…
તેથી જ હું મારી
જાતને એકાંત મા રાખું છું..!!!!

*******

અશ્રુઓનું આંખમાંથી બાષ્પ થઈ વાદળ બની;
વિશ્વ આખામાં વરસવું, એટલે મીરાં થવું!

*******

મૂળ પહેલા પર્ણ ફૂટવું, એટલે મીરાં થવું!
બીજ અંદર વૃક્ષ ઊગવું, એટલે મીરાં થવું!

*******

માપી શક્યા નહી તમે પ્રેમને મારા,
મે તો કહ્યું જ હતું મારો પ્રેમ અમાપ છે.
– વૈભવ

*******

જડ એટલે કાનો અને ચેતન એટલે મીરાં !

*******

મુકી ને ક્યાં ચાલ્યા તમે એકલા,
તમારી યાદોમાં શેકાય છે મારા રોટલા.
– વૈભવ

*******

ઘણા લોકો માટે હુ સારો નથી હોતો ..
તમે જ કહો ક્યો એવો દરિયો છે જે ખારો નથી હોતો..

*******

કોઈ કોઈ ને એવી રીતે
પ્રેમ મળી જાય છે
મીરા ઝંખના કરે છે

અને રાધા ને શ્યામ મળી જાય છે

*******

એમના ગયા બાદ જોડેલા હાથ માં પણ બંદગી ન હતી,
શ્વાસ હતો દેહ માં, પણ ઝીંદગી ન હતી !

*******

નહોતું પડવું મારે આ મોહ-માયાનાં બંધનમાં,
પણ તમને જોયા પછી ઇરાદો જ બદલાઇ ગયો…..

*******

છે ફરીયાદ મને પણ જીંદગીથી
પણ જીવવુ છે માટે જતુ કરુ છુ..

*******

આશાનું, ઈન્તેઝારનું, સપનાંનું શું થશે ?
તું આવશે તો મારી આ દુનિયાનું શું થશે ?

*******

તારા માટે લખેલા શબ્દો માં મળે છે બધાની દાદ,
બસ જાણવું છે એટલું કે શું તને પણ છે એ બધું યાદ?

*******

મેં છુપાવ્યા, એ છતા થઈને રહ્યાં
અશ્રુ એની જાત પર જઇને રહ્યાં.

*******

શું આવા જ છે પ્રેમ ના નિયમો??
કોઇ એક વ્યક્તિને ચાહો તો બીજા હજાર વ્યક્તિ ની નફરતથી પીડાવું પડે…

*******

હું શબ્દ સાથે હાથ મા આકાશ લાવ્યો છુ.
હુ ગજલ મા જો દિવાને ખાસ લાવ્યો છુ.
અંધકારે આમ તો ઉજાસ લાવ્યો છુ,
આ નગર ના ચોક મા કઈ ખાસ લાવ્યો છુ…

*******

એના પર કવિતા લખુ એવા મારી પાસે છંદ નથી,
એનુ ચિત્ર દોરી શકુ એવા મારી પાસે રંગ નથી,
કુદરતને કહ્યુ ફરી બનાવ આવી સુંદરતા,
કુદરતે કહ્યુ મજબુર છુ આવા સુંદર બીજા અંગ નથી.

*******

ઘણા લોકો માટે હુ સારો નથી હોતો ..
તમે જ કહો ક્યો એવો દરિયો છે જે ખારો નથી હોતો..

*******

સમય, સ્થાન અને સ્વરુપને જ અહીં મહત્વ અપાય છે,
એક જ મંદિરના બે પથ્થર,
એક પર ચઢે છે જળ અને બીજા પર શ્રીફળ વધેરાય છે.

*******

તારા માટે દિલ માં પ્રેમ ની ખાણ છે,
દુઃખ છે એ વાત નું કે તું જ અજાણ છે

*******

કલ્પનાઓ અને વાદળો ,
દરિયા ના મોજાઓ ,
અણધાર્યા મહેમાન ,
મારી કલમનું પણ કાંઈ આવું જ છે…
~ ~ ~ બાવરીકલમ ~ ~ ~

*******

સમજાતી નથી જીંદગી ની રીત . .  એક બાજુ કહે છે કે ધીરજ ના ફળ મીઠા હોય છે  અને બીજી બાજુ ? સમય કોઇની રાહ જોતો નથી

*******

તને આજ મળવાનો મારો વાયદો હતો
લોક નજરથી બચવાનો કાયદો હતો

*******

લોક નજરથી તને બચાવું કેમ,
તું ચાંદ છે આસમાનનો તને છૂપાવું કેમ?
– વૈભવ

*******

જ્યારે માણસ ને સ્વાર્થ નો મતલબ સમજાઈ છે,
બસ એ જ ક્ષણ થી માણસ બદલાઈ છે

*******

હવે જામશે માહોલ અહીંનો સૌ ખૂંખાર શેર અહીં આવ્યા છે,
લડશે શાયરીઓ એકબીજાની અહીં ઘાયલ થઇ સૌ આવ્યા છે.
– વૈભવ

*******

રાખ તું પણ મારા માટે થોડી લાગણી,
તારી પાસે મારી માત્ર આટલી માંગણી

*******

ધીરજ રાખી મેં ઘણી છતાં આજ હું તૂટ્યો,
આવ્યો એ દિવસ ફરી જયારે આપનો સાથ છૂટ્યો

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એ અલગ વાત છે કે કિનારે ઊભો છું,

પણ એટલું જરુર જાણું છું કે કોણ કેટલા પાણીમા છે.

*******

જિતવી છે દુનિયા,બસ એક મિત્ર ની રાહે છુ….,

મળે છે સુદામા ઘણા,પણ હુ કર્ણ ની રાહે છુ.

*******

“ન આવ્યું આંખમાં આંસુ વ્યથાએ લાજ રાખી છે,
દવાની ગઈ અસર ત્યારે દુઆએ લાજ રાખી છે !”

*******

અમને નાખો તમે જીંદગી ની આગમાં
અમે આગને પણ ફેરવી દઈશું બાગમાં

*******

લઈ જા મારા બધા સપના,
તારી આંખોમાં એક રાત માટે,
તો તને વિશ્વાસ બેસશે
કે હું તને કેટલુ ચાહું છું.

*******

” આવીશ ને ?”
હું અને ચાતક…
બન્ને સરખા….
તે રાહમાં વરસાદની…
હું રાહમાં તારી….
બન્ને અજાણ….
વરસાદ આને તુ આવશો કે નહી ?…..
છતાં પણ…
રાહ જોતા જ…
તરસ છીપે ચાતકની…
એક એક બુંદથી….
મને તો ….
અનરાઘાર જોઇએ…
તુ આવીશ ને ?…..
-દિપા સોની

*******

મને મેઝર ટેપ નહિ
અશ્રુઓ નો લેપ આપ
મારે અંતર નહિ આસીમ
લાગણીઓ માપવી છે !!

આસીમ .

*******

દીકરી એટલે મોરપીંછ ની મુલાયમતા, એમાં રંગ પણ હોય અને  ઉમંગ પણ,
દીકરી રૂપી મોરપીચ્છ પામ્યા પછી કોઈ બાપ કદરૂપો નથી રહેતો.

*******

કેમ કહું મને એ સવાલ કેવો ખુચ્યો,
જયારે દર્દ આપનારે મારો હાલ પૂછયો

*******

વેર માં હમેશા વાંધો હોય છે..
જયારે..
સ્નેહ માં હમેશા સાંધો હોય છે..

*******

ન બાંધશો વેર મારી સાથે અમે વેરી થઈ જશું,
સાપ કરતા પણ વધારે અમે જેરી થઇ જશું.
– વૈભવ

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આંખોમાં વસેલો પ્રેમ એનો છે
નયનમાં લખેલો ઇન્કાર એનો છે
અગર જોઇને મારી આંખો એ સમજી જાય તો ઠીક છે
નહી તો જનમ જનમ નો મને ઇન્તજાર એનો છે.

*******

માફ કરી શકો છો તમે અમને તમે તો ઉદાર દિલના છો,
બસ કંજૂસાઇ તો અમારી જ પ્રખ્યાત છે.
– વૈભવ

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કયાંક એવુ તો નથીને કે
‘લખાય છે લાગણીઓ અને વંચાય છે શબ્દો.

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1 ટીકા

Posted by on નવેમ્બર 24, 2015 માં Hindi Shayari, Poems / कविताए

 

ટૅગ્સ:

Gujarati Shayri & Kavita Part 3


માણસ એક એવો ખજાનો છે,
જેને ન ખોલીએ તો જ મજાનો છે.

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આમ ને આમ તો મારે ક્યા સુધી સેહવુ…

તારુ હોવુ ઓનલાઇન ને મારે એને જોતા રેહવુ…

*******

હથેળી તારા હાથ માં સોપી દીઘી છે જ્યારે;

હવે હસ્તરેખાઓ જોવા ની ક્યાં જરુર છે મારે…!!

*******

એ કાગળા તુ ક્યા છે?
એમની યાદો નુ શ્રાધ્ધ કરવુ છે મારે…

*******

કેવળ દવાથી રોગ અમારો નહી મટે,
સંબંધ પણ ઉમેરો જરા સારવારમાં..!!!

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જુઠા ના પડે ક્યાંક તબીબોના ટેરવાં ,
પ્રેમીની નાડ છે, મામુલી નસ નથી.

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ભાર એવો આપજે કે,
હું જુકી ના શકુ.

સાથ એવો આપજે કે,
હું મૂકી ના શકુ…..!!

*******

નથી હાથમાં એના કે કરે એક તણખલા નું યે સર્જન,

લો લઇ હાથમાં નીકળ્યા એ કરવા તારું વિસર્જન.

*******

પ્રેમ એટલે
‘તમને
ખૂબ જ ગમતી ભેટનું પેકેટ
કોઈ આપે અને
એ પેકેટ ખોલવાને બદલે
તમને એ આપનારની
વાતો સાંભળવામાં વધારે રસ પડે એ પ્રેમ…

*******

હું તો ગમે તેને સંભાળી લઉ છું..પણ,

મને સંભાળી શકે એવી તું એક જ છે..!!

*******

શ્વાસમાં વિશ્વાસ જ્યાં ભેળો મળે.. એ પ્રેમ છે,
આશનો અવકાશ જ્યાં પણ શૂન્ય છે.. એ પ્રેમ છે..
હક, અપેક્ષા, શક, અહમ્ ના પંક ની વચ્ચેથી કોઈ,
પદ્મ સમ નિર્મળ અગર ખીલી શકે.. એ પ્રેમ છે..
બેકરારી વસ્લ માં, પીડા વિરહ માં કત્લની,
એટલું સમજી શકો કે કેમ છે.. એ પ્રેમ છે..
‘તું નથી’ ની વાસ્તવિક્તા કષ્ટ દેતી બંધ થઈ,
શ્વાસમાં, ઉચ્છવાસ માં બસ, તું વહે.. એ પ્રેમ છે..
બાદબાકી તુજ ની, તારાં સ્પર્શ, યાદો, સાથની,
શેષ મારામાં પછી જે પણ બચે.. એ પ્રેમ છે..
શબ્દ થઈ મુજ શ્વાસ માં બસ તું સદા વહેતી રહે,
આ ગઝલ શબ્દો નથી કંઈ, આ જે છે.. એ પ્રેમ છે..
રાત આખી બેકરારી થઈ, મને ડંસતી રહે,
ને સવારે શબ્દ થઈ ચૂમે મને.. એ પ્રેમ છે..

*******

ફૂલ નહિ..
પાંખડી બનીને રહેવું છે,
પાણી નહિ..
ટીપું બનીને રહેવું છે,
નથી વહેવું કોઈની આંખો માંથી આંસુ બની,
બની શકે તો આમ જ
હોંઠો પર સ્મિત બનીને રહેવું છે…
નથી જોઈતા મતલબ થી ભરેલા સંબંધો…
મને તો બસ નીસ્વાથૅ મિત્રો ની સંગાથે રહેવુ છે.
મારે ક્યાં સાગર ની લહેરો બની વહેવુ છે…
મારે તો મિત્રો થી ભરેલા આસમાનમાં ઉડવું છે.
મને તો બસ આમ જ
મિત્ર બની ને મિત્રો સાથે રહેવું છે….

*******

વીતી ગયેલા દિવસો હવે યાદ નથી કરવા

બાકી રહેલા દિવસો હવે બરબાદ નથી કરવા

શુ મળ્યુ અને શુ ગુમાવ્યું
જીવનમાં.
જવાદો ને યાર હવે કોઇ હિસાબ નથી કરવા…

*******

તને લખતા લખતા,

જાત ભુસાઇ મારી…!!
ચિરાગ ભટ્ટ

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કલમ ને વિરામ આપું,
હું દર્દ ને આરામ આપું…!
ચિરાગ ભટ્ટ

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ગોખવા નથી બેઠો કયારેય તને,

છતાં શ્વાસોશ્વાસ ના સોગંધ કડકડાટ યાદ છે તું મને…

*******

પસંદ કરેલી ખોટી વ્યક્તિ,
હંમેશા જીવન માં સાચા સબક સીખવી જાય છે.

*******

મારી આવડી અમથી આંખમાં..હું બેઉને કેમ સમાવું ???
નીંદર કહે હું અંદર આવું…સપના કહે હું બહાર ના જાઉં..

*******

કે એક તણખલું પણ દીવાર જેવું ભાશે છે,
જ્યારે એ તારા-મારા વચ્ચે આવી જાય છે..

*******

તરછોડી ગયા આખર
કંઇક તો સમજદાર તમે પણ નિકડ્યા…

*******

તમારો એ જ સિતમ રહ્યો,
મારા કરતા અન્ય કોઇ ઉત્તમ રહ્યો.

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હું તો માત્ર લાગણી વ્યકત કરુ છુ.
હા લખાણ થી,પણ પ્રેમ તો સશક્ત કરુ છુ.

વિપુલ બોરીસા

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ચાંદ ની જેમ વાદળ માં હજુ છુપાયો નથી.
સાથે જ છું તારા,હજી થયો હું પડછાયો નથી.

વિપુલ બોરીસા

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હવે હું છૂટો-છવાયો રહું છું.
બસ,એના માં જ અટવાયો રહું છું.

વિપુલ બોરીસા

*******

શબ્દ ને મેં પ્રાણ આપ્યાં છે.
એટલે જ જીવતો રહું છું,કવિતા ઓ માં.

વિપુલ બોરીસા

*******

હૈયે તો છુ પણ હોઠે થી
ભુલાઇ ગયેલો માણસ છું
હુ મારા ડાબા હાથે ક્યાંક
મુકાઇ ગયેલ માણસ છું…

*******

100%સચ્ચાઈ કયાં થી લાવવી … !!!
એટલી લુચ્ચાઇ કયાંથી લાવવી … ???

*******

કહો મને કેટલા પથ્થરો નાખશો?
હ્રદયમાં મારા ઠેર ઠેર ખાડાઓ પડ્યા.

*******

હુ તુજ સુધી પહોચતા કદાચ રડી પડીશ
તુટયો છુ એટલો ભિતરથી કે ખરી પડીશ

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દરેક કણ તારા વિના અધુરો લાગે,
તું સાથે તે સમય કેવો મધુરો લાગે.

*******

એવા કયા ઘાવ છે,
જે મેં સહ્યા ન હોય..?

હા,
એવું બને કે, મેં, તમને કહ્યા ન હોય.

*******

તારી ગેરહાજરી એટલે “ફીલ”…

અને તારી હાજરી એટલે “મહેફિલ”…..

*******

દુનિયામા સૌને પ્રેમ કરવા જન્મ લીધો હતો,

એમા તમે જરાક વધારે ગમી ગયા……

*******

ફરીયાદ આપણે શું કરીએ ઇશ્વરના દરબારમાં,

ઇશ્વરને પણ ફરિયાદ છે આપણા વ્યવહારમાં…

*******

તબક્કે તબક્કે તફાવત નડે છે,
મને, માત્ર મારી શરાફત નડે છે,

ઉલેચાય ઈતિહાસ તો ખ્યાલ આવે,
કે સરવાળે, એકાદ અંગત નડે છે ……..

*******

ટૂંકી વાત:
આંખો બંધ થાય
તે પહેલા “ઉઘડી” જાય
તો આખો જન્મારો સુધરી જાય.

*******

જયારે નથી ગમતું,
ત્યારે
ગમતું પણ નથી ગમતું…

*******

તારા બે ચહેરા જોયા પછી આ એકલતા જ પસંદ છે મને,
જે પોતાનો માની કહ્યા’તા કદી… એ શબ્દોનો રંજ છે મને..

*******

‘પ્રસંગે પ્રસંગે મહોરાં ચડે છે,
અસલ જાત માણસ હવે ક્યાં જડે છે ?’

રાસાયણિક લાગણી છે દિલમાં
નિર્દોષ ખીલતા સંબંધો હવે ક્યાં જડે છે ?’

*******

જો બને તો મારાથી દુર જ રહેવું,
ઘણું અઘરું છે પ્રેમ નુ મીઠુ લાગતું દર્દ સહેવુ !!!

*******

દિલ પણ તારું મરજી પણ તારી પણ એક વાત કહું તને મઝા પડશે

એક સોમવારે કામ કાજ માંડી વાળી ને બેફામ રખડ્શું સાચ્ચું કહું મઝા પડશે

બધા રચ્યા પચ્યા હશે કામ માં આપણ ને કોઈ નહિ નડશે સાચું કહું મઝા પડશે

મોબાઇલ બાજુએ મૂકી ને હરજે ફરજે બહુ ફરક પડશે સાચું કહું મઝા પડશે

ખુલ્લી હથેલીયો પર વરસાદી પોરાં ઝીલશું હૈય્યે ઠંડક પડશે સાચું કહું મઝા પડશે

નીરખજે શેરીઓ ને ખુલ્લી નજરો થી તને બાળપન જડશે સાચું કહું મઝા પડશે

પેહલાં પણ જીવતા હતા એવું વર્ષો પછી ખબર પડશે સાચું કહું મઝા પડશે

બહુ બહુ તો શું થશે એક રજા પડશે પણ સાચું કહું મઝા પડશે !!

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કીમત વધતી જાય છે મીત્રોના શબ્દો મા….

લોકર ખોલવુ પડશે મારે પણ હૃદય મા…..!!!

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ગરીયા જેની સાથે ફેરવ્યા હોય
તેને જી-ગરીયા કે’વાય…

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એક વૃક્ષ અપલોડ કરી જુઓ…!!
વાદળોનું ટોળું આવશે લાઇક કરવા…!!.

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પરસેવાની શાહીથી જે લખે છે ઇરાદાઓ..
એમના નસીબના પન્ના કોરા નથી હોતા…

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બુદ્ધિ ને પણ વહેમ થયો છે,
હું જાણું છું એ કેમ થયો છે;
કહું! કોઈને કહેશો નહિ કે,
પહેલી જ નજરે પ્રેમ થયો છે.

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પ્રેમ ની દવા શોધાય તો ઠીક,
બાકી તારા સ્પર્શ જેવુ કંઇજ નઈ.

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આમ તો હવે આખા જગ સાથે લડી જાવ છું,
પણ કોઇ હવે પ્રેમ બતાવે તો ડરી જાવ છું

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મજાક મજાકમાં અમે “ધબકારો” શું ચૂકી ગયા…

એ તો હસતાં હસતાં અમને”સ્મશાન” સુધી મૂકી ગયા…

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જીવન રાખ જેવુ હતુ
પછી સ્મશાને બાળવા ની શુ જરુર હતી

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તુ મને જ્યારે હળવેથી અડકે
લાગે ઉભો છુ સવારના તડકે

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જે મજા‪ ‎લાલ પાણી‬મા છે ,

એ મજા‪ માલ પાણી‬મા નથી મારા વાલીડા . . .

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ટચુકડી વાર્તા

” જે ખીલી ઉચી રહેશે તેના પર ચોક્કસ હથોડી પડશે”….

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એક સત્ય હકીકત..

જે તમારી સાથે વાત કરવાનુ બંધ કરે છે,
એ બીજા પાસે તમારી વાતો કરે છે..

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મનને મનાવીએ તો માની જાય ડાહ્યુ છે બીચારૂ,

પણ પેલી યાદો બહુ નકટી એ મનની કાન ભંભેરણી કર્યા જ કરે…

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એક બાજી જીતવા, બાજી ઘણી હારી ગયો ,

ના મળે કિસ્મત વગર એ વાત, હું માની ગયો….

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તારા ગયા પછી જિંદગી સાથે ખાસ વહેવાર નથી..
દિવસ ઉગે અને આથમે. બીજો કોઇ તહેવાર નથી.

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યાદોની ભરમાર ને બાજુ માં રાખુ છું,
નથી તુ મારી છતા હૈયા માં રાખુ છું….

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ક્યાં લગી કરવા છે તારે પારખા સંબંધના?

લાગણી સાચી જ સૌ દર્શાવે એવી જીદ ન કર

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ફળ-ફુલ બધુ આપ્યા કરે છે છુટથી,

શું આ વૃક્ષને કોઇ વારસદાર નથી ?

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બસ એક જ તુ મારી ના થઈ …. ,
બાકી આ દુનિયા માં તો…
ના થવા જેવુ પણ ઘણું થાય છે..!!

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મારું જીવન જુઓ તો સદાબહાર છે,
જે કંઇ મળ્યું છે એ મારા ગજા બહાર છે.

*******

મીઠુ સ્મિત,
તીખો ગુસ્સો
અને
ખારા આંસુ.

આ ત્રણેય થી બનતી વાનગી એટલે,

“જિંદગી”.

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કાયમ મારે સપનાઓને અધુરાં જ મુકી જવાનું
હે ઇશ્વર, મારું છે બસ આટલું જ માંગવાનું
રાતને થોડી લંબાવામાં તારું ક્યાં કશું જવાનું……

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આમ તો જીવન ની દરેક બાબત માં હિસાબ લગાવા માં પાક્કો જ છું હું
ખબર નહિ આ પ્રેમ અને પ્રેમ ની વાતો આવે છે તો
“અભણ” કેમ નો બની જાઉં છું હું ?….

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હે દોસ્ત, સીધો તીર જેવો કોઈ પ્રશ્ન ન કર,
આ મારો ચહેરો માત્ર ચહેરો છે, કૈં ઢાલ નથી

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રચનાઓનો પડ્યો દુકાળ ….
કારણ ,
એક તો તારો અભાવ
અને
તારા વીના ન રહેવુ એ મારો સ્વભાવ….!!!

*******

નદી ઠપકો આપી ને આગળ વધી ગઈ,
પથ્થર નુ હૈયુ ચીરતી ગઈ..

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ભલે ના સમજે અહી કોઈ તારી ને મારી વેદના ,

ચાલ ને સમજી લઈએ આપણે એકબીજાની સંવેદના..

*******

ક્યારેક કાગળ કોરો છોડી દેવાની પણ મજા છે,
લખેલા શબ્દોમાં ઓળખાઈ જાય છે માણસ….!

*******

કોઈ શાયર કોઈ ફકીર બની જાય
તને જે જુએ એ ખુદ તસ્વીર બની જાય,
ન તો મોસમની જરૂર છે ન તો ફૂલોની
જ્યા તુ પગ મુકે ત્યાં કાશ્મીર બની જાય.

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કહેવત : ” પૈસો બોલે છે ”

બોલતા તો નહીં,
પણ
ચૂપ કરાવતા જોયો છે….!!

*******

કમાલ છે ને
દુનિયા છોડી તમે
દિલ મા વસ્યા..!!
– ચિરાગ ભટ્ટ

*******

કયારેક તારા વગર પણ સાંજ સુંદર લાગે છે મને,

જ્યારે ડુબતો સુરજ તારી યાદમાં ડુબાડે છે મને.

*******

બહુ ચોટ ખાધા કરી માણસ બની,
હાલ થોડો પથ્થર બની જીવી લવું…

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કદી પોતાની વાત વિચારી નહીં,
આટલી બધી સરળતા સારી નહીં.

*******

જમવુ તો માંના હાથનું…
પછી ભલેને ઝેર હોય….
રેવુ તો ભાયુ ભેગુ…
પછી ભલેને વેર હોય….

*******

મૌનની તિરાડમાંથી શબ્દોનું અજવાળું દેખાય,

તમારા અબોલામાં મને મનગમતા શબ્દો સંભળાય !!!

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મુઠ્ઠીમાં કેટલીય ગડમથલ સર્જાણી હશે,
ત્યારે માંડ આ આબરું સચવાણી હશે.

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MOTHER નો “M” જ મહત્વ નો છે…

એના વિના જગત આખું OTHER..

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મન દુઃખો નું મેન્યુફેક્ચરીંગ કરે છે,

જયારે સ્વભાવ અને જીભ એનું માર્કેટિંગ કરે છે

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તારા હૃદય માં રહેતા ના આવડ્યું,
હું છું સાવ સીધો, પ્રેમ કરતા ના આવડ્યું.
ફરી ગઈ તારી આંખો જેમ મને જોઇને,
મને કેમ એ રીતે ફરતા ના આવડ્યું???

********

ચિંતા દેણું અને પ્રેમ કોઈ કરતું નથી…….

પણ થઈ જાય છે. …….

*******

કાગળ પર જ કરતો રહ્યો લાગણી ઓનો મારો

પછી કલમે જ કહી દીધું કે તારું કોઈ નહીં પણ તું આજ થી મારો

*******

તું પણ મને બાળી શકે છે, મારામાં પણ થોડોક રાવણ છે…..

શર્ત એટલી કે તારામાં સંપુર્ણ રામ હોવો જોઈએ.

*******

સુગંધ કેમ ન આવી
મારી તસ્વીર પર હાર તો
સુખડ નો છે.

MV

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લખેલી છે પ્રતીક્ષા કિસ્મતમાં તોય કિસ્મત સારી છે
તારી યાદોમાં વીતતી એકે એક પળ પુંજી મારી છે …

*******

તારા ગયા પછી દિન રાત તડપાવતી તારી યાદનો વારસો મારે નથી જોયતો
કંઈક આપવું જ હોય તો તારા સ્મરણોથી આઝાદી આપ તારા હાથમાં હોય તો….

*******

જીંદગી મારી પણ હતી સુરતી માંઝા જેવી…

સ્વાર્થી લોકો મળતા ગયા અને ગાંઠો વધતી ગઈ…!!!

*******

લઈ આવો ગમે ત્યાંથી મહોબ્બત ના ડોક્ટર ને,,,,

મારા ગ્રુપ માં બધા પ્રેમના દર્દીઓ છે. ….!!

*******

લાગણી આપ
નફરત તો ઘણા
કરશે મને

*******

“સત્ય ની ભૂખ બધા લોકો ને હોય છે ,

પરંતુ સત્ય પીરસવા માં આવે ત્યારે બહુ ઓછા લોકો ને તેનો સ્વાદ પસંદ આવે છે.”

*******

કઠીન ઉજાગરા નોરતાના અમસ્તા થાય નહી,

નકકી તારા પાલવ ના આભલા મને આંજી દે છે.

*******

મળી જો તમારી સાથે આંખ…
થઇ ગઇ અફીણી અફીણી સાંજ….

💟Rajni💟

*******

કોઈકે પુછી લીધુ કેમ વહેલા સુઈ જાઓ છો ગરબા નથી રમતા કે શુ?
કઇ રીતે જવાબ આપુ એમને
કે ,
કોઈક દીલ સાથે રમી ગયુ તો હવે ગરબા કોની સાથે રમુ…..:|:|:|

*******

શું ખરીદવા નીકળ્યો છું
દુનિયાની ભીડ માં,
આજ સુધી એજ ખબર નથી,

પણ એટલું ચોક્કસ જાણું છું કે,

નીકળ્યા પછી બસ વેચાતો જ આવ્યો છું.

*******

કાશ !
હુ સમજી શકું કે ‘તરસવુ ‘ અને ‘વરસવુ ‘
આ બે શબ્દો વચ્ચે એક અક્ષરનો નહી , એક અર્થનો તફાવત છે….!

*******

જ્યારે જ્યારે તારું નામ હોઠો પર રમતું આવે છે,
ત્યારે ત્યારે હોઠો પર ગીત મન-ગમતું આવે છે…

*******

બાવળને પણ એ એક ક્ષણ ગમી હશે ….

કોઇ વેલ જ્યારે તેની તરફ નમી હશે……

*******

ચાલ, વહાલ વાવી જોઈએ,,,

ઉગે છે શું તપાસી જોઈએ..!!

*******

તેમના મુખ ને ચાઁદ ની ઉપમા ન દેશો,
ચાઁદ બહું બહું તો તેના ગાલ પરના તલ જેવો છે…

*******

ધબકતું નથી હૈયું….
કંઇક કાંકરીચાળો કરને….

💟Rajni💟

*******

લે છે… selfi હરઘડી….
કયારેક મનની પણ selfi લઇ લે……

💟Rajni💟

*******

અંદર સુધી ઝાંકવાની આદત ખરી….
બસ…ડૂબવાની બીક લાગે છે…

💟Rajni💟

*******

રૂપથી અંજાઇને આંખો અંધ થઇ ગઈ,
તો એ રૂપ મટીને પછી સુગંધ થઇ ગઇ!

*******

શાયરી ની દુનિયામાં પગલું માંડ્યું ત્યારે ખબર પડી . . .
ગમ ની મહેફિલ પણ ખુબ સુંદર જામે છે ।।

*******

બસ બહાનું જોઈતુ હોઈ છે એને ઝગડો કરવાનું…,

બાકીપ્રેમ તો એનોમારા કરતા પણ વધારે છે…

*******

હુ દુઆ મા માંગતો રહી ગયો
કોઇકે તને ટુટેલા તારા પાસે માંગી લીધી

*******

એવી રીતે તુ અળગી થઇ
મારી આત્મા પણ સળગી ગઇ

*******

મારા સ્વપ્ન ઉપર એ હસી …..
પણ …
મારું સ્વપ્ન જ…. એનું હાસ્ય હતું

*******

મોકલતી ના મને કંકોત્રી હું વાંચી ના શકીશ,
આમેય, હું મારી બરબાદી પર નાચી ના શકીશ…

*******

હીરાકણી થી પણ ના તૂટે તેવુ હ્રદય,
બસ તેની એક ‘ના’ થી તુટી ગયુ.

*******

તરસ છે એટલે તો જીદગી સરસ છે ,

બાકી તો આંગળી ના વેઢે ગણાય એટલા જ વરસ છે

*******

કેમ આટલી વાર પુછે છે કે , શું થયું છે…

નઈ તો હવે સાચુ જ બોલાઈ જશે , પ્રેમ…

*******

તારા પર કવિતા
હું શી રીતે લખી શકું?
તું તો
સ્વયમ
એક કવિતા છે
જે
પ્રકૃતી એ લખી છે!

*******

Recycle binમાં પડેલાં
વીતેલાં વર્ષો
Restore કરી શકે એવું
Software ક્યાંથી મળશે?
Budgetનો
કોઇ Problem નથી!

*******

રહેવા દે ને મુજને…. સાવ અળગો….અલગ….
તું સમજ ને મને થોડો…થોડો…
શા માટે તું બીજા સાથે સરખાવે છે …
શું અલગ ના હોય શકું..? !!!
શું ફેર ના હોય મારી વિચારસરણી….મારા સ્વભાવમાં…? !!!!
જરુરી નથી કે હું બધા સાથે ચાલું……મારો પણ ચીલો નોખો હોય..

હું તો હમેશાં અલગ જ સમજુ છું તને બધાથી..
મારા માટે…
તો પણ આવું કેમ….

મારા એક-એક શબ્દને અડકી જો….તેની લાગણીની ભિનાશને અનુભવી તો જો….

સમજું છું….કપરું છે….જલ્દી સમજમાં નહીં આવે….પણ એક વાર પ્રયત્ન તો કરી જો…..
મને સમજી તો જો…..

💟Rajni💟

********

દર્દની એક જ વિસાત….
એ નહી છોડે….કોઈ પ્રેમ કરનારને

💟Rajni💟

*******

મેં એક ઊંડો શ્ર્વાસ લીધો
અને મારા હ્રદયમાંથી
એ પુરાતન ધ્વનિ સંભળાયો :

હું છું, હું છું, હું છું !

*******

દરિયો જેમ સુનો છે મોજા વગર,
પ્રેમમાં મજા ના આવે સજા વગર,
દવાની કોઈ કિંમત નથી ઈજા વગર,
એટલે તો આજ સુધી કોઈ જીવ્યું નથી એક-બીજા વગર.

*******

ઘણું સારું થયું આવ્યા નહિ, મિત્રો મને મળવા,

અજાણે મારી હાલતની, ઘણાંએ લાજ રાખી છે…!!!

*******

સુખચેનથી રહે છે મુસીબત અમારે ઘેર,

દુનિયાના દર્દ પણ છે સલામત અમારે ઘેર.

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ના માનશો કે તમને કહેવાની મારામા હિમ્મત નથી,

અફસોસ એજ કે તમને લાગણીની કોઇ કિમ્મત નથી.

*******

પ્રેમ કરતા પણ પ્રેમ છે તારા પ્રેમ માં,
જિંદગી સ્વર્ગ ની જેમ છે તારા પ્રેમ માં,
તારા વિના ક્યાંય ના ચાલે હવે તો,
જીવવું મરવું છે તારા પ્રેમ માં.

*******

પુષ્પ પર ડાધો પડે , એ બીકથી…
જીવવાની જીદ , ઝાકળ ના કરે..!!

*******

આખ લાલ કરી સપના જોઇ રહ્યો છુ
તારા વીયોગ મા ઉજાગરા કરી રહ્યો છૌ

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એણે વરસાદ મા પલળવાનો શોખ છે
એને કહો એક વાર મારી આખ નીચે આવે

*******

મારી પહેલી ને આખરી ઈચ્છા
તારી ઈચ્છાઓ જાણવાની છે…!!

*******

એવું નથી કે આપ મને ગમતા નથી
મન મૂકીને ચાહવાની હવે ક્ષમતા નથી..

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હસ્તરેખાઓ સુકાઈ જાય એ સારું નહિં,
કો’કના આંસુ લૂછી એને પલાળી આવીએ.

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ના થતી તેથી દવાની કે દુઆઓની અસર,
ખૂબ પીડે છે એ મનની માંદગીની વાત છે !

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સ્હેજ પણ જ્યાં વહાલની હરફર નથી,

ત્યાં દીવાલો હોય તો પણ ઘર નથી…!!!

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કપમાં ભરીને પીવું છું અફસોસ એ જ કે
તારા કડક સ્વભાવની કોફી ન થઈ શકે

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દૃષ્ટિ મારી પતંગીયુ ને તુ મહેકતુ ફુલ
વસવુ હોતો વસ આખ મા નહીંતર ડાળ ઝુલ

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મોટા ભાગ ના જીવો …. અન્ન, પાણી અને ‘હવા’ ઉપર જીવતા હોય છે.
ધન્ય છે આ કવિઓ ને, જે માત્ર એક ‘વાહ’ ઉપર જીંદગી જીવી નાખે છે.

*******

આંખોને સપનાઓ નો બહુ ભાર લાગે છે
જ્યારથી તું દરેક વાતે આભાર માને છે

*******

દુનિયામા સૌને પ્રેમ કરવા જન્મ લીધો હતો,
એમા તમે જરાક વધારે ગમી ગયા..

*******

તું લાખ ઇચ્છે તોય ના પથ્થર થઇ શકું,
તાસીર છે કપૂરની, બસ ઓગળી શકું . …. …

*******

કયાંક તો એ મોસમની તીથી લખાયેલી હશે..

જયાં ત્રણેય ઋતુ બસ તારા પ્રેમથી ભીંજાયેલી હશે..

*******

મૌન એટલે સૌથી અઘરી દલીલ

જેનો પ્રતિકાર કરવો સૌથી કઠણ.

*******

જીંદગી જીવું છું એના નામનો આધાર લઇ,
નામ પોતાનું મને જે બોલવા દેતા નથી.

*******

લાગણીઓને છુપાવવા કરતા કહી દેવી સારી
ક્યારેક લાગણીને સમજનાર મળી જાય

*******

જીંદગીમાથી એક આખો મહિનો ગયો છે..
અને તમે કહો છો આજે પગાર થયો છે..

*******

એક નજર માં જ હૃદય ભીંજાઈ ગયું ……

બીજી નજર માટે ખુદા ને કરગરતું રહ્યું ….

*******

લખતુ હશે કંઈક કોઈ, કો’કનાં માટે.
પણ હું લખુ છું, બસ શોખ નાં માટે.

*******

લઇ ગંગાજળ એ બધા તીર્થસ્થાન ભમતા રહ્યા,
વૃદ્ધાશ્રમમાં માત પિતાને માંકડ કનડતા રહ્યા.

*******

થીજી ગયું છે એય પણ તારા અભાવમાં;
લોહી હવે વ્હેતું નથી એકેય ઘાવમાં.

*******

તમને જોયાને વર્ષો વીતી ગયા હોય એવું લાગે છે ,
આજ પણ તમારી યાદમાં મારી આ આંખો જાગે છે ,

*******

હૂં એટલા માટે હસુ છૂ કે કયાક પેલૂ ગફલત મા સંતાડી રાખેલૂ આંસુ ટપકી ના પડે..

*******

રસ્તા પર પડેલા ભુવા જોઇને ડરી જવાય છે..
અચાનક ખંજન એમના યાદ આવી જાય છે.

*******

લાગણી છલકાય જેની વાતમાં,

એક-બે જણ હોય એવા, લાખમાં !!

*******

તું મને યાદ ના કરે એજ સારું છે કારણ કે મારી યાદો પણ તને દુખ સિવાય બીજું કશું આપી સકે તેમ નથી

*******

નથી લખાતી હવે મારા થી કોઈ શાયરી
.
લાગે છે પ્રેમ ફરીથી કરવો પડશે મારે…

*******

બાઝી ગયાં છે નકશાનાં જાળાંઓ આંખમાં
સચવાઇ રહી છે આમ તમારા નગરની યાદ..

*******

શબ્દોમાં તરતી સાંજનું ખાલીપણું જુઓ:
આવે છે કોઇ દીવા વગરના ઝુમ્મરની યાદ ?

*******

ન જાણે એમને શું મળે છે મને આમ સતાવીને?
સંતાઈ જાય એઓ સપનામાં એક ઝલક બતાવીને.

*******

એ પ્રેમ પણ વ્યક્ત કરે છે !
ને સાથે વહેમ પણ કરે છે !!!!
હા પ્રેમ જેવું એવું ઘણું બધું જે એ પ્રેમથી અભિવ્યક્ત કરે છે !

*******

સો ટચના સોનાથી ય વધારે શુદ્ધ છે પ્યાર મારો;
વધુ ચળકશે, ચકાસી લો તમે વિરહમાં તપાવીને…

*******

તમારી પ્રીત મળે ને ફક્ત મને જ મળે,
પછી ભલે વધારે નહિ, તો સહેજ મળે………

*******

બસ એક તારો જ ચેહરો જોયા કરું છું..

આ એક જ નશો છે જે આખો દિવસ કર્યા કરું છું..

*******

એક પ્રેમ નો મુકામ છે તારા હાથ માં,
ક્યારેક વિશ્રામ તો ક્યારેક તોફાન છે તારા હાથ માં,
રાધા નો હાથ જોઈને કહ્યું હતું એક જ્યોતિષે,
તું ભલે ગોરી, પણ એક શ્યામ લખ્યો છે તારા હાથ માં,

*******

મને લાગે નહિં ક્યાંય કશું એકલું,
મને મારું એકાંત ગમે એટલું…

*******

સમય જોયને જે લોકોયે મારો ઇનકાર કયૉ છે…..
યે લોકોને ખબર નથી હુ દરિયો છુ સુનામી બનીને પાછો આવીશ.

*******

તુ સપના મા મલ્હાર રાગ
ગાવાનુ રવાદે
સવારે મારી આખ માથી
પુર આવે છે

*******

મને જોઇ નજરને શું સિફતથી ફેરવી લ્યો છો !
તમારી તો ઉપેક્ષા પણ ખરેખર બહુ કળામય છે.

*******

આ તડકો સુગંધીત થઇ ગયો,

નક્કી તારી ઓઢણી કયાંક સૂકાય છે…

*******

પરપોટો દરિયા ની ડંફાસ મારે,

તો એને આપણે કહીઐ પણ શું ?

*******

લીલી ડાળ પાસે ગયો ત્યાં, તે સૂકી બની ઝૂકી પડી,

સંબંધોની આંટીઘૂંટી જાણવા જિંદગી આખી ટૂંકી પડી.

*******

આંખ શું છે ? ઊંડા કૂવાનાં કોરાં પાણી.
સંબંધ શું છે ? ઉઝરડા…ઉઝરડા…

*******

આજકાલ માથે ઓઢે છે જ કોણ ઓઢણી?
કહો પવનને ખોટો ધક્કો ના ખાય તો સારું !

*******

આમ જો કહેવા હું બેસું તો યુગો વીતી જશે;
આમ જો તું સાંભળે તો એક ક્ષણની વાત છે.

*******

પાગલ પ્રીત

યાદનું મોતી સર્જે

આંખને ખૂણે.

*******

ના લખવાના આમ, વાયદા ના થાય….

આ તો લાગણી છે…એમ રોકી ના રખાય….

*******

હા લખુ છુ સારુ હુ એટલુ તો મને સમજાય છે…

એક છે એવુ ઓશીકુ જે રોજ રાત્રે ભીંજાય છે…

*******

હોત તું પથ્થર તો સારું થાત કે,
હું તને પૂજી શકત પૂછ્યા વગર.

*******

વિરહ ની વેદના નો આ બાફ સહેવાતો નથી ,
મિલન ની વાદળી બની તું કેમ વરસતો નથી ??

*******

એમનાથી થોડા દુર જવાની જરૂર છે,.
ખબર તો પડે એમના પ્રેમ નું કવેરેજ ક્યાં સુધી આવે છે.

*******

રૂબરૂમાં એમને એક વાત ના કહી એટલે,
મારે જાહેરમાં ગઝલ રૂપે ઘણું કહેવું પડયું.

*******

તારો છે સંગાથ તો જીવન બહુ વ્હાલું લાગે છે,

તારી વગર મારા શબ્દોને પણ એકલવાયું લાગે છે!!

*******

રેતીના સેતુ પર રચાયેલ અણસમજુ સંબંધને પણ સમજણ થી સાચવે,
તેનુ નામ લાગણી..!

*******

આશા નો એમાં વાંક નથી માનજો એ કલ્પના હતી જે નિરાશા બની ગઈ.

*******

એક ગાલ એનો હદ થી વધુ કાં લાલ છે?

ચુંબન અને તમાચા વચ્ચે લટકતો સવાલ છે

*******

એટલી સસ્તી નથી જિંદગી કે કોઈ ની પાછળ ગુજારી દઉ

છતાં પણ તને જોઈને એમ થાય છે કે ચાલ ને ફરી એક વાર વિચારી લઉં..

********

સંબંધો ના રોટલા આમજ નથી શેકાતા સાહેબ,
સ્નેહના બળતણની સાથે એમાં લાગણીઓની આગ બાળવી પડે.!!!

*******

મને મૂર્છિત કરવાનો
તારો આ આગોતરો પ્રબંધ

એક તો ભારે વરસાદ
ને તારા કેશમાં મોગરાની સુગંધ

*******

સુકાવા નાખી એને ઓઢણી,
લીમડાની ડાળ મીઠી થઇ ગઇ..

*******

આવું તે કંઈ,
હોતું હશે,
હૃદય મારું છોલે છે..
જ્યારે તું ,
શબ્દો તોલી ને બોલે છે…

*******

મધમીઠા મિત્રો મળ્યા છે એટલે
જીંદગી કડવી કદી લાગી નથી

*******

લાગણી મારી સુકાતી નથી,
તડકો બની ને આવ તું.

*******

સપના તારા આવતા નથી,
શબ્દો મારા મને જ ફાવતા નથી.

*******

ખુબ હસ્યો ને ખુબ રડ્યો છું,
પાનખર માફક હું પણ ખર્યો છું.

કલી બનીને ખીલ્યો છું,
તો ફુલ બનીને ખર્યો પણ છું.

નીતનવા ઘા સહેતો રહ્યો છું,
તોય નફ્ફટ બની ને ઉભો રહ્યો છું.

સૌ કહે છે પરાણે જીવી રહ્યો છું,
મીત્ર! હું તો મારી મોજમાં જીવી રહ્યો છું. . .

*******

લીલી ડાળ પાસે ગયો ત્યાં, તે સૂકી બની ઝૂકી પડી,

સંબંધોની આંટીઘૂંટી જાણવા જિંદગી આખી ટૂંકી પડી.

*******

રસ્તો નહીં જડે તો રસ્તો કરી જવાના,
થોડા અમે મૂંઝાઈ મનમાં મરી જવાના ?

*******

જો ને આ મન કેવુ કમાલ કરે છે,

છેતો મારુ પણ તારા માટે ધમાલ કરે છે

*******

માણસ જેટલો ઘસાઈ સાથે એ પણ ઘસાતી જાયછે
મજબૂરી એક પૂરી થાય ત્યાં બીજી લખાતી જાયછે

*******

રીઢા થઇ જાય છે જખ્મો..
જે એકજ જગ્યાએ વાગે છે..

તો પણ હજારો વાર તૂટેલું આ હ્રદય..
લાગણીઓ જ માંગે છે..!

*******

તારી સાથે એવો પણ કેવો સંબંધ છે કે દુ:ખ કોઈ પણ હોય પણ યાદ તો તારી જ આવે..!!

*******

તું…
અને
હું…
અલગ નથી
એક જ છીએ,
ભલે ને પછી ‘એક’ છીએ
એવું બોલવામા પણ
‘બે’ શબ્દ વપરાતા હોય.

*******

પ્રેમ તો જાણે શેમ્પઇનનો ઉભરો…..
જો જે….ઢોળાઇ ના જાય…..

*******

પ્રેમ તો ક્યારનોય એક્સપાયર થઇ ગયો,
હવે તો આંસુ થી એની યાદ અપડેટ કરુ છું.

*******

કયારેક તો મારી મૌનની
ભાષા સમજ
બધુંજ હું કહીશ તો તું શું કહીશ .

*******

રૂપથી અંજાયો નથી,સ્નેહ થી ભીંજાયો છું…

તું ક્હે પીછો છોડ,કેમ કહું પડછાયો છું..!!

*******

અજવાળું ભાળીને થોડો છળી ગયો છું!
આગળના ખાંચામાં ખોટો વળી ગયો છું!

*******

ના મારી આગળ કે ના પાછળ ચાલો ,

ચાહું છું તમારો સાથ ,મારી સાથે ચાલો .

*******

આડી લાઇન મા રહેવુ એ કરતા ઓનલાઈન રહેવુ વધારે સારુ…

*******

સામે હોય તો મૌન રહેવું ને દુર હોય તો હિજરાવું,

આ તે કેવું વળગણ લાગણી નું !પ્રેમ કરી પીડાવું .

*******

જોઇ કાળો તલ ગુલાબી ગાલ પર આમ બઉ હરખાવ નઇ ..
દીલ બળી તણખો ઊડ્યો એનો પડેલો દાગ છે.

*******

પહેલાંના આવકારા મીઠા હતા,
ફળીયાને કંઇ ડૉર-બેલ નો’તા !

*******

જરૂરી વાત હોય તો કહી દો કાન માં,
બરબાદી ની વાત જાહેર માં ન કરતા તમે…

*******

ફળ-ફુલ બધુ આપ્યા કરે છે છુટથી,

શું આ વૃક્ષને કોઇ વારસદાર નથી ?

*******

તારી સમજને સલામ…
હું દિલ નીચોવું…તું status સમજે….

*******

કોઈ ગઝબ ની રચના કરી જાણે છે
.
તો કોઈ રચનાથી ગઝબ કરી જાણે છે..!!

*******

કોઈ જ તસવીર નથી મારા ઘરની દિવાલો પર ;

જે જે વ્હાલા છે મને એ તો મારા દિલમાં વસે છે…

*******

હૂ તારાથી નારાજ થઈસ તો ઍ હદથી થઈસ ,

કે તારી આ સુંદર આંખો મારી ઍક જલક જોવા માટે પણ તરસી જસે.

*******

બાહ્ય શબ્દોમાં કહું હું કેટલી ભીતરની વાત?

મેં તો અંતરમાં જ રાખી છે ઘણી અંતરની વાત..

*******

એક તો પુનમ નો ચાંદ બની દરીયા ની નજીક જવુ,

ઉપર થી દરીયા ને ઠપકો આપવો કે ગાંડો કેમ થયો.

*******

ધારી ધારી ને તને જોઇ છે ક્યાં?
બસ ધારી ધારી ને ધારી છે.

*******

કરવા બેઠો એક વખત હું પ્રેમ ની વ્યાખ્યા,
નેઅંતે બસ એટલું જ લખાયું..
સંપૂર્ણ પણે એ મારી ને સંપૂર્ણ પણે હું એનો…..

*******

ગઝલ ના શબ્દો દીલ ના તાર ને છંછેડી ગયા,
ઘા પર રુજ આવવાની જ હતી, ત્યા પાછો ઘા કરી ગયા. . .

*******

મને સમય હતો ત્યારે મારો સમય ન’તો,
હવે સમય મારો છે ને મને સમય નથી.

*******

હું યાદ કરું કે નહિ એનો વિવાદ રહેવા દે…

બાકી જરૂર પડે ખાલી સાદ કરજે..તારો ભરોસો ખોટો નહિ પડવા દઉં ..

*******

એક આવરણ એવું રહયું….
ના તારું કંઈ રહયું કે ના મારું કંઇ રહયું…….

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લાગણી માં લાગ જોઇ,
ઘા મારી જાય કોઇ.

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સુની મારી આંખોમાં ભલે રણની તરસ છે
ઝાંખીને જો ભીતર, ત્યાં લાગણીની પરબ છે …

*******

સમર્પણ નું ખાતર નાખ્યા વગર પ્રેમ નું વૃક્ષ મોટું થતું નથી..

ભૂલ તારી નથી.. ભૂલ મારી છે એ સમજવું એ જ પ્રેમ છે..!!

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તારા વગર જાણે હું છું જીવતી એક લાશ

પણ તું નથી અને હું કરું છું તારી તલાશ

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રાત્રી નો સમય લખવા મજબૂર કરે છે,
તું કારણ વગર મને તારા થી દૂર કરે છે.

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માણસ ઉતાવળે ભૂલ કરે છે…

ને

નિરાંતે પસ્તાય છે…..

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હું ચલાવી લઉં એમ છું મારા વગર,

પણ જીવવું શક્ય નથી તારા વગર..

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આજે તડકો સુગંધિત થઇ ગયો….

નકકી તારી ઓઢણી કયાંક સુકાઈ રહી છે..!!!

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હું તો ગમે તેને સંભાળી લઉ છું..પણ,

મને સંભાળી શકે એવી તું એક જ છે.

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સ્વપ્ન પણ ક્યારેક કડવું લાગશે,
એ હકીકતથી જો મળતું લાગશે.

*******

કાલનું એલાર્મ
જરા મોડું કરવું પડશે,,
સ્વપ્નમાં તારા
આવવાની આગાહી છે..!!

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તારા વિશે જયારે મે વિચાર્યું નહોતુ
ત્યારે હુ એકલો હતો પણ આટલો બધો નય…….!!!!

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હથેડી તારા હાય માં સોપી દીધી જયારે
હવે રેખાઓ જોવા ની કયાં જરુર છે મારે…!!!!!

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તારો વૈભવ રંગમોલ, ને નોકર ચાકર નુ ધાડુ,
મારે ફળીયે “ચકલી” બેસે, તોય મારે “રજવાડુ”

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કોઈને નહિ પણ કદાચ મને સમજાય છે….

આવે તું યાદ ત્યારે, કેટકેટલું અહીં બદલાય છે….

*******

આ તે કેવો તફાવત કુદરતે કર્યો …

મારુ કોઇ ના થયુ ને હુ હમેશા તારો જ રહ્યો…

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કડવી ગોળીને ગળવાની હોય
ચગળવાની ન હોય,

વેદનાને તો વીસરવાની હોય
વાગોળવાની ન હોય..!!!

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બથ ભરીને ભેટે, એનો કરીએ નહીં વિશ્વાસ
સોપારી ને લઈ બથમાં, સૂડી કરે વિનાશ.

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એટલે જ ખતરો હતો દીલ લગાડવા મા,,
મારા માટે જીંદગી હતી,
ને એના માટે અખતરો..!!

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તારો બની ને રહી ગયો,
કીનારે ને કીનારે વહી ગયો….!!

*******

નોટો ગણવાંમાં ઉસ્તાદ છે આંગળી.

આંસુ લુછવાંમાં જ સાબિત થાય છે “પાંગળી.”

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અઢી અક્ષરનો પ્રેમ બત્રીસ કોઠે દીવા પ્રગટાવે…
પણ અઢી અક્ષરનો વ્હેમ સૂરજને પણ ઠારી નાખે..

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પ્રેમ ની પરિક્ષા નું પેપર અઘરું નિકળ્યું …..

ને મેં દિલ ના ગજવામાંથી કાપલી કાઢી !!

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જીવનનો જુગાર કો’ક દી તો જીતીશ એ આશથી
રોજ એક નવી શરૂઆત કરી લઉં છું !

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સબંધ ક્યારેય મીઠા અવાજ અને રૂપાળા ચહેરા થી નથી ટકતો,

એ તો ટકે છે સુંદર હદય અને ક્યારેય ના તૂટે એવા વિશ્ર્વાસ થી.

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તને દિવસો એવા સોનેરી મળે,
લીમડાની ડાળે પણ કેરી મળે!

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ભાગતી દોડતી ઇચ્છા ઓને ઘર મળ્યુ
જાણે કે મને રણ મા ગુલાબ મળ્યુ
કોઇ મળ્યુ એટલી સાદાઇ થી
જાણે કે મારુ વઁષો જુનુ તપ ફળ્યુ..

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હું તારો એટલોજ સહારો માગું છું..

મારા શ્વાસ માટે તારો હાથ માગું છુ..

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મિલનની એ ક્ષણોનું શી રીતે વર્ણન કરૂં સાથી ?
મજા જે માણવામાં છે, સમજવામાં નથી હોતી !

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નીંદમાં જે સપનાં આવે છે,
એ જાગ્યા પછી સતાવે છે.

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ચંદ્ર ને ઢાંકતા ‘વાદળ’ તો હું હટાવી ના શકું..

લાવ તારા ચહેરા પર લહેરાતી ‘લટ’ ને હું એક ફૂંક મારું.

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મજબૂત છે ખૂબ લાગણી ભર્યું મન મારું ,
ઠોકર મારતા તૂટી ન જાય ક્યાંક હ્રુદય તારૂ .

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અનુભવ ખુબ દુનિયાના લઈને હુ ઘડાયો’તો,

ખબર નોતી તારી આંખ મુજને છેતરી જશે..!!

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રાહ….

એક એમના આવવાની…

રાહ….

એક નજર જોવાની…

રાહ….

ઓળઘોળ થાવાની…

રાહ….

એમના થઈ જાવાની…

બસ ખાલી…

રાહ….

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રાધા ને જો એમ જ મળી ગયો હોત કાન,

તો જગત ને કોણ કરાવત પ્રેમ નું ભાન…….

*******

ચાલ મારુ કિરદાર સમજાવુ,

તુ સ્મરણ કર હુ હાજર થાઉ…..

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વર્ષો પછી મળ્યા તો એણે પૂછ્યું કેમ છો..?

મેં કહ્યું જેમ તારી ઇચ્છા હતી એમ જ છું..

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દગો પરિસ્થિતિ કરે છે !
અને
બદનામ પ્રેમ થઇ જાય છે !

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જીવન પણ ધીમું મૃત્યુ જ છે,
છતાંય કોઇ ડરે છે જીવવાથી?
– વૈભવ

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તમે મને મળો,
ના મળો તો પણ ચાલશે,
એકલતા સાથે મહોબ્બત થઈ ગઈ છે મને.
– વૈભવ

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પર્વત નથી
ઝુકી પણ જાણુ છું
જેમ તરણુ.
-હીનલ મહેતા

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શબ્દોથી ના બાંધો મને હું બેફામ છું,
કોઇની યાદોમાં રડતી હું એક સાંજ છું.
– વૈભવ

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કૈંક વ્યથાઓ હું હ્રદયમાં રાખીને બેઠો છું,
તૂટેલા સપનાઓ સંઘરી રાખીને બેઠો છું

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દર્દ મારું એવડું મોટું થયું,
વૃક્ષ કરતાં પાંદડું મોટું થયું.

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સબંધો માં ડૂબીને રહેતો હું,
આજે ગુમનામ તરીકે ઓળખાવ છું.,

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એમ ના સમજીશ કે હુ રોઈ લઇશ . . .

ઓયે જીંદગી હુ તને પણ જોઈ લઇશ . . .

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તું ખરેખર લાખોમાં એક હોઇશ એમ હવે પ્રતીત થાય છે…

તારા માટે લખેલા મારા શબ્દોની પણ હવે ચોરી થાય છે…!!!

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‘હા’ જ્યાં સુધી હતી તો હતી આપણા સુધી…

પણ ‘ના’ની વાત કેમ બધે વિસ્તરી ગઈ ?

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તારી સ્મૃતિઓ માં પણ હું પાંગરીશ વેલ ની જેમ.
બસ તું યાદો ને જળ આપતી રહેજે.

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જીવન જીવું
છું, ડુંગર ચડતી
કીડીની જેમ.

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આમ અમસ્તો જ નથી હસતો…..
બહુ કિંમતી રુદન ગુમાવ્યું છે….

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થઇ શકે કે લાગણી ન હોય તને મારા માટે,
પણ નફરત તો નથી જ મારા માટે તારા હ્રદયમાં.

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તુ યાદ યા ન રખ

તુહિ યાદ હૈ

યે યાદ રખ

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કોઈને પ્રેમની ખબર નથી હોતી
તો કોઈને પ્રેમની અસર નથી હોતી
બહુ થોડાને મળે છે સાચો પ્રેમ
પણ મળે તેને પ્રેમની કદર નથી હોતી

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પ્રકાર કયો છે મહોબ્બતનો કેવી
રીતે કહું,
કાન ઘેલી રાધા અને રાધા ઘેલો કાન.
– વૈભવ

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ધુળ જેવી છે જીંદગી આપણી આંસુડા
રેડી એમાં કિચ્ચડ ના કર

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કેટલાય પર્વતો તોડ્યા છે
સપનાઓ ના….
એ જીંદગી…
તારા આ પ્રેમે મને તો ”માંજી” બનાવી દીધો…

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જગ્યા પણ તારી ને ખાલી જગ્યા પણ તારી,
તારા સિવાય કયા કોઇથી પૂરી શકાય છે હવે.

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તાપ પણ તારો ને જાપ પણ તારો,
તારા સિવાય માળા કોની જપાય છે હવે …

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વાઈ ફાઈ ના સિગ્નલ માટે મર્યાદીત વિસ્તાર હોય ……
લાગણી ના સિગ્નલો ને સીમાડા ના હોય …

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શબ્દો ખૂટી ગયા,
જ્યારે મારા મૂકી ગયા.

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વલણ જકકી છે….
પતન નક્કી છે….

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સંબંધનો આ કેવો વણલખ્યો કરાર છે ?

મારા સિવાય મારા ઉપર સૌનો અધિકાર છે !!

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મન મરણ પહેલા મરી જય તો કહેવાય નહીં,
વેદના કામ કરી જાય તો કહેવાય નહીં.

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એક સાચું દિલ મળે તો આખી દુનિયા મળે,
એક પ્રાર્થના ફળે તો ઈશ્વરનું સાનિધ્ય મળે.

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મને જ ડંખી,
મારી અપેક્ષા- બની
તારી ઉપેક્ષા!

*******

બરબાદી ના પ્રમાણપત્રો નથી હોતા,
કારણ આંસુઓ ને અક્ષર નથી હોતા .

********

રીત હો કોઇ,
તમને સમજવા,
બતાવો મને…!!

*******

નોટો ગણવાંમાં ઉસ્તાદ છે આંગળી.

આંસુ લુછવાંમાં જ સાબિત થાય છે “પાંગળી.”

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લાગણીનો આયનો મારો ઘણો તત્પર હતો
પણ ખબર ન્હોતી એમના હાથમાં પત્થર હતો.

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તમે આવો ખાલીખાલી….
અમને તો ભર્યુ ભર્યુ લાગે.!!

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એકલતાનું જે ક્ષણે વાદળ છવાયું હોય છે…
એ સમયે તારી યાદ પ્રાણવાયુ હોય છે

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એણે મને પૂછ્યુ કે પ્રેમ શું છે ?
મલકાતા મુખે મે ક્હ્યુ બસ !
હું છું ને તું છે …

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ખુશ રહું એેનો અર્થ એ નથી કે કોઈ મજબૂરી નથી,
ધ્યાનથી જો જરા આંખો મારી સાવ કોરી પણ નથી…

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અંતે નથી કામ કોઈ દવા નું દુઆ તો કરવા દે ….

એક નાસ્તિક ને પ્રેમ માં આસ્તિક તો થવા દે….

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ઉઠાવીસ કેમ આ ભાર તારા માસુમ ખયાલોનો,….

નથી મળતો મને જવાબ તારા મોંન સવાલોનો….

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અજાણી પ્રીતના એકાદ અધકચરા ભરોસા પર,
હૃદય રમતું મૂકી દીધું અકસ્માતોના રસ્તા પર.

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સરનામું મારું જાળવી રાખજે બરાબર સાચવીને;
સહુ કોઈ છોડી જશે, ત્યારે એ જ તને કામ આવશે!

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ખુદા તારા બંધારણ માંથી
ક્યારેક “જમાનત” મળવી જોઈએ

પ્રેમ માં પડેલા ગરીબ ને પણ
“અનામત” મળવી જોઈએ:

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સ્મિતની પ્રસ્તાવના માં ઈશ્વરે એવું લખ્યું
માણસે મન મૂકીને ક્યાંક રડવું જોઈએ

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દર્દ સહી સહી ને ગઝલો લખાય છે,
ગઝલો લખી લખી ને દરદ રૂઝાય છે.

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આંખોથી હું તને સ્પર્શી શકું તો કેવું ?
ટેરવાથી હું તને સમજી શકું તો કેવું ..?

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મારુ તો કામ જ છે લાગણી ઓ વેચવાનુ..
તમારા ઉપર છે કે તમે કેટલી લઇ શકો છો..

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તુજને નિહારવાનો મોકો ખોઇશ નહિ…
પણ નજર લાગે એમ જોઇશ નહિ..!!

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ફક્ત એક જ ટકો કાફી છે, પૂરતો છે મહોબતમાં,
ને નવ્વાણું ટકા બાકીના ખર્ચી નાખ હિંમતમાં.

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રોજ છુપાઈ ને હવે મારે નથી જોવા તારા નખરાં,
પછી કાગળ અને કલમ મારા નથી રહેતા સખણા,

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ખૂટતું રહ્યું કૈક નજીકના સગપણ માં …..
હશે નક્કી કઈ ખોટ મારા સમર્પણમાં ….

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લાગણીઓના દરવાજા આમ બંધ ના કરો,

ચાવી વગરનાં તાળા ખોલતા અમને પણ આવડે છે…

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ફક્ત દિલ ની સફાઈ માંગે છે
પ્રેમ ક્યાં પંડિતાઈ માંગે છે. .

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બધા નથી સમજી સકતા આ જમાનાની રાહને,
એટલેજ નાસમજ સાચો પ્રેમ કરી બેસે છે.

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માણસ પાસે બહુ રૂપિયા થઇ જાય એટલે

માણસ બહુરૂપિયા થઇ જાય છે … !

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તું વરસાવે
વહાલ નું એકાદ ઝાપટું…

તો હું જીવી લઉં
ઘણું બધું એક સામટું…

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હું ક્યાં કહું છું કે મને પ્રેમ કરવા દે
મને પ્રેમ છે એવો વહેમ તો કરવા દે

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આ પ્રેમ બહું જ પજવે છે,,
જોને, છાનોમાનો કરુ છું..
તોય ગામ આખું ગજવે છે..!!

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હાથમાં છે એય સચવાય એવું નથી,
આ નસીબનું તાળું ખોલવા જેવું નથી.

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આખી જીંદગી ધાર કાઢ્યા કરો તલવારની,

અને છેવટે સોયથી કામ પતે,
એમ પણ બને…

*******

કેટલું થાકી જવાતું હોય છે, પણ શું કરું?
ઈચ્છાની ઓફિસમાં રવિવારે રજા હોતી નથી.

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તારા મુખની શોભા વધારતો આ કાળો તલ,
જાણે પર્ણ ઉપર ઉપસી આવેલું ઝાકળનું બુંદ.

*******

ભીતરમાં ધરબી રાખેલી એક વાત
સાવ અજાણી નીકળી….
તારી જેમ….

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દગો પરિસ્થિતિ કરે છે !
અને
બદનામ કિસ્મત થઇ જાય છે !

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પોતપોતાની રીતે સૌએ માપ્યાં,

લાગણીને જ્યારે મે શબ્દો આપ્યાં.

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હું તમારો મિત્ર છું એ મારૂ ભાગ્ય છે.

પણ તમે બધા મારા મિત્રો છો એ મારૂ સૌભાગ્ય છે.

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દોસ્તીમાં આવતા અવ્વલ નંબરે ને,
પ્રણયમાં અમે સાવ ઠોઠ હતાં 😐

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તારા ગયા પછી જિંદગી સાથે ખાસ વહેવાર નથી..
દિવસ ઉગે અને આથમે. બીજો કોઇ તહેવાર નથી.

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વર્ષો તારી પ્રતીક્ષા કરી એ શું તપશ્ચર્યા નથી ?
એ વાત જુદી કે પાનખરમાં ય અમે ખર્યા નથી !

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શું હોય આપણી હસ્તી ,

જો ન હોય તમારા જેવાંની દોસ્તી .

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